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“खिलाड़ियों को मैदान वापस करो, व्यावसायीकरण बंद करो” के नारे के साथ खिलाड़ियों ने राजधानी में किया विरोध प्रदर्शन,

रायपुर- राजधानी रायपुर के आकाशवाणी चौक स्थित ग्रास मेमोरियल ग्राउंड के व्यावसायीक उपयोग के खिलाफ आज स्थानीय खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने विरोध प्रदर्शन किया. शहर में घनी बसाहट के बीच स्थित इस मैदान पर समय-समय पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों और मेलों का आयोजन किया जाता है. जिससे यहां सुबह शाम प्रैक्टिस करने वाले विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाड़ीयों, खेल प्रेमियों के साथ-साथ रोजाना वॉक पर आने वाले आमजनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रास मेमोरियल ग्राउंड में मेलों के आयोजन से आक्रोशित खिलाड़ियों ने आज मैदान में “खिलाड़ियों को मैदान वापस करो , व्यावसायीकरण बंद करो” के नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया साथ ही आगामी मेले के लिए चल रही व्यवस्था को भी रोकने का प्रयास किया. इसके साथ ही ये मांग रखी कि खेल मैदानों को व्यवसायिकरण से दूर रखा जाए जिससे खिलाड़ियों के खेलने के लिए मैदान की समस्या न हो. मौजूदा खिलाड़ियों का कहना था कि खेल मैदानों की कमी हो चुकी है. आज के युवाओं का ज्यादा वक्त मोबाइल में बीतता है, लेकिन कुछ युवक ऐसे है जो मैदान में खेलने की चाहत अब भी रखते है. उनके लिए मैदान जरूरी है.

विरोध कर रहे खिलाड़ियों ने बताया कि पिछली सरकार में इस संबंध में प्रशासन को पहले भी आवेदन दिए जा चुके है जिसके बाद 6 महीनों तक ऐसी गतिविधियों पर रोक लगी थी लेकिन सरकार बदलने के बाद स्थिति पहले जैसी ही हो गई. आश्वासन दिया जाता है मगर करवाई नहीं होती. खिलाड़ियों ने कहा आज रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा यदि उचित सुनवाई नहीं होती तो खेल मंत्री के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि राजधानी में खिलाड़ियों के लिए मैदान की कमी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने डेढ़ साल पहले गॉस मेमोरियल ग्राउंड में मेले समेत किसी भी आयोजन पर बैन लगाया था, जिसे अब हटा लिया गया है. हाल में प्रशासन ने इस मैदान पर एक मेले की अनुमति दे दी है, जो एक महीने तक चलेगा. मेला लगाने की तैयारी भी शुरू हो गई, इसका मतलब अब एक महिने तक यहां खिलाड़ियों खेल से जुड़ी गतीविधियां नहीं कर पाएंगे. यही नहीं, बैन हटने के साथ यहां लगातार कार्यक्रमों का रास्ता भी साफ हो गया.

राजधानी में मैदानों की कमी से जुझ रहे रायपुरियंस

गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में फिलहाल बीटीआई शंकरनगर और गाॅस मेमोरियल ग्राउंड ही दो ऐसे बड़े ग्राउंड है जिनमें खेल हो सकते हैं. कुछ साल पहले खिलाड़ियों की मांग की वजह से गाॅस मेमोरियल में आयोजनों पर बैन लगाया गया था. इस बैन की वजह से खिलाड़ियों को काफी राहत मिली थी, लेकिन फिर दोबारा आयोजनों को अनुमति मिलने लगी. शहर के बीचो-बीच होने की वजह से इस मैदान की सामाजिक-राजनीतिक संगठनों में भी काफी मांग है, इसलिए माना जा रहा है कि यहां अब आयोजन ही होंगे और खेल से जुड़ी गतिविधियां लगभग खत्म हो जाएगी. इस मैदान के अलावा बीटीआई ग्राउंड शंकरनगर को भी खेलों के लिए आरक्षित रखा गया था, लेकिन यहां भी सभी तरह के कार्यक्रमों की अनुमति दी जा रही है. खेल के अलावा यहां सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक कार्यक्रम हो रहे हैं.

