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गिरिनाथ सिंह की राजद में फिर हुई वापसी, भाजपा छोड़ कर ली राजद की सदस्यता,लड़ सकते चतरा से चुनाव


झारखंड डेस्क

राँची: मंगलवार को झारखंड की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। BJP को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के कद्दावर नेता गिरनाथ सिंह ने राजद (RJD) का दामन थाम लिया है। 

पहले वे आरजेडी में थे। बाद में राजद को छोड़कर BJP में शामिल हुए थे। अत: यह उनकी घर वापसी कही जाएगी।इस बीच झारखंड में जो सियासत चल रही है उसके अनुसार राजद ने दवाब बनाये हुए है कि झारखंड में राजद को दो लोकसभा सीट चाहिए। अगर राजद को दो सीट मिलती है तो गिरिनाथ सिंह चतरा से चुनाव लड़ सकते हैं।

मंगलवार को पटना स्थित RJD कार्यलय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। कुछ दिन पहले ही उन्होंने लालू यादव से उनके आवास पर मुलाकात की थी।

दिल्ली के रामलीला मैदान में क्रांति की बिगुल फुकने के बाद कल्पना सोरेन राँची लौटी,कहा-हम जीतेंगे,जनता देगी जवाब

दिल्ली के रामलीला मैदान में दो महिला नेत्री ने जिस अंदाज और जिस आत्म विश्वास के साथ I.N.D.I.A गठबंधन की रैली में अपनी बात रखी, देश भर से आये कार्यकर्ताओं के मन को जीत लिया।उसमें हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और अरबिंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल थी।

अब दिल्ली से कल्पना सोरेन अपने दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद वापस रांची लौट आयीं है।

अपने इस दौरे के अनुभव को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से उन्होंने साझा किया। उन्होंने खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि रामलीला मैदान में यह उनका पहला कदम था।

उन्होंने कहा, “पहले मैं कभी भी रामलीला मैदान नहीं गयी थी। खुद को मैं सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे झारखंड से चंपाई चाचा (CM चंपाई सोरेन) के साथ रामलीला मैदान में अपनी बातों को रखने का अवसर मिला। I.N.D.I.A. को मजबूती देने का अवसर मिला।”

कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन को लेकर कहा कि बतौर मुख्यमंत्री वे चार साल तक जो काम किये वह जगजाहिर है। वे भेदभाव के शिकार हुए हैं। चुनाव से पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह भाजपा की रणनीति थी ताकि चुनाव से उंन्हे दूर रखा जाए।झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता के मनोवल को तोड़ा जाए।लेकिन जनता सब समझती है और इसका मुहतोड़ जवाब जनता देगी। उन्होंने कहा दिल्ली में इन बातों को पुरे देश में रखा।मुझे खुशी है कि दिल्ली में इन बातों को रखने का हमें मौका मिला।”

कल्पना सोरेन ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें महिलाओं, आदिवासियों की बातों को रखने का मौका मिला। अब सबको चार जून की प्रतीक्षा करनी होगी। तब मालूम होगा कि क्या बदलाव हुआ है।

उन्होंने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि हम जीतेंगे।” इधर, गांडेय उपचुनाव में JMM द्वारा उम्मीदवार बनाये जाने के प्रश्न पर कल्पना सोरेन ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है।

पेट्रोलियम कंपनी ने गैस सिलेंडर के दाम घटाई,जानिए किस सिलेंडर का कितना हुआ दाम


रांची,(डेस्क )पेट्रोलियम कंपनि‍यों ने गैस सिलेंडर की कीमत घटा दी है। बीते महीने 5 केजी से लेकर 14 केजी तक के सिलेंडर की कीमत में कमी की गई थी। अभी कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत घटाई गई है। नई कीमत 1 अप्रैल, 2024 से लागू हो गई।

कमर्शियल सिलेंडर हुआ सस्‍ता

पेट्रोलियम कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 1 मार्च को बढ़ोतरी की थी। इसमें 24 रुपये की वृद्धि हुई थी। झारखंड की राजधानी रांची में 1 मार्च, 2024 को कीमत 1960.00 रुपये हो गई थी। वर्तमान में इसकी कीमत 32 रुपये कम हुई है। अब यह सिलेंडर 1928.00 रुपये में मिलेगा।

