ओडिशा के बाद पंजाब में भी गठबंधन करने में बीजेपी फेल, अकाली दल से नहीं बनी बात
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ओडिशा के बाद पंजाब में भी भारतीय जनता पार्टी को निराशा हाथ लगी है। दरअसल यहां बीजेपी शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही थी। हालांकि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं पाई। जिसके बाद पंजाब में भी बीजेपी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ऐलान किया पंजाब की 13 सीटों पर पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
सुनील जाखड़ ने मंगलवार को कहा, ‘लोगों और कार्यकर्ताओं की राय के बाद बीजेपी ने प्रदेश में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सरहदी पंजाब की अमन-शांति ही भारत की मजबूत तरक्की का रास्ता है और राज्य के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
इससे पहले खबर आई थी कि नए फॉर्मूले के तहत बीजेपी के पांच और शिरोमणि अकाली दल के आठ लोकसभा सीटों पर लड़ने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। हालांकि शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का एक धड़ा इस बात की भी पैरवी कर रहा था कि पहले गठबंधन हो जाए और उसके बाद चुनाव के बाद सरकार बनने की स्थिति में पंजाब से जुड़ी मांगों को सरकार में रहते हुए ठोस तरीके से उठाया जाए।
दरअसल शिरोमणि अकाली दल की ओर से बीजेपी के सामने कई शर्तें रखी गई थीं। शर्तों में एनएसए कानून को खत्म करना, बंदी सिखों की रिहाई, अटारी बॉर्डर को व्यापार के लिए खोलना, किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए किसानों को एमएसपी की खरीद की गारंटी देना, हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाकर एसजीपीसी के अधिकारों को तोड़ने का प्रयास रोकना शामिल थीं। शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार और बीजेपी से इनपर कोई ठोस जवाब चाहता था।
भाजपा को अकाली दल की इन शर्तों पर सख्त आपत्ति थी। कारण यह था कि कई मुद्दे राष्ट्रवाद से जुड़े हुए हैं। भाजपा के पंजाब के सहप्रभारी डॉ. नरिंदर रैना भी पहले ही कह चुके थे कि भाजपा का मुद्दा राष्ट्रवाद है और इस पर पार्टी कभी समझौता नहीं कर सकती। एक देश एक राष्ट्र की बुलंद आवाज लेकर भाजपा पंजाब में 13 सीटों के लिए तैयार है, लेकिन अपने मुद्दे व नीतियों से समझौता नहीं करेगी।
Mar 26 2024, 13:24