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एनडीए में शामिल होने के 8 महीने बाद प्रफुल्ल पटेल को बड़ी राहत, सीबीआई ने इस मामले में दायर की क्लोजर रिपोर्ट

#cbi_filed_closure_report_nacil_air_india_indian_airlines_praful_patel 

मनमोहन सरकार के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से एनएसीआईएल कंपनी बनी थी। कंपनी पर पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा। विलय के दौरान प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री थे । मई 2017 में सीबीआई ने मंत्रालय के अफसरों पर सत्ता का दुरुपयोग लगाते हुए दो केस दर्ज किए थे। ईडी ने इस केस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को आरोपी बनाते हुए पूछताछ की थी। हालांकि अब सीबीआई ने एयर इंडिया के लिए विमान पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। पता चला है कि भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलने के बाद एजेंसी ने 19 मार्च को एक अदालत में रिपोर्ट दायर की। 

एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल के ख़िलाफ़ एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइन्स विलय मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी। तब शरद पवार के सबसे करीबी रहे प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ चले गए। अभी अजित पवार महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में मंत्री हैं। जुलाई 2024 में प्रफुल्ल पटेल को एनडीए से राज्यसभा के लिए चुना गया, जबकि उसके पहले के कार्यकाल के चार साल बाकी थे। वह 2022 में ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 2028 में उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। एनडीए में आने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और फिर से सांसद बने। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2030 में खत्म होगा। अजित गुट में शामिल होने के 8 महीने बाद ही अब प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है।

सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) प्रशांत कुमार की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। अभी विशेष अदालत ने इस रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं किया है। कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल को जांच अधिकारी को तलब किया है। इसके बाद अदालत तय करेगी कि केस की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं। 

यूपीए शासन काल में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ। एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) का गठन किया गया था। पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं के आरोप लगे। आरोप हैं कि बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लिया गया। इसमें अनियमितताएं हुईं और जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ और कुछ लोगों को फायदा हुआ।

सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी।मई 2019 में ईडी ने एक विशेष अदालत को बताया था कि बिचौलिए दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल ख़ास दोस्त हैं, जिन्होंने कथित तौर पर 2008-09 के दौरान मंत्री के साथ क़रीबी होने का फ़ायदा उठाया और मुनाफ़ा कमाने वाली एयर इंडिया के रूट्स को प्राइवेट एयरलाइन्स को बाँटने में मदद की।

चुनावी समर में कूदीं कंगना रनौत, मंडी में बीजेपी प्रत्याशी का रोडशो, कहा- हीरोइन और स्टार मत समझना, आपकी बेटी हूं

#bjp_candidate_kangana_ranaut_reached_mandi 

हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस और लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कंगना रनौत पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गईं हैं।कंगना रनौत चुनाव प्रचार करने के लिए मंडी पहुंची। यहां उन्होंने एक रोड शो किया और इस दौरान कहा कि ये मत सोचिए कि मैं हिरोईन हूं या कोई स्टार हूं। दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात कर भाजपा प्रत्याशी अभिनेत्री कंगना रणौत शुक्रवार को अपने गृह क्षेत्र पहुंचीं। उन्होंने चुनाव प्रचार का आगाज भी गृह क्षेत्र से किया। कंगना रणौत का भांबला पहुंचने से पहले बनोहा में जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान कंगना ने रोड शो भी किया।

कंगना रणौत ने कहा कि लोग गौरवान्वित हैं कि मंडी की बेटी और राष्ट्रवादी आवाज इस चुनाव में मंडी का प्रतिनिधित्व करेगी। विकास का मुद्दा हमारे लिए मुख्य है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिशा में हमारा मार्गदर्शन करेंगे, उस दिशा में हम काम करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। मंडी की जनता दिखा देगी कि उनके दिल में क्या है।

कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आप यहां बड़ी भीड़ देख सकते हैं। बहुत सारे लोग यहां आए हैं। उन सभी को गर्व है कि मंडी की बेटी, मंडी की राष्ट्रवादी आवाज इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगी। इस चुनाव में बीजेपी के लिए विकास ही मुख्य मुद्दा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे नेता नरेन्द्र नोदी जिस तरह से हमें गाइड करेंगे, उस दिशा में हम कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। मंडी की जनता दिखा देगी कि उनके दिल में क्या है।