घरेलू सिलेंडर में बदलाव नहीं

प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद 14 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 100 रुपये की कमी की गई थी। इसकी कीमत 1 मार्च को 960.50 रुपये थी। पीएम की घोषणा के बाद इसकी कीमत 860.50 रुपये हो गई थी। 

नई कीमत 9 मार्च, 2024 से लागू कर दी गई थी। फिलहाल इसकी कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ग्राहकों को यही राशि चुकानी होगी।

10 केजी की कीमत

पेट्रोलियम कंपनी के अनुसार 10 किलोग्राम वाली गैस सिलेंडर की 1 मार्च, 2024 में कीमत 693.00 रुपये थी। इसकी कीमत में कमी की गई थी। 9 मार्च, 2024 से कीमत 622.50 रुपये कर दी गई थी। अप्रैल में भी यही कीमत चुकानी होगी।

5 केजी के दाम

कंपनी के अनुसार 5 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमत मार्च, 2024 में 357 रुपये थी। इसकी कीमत में कमी की गई थी। इसकी कीमत 9 मार्च, 2024 से 321.50 रुपये हो गई थी। अप्रैल में भी ग्राहकों को इसके लिए 321.50 रुपये देने होंगे।

दिल्ली के रामलीला मैदान से , कल्पना सोरेन का हुंकार : झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नही


झारखंड डेस्क

दिल्ली के रामलीला मैदान में आज इंडिया गठबंधन की महारैली आयोजित की गई। इस रैली को तानाशाही हटाओ लोकतंत्र बचाओ का नाम दिया गया. इंडिया गठबंधन के तमाम और राजनीतिक दलों के घटक इस महारैली में शामिल हुए। इस रैली में इंडिया गठबंधन के सदस्य झामुमो की तरफ से कल्पना सोरेन और सीएम चंपई सोरेन ने भी लोगों को संबोधित किया।

नई दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी, मलिका अर्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, के साथ चंपई सोरेन और कल्पना सोरेन भी मौजूद रहे। इसी बीच महारैली में पहुंची कल्पना सोरेन ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार तानाशाही कर रही है।

कल्पना सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग इनके खिलाफ बोलते हैं उन्हें जेल के अंदर डाला जा रहा है। जो लोग उनकी पार्टी में आ रहे हैं उन्हें माफ किया जा रहा है।

 विपक्ष के नेताओं को बेवजह परेशान किया जा रहा है। किसी ने कोई घोटाला नहीं किया उसके बावजूद भी किस तरह से विपक्ष के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। झूठे मामलों में जेल के अंदर किया जा रहा है। ईडी के द्वारा जबरदस्ती रेड करवाई जा रही है। सीबीआई जांच करवाई जा रही है सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है।

कल्पना सोरेन ने कहा है कि दोषी कौन है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा है। हम यही चाहेंगे कि हमें इंसाफ जल्दी से जल्दी मिले आज हम जितनी भी पार्टी यहां पर इकट्ठा हुए हैं, लोकतंत्र को बचाने के लिए यहां पर आए हैं. यही से हम संकल्प लेकर जा रहे हैं और यहां से हम एकजुट होकर केंद्र की तानाशाही सरकार के खिलाफ लड़ेंगे। कल्पना ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें सड़क पर आना होगा और लोकसभा चुनाव में जनता जिस प्रकार से सड़क पर आ रही है, उसे आने वाला समय बता देगा कि केंद्र की सरकार कितना गलत कर रही है।

लोकसभा सीट को लेकर झारखंड में आइएनडीआइ के घटक दलों में चल रहा खींचतान,बिना सीट बंटवारे के उतारे जा रहे हैं प्रत्याशी


झारखंड डेस्क

लोक सभा चुनाव 2024 में आइएनडीआइ गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर झारखंड में विवाद बढ़ता जा रहा है।जिस तरह बिहार में राजद अपना दवाब बनाकर अपने मुताबिक सीट शेयरिंग कर रही है।ठीक झारखंड में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने हिसाब से सीट शेयरिंग करना चाह रही है।जिसके कारण फैसला नही हो रहा है। 

