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लोकसभा चुनाव 2024: उपेंद्र कुशवाहा को कितनी चुनौती दे पाएँगे भोजपुरी स्टार पवन सिंह?

बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी उम्मीदवारी से इस सीट पर मुक़ाबला काफ़ी रोचक हो गया है.पहले बीजेपी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन इस पर विवाद हुआ और फिर पवन सिंह ने ख़ुद यहाँ से उम्मीदवारी छोड़ने का फ़ैसला किया.

अब काराकाट के चुनावी मैदान में पवन सिंह के सामने एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा हैं. माना जा रहा है कि इन दोनों के बीच वोटों का बँटवारा होने से यहाँ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार राजा राम सिंह को फ़ायदा हो सकता है.

इस सीट के चुनावी समीकरणों को समझने के लिए औरंगाबाद स्ट्रीट बज्ज की टीम काराकाट पहुँची

जब हम काराकाट लोकसभा इलाक़े में पहुँचे, तो पवन सिंह के पीछे बड़ी संख्या में युवा समर्थक और चाहने वाले नज़र आए. उपेंद्र कुशवाहा इलाक़े के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तैयार करते दिखे, तो सीपीआई (एमएल) के राजा राम सिंह ग्रामीण इलाक़ों में जनसंपर्क करते दिखे.बिहार में एनडीए के दलों के बीच सीटों की साझेदारी में काराकाट लोकसभा सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा के हिस्से में आई है.उपेंद्र कुशवाहा साल 2014 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. हालाँकि साल 2019 में महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर काराकाट सीट से वे हार गए थे.बिहार में विपक्षी दलों में काराकाट सीट सीपीआई (एमएल) के हिस्से में आई है. सीपीआई (एमएल) ने फिर राजा राम सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.वो पिछले तीन चुनावों से लगातार इस सीट पर हार का सामना कर रहे हैं. हालाँकि इस बार उनकी दावेदारी मज़बूत मानी जा रही है.काराकाट लोकसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद बनी है. इस सीट में बिहार के औरंगाबाद और रोहतास ज़िले के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

पवन सिंह की दावेदारी कितनी बड़ी है

भोजपुरी फ़िल्म स्टार पवन सिंह इस इलाक़े के स्थानीय उम्मीदवार माने जाते हैं. उनके साथ न केवल अगड़ी जाति के समर्थक बड़ी संख्या में नज़र आते हैं बल्कि युवाओं के बीच भी इलाक़े में उनकी लोकप्रियता दिखती है.

पवन सिंह दावा करते हैं कि उन्होंने 12-14 साल से बीजेपी की सेवा की है और साल 2019 के चुनाव में भी उन्हें बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन बाद में टिकट नहीं दिया गया.इस बार समर्थकों के कहने पर वो काराकाट से चुनाव लड़ रहे हैं.पवन सिंह कहते हैं, "जिससे भी मेरी बात हो रही है सब कहते हैं कि समय आने पर लोग यहाँ आते हैं और फिर दिखते नहीं हैं. काराकाट में कोई विकास ही नहीं हुआ है. मैं राजनीति का नया खिलाड़ी हूँ, मुझे मौक़ा मिला और कुछ नहीं किया तो लोग शिकायत कर सकते हैं."

पवन सिंह विकास को लेकर शिकायत तब कर रहे हैं, जबकि पिछले 15 साल से इस सीट पर एनडीए के सांसद रहे हैं, पिछले 10 साल से केंद्र में मोदी की सरकार है और पिछले दो दशक में बिहार में ज़्यादातर समय के लिए एनडीए की सरकार रही है.

काराकाट लोकसभा सीट पर यादव वोटरों का बड़ा असर माना जाता है. इसके अलावा इस सीट पर कुशवाहा, कुर्मी, राजपूत और वैश्य वोटरों की तादाद भी काफ़ी है.स्थानीय युवा वोटर गौतम कुमार कहते हैं, "काराकाट में केवल विकास का मुद्दा है. पवन सिंह निर्दलीय लड़ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा सांसद बनकर दिल्ली चले जाते हैं. पवन सिंह स्थानीय हैं, जब भी हम उन्हें बुलाते हैं वो आ जाते हैं."

क्या उपेंद्र कुशवाहा के लिए हो सकती है मुश्किल

काराकाट सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की सबसे बड़ी ताक़त उनका एनडीए का उम्मीदवार होना दिखता है. लेकिन यहाँ एनडीए के दलों और उनके कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति भी रही है.

