उप जिलाधिकारी को अपने मकान के किरायेदार पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मकान हथियाने का एक प्रार्थना पत्र प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर दिया
तुलसीपुर/बलरामपुर
नगर के नई बाजार केन यूनियन वार्ड की निवासनी ने उप जिलाधिकारी को अपने मकान के किरायेदार पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मकान हथियाने का एक प्रार्थना पत्र प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर दिया।
अनीता यादव स्व.संतोष कुमार यादव एडवोकेट की पत्नी है।
पति के मृत्यु के पश्चात अनिता देवी व उनके दो पुत्र अमित,सुमित थे कुछ ही दिन बाद सुमित की भी मृत्यु हो गई।माँ और बड़े पुत्र अमित ने पड़ोस में किराये पर दुकान करने वाले मिथलेश पटवा को अपना एक किता मकान/दुकान को सन 2020 में पांच साल के लिए 500000₹ एडवास एवं 8000 रुपया मासिक पर किराए पर दे दिया ।
एक आपराधिक मामले में अनीता व पुत्र को जेल हो गई। जमानत पर रिहा होने के बाद अनिता देवी के अनुसार जब वो अपने घर पहुंची तो उन्हें पता चला की कूटरचित एवं जालसाजी से प्रार्थिनी के दुकान/मकान का बैनामा किराएदार मिथिलेश ने 15 फ़रवरी 2024को करा लिया।
बदहवास अनीता भागदौड़ करने लगी मोहल्ले वाले भी भौचक्के रह गए। प्रेस को दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उक्त मकान का नगर पंचायत द्वारा पानी का बिल एवं हॉउस टैक्स उन्ही के नाम पर देय होता आ रहा था। अनीता ने उप जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि उक्त प्रकरण में धोखाधड़ी व जालसाजी सहित साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाय। उक्त प्रकरण को लेकर अनीता बार एसोसिएशन के समक्ष भी गई और वकीलों से अपनी समस्या को बताया तो बार एसोसिएशन उनके पक्ष में आकर उप जिलाधिकारी से मिलकर स्थानीय थाने पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रार्थना पत्र के साथ कवरिंग लेटर लगाया।
परंतु समाचार लिखे जाने तक अनीता देवी ने बताया कि कोई भी किसी तरह से मुझे रिलीफ नहीं मिल रही है। मैं बेघर हूं किसी तरह दिन तो कट जाता है रात बाहर चौकी या किसी के बरामदे में रहकर काट रही हूं। मुझे किसी तरह से न्याय दिलाया जाए। मेरा घर मुझे वापस मिले। प्राप्त सुचना अनुसार वकीलों का एक प्रतिनिधित्व मंडल संभवत जिलाधिकारी बलरामपुर से मिलकर न्याय की गुहार करेगा। ज्ञात हो कि खतौनी में मुख्य मार्ग की जमीन आबादी में दर्ज है तथा पीछे की जमीन जिला पंचायत की बताई जा रही है। पूरा मोहल्ला अनीता यादव के पक्ष में खड़ा हुआ है। वहीं जब इस संबंध में मिथिलेश पटवा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने स्टेट से यह जमीन क्रय की है और अनीता यादव को पूर्व में ही मैं भुगतान कर चुका हूं। सवाल जब किया गया कि आप अनीता के किराएदार थे तो आपने स्टेट से बैनामा क्यों लिया और आप ही के मुताबिक अनीता को भी पैसा आपने दिया तो एक ही जमीन का दो-दो जगह भुगतान करने का क्या अर्थ है?और जब वो जेल में थी तो ऐसी कौन सी स्थिति आ पड़ी कि आनन फानन में बैनामा लेना पड़ा तो वह इस संबंध में कुछ ना बता सके और कहा मैं कागज दिखाऊंगा मेरे पास मजबूत साक्ष्य है परंतु अभी तक कोई कागजात ना दिखा सके। प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह ने बताया उपजिलाधिकारी का पत्र आया है परंतु यह जमीनी विवाद है और इस संबंध में मैं लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए तत्पर हूं उच्च अधिकारी का जो भी आदेश होगा उसका पालन होगा।
Apr 08 2024, 15:29