जिसका परिणाम हुआ कि बिना फैसला के के हीं आइएनडीआइ के घटक दल लोकसभा सीटों पर अपना-अपना प्रत्याशी उतारना शुरू कर दिया है। 

बिना सीट बटवारा के भाकपा माले ने झारखंड में कोडरमा लोकसभा सीट पर बगोदर के विधायक विनोद सिंह को उतार दिया है। विनोद सिंह पहली बार पार्टी की टिकट से वर्ष 2005 में बगोदर से विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2009 व 2019 में विधायक बने। इस बार पार्टी ने उन्हें कोडरमा लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया है।

इधर, सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं होने के बावजूद कांग्रेस ने भी झारखंड की तीन लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। इनमें खूंटी से कालीचरण मुंडा, लोहरदगा से सुखदेव भगत व हजारीबाग से जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

इधर महागठबंधन में झारखंड में भाकपा को जगह नहीं मिलने से पार्टी ने झारखंड की आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दिया है। ये सीटें रांची, हजारीबाग, लोहरदगा, चतरा, पलामू, गिरिडीह, दुमका व जमशेदपुर हैं। इनमें लोहरदगा, पलामू, चतरा व दुमका सीट के लिए प्रत्याशियों के चयन का कार्य पूरा हो गया है।

अन्य सीटों के प्रत्याशियों का चयन चल रहा है। एक-दो दिनों के भीतर पार्टी अपने सभी आठ सीटों के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर देगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा में अभी तक कहाँ से किसे उतारा जाएगा इसको लेकर कोई फैसला नही हुआ है।लेकिन जिस तरह सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन में अंतर्कलह चल रहा है उससे लोकसभा सीट पर भाजपा को कड़ी चुनोती देना मुश्किल जान पड़ता है।

भाजपा को झटका ,रामटहल चौधरी और रविन्द्र पांडेय ने भाजपा छोड़ थमा कांग्रेस का दामन

झारखंड डेस्क

कांग्रेस पार्टी झारखंड समेत देश भर में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है. खबर है कि खूंटी, लोहरदगा और हजाराबीग लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के एक दिन बाद गुरुवार (28 मार्च) को पार्टी रांची, धनबाद और गोड्डा के उम्मीदवार का नाम भी फाइनल कर सकती है.

झारखंड के कई नेताओं ने दिल्ली में डाला डेरा

उम्मीदवारी की दावेदारी के लिए झारखंड के कई नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. सुबोधकांत सहाय एक बार फिर रांची से टिकट लेने की जुगत में भिड़े हैं, तो उनका पत्ता काटकर रामटहल चौधरी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की कोशिशों में जुटे हैं.इसके लिए राम टहल चौधरी और रविन्द्र पांडेय ने कांग्रेस जॉइन कर लिया है.

फुरकान अंसारी तो दिल्ली में डटे ही हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके

अब गिरिडीह या धनबाद से चुनाव लड़ सकते हैं रवींद्र पांडेय

खबर है कि मोदी विरोधी देशव्यापी गठबंधन I.N.D.I.A. के घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के खाते में धनबाद सीट जाती है, तो गिरिडीह सीट पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी.

ऐसे में कांग्रेस पार्टी रवींद्र पांडेय को गिरिडीह से चुनाव के मैदान में उतार सकती है. अगर पार्टी को धनबाद सीट मिली, तो रवींद्र पांडेय वहां से भी चुनाव लड़ सकते हैं.

आलाकमान के साथ विमर्श कर रहे झारखंड कांग्रेस के दिग्गज

उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के साथ-साथ झारखंड प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता भी दिल्ली में आलाकमान के साथ लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं. अगर 3 सीटों (रांची, गोड्डा और धनबाद) पर उम्मीदवार तय हो जाते हैं, तो झारखंड के संसदीय कार्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम समेत तमाम बड़े कांग्रेस नेता नई दिल्ली से गुरुवार की रात तक रांची लौट आएंगे.