बता दें कि मंडी लोकसभा सीट से भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद कंगना रनौत ने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि मुझे मेरी मिट्टी ने बुलाया है और मुझे मेरी मिट्टी की सेवा करने का मौका मिल रहा है, इसके लिए आभार।

क्रेडिट कार्ड से लेकर एनपीएस तक होने जा रहा है बड़ा बदलाव, जानिए एक अप्रैल से कौन कौन से नियम बदल रहे

एक अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत हो रही है, जिस पैसे से जुड़े 6 बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. जिसका असर सीधा आपकी जेब पर हो सकता है. इन बड़े बदलावों में क्रेडिट कार्ड और एनपीएस समेत कई नियम शामिल हैं. ये बदलाव आपके निवेश और पैसे के खर्च पर प्रभाव डाल सकते हैं. आइए जानते हैं इन 6 बदलाव के बारे में जो अप्रैल 2024 में लागू होंगे. 

NPS के नियम में बदलाव 

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्‍टम (NPS) को और सिक्‍योर बनाने के लिए आधार बेस्ड टू स्‍टेप अथेंटिफिकेशन सिस्‍टम पेश किया है. यह सिस्‍टम सभी पासवर्ड बेस NPS यूजर्स के लिए होगा, जिसे 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा. 15 मार्च को PFRDA ने नोटिफिकेशन जारी किया था. 

SBI क्रेडिट कार्ड में बदलाव

एसबीआई कार्ड ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2024 से कुछ क्रेडिट कार्ड के लिए किराया भुगतान लेनदेन पर रिवॉर्ड प्‍वाइंट का कलेक्‍शन बंद कर दिया जाएगा. इसमें AURUM, SBI कार्ड एलीट, SBI कार्ड एलीट एडवांटेज, SBI कार्ड पल्स और सिंपलीक्लिक SBI कार्ड शामिल हैं. 

क्रेडिट कार्ड संबंधी नियम 

यस बैंक ने कहा है कि जो यूजर्स क्रेडिट कार्ड से एक कैलेंडर तिमाही में 10 हजार या उससे ज्‍यादा खर्च करते हैं तो उनके लिए कंप्लिमेंट्री डोमेस्टिक लाउंस एक्‍सेस उपलब्‍ध होगा. वहीं आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड के तहत तिमाही में 35 हजार या उससे ज्‍यादा खर्च करने पर हवाई अड्डे के लाउंज एक्सेस की सुविधा होगी. यह नियम एक अप्रैल से लागू होगा. इसके अलावा, एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड पर ईंधन, बीमा, और गोल्‍ड पर खर्च के लिए रिवॉर्ड प्‍वाइंट नहीं दिया जाएगा. यह 20 अप्रैल से लागू किया जाएगा. 

OLA मनी वॉलेट 

ओला मनी ने घोषणा की कि वह 1 अप्रैल, 2024 से प्रति माह अधिकतम 10,000 रुपये के वॉलेट लोड प्रतिबंध के साथ पूरी तरह से छोटे PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) वॉलेट सेवाओं पर स्विच कर रहा है. कंपनी ने 22 मार्च को अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर इस बारे में जानकारी दी है. 

फास्‍टैग केवाईसी 

अगर आप 31 मार्च 2024 तक फास्टैग केवाईसी (Fastag KYC) को अपडेट नहीं करवाते हैं तो 1 अप्रैल से फास्‍टैग यूज करने में समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि NHAI ने फास्टैग केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है. 

LPG गैस की कीमत 

हर महीने की पहली तारीख को देशभर में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बदलाव होता है. 1 अप्रैल को कमर्शियल और घरेलू गैस सिलेंडर कीमत में बदलाव हो सकता है. हालांकि लोकसभा चुनाव के बीच इन कीमतों में बदलाव होने की संभावना काफी कम है.

