डॉ विकास ने नेत्र,लीवर,हार्ट और किडनी दान देकर दिया बड़ा संदेश
पूर्णिया के जाने-माने चिकित्सक डॉ विकास कुमार ने अपने शरीर के मुख्य अंगों को दधीचि देह दान समिति को दान में दे दिया है। बताते चले कि दधीचि देह दान समिति एक ऐसी संस्था है जो लोगों में जागरूकता फैलाती है कि मरणोपरांत आपका शरीर मिट्टी में मिल जाएगा और वह किसी के काम नहीं आएगा। परंतु अगर आप मरणोपरांत अपने मुख्य अंगों को दान कर देते हैं तो आपके जीवन को त्याग देने के बाद भी आपके शरीर के बहुत सारे अंग जीवित लोगों का सहारा बन सकते हैं ।
कष्टों में अंगों के कारण मजबूर लोग देख सकते हैं ,सुन सकते हैं और अपना जीवन जी सकते हैं। दधीचि देहदान समिति के वरिष्ठ मेंबर एवं वरिष्ठ डॉक्टर एके गुप्ता ने बताया कि डॉ विकास कुमार ने हम सभी सहित अन्य लोगों के लिए एक मिशाल पेश की है। यह कार्य सभी लोगों को करना चाहिए जिससे आप तो अपना जीवन त्याग देते हैं लेकिन आपके शरीर से दूसरे लोग अपने जीवन को सुखमय ढंग से जी सकेंगे।
उन्होंने कहा कि समाज के बीच में यह मैसेज लगातार जाने से लोगों में जागरुकता आएगी और हम मरने के बाद भी समाज का कल्याण करते हुए ईश्वरता को प्राप्त होंगे। जीवन अनमोल है इसे जी भर कर जीना चाहिए परंतु अगर हम मरने के बाद भी इस अनमोल जीवन जीने वालों की तमन्नाओं को पूरा कर देते हैं तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। उन्होंने कहा की मरणोपरांत 6 घंटे के अंदर मेडिकल टीम को अगर सूचना मिल जाती है तो वह जाकर आवश्यक अंगों को ले लेते हैं और उसे सुरक्षित रखते हैं वैसे लोगों के लिए जिनको इन अंगों की आवश्यकता है।
इस मामले में डॉक्टर विकास कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा की मरने के बाद शरीर तो मिट्टी में ही मिल जाता है और फिर हमारा शरीर राख हो जाता है । कुछ हासिल नहीं हो पाता। परंतु अगर हमारे देहावसान के बाद भी हमारा कोई अंग किसी के जीवन जीने के लिए काम आ जाता है तो इससे बड़ी बात क्या होगी। मैंने अपने अंगों को दधीचि देहदान समिति को दान कर दिया है और मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। लोगों को भी इन चीजों को समझना चाहिए और आगे आना चाहिए कि हम जीवन जीते हुए जब इतने प्रकार से लोगों को मदद कर सकते हैं तो मरने के बाद क्यों नहीं। जीते जी भी लोग ब्लड दान करते हैं,
अपना किडनी अपने परिवारजनों को देकर उनके जीवन को सजाते संवारते हैं तो मरणोपरांत ही यह शुभ कार्य हो तो इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती।
डॉक्टर विकास कुमार पूर्णिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। इनके अच्छे कार्यों की चर्चा हमेशा कभी ना कभी किसी रूप में होते रहती है। कोरोना कल का समय हो अथवा अन्य कोई संकट का समय किसी के लिए भी खड़े रहने वाले डॉक्टर विकास कुमार ने अपना अंगदान कर समाज के बीच एक बड़ा मिसाल पेश किया है।
Mar 18 2024, 10:22