झारखंड के 24 जिलों में 24 राज्यस्तरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में स्कूलों की करेगी औचक निरिक्षण
स्कूली बच्चो के भीतर 'My School, My pride' की भावना को विकसित करने के लिए जिलों में रवाना हुई टीमें
रांची: झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के निर्देशानुसार 24 राज्यस्तरीय पदाधिकारियों की टीम विभिन्न जिलों में अवस्थित 80 जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों, 325 प्रखंड स्थित आदर्श विद्यालय, सभी कोटि के आवासीय विद्यालयों के औचक निरिक्षण हेतु आज रवाना हुई।
राज्यस्तरीय टीम सभी जिलों के स्कूलों का औचक निरिक्षण करेगी साथ ही स्कूलों में प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट-एनईपी की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के खिलाफ मई महीने में कार्रवाई की जायेगी।
राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने निरिक्षण के दौरान विनम्र और सौम्य व्यवहार रखने की सलाह दी है। आदित्य रंजन ने पदाधिकारियों को अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करने की सलाह भी दी है, जिससे वे जिले में अधिक से अधिक विद्यालयों का भ्रमण कर सके।
अनुश्रवण दल के पदाधिकारियों को पहले दिन जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निरिक्षण की कार्रवाई तय करे। किस स्कूल में जाना है, कितना समय देना है अथवा किन बिन्दुओ पर केंद्रित सवाल करना है, ये सब पूर्व से तय हो। वहीं यह भी निर्देश दिया कि निरीक्षण के तीसरे दिन भ्रमण किये गए स्कूलों की सीलबंद रिपोर्ट जिले को उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त को सौंपेंगे। यह रिपोर्ट राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा संबद्ध ऑपरेटर की सहायता से तैयार कि जाएगी।
'My School, My pride' की भावना विकसित करना उद्देश्य
राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने पदाधिकारियों को भ्रमण के दौरान सकारात्मक स्वाभाव रखते हुए 'मेरा स्कूल, मेरा गर्व' के भाव के साथ शिक्षकों, प्राध्यापकों एवं बच्चो से मिलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि स्कूल में कार्यरत सभी शिक्षकों, प्राध्यापकों एवं बच्चो के भीतर इस भाव को विकसित करना आवश्यक है।
प्रोजेक्ट इंपैक्ट की शुरुआत राज्य में कोडरमा जिले से हुई थी। इस अभियान के तहत सरकारी स्कूलों को कई मानकों के आधार पर स्वतः मूल्यांकन करते हुए अंक देने होते है। सर्वाधिक अंक वाले स्कूल बेहतरीन प्रदर्शन करने वालो में शामिल होते है, और न्यूनतम अंक लाने वाले विद्यालय ख़राब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में शामिल होते है। इस प्रोजेक्ट की लगातार समीक्षा भी की जाती है, जिससे मूल्यांकन में पारदर्शिता और ईमानदारी तय की जा सके। कोडरमा जिले में इस प्रोजेक्ट के व्यापक और सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा इस प्रोजेक्ट को पूरे राज्य में लागू किया गया है।
Apr 05 2024, 20:34