इन स्टेडियमों के अलावा आस-पास सुभाष स्टेडियम और सप्रे स्कूल का मैदान है लेकिन वहां भी प्रैक्टिस करने वाले इतने खिलाड़ी रहते हैं कि बाकी के लिए जगह नहीं बचती. सप्रे स्कूल मैदान का आकार कई तरह के निर्माण की वजह से घटकर आधा रह गया है. आस-पास कोई मैदान नहीं है, इसलिए इस मैदान पर दर्जनों बच्चों की भीड़ रहती है. इनके अलावा गवर्नमेंट स्कूल समेत कुछ और स्कूली मैदान जहां बच्चे खेलते थे, स्कूल भवन निर्माण से लेकर सड़क के लिए जमीन देने तक की वजह से मैदान छोटे हो गए हैं.

छत्तीसगढ़ी भाषा को सम्मान देने आप भी लें इस प्रतियोगिता में भाग, विजेताओं को मिलेगा नगद पुरस्कार

रायपुर-    छत्तीसगढ़ कविता, छत्तीसगढ़ लघु कथा एवं छत्तीसगढ़ के दर्शनीय स्थलों पर आधारित पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में स्थापित आचार्य नरेंद्र देव वर्मा शोध पीठ के तत्वावधान में किया जा रहा है. इसमें भारत का 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी नागरिक, कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्कूल का प्रतिभागी भाग ले सकता है. इसमें उम्र की भी कोई सीमा नहीं है.

विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव और डीसीडीसी डॉ. प्रीता लाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को सम्मान देने और उसे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित की जा रही है.

विजेताओं को 15 पुरस्कार दिए जाएंगे

छत्तीसगढ़ी कविता, छत्तीसगढ़ी कहानी एवं पेंटिंग प्रतियोगिता में तीनों वर्गों में 5-5 नकद पुरस्कार दिए जाएंगे.  विजेताओं को 15 पुरस्कार दिए जाएंगे.  तीनों ही प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभागियों को मौलिक स्वरचित रचना, पेंटिंग ही विश्वविद्यालय के 10 जून तक कंप्यूटर पर टाइप कराकर भेजनी होगी. पेंटिंग की हार्ड एवं सॉफ्ट दोनों कॉपी विश्वविद्यालय में कक्ष क्रमांक 5 में 10 जून तक जमा करना अनिवार्य होगा.

इन नियमों का रखना होगा ख्याल

प्रतियोगिता के नियमानुसार छत्तीसगढ़ी कविता एवं कहानी में किसी भी व्यक्ति विशेष, राजनीतिक दल, सम्प्रदाय, धर्म, संस्थान पर कोई भी टिप्पणी का समावेश नहीं होना चाहिए. पूर्ण रूप से स्वस्थ, सामाजिक समरसता, सौहाद्र्र स्थापित कराने और छत्तीसगढ़ी भाषा को आगे बढ़ाना इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य है. प्रतिभागी अपना सम्पूर्ण विवरण जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, कार्यरत संस्था का नाम आदि की जानकारी प्रविष्टि में उल्लेख करना अनिवार्य है. जानकारी अप्राप्त होने की स्थिति में प्रविष्टि अस्वीकार कर दी जाएगी. प्रतियोगिता का निर्णय कुलपति द्वारा गठित उच्च स्तरीय निर्णायक समिति द्वारा किया जाएगा. कुलपति का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा.

सभी प्रतिभागियों को अपनी प्रविष्टि की मौलिकता एवं स्वनिर्मित होने का प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य होगा.  हस्तलिखित प्रविष्टियां स्वीकार नहीं की जाएंगी. छत्तीसगढ़ी कहानी एवं कविता कम्प्यूटर पर टाइप की हुई कृतिदेव फांट साइज 16 में जमा करना होगा. छत्तीसगढ़ी मौलिक कविता न्यूनतम 4 और अधिकतम 6 छंद होना चाहिए.  इससे भिन्न होने पर प्रविष्टि निरस्त कर दी जाएगी. छत्तीसगढ़ी स्वरचित कहानी प्रतियोगिता में प्रतिभागी अधिकतम एक हजार शब्द या चार ए-4 साइज पेज की चार पृष्ठ में रचना भेज सकता है. इससे अधिक होने पर प्रविष्टि अस्वीकार कर दी जाएगी.  पेंटिंग बनाने के लिए किसी भी माध्यम का उपयोग किया जा सकता है.