बीजेपी के स्थानीय नेता बिकू त्रिपाठी कहते हैं, "शुरुआत में यहाँ माहौल थोड़ा बिखरा हुआ था. यह सीट उपेंद्र कुशवाहा जी को दी गई है, जो सनातन के साथ हैं. पवन सिंह का ग्राफ़ भले ही बढ़ा हुआ दिखता है, लेकिन दर्शक और समर्थक में अंतर होता है. कोई भी स्टार बिना किसी पार्टी के नहीं जीत पाता है, यह भी समझना ज़रूरी है."

स्थानीय लोगों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा भी बार-बार अपना पाला बदलते हैं और वो पहले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी काफ़ी हमलावर रहे हैं.इस वजह से भी उन्हें इस सीट पर सामंजस्य बैठाने में मुश्किल आ सकती है.

गोह इलाक़े के मुन्ना कुमार राय के मुताबिक़ उन्हें माहौल बीजेपी का दिखता है, लेकिन लोगों के मन में विकास को लेकर बहुत किंतु और परंतु भी है. इसलिए फ़िलहाल चुनावी लिहाज से कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है.

हालाँकि उपेंद्र कुशवाहा दावा करते हैं, "मुझे इस बार मुक़ाबला ज़्यादा आसान दिख रहा है क्योंकि मोदी जी ने 10 साल में सबके लिए काम किया है. राज्य सरकार का भी काम है. लोग चाहते हैं कि मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनें."

बिहार में विपक्ष के महंगाई और रोज़गार के मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा दावा करते हैं कि मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश की है और रोज़गार की ज़रूरत केवल नौकरी से पूरी नहीं की जा सकती, इसलिए केंद्र सरकार रोज़गार के मौक़े तैयार करने में भी लगी हुई है.

पवन सिंह की उम्मीदवारी पर उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं, "जिनकी इच्छा है, वो चुनाव लड़ सकते हैं. संविधान सबको मौक़ा देता है लेकिन अभी इंतज़ार कीजिए. नामांकन पत्रों की जाँच और नाम वापसी तक कितने लोग उम्मीदवार रह जाएँगे, अभी यह तय नहीं है."

काराकाट लोकसभा सीट को लेकर एक बात यह भी मानी जाता है कि अगड़ी जाति और एनडीए के वोटों का बँटवारा पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच होने से इसका सीधा लाभ महागठबंधन को हो सकता है.

सीपीआई (एमएल) की उम्मीद

काराकाट सीट का इतिहास एनडीए के पक्ष में दिखता है, तो साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम यहाँ पूरी तरह विपक्ष को समर्थन करता दिखता है.

काराकाट सीट से साल 2009 में जनता दल यूनाइटेड के महाबली सिंह चुनाव जीते थे. साल 2019 में भी इस सीट से महाबली सिंह की जीत हुई थी. लेकिन इस बार जेडीयू को एनडीए के दलों के बीच साझेदारी में अपनी यह सीट छोड़नी पड़ी है.

साल 2020 के विधानसभा चुनावों में काराकाट लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी छह विधानसभा सीटों पर विपक्षी दलों ने जीत दर्ज की थी. इनमें रोहतास ज़िले की काराकाट सीट पर सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह की जीत हुई थी.

जबकि अन्य सभी पाँच सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल ने जीत दर्ज की थी. जिसमें रोहतास की नोखा और डेहरी विधानसभा सीट, जबकि औरंगाबाद ज़िले की गोह, ओबरा और नबीनगर विधानसभा सीट शामिल हैं.

सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार राजा राम सिंह दावा करते हैं, "इस बार मैं महागठबंधन का उम्मीदवार हूँ. कोई इस मौक़े को गँवाना नहीं चाहता. मौजूदा हालात में गाँव की जनता मान रही है कि मोदी जी अगर रहें, तो लोकतंत्र नहीं बचेगा, संविधान नहीं बचेगा. गाँव के लोगों को लगता है सीपीआई (एमएल) लगातार ग़रीबों के साथ है."

राजा राम सिंह मानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह के बीच वोटों का बँटवारा होगा, इसके अलावा एनडीए के कई समर्थक खेती, किसानी और रोज़गार के मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़े हैं. लोगों ने आंबेडकर के संविधान को पढ़ लिया है और इसे बचाना है.