केजरीवाल को आशीर्वाद..', पति के बचाव में सुनीता केजरीवाल ने अभियान शुरू कर कहा, ED कस्टडी में उनकी तबियत हो गई है ख़राब

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आज अपने समर्थकों के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख के साथ अपने संदेश साझा करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर साझा किया, जो पिछले सप्ताह अपनी गिरफ्तारी के बाद से प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं। 

सुनीता केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हम आज से एक अभियान शुरू कर रहे हैं - 'केजरीवाल को आशीर्वाद'। आप उन्हें व्हाट्सएप नंबर 8297324624 पर अपना आशीर्वाद और प्रार्थना भेज सकते हैं। आप अपनी इच्छानुसार कोई भी संदेश भेज सकते हैं।" उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उन्हें फोन किया और कहा कि वे श्री केजरीवाल की रिहाई के लिए उपवास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की पत्नी ने कहा, "लोग उनसे कितना प्यार करते हैं। आप जो भी बताना चाहते हैं हमें भेजें। आपका हर एक संदेश उन तक पहुंचेगा और उन्हें उसे पढ़ना अच्छा लगेगा। उन्हें लिखने के लिए आपको AAP से होने की आवश्यकता नहीं है।"

सुनीता केजरीवाल ने अपने पति की गिरफ्तारी के बाद सीधे AAP समर्थकों को संबोधित करने के लिए वीडियो संदेश का सहारा लिया था। कल अदालत ले जाए जाने के दौरान केजरीवाल ने अपने खिलाफ मामले को ''राजनीतिक साजिश'' करार दिया। उनकी पत्नी ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि ED की हिरासत में उनकी तबीयत ठीक नहीं है। अदालत द्वारा उनकी ईडी हिरासत एक अप्रैल तक बढ़ाए जाने के बाद उन्होंने कहा, "फिलहाल उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। आपके मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है। जनता इस पर उचित जवाब देगी।"बता दें कि अरविन्द केजरीवाल, जिन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार होने वाले मनीष सिसौदिया और संजय सिंह के बाद तीसरे AAP नेता हैं, दो बार कोर्ट उनकी जमानत याचिका ठुकरा चुकी है।

ईडी का मानना है कि अब समाप्त की गई नीति खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को अनैतिक रूप से उच्च लाभ मार्जिन प्रदान करती है। एजेंसी का दावा है कि थोक विक्रेताओं की कटौती का एक हिस्सा रिश्वत के रूप में बरामद किया गया था और कथित तौर पर इसका इस्तेमाल आप के गोवा चुनाव अभियान के लिए किया गया था।

आज तमिलनाडु के भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे पीएम मोदी, नमो एप के जरिए करेंगे संवाद

  

तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है, राज्य की सभी 39 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "एनाथू बूथ वलिमैयाना बूथ" नामक सत्र में तमिलनाडु भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे। नमो ऐप के माध्यम से शाम 5 बजे। एक्स पर एक पोस्ट में पीएम ने पार्टी के सुशासन के एजेंडे को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने के लिए तमिलनाडु में भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की भी सराहना की।

एक्स को संबोधित करते हुए, नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं आज शाम 5 बजे नमो ऐप के माध्यम से हमारे मेहनती तमिलनाडु भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत 'एनाथू बूथ वलिमैयाना बूथ' का इंतजार कर रहा हूं। यह सराहनीय है कि तमिलनाडु में हमारे कार्यकर्ता लोगों के बीच कैसे काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी पार्टी के सुशासन के एजेंडे को पूरे राज्य में प्रभावी ढंग से प्रसारित किया जाए।'' पोस्ट में आगे कहा गया, "यह भी उतना ही सच है कि तमिलनाडु डीएमके के कुशासन से तंग आ चुका है और हमारी पार्टी की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहा है।"

इससे पहले, तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख और कोयंबटूर से पार्टी के उम्मीदवार के अन्नामलाई ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बहुत बड़ी लहर है। हमें पूरा विश्वास है कि 19 अप्रैल को कोयंबटूर के लोग, तमिलनाडु के लोग पीएम नरेंद्र मोदी के लिए जबरदस्त वोट करेंगे। 4 जून एक नए युग की शुरुआत करेगा जहां पीएम मोदी और उनके लिए काम करने वाले सभी उम्मीदवार जीतेंगे। अन्नामलाई ने कहा कि, "कोयंबटूर में बीजेपी को 60 फीसदी वोट मिलेंगे।" तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। 2019 के आम चुनावों के दौरान, DMK के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, VCK, MDMK, CPI, CPI (M), IUML, MMK, KMDK, TVK, AIFB शामिल थे, ने 39 में से 38 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी।

