ममता बनर्जी के परिवार में कलह, सियासी 'आग' में भाई-बहन के रिश्तों में बढ़ी तपन
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पूरे देश में मौसम का मिजाज बदल रहा है। सर्दियों की विदाई शुरू हो गई है और तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव की आमद को लेकर सियासी पारा बी चढ़ने लगा है। राजनीतिक दलों रस्साकशी शुरू हो गई है। पार्टियां टूट रही हैं और रिश्तों में दरार आ रही है। इस सियासी “आग” की चपेट में ममता बनर्जी का परिवार भी आ गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने छोटे भाई बाबुन बनर्जी से सभी रिश्ते तोड़ने का सार्वजनिक ऐलान कर दिया है।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने लोकसभा चुनाव के लिए 42 कैंडिडेट घोषित किए। इस घोषणा के बाद सीएम ममता बनर्जी के परिवार में कलह शुरू हो गया। उनके छोटे भाई स्वपन बनर्जी उर्फ बाबुन बनर्जी ने हावड़ा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। बाबुन हावड़ा से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रसून बनर्जी को टिकट देने से खुश नहीं थे। एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा था, मुझे प्रसून बनर्जी से एलर्जी है। प्रसून हावड़ा के लिए सही विकल्प नहीं हैं। कई सक्षम उम्मीदवार थे, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। पार्टी ने ठीक नहीं किया। मैं उनके ख़िलाफ़ निर्दलीय चुनाव लड़ सकता हूँ।
भाई के इस बयान से नाराज ममता ने बाबुन बनर्जी को लालची बताते हुए रिश्ता तोड़ने का ऐलान कर दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि कभी-कभी उम्र बढ़ने पर लोग लालची हो जाते हैं और चुनाव में प्रॉब्लम करते हैं। मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं हैं। ममता बनर्जी ने अपने भाई को लेकर कहा, आज से मैं ख़ुद को उनसे पूरी तरह अलग करती हूँ। अब से कृपया मेरा नाम उनके साथ न जोड़ें। भूल जाइए कि मेरा उनके साथ कोई रिश्ता था। मैं ही नहीं आज से मेरे परिवार के हर सदस्य ने उनके साथ अपना रिश्ता ख़त्म कर लिया है।
दीदी ममता बनर्जी द्वारा रिश्ता तोड़ने की बात के बाद ही भाई बाबुन के तेवर ढीले पड़ गए। बाबुन ने अपने बयान से यू टर्न लेते हुए कहा, ममता बनर्जी ने एक अभिभावक के रूप में जो कहा वह सही है। मैं दीदी की बात को आशीर्वाद के रूप में लेता हूं। मैं अकेला नहीं खड़ा होऊंगा, मैं दीदी के लिए सब कुछ करूंगा। इस तरह बाबुन हावड़ा में निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले से भी पीछे हट गए
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि दोनों भाई-बहन सार्वजनिक रूप से खुलकर एक दूसरे से लड़े हों। ममता बनर्जी पहले भी अपने भाई को सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान फटकार लगा चुकी हैं।
भाई बहन के बीच कलह की एक वजह भतीजे अभिषेक बनर्जी को बी माना जा रहा है। दरअसल, पिछले एक दशक में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पार्टी में नंबर टू का दर्जा हासिल कर लिया है। पार्टी के फैसलों में उनकी छाप दिखने लगी है। उन्हें मीडिया में दीदी का उत्तराधिकारी माना जाने लगा है। शायद यही कारण है कि अभिषेक बनर्जी के बढ़ते कद के कारण भी अब बनर्जी परिवार में कलह बढ़ता जा रहा है।
Mar 14 2024, 15:59