स्थानीय बुज़ुर्ग मुंशी प्रसाद कहते हैं, "माहौल अमीरी और ग़रीबी पर चलता है. इस साल वोटर का कुछ पता नहीं लग रहा है. माहौल के बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा है. कुछ महंगाई पर बोलते हैं, कुछ अन्य मुद्दे बताते हैं."

क्या कहते हैं लोग

काराकाट सीट के अलग-अलग इलाक़ों में लोगों से बात करने पर यहाँ त्रिकोणीय मुक़ाबले की पूरी संभावना दिखती है.

स्थानीय युवक राजू कुमार दावा करते हैं कि काराकाट सीट पर राजा राम सिंह, पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा.

राजू के मुताबिक़ इलाक़े में रोज़गार, महंगाई और विकास बड़े मुद्दे हैं.

यहाँ के लोग काराकाट लोकसभा की अर्थव्यवस्था में सोन नदी के बालू का बड़ा योगदान बताते हैं. यह धान की फ़सल का भी मशहूर इलाक़ा है.

डेहरी के लोगों की शिकायत है कि इलाक़े में रोज़गार के साधन और विकास की बड़ी ज़रूरत है.

स्थानीय युवा जावेद अख़्तर कहते हैं, "यहाँ चुनाव में शिक्षा, रोज़गार, विकास यही सब मुद्दे हैं. सामने आप टूटे हुए पुल को देख रहे हैं, एक साल से बंद है. इसमें बीच में दरार आ गई है. यह पटना, आरा, विक्रमगंज जाने का मुख्य मार्ग है."

डेहरी इलाक़े में सोन नदी के पास बना यह रेलवे का एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) है, जो फ़िलहाल इस्तेमाल में नहीं है.

लोगों का आरोप है कि एक साल से इसे ठीक नहीं किया गया है, जिसकी वजह से रेलवे लाइन पार करने के लिए वाहनों को क़रीब छह किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.

इसी इलाक़े के शेषनाथ यादव ख़ुद ऑटो रिक्शा चलाते हैं. उनके गले पर आरजेडी का अंगोछा बताता है कि वो आरजेडी के समर्थक हैं और वो भी रेलवे लाइन के ऊपर बने आरओबी के बंद होने से नाराज़ हैं.

शेषनाथ दावा करते हैं कि काराकाट सीट पर मुक़ाबला राजा राम सिंह और पवन सिंह के बीच है और यहाँ से इस बार राजा राम सिंह के जीतने की संभावना ज़्यादा है, क्योंकि वो महागठबंधन के उम्मीदवार हैं.

काराकाट सीट पर क़रीब 19 लाख़ वोटर हैं. पिछले लोकसभा चुनावों में यहाँ 50 फ़ीसदी से भी कम वोटिंग हुई थी. यहाँ लोकसभा चुनावों के सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को वोट डाले जाएँगे.

ज़ाहिर है इस सीट पर चुनाव प्रचार और ज़्यादा से ज़्यादा वोटरों को अपनी तरफ़ खींचने के लिए हर उम्मीदवार के पास काफ़ी वक़्त है, जो तय करेगा कि यह सीट किसके हिस्से में आ सकती है.

औरंगाबाद से स्ट्रीट बज्ज के लिए धीरेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

पीएम मोदी के पटना आगमन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम : रोड शो वाले मार्ग में भवनों का सत्यापन शुरू, पटना के होटलों की ली जा रही तलाशी

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार जोरो पर है। पीएम मोदी भी एनडीए की प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ताबड़-तोड़ जनसभा और रोड शो कर रहे है। इसी कड़ी प्रधानमंत्री का एकबार फिर बिहार का दौड़ा होने जा रहा है। पीएम मोदी 12 मई को राजधानी पटना आएंगे। वे दिन पटना में रहेंगे। इस दौरानवे पटना में रोड शो भी करेंगे। 

पहली बार पीएम का पटना में रोड शो, मार्ग के भवनों का किया जा रहा सत्यापन

पहली बार पटना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रोड शो होनेवाला है। पीएम मोदी के रोड शो के दौरान सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की ओर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये जा रहे हैं। रोड शो के दौरान सुरक्षा इंतजामों में किसी तरह की कोई कमी न रहे इसके लिए पिछले दो दिनों से पटना पुलिस मुस्तैद है। जिन रास्तों से रोड शो गुजरेगा वहां स्थित भवनों के मालिकों का पुलिस सत्यापन कर रही है। अगर भवन में कोई किरायेदार रहता है तो उनकी कुंडली भी खंगाली जा रही है। सभी का आधार कार्ड जमा करवाया जा रहा है। हरेक दिन सभी रास्तों की जांच की जा रही है।