ASI की टीम मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला परिसर में पहुंची, परिसर में कई जगह हुई खुदाई, जानिए क्या मिला

 मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 22 मार्च को शुरू हुए सर्वेक्षण को जारी रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम 29 मार्च की सुबह मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला परिसर में पहुंची। हिंदुओं के लिए, भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (माँ सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है। 2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू प्रत्येक मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं। इसमें सालों पहले एक माँ सररस्वति की प्रतिमा विराजित थी, जिसे ब्रिटिश अपने साथ ले गए थे और ये मूर्ति अब लंदन के म्युसियम में रखी हुई है।

टीम के साथ सर्वे के लिए भोजशाला में गए हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने जानकारी दी कि, सर्वे टीम ने प्रारंभिक जांच की है, जिन बिंदुओं पर उन्हें भविष्य में जांच करनी है, उनके बिंदु तय किए हैं, चिन्हों की वीडियो और फोटोग्राफी की गई है। पूरी ईमारत की लंबाई चौड़ी नाप करके कितने खंबे हैं, उन तमाम चिन्हों को उन्होंने चिन्हित किया है, जहां उन्हें लगा कि, यह चिन्ह क्या है, उसे पर पाउडर लगाकर उसकी डेटिंग की कागज पर उसे उतारा है, जहां लगा कि यह पॉइंट उन्हें कुछ संकेत दे रहा है, तो उसे मशीन लगाकर मार्क किया गया है।

आज शुक्रवार (जुम्मा) होने के कारण इलाके के मुसलमान दोपहर में परिसर में नमाज अदा करेंगे। यहां 22 मार्च को सर्वे शुरू हुआ था और उस दिन भी मुसलमानों ने परिसर में नमाज पढ़ी थी। उस दिन ASI की टीम ने सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक परिसर में सर्वे किया था। ASI टीम ने सर्वेक्षण के तहत भोजशाला परिसर के अंदर खुदाई भी शुरू की। पिछले हफ्ते की शुरुआत में, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता आशीष गोयल, जो मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक, ने कहा था कि, “वे कार्बन डेटिंग, जीपीएस तकनीक और जीपीआर तकनीक का उपयोग करके पूरे दिन कुशलतापूर्वक सर्वेक्षण कर रहे हैं। अदालत के निर्देशानुसार, उन्होंने पूरे 50 मीटर के दायरे में अंदर और बाहर सर्वेक्षण किया।''

भोजशाला परिसर पर हिंदू पक्ष के दावे पर जोर देते हुए गोयल ने कहा, “यह भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है। सर्वे इसलिए कराया जा रहा है ताकि जो लोग इसे नहीं समझते उन्हें इस सर्वे के बाद यकीन हो जाए।' ASI सर्वेक्षण से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताते हुए गोयल ने कहा, “ASI वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कर रहा है। हमें उम्मीद है कि हमें सकारात्मक परिणाम मिलेगा। ASI अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है।

इस बीच, मुस्लिम पक्ष के याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया से असहमत हैं। समद ने कहा कि “यह सर्वेक्षण आवश्यक नहीं था क्योंकि इसी तरह का अभ्यास पहले आयोजित किया गया था और रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है। हम इस नए सर्वे के खिलाफ हैं, क्योंकि पिछले सर्वे के बाद से यहां कई नई चीजें शुरू हुई हैं। स्मारक में कुछ बदलाव भी किये गये हैं। हम पहले ही इन बदलावों पर अपनी आशंका व्यक्त कर चुके हैं।''

