जो हमें आतंकी हमलों के जख्म देते थे, उनकी हालत आज दुनिया देख रही, राइजिंग भारत समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने देश से साझा की कई जानकारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जो हमें आतंकी हमलों के जख्म देते थे, उनकी हालत आज दुनिया देख रही है। नई दिल्ली में एक मीडिया चैनल के कार्यक्रम राइजिंग भारत समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंक के सरगना हों या विकास और शांति का चाहत रखने वाले देश हों, सबने राइजिंग भारत अनुभव किया है। ये नया भारत आतंक के जख्म को नहीं सहता है, बल्कि आतंक के जख्म देने वाले को पूरी ताकत से सबक भी सिखाता है। जो हमें आंतकी हमलों के जख्म देते थे, उनकी क्या हालत है देशवासी भी देख रहे हैं और दुनिया भी देख रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव का मौसम है, चुनाव की सरगर्मी बिल्कुल सर पर है। तारीखों का ऐलान भी हो चुका है। आपकी समिट में भी कई लोगों ने अपने विचार रखे हैं। डिबेट का माहौल बना हुआ है और मैं मानता हूं कि लोकतंत्र की यही खूबसूरती है। देश में भी चुनाव प्रचार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। सरकार अपने 10 साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड रख रही है। हम अगले 25 साल का रोडमैप बना रहे हैं और अपने तीसरे टर्म के पहले 100 दिन का प्लान भी बना रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी तरफ हमारे जो विरोधी हैं। वह भी नए कीर्तिमान बना रहे हैं। आज ही उन्होंने मोदी को 104वीं गाली दी है। औरंगजेब कह कर नवाजा गया है। मोदी की खोपड़ी उड़ाने का ऐलान किया गया है। इन सब पॉजिटिव, निगेटिव बातों के बीच दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्शन जारी है। 2600 से ज्यादा पॉलिटिकल पार्टियां, करीब 97 करोड़ मतदाता, करीब दो करोड़ फर्स्ट टाइम वोटर लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया 21वीं सदी को भारत की सदी कहती है। बड़ी-बड़ी रेटिंग एजेंसी, बडे़-बड़े अर्थशास्त्री, बड़े-बड़े जानकार राइजिंग भारत को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। इन लोगों के मन में कोई इफ नहीं है, कोई बट नहीं है, नो इफ नो बट। आखिर ऐसा क्यों है? कोई सवालिया निशान नहीं, ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए है, क्यूंकि पूरी दुनिया आज यह देख रही है, पिछले दस साल में भारत ने कितने बड़े परिवर्तन किए हैं। आजादी के बाद से जो सिस्टम बना, जो वर्क कल्चर बना, उस सिस्टम में ट्रांसफार्मेशन लाना, इतना आसान नहीं था। लेकिन यह हुआ है और यह हम भारतीयों ने ही करके दिखाया है। आज भारत का कांफिडेस लेबल हर भारतीय की बातों में झलकता है। हम विकसित भारत की बात कर रहे हैं। आज हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं। लोग चाहे विपक्ष में हों, देश के भीतर हों, या देश के बाहर हों। सब भारत की उपलब्धियां देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ दस साल में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना, क्या यह ऐसे ही हो गया होगा क्या? सिर्फ 10 साल में भारत का 11वें नंबर से 5 पांचवे नंबर की इकॉनोमी बन जाना, क्या ऐसे ही हुआ होगा क्या? सिर्फ दस साल में भारत का फॉरेक्स रिजर्व बढ़कर के 700 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाना, क्या ऐसे ही हो गया होगा क्या? सिर्फ 10 साल में भारत का एक्सपोर्ट 700 बिलियन डॉलर पार कर जाना क्या ऐसे ही हुआ होगा क्या? और यह तो अभी कुछ भी नहीं है, अभी तो और भी आगे जाना है।
Mar 21 2024, 14:09