कांग्रेस हमेशा सेना का मनोबल कमजोर करती है : भाजपा

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के पाकिस्तान-प्रेम से पगे उस बयान की तीव्र भर्त्सना की है, जिसमें अय्यर ने कहा है कि ‘पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और उनके पास परमाणु बम भी है, इसलिए हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए।’ देव ने कहा कि कांग्रेस का पाकिस्तान और भारत के दुश्मनों से प्रेम अब कोई छिपी बात नहीं रह गई है, लेकिन अय्यर यह याद रखें कि जिन नरेंद्र मोदी को उन्होंने (अय्यर ने) चाय वाला और नीच कहकर विषवमन किया था, उन्हीं मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में परमाणु बम रखकर भी पुलवामा एयर स्ट्राइक के बाद भारत के कड़े रुख से थर्राकर पाकिस्तान 24 घंटे के भीतर हमारे जाँबाज सैनिक अभिनंदन को सकुशल भारत की सीमा तक छोड़ने के लिए मिमियाते हुए आया था।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि विश्व शक्तियों की परवाह किए बगैर भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय स्व. अटलजी के प्रधानमंत्रित्व काल में एक नहीं, पूरे पाँच परमाणु परीक्षण करके भारत के शक्ति-सम्पन्न होने का जो उद्घोष किया था, मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी उस उद्घोष की गगनभेदी गर्जना कर रहे हैं। उरी सर्जिकल और पुलवामा एयर स्ट्राइक के बाद से अय्यर का वह तथाकथित परमाणु बम धारी पाकिस्तान दुम दबाए बैठा है और विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ गया है। देव ने कहा कि अय्यर अपना पाकिस्तान-प्रेम अपने पास सहेजकर रखें, भारतीयों को इन फिजूल की बातों से डराने का हास्यास्पद उपक्रम न करें। यह नया भारत है, जो मोदी के नेतृत्व में अपनी शक्ति की गर्जना कर रहा है। अपने देश की सीमाओं पर अपने सैनिकों की शहादत के प्रतिकार करने या प्रतिशोध लेने के बजाय संयुक्त राष्ट्र में मिमियाने वाला वह भारत अब घर में घुसकर मारना सीख चुका है, इसलिए अय्यर अपनी फिजूल की नसीहतें देना बंद करें।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि अय्यर का यह पाकिस्तान-प्रेम कोई पहली बार जगजाहिर नहीं हुआ है। इससे पहले सन 2018 में अय्यर ने अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें कश्मीर पर पाकिस्तान की नीति पर फख्र है। अय्यर को जरा आज के पाकिस्तान की दयनीय दशा पर नजर डाल लेना चाहिए, जो कश्मीर में धारा 370 के खात्मे के बाद चूँ तक नहीं कर पाया और कश्मीर मांगते-मांगते अब आटे की भीख मांगने के लिए मजबूर हो चला है। देव ने सवाल किया कि आखिर कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान से और पाकिस्तान को कांग्रेस से इतना प्रेम क्यों है? आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है? भारत में अय्यर जैसे कांग्रेसी नेता पाकिस्तान से सम्मान से पेश आने की बातें कर रहे हैं और उधर पाकिस्तान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पक्ष में कसीदे पढ़े जा रहे हैं। पाकिस्तान चाह रहा है कि किसी तरह कांग्रेस-इंडी गठबंधन की कमजोर सरकार भारत में बने, ताकि पाकिस्तान अपनी ठप पड़ चुकी आतंकवाद की फैक्ट्री फिर से चला सके। देव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो सशक्त भारत विश्व मंच पर अपनी धाक जमा रहा है, उसकी कुंठा अय्यर और पित्रोदा जैसे नेताओं के बयान में रह-रहकर व्यक्त हो रही है।

बिरहोर के भाई’ जागेश्वर यादव को मिला पद्मश्री, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया गौरव का क्षण

रायपुर- छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए काम करने वाले जागेश्वर यादव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अपने पोस्ट में ‘बिरहोर के भाई’ जागेश्वर यादव को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए आदिवासी उत्थान के लिए उनकी प्रतिबद्ध को प्रेरणादायक और अनुकरणीय बताया है.