उन्होंने कहा कि “परिसर में इस तरह के बदलाव और नई गतिविधियों को देखते हुए, हमने उच्च न्यायालय का रुख किया और आग्रह किया कि यदि वे स्मारक के अंदर (हिंदू समुदाय के लोगों को) इस तरह की आवाजाही की अनुमति देते हैं, तो उन्हें अंदर ले जाने वाली चीजों पर उचित दिशानिर्देश बनाने चाहिए।” अब्दुल समद ने कहा कि वे नए सर्वेक्षण के उच्च न्यायालय के निर्देश और एक अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तक रिपोर्ट सौंपने को चुनौती देते हुए पहले ही उच्चतम न्यायालय में जा चुके हैं।

बता दें कि भोजशाला के पास अकल कुई (एक कुएं का नाम) है, जहां वर्षों पूर्व की गई खुदाई में भगवान विष्णु की एक बड़ी पाषाण प्रतिमा मिली थी, जो 10 टन वजनी है। इसे फ़िलहाल मांडू के जहाज महल परिसर के तवेली महल स्थित संग्रहालय में रखा हुआ है। यह प्रतिमा भी भोजशाला के मंदिर होने की तरफ इशारा करती है, हालाँकि अंतिम फैसला कोर्ट को लेना है। हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में एएसआई द्वारा सर्वेक्षण की अनुमति दी और छह सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है।

सुनीता केजरीवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आप पर साधा निशाना, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से की तुलना

#union_minister_hardeep_puri_on_sunita_kejriwal_compares_to_rabri_devi 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों दिल्ली शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में हैं।केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सार्वजनिक मंचों से दूरी बनाए रखने वाली उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल एक्टिव होती दिख रही हैं।सुनीता केजरीवाल अपने वीडियो संदेशों के जरिए लोगों से जुड़ने की कोशिश करती दिख रही हैं। ऐसे में इस पर सियासत शुरू हो गई है। दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्‍नी पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निशाना साधा है। पुरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी चीफ की पत्नी सुनीता केजरीवाल जल्द ही शीर्ष पद संभालने की तैयारी कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने लालू यादव की पत्नी का उदाहरण देते हुए सुनीता केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि राबड़ी देवी ने भी बिहार में यही किया था।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में बीजेपी के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के दौरान संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि आप जिस मैडम का नाम ले रहे हैं, वह शायद बिहार में राबड़ी देवी की तरह पद संभालने की तैयारी कर रही हैं।पत्रकारों से बातचीत करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, केजरीवाल की पत्नी केवल राजस्व सेवा में उनकी सहकर्मी नहीं थीं। उन्होंने सभी को किनारे कर दिया है। अब मैडम शायद शीर्ष पद के लिए तैयारी कर रही हैं।

बता दें कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार अपने पति का संदेश लेकर जनता के सामने आ रही हैं।सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बार अपना वीडियो मैसेज जारी किया है। सुनीता केजरीवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज से आम आदमी पार्टी अपना नया अभियान शुरू कर रही है। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि आज से हम केजरीवाल को आशीर्वाद मुहीम शुरू कर रहे हैं। दिल्ली वाले सीधे अपनी बातें अपने मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं। सीएम की पत्नी ने एक नंबर जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग इस व्हाट्सप्प नंबर पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं यहां भेज सकते हैं।

लोकसभा चुनाव में बेहिसाब खर्च नहीं कर सकेंगे उम्मीदवार, चाय से लकर समोसे तक का मेन्यू तैयार, जानें कहां कितना कर सकेंगे खर्च

#election_panel_fix_rates_for_expenditure_lok_sabha_chunav 

देश का माहौल चुनावमय हो गया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पूरे देश में चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वहीं चुनावी प्रचार को देखते हुए चुनाव आयोग भी सख्ती बरत रहा है। वहीं, उम्मीदवारों के खर्च पर भी भारतीय निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी। इसलिए चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली हर छोटी से छोटी चीज के दाम तय किए गए हैं। 

लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न जिला निर्वाचन समितियां चुनाव खर्च पर निगरानी की प्रक्रिया के तहत खर्च के लिए दर तय कर रही हैं।उम्मीदवारों को तय सीमा के भीतर ही खर्च करना होगा। पंजाब के जालंधर में लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान और जनसभाओं के दौरान लोगों को जलपान कराने के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश के मंडला में प्रत्याशी एक कप चाय के लिए सात रुपये और एक समोसे के लिए 7.5 रुपये खर्च कर सकता है। जी हां, अगर उम्मीदवार अपने कार्यकर्ता के लिए चाय, पानी और खाने का प्रबंध करता है, तो उसका हिसाब चुनाव आयोग की तरफ से तय दाम के अनुसार देना होगा। यानी, उम्मीदवारों को निर्धारित सीमा के अंदर ही खर्च करना होगा।

पंजाब में खर्च की सीमा 

जिला पैनल के द्वारा तय की गई खर्च की तय सीमा के अनुसार पंजाब के जालंधर में उम्मीदवार एक कप चाय के लिए 15 रुपये तक खर्च कर सकते हैं और लोकसभा चुनाव में सार्वजनिक बैठकों और प्रचार अभियानों के दौरान लोगों को एक समोसा देने के लिए भी 15 रुपये ही खर्च कर सकते हैं। वहीं जालंधर में छोले भटूरे की कीमत 40 रुपये तय की गई है, जबकि मटन और चिकन की कीमत 250 और 500 रुपये किलोग्राम है। इसके अलावा लस्सी और निंबू पानी की कीमत 15 से 20 रुपये प्रति गिलास है।

एमपी में सबसे सस्ती चाय

मध्य प्रदेश के मंडला में एक कप चाय के लिए सात रुपये और समोसा के लिए 7.50 रुपये खर्च कर सकते हैं। मध्य प्रदेश के बालाघाट में अगर कोई उम्मीदवार अपने कार्यकर्ता को चाय पिलाता है, तो प्रति चाय पांच रुपये चुनाव खर्च में जुड़ेगा। वहीं, समोसे की कीमत 10 रुपये से अधिक है। इतना ही नहीं इसके रेट कार्ड में इडली, सांभर वड़ा और पोहा-जलेबी भी शामिल है। इसके लिए 20 रुपये की कीमत तय की गई है, जबकि डोसा और उपमा के लिए उम्मीदवार 30 रुपये प्रति प्लेट खर्च कर सकता है।

चेन्नई में भी दाम तय

चेन्नई की बात करें तो यहां चाय की कीमत 10 रुपये से 15 रुपये और कॉफी की कीमत 15 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई है, जबकि चिकन बिरयानी की दर 2019 की तुलना में 180 रुपये से घटाकर 150 रुपये प्रति पैकेट कर दी गई है। 

मणिपुर में खर्चे की दर

हिंसा प्रभावित मणिपुर के थौबल जिले में चाय, समोसा, कचौड़ी, खजूर की कीमत 10 रुपये रखी गई है। मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में उम्मीदवारों को काली चाय के लिए 5 रुपये और दूध वाली चाय के लिए 10 रुपये खर्च की सीमा तय की गई। इस लिस्ट में बत्तख और सूअर के मांस के साथ मांसाहारी खाना अधिक शामिल है, जिनकी कीमत क्रमशः 300 रुपये और 400 रुपये प्रति किलोग्राम है। चिकन (ब्रॉयलर) और रोहू, मृगल और सारेंग जैसी मछलियां भी सूची में हैं।

नोएडा में 100 रूपये की शाकाहीरा थाली

नोएडा के गौतम बुद्ध नगर के खर्च कार्ड पर नजर डाले तो शाकाहारी थाली 100 रुपये, एक समोसा या एक कप चाय 10 रुपये, कचौड़ी 15 रुपये, सैंडविच 25 रुपये और एक किलो जलेबी 90 रुपये किलो तय की गई है। 

खर्च की सीमा प्रति उम्मीदवार 75 लाख से 95 लाख रुपये तक

ज्यादातर राज्यों में लोकसभा उम्मीदवार के लिए खर्च की सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित है। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम में यह सीमा थोड़ी कम यानी 75 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार है। इसी तरह, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, खर्च की सीमा जगह के हिसाब से प्रति उम्मीदवार 75 लाख रुपये से 95 लाख रुपये तक है।

क्या लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा मुख्तार की मौत का असर? पूर्वांचल के चार-पांच जिलों में बोलती थी माफिया का तूती

