राजस्थान की बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के बयान पर मचा बवाल, जानें क्या कहा कि गरमा गई दिल्ली तक की सियासत
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राजस्थान के नागौर से बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा का भाषण सुर्खियां बटोर रहा है। भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के एक बयान ने सियासी पारा गरमा गया है। दरअसल, डॉ मिर्धा ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक सभा में दिए भाषण में संविधान बदलने का ज़िक्र किया, जिसके बाद से वे विरोधियों के निशाने पर आ गई हैं। इस बयान को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। दरअसल, विपक्ष लगातार ये दावा कर रहा है कि अगर इस बार केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो देश के लोकतंत्र और संविधान को खतरा है। विपक्ष के इन दावों के बीच राजस्थान के नागौर से बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा के बयान ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक का तापमान बढ़ाने का काम किया है।
ज्योति मिर्धा के संविधान बदलने वाले बयान पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने कहा कि अनंत कुमार हेगड़े के बाद बीजेपी के एक और उम्मीदवार ने संविधान बदलने की बात की है। इन दोनों नेताओं के बयान से ये साफ है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं।
बीजेपी का लक्ष्य संविधान को बदलना है-थरूर
संविधान में बदलाव को लेकर भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के बयान पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'जब अनंत हेगड़े ने संविधान बदलने का राग छेड़ा था, तब भाजपा ने जल्दबाजी में इसे रफा-दफा कर उन्हें उम्मीदवारी से बाहर कर दिया था। अब एक और भाजपा उम्मीदवार कह रही हैं कि भाजपा का लक्ष्य संविधान बदलना है। सच सामने लाने के लिए भाजपा और कितने उम्मीदवारों से मुंह मोड़ेगी?'
ज्योति मिर्धा ने क्या कहा
सांसद शशि थरूर ने ज्योति मिर्धा के वीडियो से जुड़े एक पोस्ट को सोशल मीडिया पर साझा करके ‘एक्स’ पर फिर से पोस्ट किया। इसमें ज्योति मिर्धा यह कहती सुनी जा सकती हैं कि संवैधानिक बदलाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा में प्रचंड बहुमत होना चाहिए।
थरूर के बयान पर मिर्धा का पलटवा
वहीं, शशि थरूर वार पर ज्योति मिर्धा ने पलटवार करते हुए लिखा, भाजपा का उद्देश्य राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित की सेवा करना है। अगर उन उद्देश्यों के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पड़े तो ऐसा होगा। हाल ही में पिछले साल सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक के लिए संविधान में संशोधन किया गया। 1950 से पिछले साल तक संविधान में 106 संशोधन हुए हैं। इस ऐतिहासिक संशोधन के कारण महिलाओं के संसद में 33 फीसदी आरक्षण का सपना साकार हो पाया।
Apr 03 2024, 16:37