उम्मीदवारों की घोषणा नहीं, तो शनिवार को होगी सीईसी की बैठक

दूसरी तरफ, अगर किन्हीं कारणों से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं हो पाई, तो शनिवार को कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी. उस बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम फैसला होगा. सूत्र बता रहे हैं कि जमशेदपुर, पलामू और सिंहभूम सीट पर पेच फंसा है.

जमशेदपुर और सिंहभूम सीट पर झामुमो ने की दावेदारी

जमशेदपुर और सिंहभूम (एसटी) सीट पर झामुमो ने दावेदारी कर दी है. कांग्रेस इन दोनों सीटों में से मात्र एक सीट झामुमो को देने के लिए तैयार है. लेकिन, झामुमो दोनों सीटें लेने पर अड़ा हुआ है. अगर कोल्हान प्रमंडल की दो अहम सीटें जमशेदपुर और सिंहभूम (एसटी) कांग्रेस के खाते में चली गई, तो लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में सिर्फ एक सीट आएगी.

लालू प्रसाद की पार्टी ने पलामू, चतरा सीट पर ठोंका दावा

बता दें कि लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने पलामू और चतरा संसदीय सीट पर अपनी दावेदारी कर दी है. माना जा रहा है कि गठबंधन के तहत चतरा सीट राजद को मिल जाएगी, लेकिन पलामू सीट पर अभी तक कोई फैसाल नहीं हो पाया है. ज्ञात हो कि भाकपा माले ने कोडरमा और हजारीबाग सीट पर दावेदारी की थी, लेकिन उसके हिस्से में सिर्फ कोडरमा सीट आई है.

*झारखंड में कांग्रेस ने तीन सीट लोहरदगा, खूंटी, हजारीबाग में प्रत्याशियों के नामो की घोषणा की*

कांग्रेस ने झारखंड के तीन सीट लोहरदगा खूंटी और हजारीबाग में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय समिति की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, महासचिव केसी वेणीगोपाल एवं स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन केपी राणा की मौजूदगी में लोकसभा चुनाव से जुड़ी सीईसी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर विचार विमर्श किया गया। जिसके बाद 14 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई। वही झारखंड की ओर से झारखंड के प्रभारी गुलाम अहमद मीर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता मंत्री आलमगीर आलम शामिल हुए। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि बैठक में झारखंड को लेकर सारी बातों को रख दी गई है। झारखंड में लोहरदगा से सुखदेव भगत के नाम का ऐलान किया है। वहीं, खूंटी से कालीचरण मुंडा को जगह दी है तो हजारीबाग से जय प्रकाशभाई पटेल को कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतारा है। राजेश ठाकुर ने कहा कि एक से दो दिनों के अंदर बाकी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान दिल्ली से होगा। हर पहलू पर बैठक में बातचीत की गई यह बैठक काफी सकारात्मक रही। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड में तीन लोकसभा में उम्मीदवारों का चयन हो गया है बाकी उम्मीदवारों नामों का बहुत जल्द फ़ैसला हो जाएगा। कांग्रेस व झामुमो में पहले ही सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला फाइनल हो गया है।
मुम्बई में कल्पना की दहाड़, 'झारखंड में नही खिलेगा 'कमल', ईडी के डर से गठबंधन नही झुकेगा

मुंबई : मुंबई के शिवाजी पार्क में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन शामिल हुईं। पहली बार झारखंड के बाहर सार्वजनिक मंच पर वह पूरे तेवर और उत्साह में दिखीं।

उन्होंने कहा कि आने वाला चुनाव देश का भविष्य तय करेगा। झारखंड में आरंभ से ही सरकार को अस्थिर करने का प्रयास हुआ, लेकिन सरकार का बाल बांका नहीं हुआ। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेल ने जाना पंसद किया, मगर समझौता नहीं किया। आज चंपई सोरेन मुख्यमंत्री हैं।

इंडी गठबंधन झुकेगा नहीं, रुकेगा नहीं : कल्पना

कल्पना सोरेन ने कहा कि उनके सारे अधूरे कार्य को पूरा करने का वे प्रयास कर रहे हैं, जिस प्रकार शिबू सोरेन ने महाजनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उसी प्रकार हेमंत सोरेन ने गरीबों, महिलाओं, आदिवासी, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने का काम किया। गठबंधन के मंच से वे ताकत लेकर गए थे।

हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन ने आगे यह कहा कि उन्हे यहां रहना चाहिए था, मगर केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत उन्हें जेल भेज दिया। तानाशाही के खिलाफ लड़ने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। झारखंड में एक नारा अब भी चल रहा है, झारखंड झुकेगा नहीं। मैं इस मंच से एलान करती हूं कि इंडिया झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं।

जयराम महतो ने जेबीकेएसएस की ओर से लोकसभा में उतारा चार प्रत्याशी,गिरिडीह से खुद लड़ने का किया घोषणा


जयराम महतो ने लोकसभा 2024 में अपनी सियासी पारी शुरू करने का निर्णय लिया है।हालांकि उनका दावा है कि भाजपा और कांग्रेस ने उन्हें मनचाही सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है।लेकिन इस समय ये यह निर्णय नही ले पा रहे हैं कि वे किस पाले में जाएं।

फिलहाल उनकी पार्टी जेबीकेएसएस ने लोकसभा चुनावों के लिए 4 प्रत्याशियों का ऐलान किया है

पार्टी ने फिलहाल 4 सीटों पर प्रत्याशियों के नाकिम की घोषणा की है। जयराम महतो पहले ही ये जता चुके है कि वे लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में अपने प्रत्याशी उतारेंगे। जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस के मैदान में उतरने से मुक़ाबला त्रिकोणीय बनता जा रहा है। 

जयराम महतो ने पहले ही खुद को गिरिडीह सीट से प्रत्याशी घोषित कर रखा है। अब उनकी पार्टी ने दामोदर सिंह हांसदा को सिंहभूम, मनोज यादव को कोडरमा और दीपक कुमार गुप्ता को चतरा सीट से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, चारो सीटों पर जेबीकेएसएस ने जीत का दावा भी किया है।

जयराम के सीट पर क्या है राजनैतिक समीकरण?

छात्र आंदोलन से अपनी पहचान बनाने वाले जयराम महतो अब सक्रीय राजनीति में कदम रखने जा रहे है। इसके लिए उन्होंने गिरिडीह लोकसभा सीट को चुना है। जयराम जिस सीट पर जीत का दावा कर रहे है, वहां से वर्तमान में आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी सांसद है। 

गिरिडीह सीट पर पिछले तीन लोकसभा चुनावों में एनडीए का दबदबा रहा है। लगातार तीसरी बार एनडीए ने गिरिडीह में जीत की हैट्रिक लगाते हुए 2019 में चंद्रप्रकाश चौधरी को आजसू कोटे से दिल्ली पहुँचाया था। सीपी चौधरी से पहले बीजेपी के रविंद्र कुमार पांडेय यहां से दो बार लगातार सांसद चुने गए। 

अब इस सीट पर जयराम महतो अपनी किस्मत आजमा रहे है। जाहिर है यह सीट एनडीए की साख का सवाल बनता जा रहा है। ना केवल सत्ताधारी झामुमो यहां वापसी की कोशिश करेगी, बल्कि भाजपा और आजसू भी इस सीट को गंवाना नहीं चाहेगी।

बरसाने में लट्ठमार होली आज,यह परंपरा राधा और कृष्ण की पौराणिक प्रेम कहानी का प्रतीक है


होली भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े हिंदू त्योहारों में से एक है। यह रंगों का त्योहार है जो लोगों के जीवन में खुशियां और आनंद लाता है। हालाँकि यह उत्तर भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है, कुछ राज्य होली को बहुत धूमधाम से मनाते हैं और यही इसे अद्वितीय बनाता है। 

मथुरा में स्थित बरसाना, 'लट्ठमार होली' के जीवंत उत्सव के लिए प्रसिद्ध है। यह वार्षिक आयोजन शहर में हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिससे एक जीवंत और रंगीन दृश्य बनता है जो दिव्य जोड़े, राधा और कृष्ण को श्रद्धांजलि देता है। इस साल बरसाना की लट्ठमार होली 18 मार्च को होगी।

'लट्ठमार होली' एक अनोखा और आनंदमय त्योहार है जिसका गहरा सांस्कृतिक महत्व है। नाम ही, "लाठमार", का अनुवाद "लाठियों से मारना" है और इस जीवंत उत्सव में अच्छे स्वभाव वाली चंचलता शामिल है जहां महिलाएं चंचलतापूर्वक पुरुषों का पीछा करती हैं और लाठियों से मारती हैं। यह परंपरा राधा और कृष्ण की पौराणिक प्रेम कहानी में निहित है।

लट्ठमार होली क्यों मनाई जाती है ?