नेहरू पथ के अलावा इससे सटे अन्य इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। रोड शो वाले इलाके की रूट मैपिंग भी की गई है। कहां और किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था होगी इसका आकलन कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक एसपीजी के अधिकारी बिहार और पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।

भवनों पर तैनात रहेंगे सुरक्षा कर्मी 

रोड शो के रास्ते में आने वाले सभी ऊंचे भवनों पर सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया जाएगा। इसके अलावा पटना पुलिस राजधानी व उसके आसपास के सभी होटलों, लॉज व अन्य जगहों की तलाशी ली जा रही है। होटलों के रजिस्टर खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कौन लोग वहां ठहरे हैं। देर रात तक इन सभी इलाकों की निगरानी की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों से भी शहर की निगेहबानी की जा रही है।

पाटलिपुत्र सीट से लगातार तीसरी बार बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने किया नामांकन, उनके आशीर्वाद सभा में एनडीए के दिग्गज नेताओं का हुआ जुटान

डेस्क : पटना के दोनो लोकसभा क्षेत्र पाटलिपुत्र और पटना साहिब में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है। जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। इसी कड़ी में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर प्रत्याशी बनाए गए रामकृपाल यादव ने आज अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया। 

वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद रामकृपाल यादव ने आशीर्वाद सभा बुलाई। जिसमें एनडीए के कई दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ। इस आशीर्वाद सभा में हम सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, भाजपा की तरफ से सम्राट चौधरी, जदयू के ओर मंत्री अशोक चौधरी सहित कई बड़े नेता भी मंच पर मौजूद थे। 

इससे पहले आज नामांकन के दौरान हजारों की संख्या में राम कृपाल यादव के समर्थक व एनडीए कार्यकर्ता पहुंचे थे। सभी ने लगातार तीसरी बार पाटलिपुत्र सीट से उनकी जीत होने की बात कही और नारे लगाए।

पाटलीपुत्र से लालू प्रसाद को शिकस्त देने वाले रंजन यादव फिर राजद में हुए शामिल, पार्टी में शामिल होते ही किया यह बड़ा दावा

डेस्क : लोकसभा चुनाव के बीच बिहार की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आई है। राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के पुराने सहयोगी रहे पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव राजद में शामिल हो गए। पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने उनको राजद की सदस्यता दिलवाई।

बता दें रंजन यादव राजद के संस्थापक सदस्यों में थे। बाद में वह राजद छोड़कर जदयू के साथ हो चल गए थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लालू प्रसाद को पाटलिपुत्र सीट से जदयू की टिकट पर शिकस्त दी थी। रंजन यादव ने फिर से राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

वहीं पार्टी में शामिल होने के बाद रंजन यादव ने कहा कि उनके और लालू यादव के बीच में शुरू से ही मधुर संबंध रहा है। रंजन यादव ने कहा कि 'लालू प्रसाद चार प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुके हैं। 2024 के चुनाव में बिहार में राजद की जीत होगी। राजद सुप्रीमो लालू यादव बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से जीत दिलाने के लिए लगातार दांव-पेंच चल रहे हैं। इसी बीच पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राजद में शामिल हो गए।

इस मौके पर राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी ने 2024 चुनाव में सत्ता पक्ष को मुद्दों पर बात करने को कहा है, लेकिन वेलोग उल जुलूल बात कर रहे हैं। भाजपा के सत्ता में आने के लिए वैसे मुद्दों को उठा रही है, जिसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है। 

2009 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्रा सीट पर लालू यादव को शिकस्त देने वाले डॉ। रंजन प्रसाद यादव ने आज राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ग्रहण कर ली है। पाटलिपुत्रा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लालू प्रसाद की बड़ी पुत्री मीसा भारती को हैट्रिक हार को बचाने के लिए उनके पुराने साथी फिर से साथ आ रहे हैं।

