क्या 2029 से साथ होंगे सभी चुनाव? पहले लोकसभा-विधानसभा, फिर निगम-पंचायत... कैसे काम करेगा सिस्टम, कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट, आ
एक देश-एक चुनाव एक ऐसी प्रणाली है जिसमें देश में सभी चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। यह प्रणाली चुनावों की लागत और व्यय को कम करने, राजनीतिक स्थिरता स्थापित करने और शासन में सुधार लाने के लिए प्रस्तावित की गई है। 'एक देश, एक चुनाव' पर रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।
रामनाथ कोविंद कमेटी ने इस रिपोर्ट में कई बड़ी और अहम सिफारिशें की हैं। कमेटी ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन की सिफारिश की है। कमेटी ने सिफारिश की है कि सरकार कानून सम्मत ऐसा तंत्र तैयार करे, जिससे एक साथ चुनाव संभव हो। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली पैनल ने 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट दो सितंबर 2023 को समिति गठन के बाद से तैयार की जा रही थी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश को आजादी मिलने के दो दशक तक एक साथ चुनाव होते थे, लेकिन बाद में चुनाव हर साल होने लगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ। इसलिए हम यह सुझाव देते हैं कि देश में एक साथ चुनाव की व्यवस्था कायम हो। कमेटी ने सुझाव दिया कि पहले चरण में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं. इसके 100 दिन बाद नगर पालिका और पंचायत के चुनाव कराए जा सकते हैं। लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से समिति ने सिफारिश की है कि राष्ट्रपति, आम चुनाव के बाद लोक सभा की पहली बैठक की तारीख को जारी अधिसूचना द्वारा, इस अनुच्छेद के प्रावधान को लागू कर सकते हैं और अधिसूचना की उस तारीख को नियुक्त तिथि कहा जाएगा।
सभी राज्य विधान सभाओं का कार्यकाल, नियत तिथि के बाद और लोक सभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले राज्य विधान सभाओं के चुनावों द्वारा गठित, केवल लोक सभा के बाद के आम चुनावों तक समाप्त होने वाली अवधि के लिए होगा। इसके बाद, लोक सभा और सभी राज्य विधान सभाओं के सभी आम चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक देश-एक चुनाव पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। जिनमें से 32 ने पक्ष में और 15 विपक्ष में मत रखा है। कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है। कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।
यह प्रणाली कैसे काम करेगी
पहले चरण में: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे।
दूसरे चरण में: निगम और पंचायत चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे।
लाभ
चुनावों की लागत और व्यय में कमी: एक साथ चुनाव आयोजित करने से चुनाव आयोग को पैसे और समय की बचत होगी।
राजनीतिक स्थिरता: एक साथ चुनाव आयोजित करने से राजनीतिक दलों को लगातार चुनावों में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे राजनीतिक स्थिरता स्थापित होगी।
शासन में सुधार: एक साथ चुनाव आयोजित करने से सरकार को नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
इस प्रणाली के नुकसान
चुनावी तारीखों का टकराव: यदि लोकसभा या विधानसभा का कार्यकाल पूरा नहीं होता है, तो चुनाव आयोग को चुनावी तारीखों का टकराव टालने के लिए उपाय करने होंगे।
चुनावी थकान
एक साथ चुनाव आयोजित करने से मतदाताओं में चुनावी थकान हो सकती है।
क्षेत्रीय मुद्दों का दब जाना
राष्ट्रीय मुद्दों के कारण क्षेत्रीय मुद्दे दब सकते हैं।
Mar 15 2024, 10:05