स्वामी आत्मानंद स्कूल को ‘पीएमश्री’ में तब्दील करने से नहीं होगा छात्रों को नुकसान, सरकार ने गिनाए फायदे

रायपुर- स्वामी आत्मानंद स्कूल को पीएमश्री (Pradhan Mantri Schools for Rising India) में तब्दील करने की सरकार की योजना को लेकर कांग्रेस और पालक संघ की ओर से आपत्तियां आ रही है. इस पर सरकार ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए पीएमश्री योजना में शामिल किए जाने से स्कूलों को होने वाले फायदे बताए हैं.

पीएमश्री भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड में एक एलीमेंन्ट्री स्तर तथा एक सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी स्तर की शाला का चयन किए जाने का प्रावधान है. चयनित शाला में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रावधानित विभिन्न घटकों जैसे-भौतिक, अकादमिक, तकनीकी, अधोसंरचना के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु विभिन्न संसाधन भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे.

प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में पीएमश्री योजना अंतर्गत चयनित 211 शालाओं में 193 एलीमेन्ट्री स्तर की तथा 18 सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी स्तर की शाला शामिल हो सकी. स्वामी आत्मानंद विद्यालयों को इस योजना से पृथक कर दिए जाने से सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी स्तर की शालाएं इस योजना के लाभ से वंचित रही. पीएमश्री योजना के तहत चयनित किसी भी शाला का नाम परिवर्तित नहीं होगा, अपितु शाला के नाम के पूर्व में पीएमश्री जोड़ा जाएगा तथा शाला में पीएमश्री का लोगो लगाया जाएगा.

बताया गया कि चयनित शालाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी पूर्ववत ही रहेंगे, विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया यथावत रहेगी. पढ़ाई का माध्यम एवं पाठ्यक्रम भी पूर्ववत ही रहेगा. सेजस विद्यालयों को इस योजना में शामिल हो जाने से केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक एवं भौतिक सुविधाएं प्राप्त होगी. इस योजना का लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुरूप संचालित सभी शासकीय शालाएं जैसे-एकलव्य विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कस्तुरबा विद्यालय, पोर्टाकेबिन विद्यालय प्राप्त कर सकती हैं.

10वीं-12वीं के टॉपर्स से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की वीडियो काल पर बात, दी बधाई एवं शुभकामनाएं

रायपुर- छत्तीसगढ़ में दसवीं-बारहवीं के नतीजे घोषित होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दोनों कक्षाओं के टॉपर विद्यार्थियों से सीधे वीडियो काल पर बात कर बधाई दी. बच्चों के लिए अपने मुख्यमंत्री से इस तरह अचानक रुबरू होना बेहद आनंद दायक अनुभव रहा.

सीएम साय ने बच्चों से उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में भी पूछा. अपने मुख्यमंत्री से सीधे वीडियो काल पर जुड़े भावविभोर बच्चों में से किसी ने आईएएस बनने, तो किसी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट, तो किसी ने बैंकिंग सेक्टर में जाने की योजनाएं बताई. सीएम साय ने उनकी हर मनोकामना पूरी होने की कामना की और उन्हें लगातार परिश्रम करते रहने को कहा. बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों सहित उनके अभिभावकों और गुरुजनों को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

गौरतलब है कि कल छत्तीसगढ़ में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं और बारहवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम घोषित किये. जिसमें दसवीं में क्रमशः जशपुर की सिमरन शब्बा, गरियाबंद की होनिशा और जशपुर के ही श्रेयांश यादव टॉप थ्री में रहे. वहीं बारहवीं में क्रमशः महासमुंद की महक अग्रवाल, बलौदाबाजार की कोपल अम्बष्ठ और जशपुर की आयुषी गुप्ता और बलौदाबाजार की प्रीति टॉप थ्री में रहीं. दसवीं का परीक्षा परिणाम 75.61 प्रतिशत और बारहवीं का परीक्षा परिणाम 80.74 प्रतिशत रहा.

