सुल्तानपुर,मेडिकल कॉलेज का ऑक्सीजन प्लांट आखिर चार महीने से ठप है। प्लांट बंद होने से खासकर इमरजेंसी में भी मरीजों को सिलिंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी पड़ रही है। इसकी वजह से मरीजाें व चिकित्सा कर्मियों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है। बजट के अभाव में ऑक्सीजन प्लांट की हालत अंधकार में डूबती नजर आ रही।
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हो रहे मरीजाें की मौत को देखते हुए सांसद व तत्कालीन डीएम ने ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की पहल की थी। दोनों लोगों के प्रयास से जुलाई 2021 में प्रधानमंत्री केयर फंड से मेडिकल कॉलेज परिसर में PSA
ऑक्सीजन प्लांट (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन ऑक्सीजन प्लांट) की स्थापना हो सकी। इसके निर्माण में भारी भरकम पैसा खर्च किया गया जिसका लोकार्पण सांसद मेनका गांधी व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने किया था।
प्लांट शुरू होने के बाद इमरजेंसी समेत वार्डों में भी ऑक्सीजन की दिक्कत दूर हो गई थी। प्रति मिनट 960 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वाला प्लांट स्थापित होने मरीजों को जीवनदान मिलता था। वही ऑक्सीजन प्लांट वायुमंडल की हवा से ऑक्सीजन लेकर सीधे अस्पतालों को पंप करता है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) बड़े प्लांट में कूलिंग मेथड से बनते हैं। जिसे गैस से लिक्विड में बदला जाता है। उसके बाद क्रायो टैंकर के जरिए अस्पतालों के टैंक में डाला जाता है। ऑक्सीजन प्लांट के सुधार कार्य के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। बजट मिलते ही प्लांट को सही कराया जाएगा।
May 01 2024, 04:14