बिहार मे आकाशीय बिजली से 5 की मौत, 7 गंभीर रुप से घायल

डेस्क : पिछले एक महीने से बिहार में पड़ रही प्रचंड गरमी के बाद अचानक मंगलवार से मौसम का मिजाज बदल गया। प्रदेश के कई जिलों में दो दिनों से आंधी-पानी से तापमान में काफी गिरावट आई है। वहीं इसी बीच ठनका गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं 7 गंभीर रुप से घायल है। 

बीते बुधवार को प्रदेश के पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर, नवादा व वैशाली में ठनका गिरने से दो किशोरी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। हादसों में सात लोगों के घायल होने की सूचना है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

पूर्वी चंपारण के लखौरा थाना क्षेत्र के बहुअरी गांव के सरेह में बुधवार को ठनका गिरने से किशोरी की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गये। मृतका की पहचान गांव के किशोरी सहनी की पुत्री रिंकू कुमारी (18) के रूप में हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि ठनका की चपेट में आने के बाद रिंकू कुमारी, मंटू कुमार व अनिता कुमारी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां रिंकू की मौत हो गई।

वहीं, सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड के महिन्दवारा थाना क्षेत्र के गिद्धाफुलवरिया में बुधवार को वज्रपात की चपेट में आने से एक किशोरी की मौत हो गयी। हादसे में चार अन्य लड़कियां जख्मी हो गयीं। मृतका की पहचान गिद्धाफुलवरिया निवासी जयलाल महतो की पुत्री दौलत कुमारी (12) के रूप में की गयी है। 

शिवहर के नगर थाना क्षेत्र के उकनी गांव में भी बुधवार को वज्रपात से एक युवक की मौत हो गई। लोगों ने बताया कि शिवहर में तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हो रही थी। युवक खेत में शौच करने गया था। इसी दौरान वज्रपात होने से युवक की मौत हो गई। उसकी पहचान उकनी गांव के विश्वनाथ साह के बेटे सुरेंद्र साह (25) के रूप में हुई है।

नवादा के गोविन्दपुर प्रखंड की थाली थाना क्षेत्र के एकतारा गांव में बीस वर्षीय युवक की वज्रपात से मौत हो गयी। मृतक मुकेश कुमार एकतारा गांव के बालेश्वर राम का छोटा बेटा था। वह मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरन-पोषण करता था। घटना की रात वह शौच के लिए घर से बाहर बधार की तरफ निकला था।

वहीं वैशाली के राघोपुर के जुड़ावनपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड नंबर एक में आकाशीय बिजली गिरने से एक पशुपालक और उसकी भैंस की मौके पर ही मौत हो गई। घर में सो रहे अकलू जब बारिश होने लगी तो बथान के बाहर बंधी भैंस को झोपड़ी में बांधने के लिए पहुंचा। इसी बीच बिजली झोपड़ी के नजदीक गिर गई। हादसे में अकलू और भैंस चपेट में आ गए।

हाजीपुर में राजद सुप्रीमो लालू पर जमकर बरसे लोजपा (आर) सुप्रीमो चिराग पासवान, कार्यकर्ताओं को यह कहानी सुनाकर किया प्रेरित

डेस्क : लोकसभा चुनाव के तीन चरण समाप्त हो चुके है। वहीं 7वें चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। वहीं नेताओं का अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार-प्रसार का तूफानी दौर चल रहा है। सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बाकी के बचे चरणों के चुनाव को लेकर चुनावी दौरा करने और जनसभा को संबोधित करने का सिलसिला जारी है।

इसी कड़ी में लोजपा(आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक बार फिर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को कछुआ और खरगोश की कहानी सुना कर प्रेरित भी किया। 

चिराग पासवान ने अपने कार्यकताओं को बचपन वाली खर्गोश और कछुए की कहानी सुनाते हुए कहा कि खरगोश जानता था हम रेस जीत रहे हैं यह सोचकर विश्राम करने लगा और कछुए ने बाजी मार ली। इसलिए विश्राम नहीं करना है बल्कि आने वाले दस बारह दिन चुनौतियों से भरें हुए हैं और दुश्मन कभी कमज़ोर नहीं होता है।

वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बयान कि मुस्लिम समुदाय को भी आरक्षण मिलना चाहिए पर पलटवार करते हुए चिराग़ ने कहा कि यह वहीं लोग हैं, जो हिंदू-मुस्लिम कर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। चिराग़ पासवान ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान में मुसलमान के तमाम जातियां को वैसे ही आरक्षण मिलता है जो अनुसूचित जाति में आते हैं। उन्हें भी आरक्षण मिलता है जो मुसलमान में जो अपर कास्ट के हैं या पिछली जाति से आते हैं उन्हें भी आरक्षण मिलता है। 