यह त्यौहार एक प्रसिद्ध हिंदू कथा का मनोरंजन माना जाता है, जिसके अनुसार, भगवान कृष्ण जो नंदगांव गांव के रहने वाले थे, ने अपनी प्रिय राधा के शहर बरसाना का दौरा किया था। यदि किंवदंती पर विश्वास किया जाए, तो कृष्ण ने राधा और उनकी सहेलियों को चिढ़ाया, जिन्होंने बदले में उनकी प्रगति पर क्रोधित होकर उन्हें बरसाना से बाहर निकाल दिया।

किंवदंती के अनुरूप, नंदगांव के पुरुष हर साल बरसाना शहर जाते हैं, लेकिन वहां की महिलाओं की लाठियों (उर्फ लाठियों) से उनका स्वागत किया जाता है। महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं, जो जितना संभव हो सके खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।

बदकिस्मत लोगों को उत्साही महिलाओं द्वारा पकड़ लिया जाता है, जो फिर पुरुषों को महिलाओं के कपड़े पहनाती हैं और सार्वजनिक रूप से नृत्य करती हैं। उत्सव बरसाना में राधा रानी मंदिर के विशाल परिसर में होता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह देश का एकमात्र मंदिर है जो राधा को समर्पित है।

लठमार होली उत्सव एक सप्ताह से अधिक समय तक चलता है, जहां प्रतिभागी नृत्य करते हैं, गाते हैं और रंग में डूब जाते हैं, साथ ही कभी-कभार ठंडाई का भी सेवन करते हैं - होली के त्योहार का पर्याय एक पारंपरिक पेय है।

लट्ठमार होली इतिहास

बरसाना ही नहीं, राजस्थान के नंदगांव में भी लठमार होली मनाई जाती है। बरसाना और नंदगांव कस्बे राधा और कृष्ण की नगरी के नाम से मशहूर हैं। ये दोनों कस्बे महिलाओं को रंगों से सराबोर करने और पुरुषों को भगाने के लिए उन पर लाठियां बरसाते हुए देखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

बरसाना की होली वस्तुत: 'द्वापर' युग की होली की पुनरावृत्ति है, जिसमें पुरुष महिलाओं को रंगों से सराबोर करने की कोशिश करते हैं और महिलाएं उन्हें डंडों से रोकती हैं। बरसाना में लाडली मंदिर के एक पुजारी का कहना है कि पुरुष चमड़े की ढाल लेकर अपनी रक्षा करते हैं।

लट्ठमार होली के उत्सव से कई किंवदंतियाँ जुड़ी हुई हैं। ऐसी ही एक लोकप्रिय किंवदंती यह है कि जब भगवान कृष्ण अपनी प्रिय राधा और उनकी सहेलियों पर रंग बरसाने के लिए बरसाना आए थे, तो उन्होंने खेल-खेल में पूरे शहर में उन पर लाठियों से वार किया था। तभी से पूरे शहर में लट्ठमार होली खेली जाती है।

बरसाना की लट्ठमार होली कहाँ मनाई जाती है ?

बरसाना की लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव शहरों में मनाई जाती है, जो भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित हैं। बरसाना को "राधा की भूमि" और नंदगांव को "कृष्ण की भूमि" के रूप में जाना जाता है।

बरसाना की लट्ठमार होली का क्या महत्व है। ?

बरसाना की लट्ठमार होली राधा और कृष्ण के प्रेम का उत्सव है। यह महिलाओं की शक्ति और सामर्थ्य का भी उत्सव है। यह त्यौहार महिलाओं के लिए अपने चंचल पक्ष को व्यक्त करने और यह दिखाने का एक तरीका है कि वे अपने लिए खड़े होने से डरती नहीं हैं।