कृष्ण जन्म की कथा सुन आनंदित हुए श्रोता
नवाबगंज (गोंडा)। महंगूपुर गाँव में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन ब्रहस्पतिवार को कथा प्रवाचक ने गजेंद्र मोक्ष व राम कृष्ण जन्म की कथा का बखान किया।कथा प्रवाचक आचार्य विद्याभूषण शरण ने कहा कि अपने पराये की पहचान मुसीबत में होती है। बुरे समय में अपने भी साथ छोड़ देते हैं। जब पानी में गजेंद्र का पैर मकर ने पकड़ लिया तो उसे बचाने के लिए परिवार भी पीछे हट गया। सबसे निराश हो गजेंद्र ने विष्णु हरि को पुकारा तो भगवान दौड़े चले आये। और गजेंद्र की रक्षा की।
कथा व्यास ने कृष्ण जन्म की कथा का बखान करते हुए कहा कि कंस के अत्याचार को समाप्त करने के लिए कृष्ण ने कारागार में जन्म लिया। देवकी की आठवी संतान के रूप में अवतरित श्यामसुंदर ने माँ को कारागार में ही अपने विराट रूप के दर्शन करा दिए। कृष्ण जन्म से पृथ्वी वासियों सहित देवता भी आनंदित हुए। रात्रि में ही पिता वसुदेव ने उन्हें गोकुल नंदबाबा के यहां पंहुचा दिया। वहीं पर उनका पालन पोषण होने लगा। इस बात की तनिक भी भनक कंस को न हुई। इधर भगवान जन्म की कथा सुन श्रोता भावविभोर हो गए। महिलाओ ने सोहर गीत गाये। कथा में भाई जी पांडेय, अश्वनी मिश्र, अमरनाथ पांडेय, हरिहर पांडेय, संदीप पांडेय, ज्ञान प्रकाश संजू, टोनी मिश्र, खुशीराम शर्मा, संजय शर्मा, रामनिहाल पांडेय, दिनेश पांडेय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
Apr 05 2024, 12:18