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पूर्वांचल का दिल कहे जाने वाले मऊ जिले में सदर के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर शाम बांदा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह बांदा जेल में बंद था और काफी बीमार था।मुख्तार अंसारी मऊ से रिकॉर्ड पांच बार विधायक रहा। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल को माफिया मुख्तार का गढ़ मना जाता रहा है। उत्‍तर प्रदेश के पूर्वांचल के लगभग दो दर्जन लोकसभा और 120 व‍िधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का सीधा या आंशिक प्रभाव माना जाता रहा है। कभी पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बल‍िया, जौनपुर और मऊ में मुख्‍तार अंसारी की तूती बोलती थी। इन जिलों में मुख्‍तार अंसारी और इसके कुनबे का दबदबा माना जाता रहा। यही वजह थी कि कभी मुलायम तो कभी मायावती ने मुख्तार को अपनाया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुख्तार की मौत का लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा?

मुख्तार अंसारी का असर पूर्वांचल के चार-पांच जिलों पर बहुत मजबूती से है। मुख्तार अंसारी भले ही मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं, लेकिन सियासी तूती पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, बलिया, बनारस और आजमगढ़ की करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर बोलती है। पूर्वांचल के इस इलाके की राजनीति में पिछले पच्चीस सालों से मुख्तार अंसारी अहम भूमिका अदा करते आ रहे हैं।

मऊ वह जगह है, जहां से मुख्तार लगातार पांच बार विधायक रहा। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार बसपा से मऊ सदर से विधायक बना और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार ने मऊ को अपना गढ़ बनाया और यहां से लगातार पांच बार 2022 तक विधायक रहा। मुख्तार अंसारी ने 2002 में बसपा से टिकट न मिलने पर निर्दल मऊ सदर से चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की उसके बाद उसने अपनी खुद की पार्टी का गठन किया और कौमी एकता दल के नाम से चुनाव मैदान में उतरा और लगातार 2 बार जीत हासिल की।फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी ने एक बार फिर बसपा का दामन थामा और अपने पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर लिया। इस चुनाव में भी उसे आसानी से जीत मिली। 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने किन्हीं कारणों से चुनाव लड़ने से मना कर दिया और इस सीट पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा और मुख्तार की विरासत मऊ सदर पर अब्बास ने जीत हासिल कर ली।

मुख्तार अंसारी का अपराध जगत में ही नहीं सियासी गलियारों में भी सिक्का चलता था। साल 2014 के आम चुनावों में मोदी लहर का बोलबाला था। मगर इसके बावजूद यूपी की कुछ सीटों पर मुख्तार अंसारी का दबदबा कायम रहा। मोदी लहर भी मुख्तार के खौफ को कम ना कर सकी। ऐसे में मुख्तार की मौत पर सियासी दलों ने सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है। बसपा, आरजेडी, कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम तक ने पांच बार के विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मायावती से लेकर अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी तक न्यायिक जांच की मांग उठा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो मुख्तार अंसारी की मौत के सहारे विपक्षी दलों की कोशिश मुस्लिम वोटों के विश्वास को जीतना है, क्योंकि मुख्तार मुस्लिम समुदाय से आते हैं। पूर्वांचल के कई जिलो में मुस्लिम वोटर काफी बड़ी संख्या में है। अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक मुस्लिम वोटों को सियासी संदेश देने के लिए ही मुख्तार की मौत पर सवाल खड़े कर रहे हैं और सरकार को घेर रहे. इसके बहाने यह बताने की कोशिश हो रही है कि मुख्तार अंसारी की मौत स्वाभाविक नहीं है बल्कि एक साजिश के तहत उन्हें मारा गया। ऐसा ही मुस्लिम समुदाय के लोग मान भी रहे हैं, जिसे समझते हुए विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं।

