"धनबाद लोकसभा में पहली बार हैं भाजपा और कोंग्रेस दोंनो पार्टी के प्रत्याशी दूसरे लोकसभा के वोटर,नही कर सकेंगे अपने पक्ष में मतदान
धनबाद लोकसभा चुनाव में आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस और भाजपा दोनो के उम्मीदवार बाहरी है। एनडीए गठबंधन के भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो व इंडी गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह दोनो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के वोटर हैं और दोनों खुद या उनके परिवार का मत अपने चुनाव के लिए उपयोग नहीं कर पांएगे।
दोनों खेमे में जोर आजमाईश बराबरी की है।
भाजपा विधायक जहां बाघमारा से तीन बार विधायक है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी की भी राजनैतिक उपस्थिति को कम नहीं आंका जा सकता है। अनुपमा सिंह जहां बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की पत्नी है वहीं उनके ससुर राजेन्द्र सिंह का नाम झारखंड सहित एकीकृत बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे है।
राजेन्द्र सिंह देश के मजदूर नेताओं में स्थापित नाम रहे है। सामान्यतः दोनों प्रत्याशियों का धनबाद लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधयां शून्य ही कही जा सकती है। 2004 को छोड़कर, भाजपा 1991 से लगातार धनबाद जीत रही है। 2004 में कांग्रेस के ददई दूबे ने धनबाद सीट कांगेस के झोली में डालने का काम किया था।
इस बार भाजपा ने तीन बार लगातार जीत दर्ज करने वाले सांसद पीएन सिंह का टिकट काटकर बाधमारा विधायक दुलु महतो कों मैदान में उतारने का फैसला किया, जो करीब 50 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं और अब तक चार में दोषी भी ठहराए जा चुके हैं।
इससे फैसले से विशेषकर पारंपरिक भाजपा समर्थकों का एक बड़े वर्ग में रोष में है जो भाजपा की सेहत पर असर डाल सकती है। हालाकि बाहरी सज्जा प्रत्याशी के फैसले पर नाराजगी दोनों पार्टियों में है।
दोनो पार्टी के अन्दर खाने से यह बात सामने आ रही है कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पांच साल तक पार्टी के लिए काम करते हैं और आखिरी समय में पार्टी एक बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारती है जो पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा करती है जिसका असर वोटों के प्रतिशत पर साफ झलकता है।
अब जनता ही इनकी स्वीकार्यता को तय करेगी कि उनके मन मे बाहर से थोपे गए प्रत्यशियों के प्रति क्या सोच है।
Apr 22 2024, 15:54