चिराग पासवान ने कहा कि जब आप धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करते हैं तो वही तुष्टिकरण की राजनिति यही लोग करते हैं। बता दें कि, हाजीपुर से एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान को हाजीपुर से चुनावी सिंबल हेलीकॉप्टर मिल जाने के बाद हाजीपुर डाक बंगला स्थित अपने प्रधान कार्यालय का विधिवत उद्घाटन भी कर दिया है। जहां कार्यालय उद्घाटन में तमाम NDA नेता मौजूद थे।

पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के वोटरो के लिए खुशखबरी, अब बुथ तक अपने निजी वाहन से जा सकेगें मतदान करने

डेस्क : बिहार की राजधानी पटना के अंतर्गत आने वाले दो लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब और पाटलिपुत्र में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है। इसी बीच इन दोनो क्षेत्रों के वोटरो के लिए बड़ी खुशखबरी है। लोकसभा के लिए होनेवाले चुनाव के दिन मतदाता अपने वाहनों से बूथ तक जा सकेंगे। सुरक्षाकर्मियों द्वारा अकारण उनके वाहनों को नहीं रोका जाएगा। बूथ पर पीने के पानी, शेड, दवाइयां उपलब्ध रहेगी। इस बात की जानकारी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम शीर्षत कपिल अशेाक ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। 

उन्होंने कहा कि सभी बूथों पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होगी। संवेदनशील बूथेां को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। वहां पर बड़ी संख्या में केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती बूथों पर होगी। डीएम ने कहा कि घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने का काम भी शुरू किया जा रहा है।

मतदाताओं को वोट देने के लिए वोटिंग के दिन भी एनाउंसिंग और निगम के वाहनों की मदद से अपील की जाएगी। बूथ के अंदर मोबाइल ले जाने और ईवीएम पर वोट देने की प्रक्रिया की फोटोग्राफी करने पर रोक रहेगी। ऐसे फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अपराधिक तत्वों पर पुलिस की कड़ी नजर 

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले भर के आपराधिक तत्वों पर निगरानी रखी जा रही है। 6077 से बॉण्ड भरवाया गया है। 237 का नाम गुंडा रजिस्टर में दर्ज है, 154 हिस्ट्रीशीटरों को सर्विलांस पर रखा गया है। सीसीए के तहत पिछले चार महीने में 394 पर कार्रवाई की गई है। 265 वाहन भी जब्त किए गए हैं। ग्रामीण एसपी रौशन कुमार ने बताया कि 9 हजार 47 लोगों से गुंडा परेड कराया जा रहा है।

740 हथियार जमा कराए गए, सात जब्त किया गया जबकि 80 का लाइसेंस रद्द किया गया। चेकिंग के दौरान 320 अवैध हथियार और 1500 कारतूस और 176 मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। मसौढ़ी के एक अपराधी को जेल भी भेजा गया है।

आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जा सकती है उम्मीदवारी

उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को चुनाव आचार संहिता के मानकों का पालन करने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया। कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यहां तक की उम्मीदवारी भी जा सकती है। कहा कि इस मामले में अबतक 21 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। चुनाव आचार संहिता के मानकों पर निगरानी के लिए बड़ी संख्या में सेक्टर मजिस्ट्रेट, उड़न दस्ता, विडियो सर्विलांस टीम आदि का गठन किया गया है। चुनावों के लिए जिले में 437 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 56 उड़न दस्ता, 36 स्ट्रेटजिक सर्विलांस टीम, 36 वीडियो व्यूइंग टीम और 22 चेकपोस्ट तैयार करने के साथ ही अबतक 388 बूथों को विशेष सुरक्षा के लिए चिन्हित किया गया है।

