अप्रशिक्षित डॉक्टर ने ली प्रसूता की जान, प्रसूता के पति ने लगाया न्याय की गुहार
बलरामपुर । डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की जान चली गई गैसड़ी कस्बे से संबंधित है पीड़ित परिवार ने सी एम ओ व जिलाधिकारी को शपथ पत्र पर शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है प्राप्त समाचार के अनुसार आदर्श नगर पंचायत गैसड़ी कस्बे के मझौली वार्ड नंबर 15 निवासिनी पूनम यादव पत्नी राकेश यादव को प्रसव पीड़ा होने पर वीते 19 मार्च को गांव की आशा वहू सुमन देवी को मृतका की सास ने अवगत कराया आशा बहू ने पीड़ित परिवार को सरकारी अस्पताल न ले जाकर प्राइवेट ग्लोबल हॉस्पिटल जो गैसडी नगर में स्थित है वही पर लेकर चली गई पूछने पर पूनम के सास को आशा बहू ने बताया कि सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा नही है और ना ही अच्छे डॉटर है पर गलोबल अस्पताल में अच्छी सुविधा मिल जाएगी गलोबल अस्पताल में समान प्रसव को लेकर ?17000 पर प्रसव कराना तय हो गया प्रसूता को कमरे में ले गए और काफी देर तक दरवाजा ना खुलने पर पर प्रसूता की सास ने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया।
तब पल्ला खोलकर डॉक्टर ने बताया कि अभी कोई अंदर नहीं आएगा लगभग 2 घंटे बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्चा पैदा हुआ है परंतु प्रसूता की हालत गम्भीर है इसे बाहर ले जाना पड़ेगा परन्तु जब प्रसूता की सास ने देखा तो प्रसूता खून से लतपथ थी और उसके प्राण पखेरु उड़ चुके थे आश्चर्य तथ्य यह है की प्रसूता के मरने के बाद भी अस्पताल स्टाफ उसे मृतक मानने को तैयार नहीं हो रहा था बाद में परिजनों से घर ले जाकर अंत संस्कार कर दिया हालाकि बच्चा स्वस्थ है इस संबंध में मृतका के पति राकेश यादव ने सपथ पत्र देकर जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायत भेजकर प्रकरण की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने की मांग की है और तलब हो की बी यू एम एस डाक्टर जहांगीर आलम समान्य प्रसव व अपरेशन इत्यादि नही कर सकते है।
इसके अलावा डाक्टर का दावा कि 4अप्रैल तक अस्पताल रजिस्टर्ड है जबकि सी एच सी अधिक्षक गैसड़ी सुनील कुमार ने कहा कि अस्पताल के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में मुझे कोई जानकारी नहीं है इस संबंध में ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ जहांगीर आलम ने बताया कि हमने समान्य प्रसव कराया था परंतु प्रसूता की सास ने फ्रिज का पानी पिला दिया इसलिए उसकी मौत हो गयी इसके अतिरिक्त अस्पताल में खानपान के संबंध में पूरी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है तब कहां से फ्रिज का पानी आया यह एक जांच का विषय है जो कि किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो सकता है जब संबंध में हमारे संवाददाता ने अपर सी एम ओ संतोष सिंह ने कहा कि जांचकर कार्यवाही करेंगेअब देखना यह कि पीड़िता को न्याय मिल पाएगा या और भी इसी तरह प्रसूता महिलाएं ऐसे ही जान गवांती रहेंगी।
Apr 01 2024, 18:59