भांभर रेंज कार्यालय परिसर के अन्दर रखी लकड़ियों में आग लगने से सरकार को लाखो की क्षति होने पर , संदेह के घेरे में है वन विभाग
पचपेड़वा (बलरामपुर) वन विभाग भांभर रेंज कार्यालय के प्रांगण में अवैध कटान होने पर जब्त कर रखी गयी लकड़ियों में बीते दिनों अचानक आग लग गयी थी जिसमें तमाम लकड़ियां जलकर राख हो गयी है लेकिन हफ्तों बीत जाने के बाद भी वन विभाग अभी आग लगने के कारणों का खुलासा करने में अस्मर्थ ही दिखाई दे रहा है ।आपको बता दें कि भांभर रेंज का अधिकांश वन क्षेत्र भारत नेपाल सीमा पर स्थित है जिसमें वेशकीमती और महंगे प्रजाति जैसे कि शाखू,सागौन, शीशम आदि के पेड़ बहुतायत में पाये जाते है । यहाँ के जंगलों में बड़े पैमाने पर इन्हीं प्रजातियों के हरे भरे पेड़ों का अंधाधुंध अवैध कटान निरन्तर हुआ करता है।
इस अवैध कटान के पीछे विभाग की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता, हालांकि वन विभाग हमेशा कर्मचारियों की कमी और सुरक्षा का हवाला देकर इससे पल्ला झाड़ने का कार्य किया करते है । हां कभी कभी यहां के वनकर्मी मामला खुलने तथा अपने नौकरी पर खतरे को भांपने की स्थिति में फर्जी तरीके से कुछ अवैध कटान की लकड़ियों को जब्त कर वन क्षेत्र से सटे गांव के भोले भाले ग्रामीणों पर अनर्गल कार्यवाही करके उन्हें फंसाने और डराने का कार्य भी करते रहते ।
ताकि यह लोग अवैध वन कटान और वनमाफियों से वनकर्मियों की सांठगांठ का भंडाफोड़ करने की हिम्मत ही न जुटा सके । इसी कड़ी में इस अग्नि कांड के बारें में वन विभाग के एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि इस मामले पर अज्ञात के खिलाफ सम्बंधित थाने में तहरीर दे दिया गया है जल्द ही वन विभाग और पुलिस मिलकर इस घटना का खुलासा कर देंगे । इस पूरे मामले पर हमारे संवददाता ने जब अपने विश्वस्त सूत्रों से जानकारी किया तो कुछ अलग ही मामला निकल कर सामने आ रहा है बताया जा रहा है कि इन जमा हुई लकड़ियों में अधिकांश काफी पुराने केसों की सड़ी गली ही बची थी तथा जो नये मामले के अच्छे अच्छे बोटे थे उन्हें वनकर्मियों के द्वारा बेंचकर मोटा रकम पहले ही हासिल कर लिया गया था ।
इसी कारण साक्ष्य को मिटाने के लिए आग लगा नहीं बल्कि वनकर्मियों ने अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए बची हुई सड़ी गली लकड़ियों में जानबूझकर आग लगवा दिया ऐसा आप लोग लग रहे हैं ताकि अधिकारियों को यह बताया जा सके कि अचानक आग लगने के कारण रखी गयी तमाम वेशकीमती लकड़ियां जल कर खाक हो गयी है ।क्षेत्रीय ग्रामीणों का भी दबे जुबान यही कहना है कि केवल विभाग एंव क्षेत्रीय जनता को भ्रमित करने के लिए यह चाल चला गया ताकि सच्चाई पर पर्दा डाला जा सके । अब असलियत क्या है क्या वन विभाग गहन जांच कर इस सच्चाई को सामने लायेगा । ताकि इस पूरे मामले से पर्दा उठ सके । तो अब लाख टके का सवाल यह है कि वन विभाग चोर चोर मौसेरे भाई की कहानी को चरितार्थ करता है या इस अग्नि कांड के सहारे लाखों का चूना लगाने वाले लोगों को तलाश कर उन पर कार्यवाही करता है । ।
May 02 2024, 17:16