*बिहार में पारा गिरने का मतदान पर दिखा खासा असर, तीसरे चरण में बढ़ा वोट प्रतिशत*

डेस्क : बीते मंगलवार 7 मई को देश में लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण संपन्न हुआ। इस चरण में बिहार के 5 सीटों पर मतदान हुआ। सबसे बड़ी बात यह रही कि प्रदेश में दो चरण के चुनाव के दौरान भीषण गर्मी का असर मतदान पर भी हुआ था। लेकिन मंगलवार को प्रदेश में पारा गिरने और मौसम सुहावना होने का असर तीसरे चरण के चुनाव में देखने को मिला। तीसरे चरण में पांच संसदीय क्षेत्रों में मतदान 60 फीसदी के पार पहुंच गया। बड़ी संख्या में मतदाता बूथों पर पहुंचे और अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। शाम छह बजे तक इस चरण में कुल 60 फीसदी मतदान हुआ जबकि कई बूथों पर कतारबद्ध होकर मतदाता अपने मतदान के क्रम की प्रतीक्षा कर रहे थे। साथ ही, इस चरण के 54 उम्मीदवारों के भाग्य ईवीएम में बंद हो गये। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवास ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस चरण के संसदीय क्षेत्रों में 61.22 फीसदी मतदान हुआ था। लेकिन इस बार मतदान की अंतिम रिपोर्ट मिलने पर मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी की संभावना है। उन्होंने बताया कि शाम छह बजे तक तीसरे चरण के संसदीय क्षेत्रों में सुपौल में 62.80 प्रतिशत, अररिया में 62.80 प्रतिशत, मधेपुरा में 61.00 प्रतिशत, खगड़िया में 58.20 और झंझारपुर में 55.50 प्रतिशत प्रतिशत मतदान हुआ। श्रीनिवास ने बताया कि सभी बूथों पर पेयजल एवं अन्य नागरिक सुविधाओं के इंतजाम किए गए थे। मतदान के दौरान मधेपुरा के महिषी तथा खगड़िया के सिमरी बख्तियारपुर, अलौली एवं बेलदौर में पूर्व में शाम 4 बजे तक मतदान होना था। लेकिन राजनीतिक दलों एवं डीएम की रिपोर्ट के आधार पर समय में परिवर्तन किया गया। इनमें कुल 1274 बूथों में से 167 बूथों को छोड़कर शेष सभी 1107 बूथों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान हुआ। *13,323 वीवीपैट का उपयोग हुआ* बिहार के सीईओ ने बताया कि इस चरण में रिजर्व सहित कुल 12,225 कंट्रोल यूनिट, 12,179 बैलेट यूनिट एवं 13,323 वीवीपैट का उपयोग हुआ। इसमें 57 सीयू, 40 बीयू तथा 71 वीवीपैट मॉक पोल के दौरान बदले गए। जबकि 18 सीयू, 18 बीयू एवं 96 वीवीपैट मॉक पोल के बाद बदले गए। इस चरण के मतदान के लिए आपात स्थिति से निबटने के लिए एयर एंबुलेंस को तैनात किया गया था। 5039 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग करायी गई। इस चरण के मतदान को लेकर गठित 9848 बूथों में अररिया में 1547 अतिरिक्त बूथों को चिह्नित किया गया था जहां छायादार स्थान या कमरे नहीं थे, वहां शामियाने की व्यवस्था की गयी थी। मतदान सामान्यतया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। प्रेस कांफ्रेंस में सीईओ, बिहार के अतिरिक्त अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार व अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
लोकसभा चुनाव : बिहार के पांच सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न, इन दिग्गज प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में हुआ बंद

डेस्क : लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर आज शाम 6 बजे शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग बताया गया कि अबतक मिली जानकारी के अनुसार शाम 6 बजे तक पांच लोकसभा सीटों झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया औसतन 60 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ है।

इन 5 सीटो पर संपन्न हुए चुनाव में एनडीए की ओर से एक सीट पर भाजपा के और एक लोकसभा सीट पर लोजपा (रामविलास ) के कैंडिडेट मैदान में हैं और बाकि पर जदयू के कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं महागठबंधन की बात करें तो इन पांच सीटों पर एक जगह वाम दल तो एक जगह वीआईपी के कैंडिडेट मैदान में हैं और बाकी के तीन सीटों पर राजद प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में भाजपा,जदयू और राजद समेत कई दलों के नेताओं के भविष्य का फैसला जनता ने ईवीएम का बटन दबा कर दिया है।। 

इन दिग्गज प्रत्याशियों का भाग्या फैसला ईवीएम में बंद

रोम पोप का और मधेपुरा गोप का, तो मधेपुरा में दो यादवों की लड़ाई है। जदयू ने जहां वर्तमान सासंद दिनेश चंद्र यादव पर दांव खेला है तो राजद ने डॉ. कुमार चंद्रदीप को मैदान में उतारा है।  