वहीं, मुख्तार अंसारी के मामले में विपक्ष के लिए रिवर्स पॉलराइजेशन का भी खतरा है।इसीलिए सपा, बसपा और आरजेडी तक मुख्तार अंसारी के परिवार के आरोपों को ही अपनी ढाल बना रहे हैं। मुख्तार की मौत से सहानुभूति का फायदा गाजीपुर और मऊ सीट पर मिल सकता है, लेकिन बाकी जगह पर चुनाव लाभ की बहुत ज्यादा संभावना नहीं है। मुख्तार अंसारी दो दशक से जेल में बंद है और योगी सरकार के आने के बाद कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। इसीलिए मुख्तार अंसारी का सियासी ग्राफ बहुत ज्यादा बढ़ नहीं पाया और न ही उनके परिवार का।

ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में क्या बीजेपी मुख्तार की हुकूमत वाली यूपी की इन सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब होगी या मुख्तार की मौत के बाद भी गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ की सीट बीजेपी की पहुंच से दूर ही रहेंगी।

कम नहीं हो रही कांग्रेस की मुश्किलें, इनकम टैक्स से मिला 1700 करोड़ का नोटिस

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लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी पार्टियां चुनावी रणनीति पर फोकस कर रही हैं। हालांकि, कांग्रेस दूसरी मुश्किलों में अटकी पड़ी है। एक बाद एक मामले कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ा रहे हैं। अब आयकर विभाग ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा है। आईटी विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1700 करोड़ का रिकवरी नोटिस भेजा है। आईटी विभाग द्वारा भेजी गई नोटिस में टैक्स के साथ ही जुर्माना और और ब्याज भी जोड़ा गया है। इससे पहले गुरूवार को कांग्रेस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 2017-2021 के लिए आयकर विभाग के जुर्माने की दोबारा जांच की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पार्टी को नोटिस भेजा गया है।

आयकर विभाग के नोटिस ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस की परेशानी और बढ़ा दी है। नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। 1700 करोड़ का नया नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें अजय माकन ने बताया विभाग ने पुराने रिटर्न केस को फिर से खोलकर कांग्रेस के खिलाफ पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया है। भाजपा भी टैक्स लॉ का गंभीर उल्लंघन कर रही है। विभाग को उससे 4,600 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग करनी चाहिए।

गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के खिलाफ चार साल के लिए पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही के आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस पार्टी की याचिका खारिज कर दी थी। हाल ही में कोर्ट ने 2014 से 2017 वर्ष बीच के करों के पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग-अलग आकलन वर्षों से संबंधित चार याचिकाएं खारिज कर दीं। ये याचिकाएं मूल्यांकन वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 से संबंधित थीं। इससे पहले 22 मार्च को, अदालत ने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के आकलन वर्षों के लिए आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पुन: मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से करीब 105 करोड़ रुपये का बकाया कर वसूलने के आयकर नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के फैसले को बरकरार रखा है।हालांकि, अदालत ने कांग्रेस पार्टी को अपनी शिकायतों के साथ नए सिरे से आईटीएटी में जाने की स्वतंत्रता दी है। 

देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हाल ही में आयकर वसूली के खिलाफ आईटीएटी का दरवाजा खटखटाया था और उनके बैंक खातों की वसूली और फ्रीज करने की आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की थी। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि आयकर विभाग ने सुनवाई के नतीजे का इंतजार किए बिना बैंकों के पास पड़ी शेष राशि को फ्रीज कर दिया। पार्टी ने अपील की थी कि जब तक स्थगन आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक विभाग अपनी कार्रवाई रोक दे।

बता दें कि आयकर विभाग पहले ही कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में स्थित बैंक खातों से 135 करोड़ रुपए वसूल चुका है। 2018-19 के लिए कांग्रेस जरूर शर्त नहीं पूरी कर पाई थी। कोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि 520 करोड़ रुपए असेसमेंट में शामिल नहीं थे। दरअसल, कांग्रेस ने वर्ष की आयकर भरने की अंतिम तारीख के एक महीने बाद अपने कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत इसे आयकर भरने से छूट मिलती। कांग्रेस ने इस वर्ष के आयकर दस्तावेजों में दिखाया था कि इसे चंदे में 14 लाख रूपए नकद में मिले। यह नियमों के विरुद्ध है। नियम है कि कोई भी पार्टी 2000 से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकती। कांग्रेस ने इस नियम का उल्लंघन किया जिसके कारण इसे टैक्स में छूट नहीं मिली।