सराहनीय पहल…, थाने में जाए बिना मकान मालिक दे पाएंगे किराएदारों की जानकारी, एप की पायलट टेस्टिंग में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने परखी उपयोगिता

रायपुर- मकान मालिकों को अपने किराएदारों की जानकारी साझा करने के लिए थाने में जाकर कागजी कार्रवाई की दिक्कत से निजात दिलाने छत्तीसगढ़ सरकार एप विकसित कर रही है. इस एप के पायलट टेस्टिंग के दौरान स्वयं उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने उपयोगिता परखी. 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विकसित किए जा रहे इस एप की उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा उपयोगिता परखे जाने का वीडियो सोशल मीडिया साइट X पर उज्जवल दीपक नामक यूजर ने शेयर किया है. उन्होंने बताया कि इस एप में केवल एक सुविधा नहीं बल्कि अनेकों सुविधाएं होंगी.

जन सामान्य के लिए समर्पित इस ऐप की पायलट टेस्टिंग के लिए एक जिले में ट्रायल किया गया है. इसके प्रस्तुतिकरण के दौरान मौजूद उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने सॉफ्टवेयर में उपलब्ध डाटा में से एक मोबाइल नंबर डायल कर सत्यापन कर संतुष्टि जताई.

लोकसभा चुनाव ड्यूटी के दौरान अजय वर्मा का निधन, निगम आयुक्त ने परिजन को सौंपा 15 लाख का चेक

रायपुर-  लोकसभा निर्वाचन 2024 की ड्यूटी में लगे अजय वर्मा का 06 मई को निधन होने के तुरंत बाद ही चुनाव के 48 घंटे के भीतर उनके परिजन को 15 लाख रुपए का अनुग्रह प्रतिकर राशि जारी किया गया.

आज कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा और उप जिला निर्वाचन अधिकारी उमाशंकर बंदे स्वर्गीय अजय वर्मा के डंगनिया स्थित निवास पहुंचे और उनकी पत्नी नीलू वर्मा को 15 लाख रुपए का चेक सौंपा. स्वर्गीय अजय वर्मा नगर निगम के जनसंपर्क शाखा में कार्यरत थे.

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने माना गंभीर, शासन की रिपोर्ट का परीक्षण करने दिया आदेश

बिलासपुर- प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के चलते बीते पांच साल में 40 हजार बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने गंभीर माना है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि शासन की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकारी अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी चिंताजनक हैं.

दरअसल, सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था और सुविधाओं की कमी को लेकर खबर आई थी, जिसके मुताबिक पिछले पांच साल में शून्य से लेकर पांच साल की उम्र के 40 हजार बच्चों की मौत हुई है. इनमें 25 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत तो जन्म के महज एक माह के भीतर हो गई. इसी तरह मृत जन्म यानी स्टिल बर्थ की संख्या भी 24 हजार से ज्यादा है. ऐसे में प्रदेश में औसतन हर साल 8 हजार से ज्यादा शिशुओं की मौत हो रही है.

खबर को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, और मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई चल रही है. इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई, कोर्ट ने कहा, इस रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी है जो जरूरत से आधी है. कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट का न्यायिक अधिकारी से परीक्षण कराने के बाद पेश करने के लिए कहा है.

कमिश्नर ने किया नये बन रहे संभागायुक्त कार्यालय का निरीक्षण

बिलासपुर-  कमिश्नर डॉ.संजय अलग ने आज कोनी में बन रहे नये संभागायुक्त कार्यालय भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य में तेजी लाकर इस साल के अंत तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। धीमी निर्माण प्रगति पर नाराजगी भी जाहिर की।

लगभग सवा दो एकड़ भूमि कार्यालय भवन के लिए आवंटित किया गया है। बेसमेन्ट सहित दो मंजिला भवन पीडब्ल्यू डी विभाग द्वारा बनाया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा इसके लिए लगभग 12 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। अब तक बेसमेन्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रथम मंजिल का निर्माण कार्य जारी है।

डॉ. अलंग ने सूक्ष्मता से भवन के विभिन्न हिस्सों का अवलोकन किया और कुछ सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने ठेकेदार एवं अधिकारियों को गुणवत्ता एवं समय-सीमा का ध्यान रखने की हिदायत दी। उन्होंने भवन के सामने सुन्दर गार्डन निर्माण के प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश उद्यान विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने काम कर रहे मजदूरों से भी चर्चा कर उनका हालचाल जाना।

इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता वाईएस गोपाल, ईई सीके पाण्डेय, डिप्टी कमिश्नर अर्चना मिश्रा सहित पीडब्ल्यू विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।