झंझारपुर में जदयू ने फिर से वर्तमान सांसद रामप्रीत मंडल को चुनावी रम में उतारा है तो इंडी गठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टा ने सुमन कुमार महासेठ ताल ठोक रहे है। वहीं पूर्व विधायक गुलाल यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं ,इससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

सुपौल लोकसभा सीट पर जदयू के लिए सीट बचाने की चुनौती है। जदयू ने दिलेश्वर कामत को टिकट दिया है तो राजद ने सिंहेश्वर से विधायक चंद्रहास चौपाल को मैदान में उतारा है। 

खगड़िया लोकसभा सीट पर एनडीए की ओर से एलजेपीआर ने राजेश वर्मा ताल ठोक रहे हैं तो इंडी गठबंधन की तरफ से सीपीएम ने संजय कुमार कुशवाहा को मैदान में हैं। 

जबकि अररिया सीट पर भाजपा की तरफ से वर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह मैदान में हैं। राजद ने शाहनवाज आलम को मैदान में उतारा है निवर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह अपनी सीट बचाने में कामयाब होते है या फिर राजद बाजी मार ले जायेगी। 

इन सभी दिग्गज नेताओं का फैसला जनता ने आज ईवीएम का बटन दबाकर कर दिया है। जिसका परिणाम 4 जून को सामने आयेगा।

लोकसभा चुनाव : बिहार के पांच सीटों पर तीसरे चरण का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, औसतन 60 प्रतिशत हुआ मतदान

डेस्क : लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर आज शाम 6 बजे शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग बताया गया कि अबतक मिली जानकारी के अनुसार शाम 6 बजे तक पांच लोकसभा सीटों झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया औसतन 60 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ है।

चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, झंझारपुर में शाम 6 बजे तक 55.50 फीसदी वोटिंग हुई है। जबकि सुपौल में 6 बजे तक 62.00 प्रतिशत, अररिया में 6 बजे तक 62.50 फीसदी, मधेपुरा में 61.00 फीसदी और खगड़िया लोकसभा सीट पर 6 बजे तक 58.00 फीसदी वोटिंग हुई है। पांच सीटों पर शाम 6 बजे तक औसतन कुल 59.80 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है।

बिहार चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि यह अबतक की मिली जानकारी है। जिसके अनुसार 60 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालांकि पूरे मतदान का प्रतिशत क्या रहा इसकी पूरी जानकारी आज रात तक मिल पायेगी। 

बता दें कि बीते दो चरण के चुनाव के दौरान प्रदेश में भीषण गरमी का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज तीसरे चरण की वोटिंग के दौरान मौसम मेहरबान रहा है। साथ ही चुनाव आयोग की ओर से भी मतदाताओं को कोई परेशानी न हो, इसे लेकर सभी तरह के जरूरी इंतजाम किए गए थे। जिसकी वजह से तीसरे चरण के चुनाव में पिछले दो चरणों के चुनाव से अधिक वोटिंग हुई है। 

वही खगड़िया की तेजस्विनी इंग्लैंड में रहती हैं। इंग्लैंड में साइक्लोजिस्ट और रिसर्चर हैं। जब तेजस्विनी को पता चला कि खगड़िया में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा तो वह इंग्लैंड से भारत आने का टिकट बनवा लिया और इलेक्शन से पहले खगड़िया पहुंच गयी। आज तेजस्विनी पूरे परिवार के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल हुईं और अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

वही सुपौल लोकसभा के छातापुर विधानसभा क्षेत्र के माधोपुर पंचायत के बूथ नम्बर 212 पर नसीमा खातून जिनकी उम्र 115 वर्ष है, उन्होंने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मां को वोट दिलवाने पहुंचे बेटे रफी अहमद ने बताया कि मतदान को लेकर वह सुबह से उत्साहित थी और घर के अन्य सदस्यों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित कर रही थी। अपने मताधिकार का प्रयोग करके मेरी 115 साल की मां काफी खुश हैं।

वहीं चुनाव के दौरान सभी बुथों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। विभिन्न मतदान केंद्रों पर अश्वरोही दलों को देखा गया। मधुबनी के झंझारपुर लोकसभा के भेजा थाना के कोसी दियारा इलाकों में अश्वरोही दल लगातार गश्ती करते नजर आए।