साहित्यिक संस्था ने आयोजित की काव्य गोष्ठी
गोंडा- साहित्यिक संस्था बज्मे शामे ग़ज़ल की काव्य गोष्ठी नगर के मोहल्ला कसगरान में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अब्दुल गफ्फार ठेकेदार व संचालन याकूब सिद्दीक़ी अज्म ने किया। गोष्ठी का शुभारंभ निजामुद्दीन शम्स की हम्द से हुआ। संस्था के महामंत्री मुजीब सिद्दीक़ी ने यात्रा वृत्तांत प्रस्तुत करते हुए मशहद के हज़रत इमाम रज़ा के रौजे के रूहानी माहौल का खास जिक्र किया। संरक्षक गणेश तिवारी नेश ने हजरत मूसा (अ०) पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ० असलम हाशमी ने कहा-
हर शख्स अपने-अपने गमों में है मुब्तिला - इस दौर में किसी को किसी की खबर भी है।
नियाज़ अहमद क़मर ने खुद पर कहा
-दुनिया से मैं ने चोट जो खाई है ऐ क़मर- इस तरह मुझ में जीने का आया हुनर भी है।
मुबीन मंसूरी ने यह त्रासदी बयान की -
भाई थे पहले, हाय ये क्या दौर आ गया- मेरे खिलाफ अब मेरा अपना पिसर भी है।
अजय श्रीवास्तव ने यह सवाल किया -
है तेरे पास ज्ञान भी और मालोजर भी है-
लेता किसी गरीब की क्या तू खबर भी है।
युवा अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा-
साये में जिसके हो गया बच्चे से मैं जवान -
आँगन में अब भी मेरे वह बूढ़ा शजर भी है।
इमरान मसऊदी ने महबूब से कहा-
जिस दिन से आपने मुझे अपना बना लिया-
उस दिन से मुझको राहते कल्बो जिगर भी है।
साथ ही ताज मोहम्मद कुरबान, असलम वारसी बकाई, कौसर सलमानी, रशीद माचिस, याकूब अज्म, उत्तम कुमार शोला, अलहाज गोंडवी, यासीन राजू व अरबाज ईमानी ने कलाम पेश किए।
विगत दिनों दिवंगत रेडियो के जादूगर अमीन सयानी, प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक पंकज उधास, पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी, सब से बुजुर्ग सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, शायर महज़र दरियाबादी के साथ स्थानीय युसूफ अज़ीजी और वरिष्ठ पत्रकार राम आशीष गोस्वामी के पुत्र आलोक को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संस्था की ओर से शोक व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर हरीश शुक्ला, कय्यूम सिद्दीक़ी, निज़ामुद्दीन, आशिक़ रसूल, सरवर अली, नसीम अब्बासी, मास्टर इकबाल, मेराजुद्दीन, सलमान व अशरफ सिद्दीकी मौजूद रहे। अब्दुल गफ्फार ठेकेदार के अध्यक्षीय संबोधन पर गोष्ठी संपन्न हुई।
Mar 16 2024, 18:44