लोकसभा चुनाव : मुंगेर सीट राजद प्रत्याशी कुमारी अनिता ने किया नामांकन, एक बार फिर ललन सिंह मारेंगे बाजी या अशोक महतो की पत्नी करेंगी उलट-फेर
डेस्क : लोकसभा चुनाव में इसबार फिर बिहार के मुंगेर सीट पर रोचक मुकाबला होने जा रहा है। निवर्तमान सांसद ललन सिंह के बाद बीते मंलवार को कुख्यात अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी ने इंडी गठबधन के राजद प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पर्चा मुंगेर सीट से दाखिल किया।
बता दें पिछले दिनों बिहार के बड़े बाहुबली कुख्यात अशोक महतो द्वारा खरमास में 62 साल की उम्र में शादी करने के बाद अपनी पत्नी के साथ राजद सुप्रीमो से मिलने पहुंचे थे। जिसके बाद यह चर्चा तेज हो गई थी उनकी राजनीति में फिर से इंट्री होने जा रही है। उनकी पत्नी कुमारी अनिका राजद से चुनाव लड़ेगी। आखिरकार हुआ भी यही। कुमारी अनिता मुंगेर से राजद के टिकट पर इस सीट से चुनाव मैदान में है।
मुंगेर सीट पर वर्तमान में जदयू का कब्जा है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इस सीट से सांसद है। वहीं एकबार फिर पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। यह दूसरी बार हुआ जब ललन सिंह का मुकाबला एकबार फिर एक बाहुबली की पत्नी के साथ होगा।
बता दें वर्ष 2019 के चुनाव में ललन के खिलाफ कांग्रेस से बिहार के बाहुबली छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव लड़ी थी। जिसमे ललन सिंह की जीत हुई थी। वहीं एकबार इस सीट से ललन सिंह के खिलाफ एक बाहुबली की पत्नी ही चुनाव मैदान में है।
राजद ने इस वजह से कुमारी अनिता को बनाया है प्रत्याशी
राजद ने इस सीट से आखिरकार अशोक महतो की पत्नी को प्रत्याशी क्यों चुना है। इसके पीछे वजह यह है कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में धानुक जाति के वोटरों की अच्छी खासी तादाद है। अशोक महतो कोइरी जाति से आते है और यही कारण कुख्यात अशोक महतो की पत्नी को चुना गया है। राजद को यकीन है कि धानुक और यादवों की जुगलबंदी से मुंगेर में नया समीकरण बन सकता है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा सभा चुनाव में कुर्मी, धानुक के साथ एमवाई समीकरण अगर राजद की रथ पर सवार हो जाए तो राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को बड़ा खतरा हो सकता है। जातीय आंकड़ों पर नजर डाले तो मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में धानुक 1.40 लाख, कुर्मी 1.49 लाख, यादव 2.93 लाख। कुल जोड़ दें तो ये जिताऊ समीकरण की ओर जा सकता है। मसलन, लगभग 6 लाख के आधार वोट बैंक की किलेबंदी करने में अशोक महतो का पराक्रम काम कर गया तो ये जदयू उम्मीदवार ललन सिंह के लिए परेशानी खड़ा कर जाएगा।
ललन सिंह को मिल सकता है इसका लाभ
वही ललन सिंह के पक्ष में देखा जाए तो मुंगेर में भूमिहार के वोटरों की संख्या 2.42 लाख बताई जाती है। अगर अनिता देवी की उम्मीदवारी को 90 की दशक में लौटना मान लिया गया तो राजपूत 70 हजार, ब्राह्मण 50 हजार और कायस्थ का 10 हजार मत भी जंगल राज लौटने की आशंका के विरोध में सारे सवर्ण मत जदयू के पक्ष में जाएंगे। ये गोलबंदी ललन सिंह को जीत दिला सकती है।
Apr 26 2024, 08:35