शैलपुत्री का पूजन कर शुरू हुआ हिंदू नववर्ष
रायबरेली।नवरात्र पर्व की शुरुआत सोमवार से हो गई। कलश स्थापना के साथ सोमवार से शक्ति स्वरुपा मां दुर्गा की पूजा अर्चना शुरू हो गई। शारदीय नवरात्र के पहले दिन देवी के पहले रूप माता शैलपुत्री की अराधना पूरे विधि विधान से की गई। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं और नवरात्र पर्व के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होती है।
पंडितों के अनुसार देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा।मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा करने के लिए सुबह से ही मंदिरों में माता के भक्तों की भीड़ लग गई। यह मां पार्वती का ही अवतार है। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, इसलिए इन्हें पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री की आराधना से मन वांछित फल मिलता है।
शहर हो या गांव हर स्थान पर स्थित देवी के मंदिरों में मां जगदम्बा की पूजा अर्चना के लिए देवी भक्तों की भारी भीड़ रही। घर में भी देवी मां के भक्तों खासकर महिलाओं ने देवी मां की स्थापना कर पूजा अर्चना शुरु कर दी। महिलाओं ने मां से मनचाहा वर पाने के लिए पूरे नवरात्रि के व्रत भी शुरु कर दिए। घर हो या मंदिर मां के जयकारे से सभी गुंजायमान हो उठे। सभी भक्तों ने अपनी श्रद्धा के अनुसार मां की आराधना की।
महिलाओ ने भक्ति भाव से मां को लाल चुनरी पहना कर भोग लगाया गया और दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां की आराधना की गई। कहीं कहीं रामचरित मानस का पाठ तो कही जगराते का आयोजन शुरु हो गया है।हर क्षेत्र में भक्तों ने अपनी श्रद्धानुसार धार्मिक आयोजन आरंभ कर दिए हैं। यह आयोजन अब नवरात्रि भर चलेंगे।
बाजारों में भी फल और धार्मिक सामग्री की दुकानों पर अच्छी खासी भीड़ रही। भक्तो ने अपनी इच्छानुसार खरीददारी की। रोजमर्रा की बजाय पहले दिन फल विक्रेताओं ने अच्छी बिक्री की। अधिकतर लोग फल के ठेलों पर खरीददारी करते नजर आए।
Apr 09 2024, 23:20