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उत्तराखंड में 16 किमी लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर 12 किमी हिस्से पर जमी तीन से पांच फीट बर्फ हटाया जा रहा, बढ़ा बर्फ खिसकने का खतरा

 16 किमी लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर 12 किमी हिस्से पर जमी तीन से पांच फीट बर्फ की सफाई का काम शुरू हो गया है, लेकिन मौसम की बेरुखी काम में आड़े आ रही है। 50 मजदूर बर्फ की सफाई में जुटे हैं। पैदल मार्ग पर हिमखंडों के सक्रिय होने से बर्फ के खिसकने का खतरा बना है।

एक से तीन मार्च के बीच हुई बर्फबारी से केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर धाम तक बर्फ जमी है। पैदल मार्ग पर इस बार जंगल चट्टी से ही तीन फीट से अधिक बर्फ जमी है। भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, छानी कैंप तक पांच से सात फीट तक बर्फ जमी है। रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक पांच किमी क्षेत्र में भी पांच से आठ फीट तक बर्फ जमी है।

शीतकाल में केदारनाथ की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस और आईटीबीपी के जवान पानी से जुड़ी जरूरतों को बर्फ पिघलाकर पूरा कर रहे हैं। धाम में पेयजल लाइन भी जम गई है। इधर, लोनिवि गुप्तकाशी डिवीजन ने 50 मजदूरों के साथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से बर्फ सफाई का काम शुरू कर दिया है। दो-तीन टोलियों में मजदूर बर्फ को साफ कर रहे हैं।

अत्यधिक बर्फ होने के कारण उन्हें काफी मुश्किल हो रही है। विभागीय अफसरों का कहना है कि जिस तरह से हालात हैं, उसमें काम करने में काफी दिक्कत हो रही है। मौसम ठीक रहा और चटक धूप खिली रही, तो भी बर्फ पिघलने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।

पैदल मार्ग पर टीएफटी चट्टी, कुवेर गदेरा, भैरव गदेरा, हथनी गदेरा सहित छह हिमखंड जोन भारी बर्फ के कारण सक्रिय हैं। यहां 25 से 40 फीट लंबाई और 40 से 60 फीट तक ऊंचाई वाले क्षेत्र में हिमखंड हैं। ऊंचाई से बर्फ खिसककर तेजी से नीचे की तरफ आ रही है, जिससे बर्फ को काटकर रास्ता बनाना आसान नहीं है।

पैदल मार्ग में जंगल चट्टी से रामबाड़ा तक तीन से पांच फीट तक बर्फ जमी है। साथ ही रामबाड़ा से आगे सभी हिमखंड जोन भी सक्रिय हैं, जिससे बर्फ साफ करने का काम आसान नहीं है। बावजूद 50 मजदूरों द्वारा बीते दो दिनों से रामबाड़ा से बर्फ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। आने वाले दिनों में मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य मोहम्मद कासिम गुज्जर आतंकवादी घोषित, फिलहाल पीओके में बना रखा है ठिकाना

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भारत सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य मोहम्मद कासिम गुज्जर को आतंकी घोषित किया है। कासिम वर्तमान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहा है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया है।मोहम्मद कासिम विभिन्न आतंकी हमलों और बम विस्फोटों में भी शामिल रहा है और वह इन आतंकी घटनाओं में कई लोगों की मौत और हमलों के लिए जिम्मेदार है।

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की कि जम्मू के रियासी जिले के अंगराला का 32 वर्षीय स्थायी निवासी मोहम्मद कासिम देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचता रहा है और आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा है।गृह मंत्रालय ने कहा कि आतंकियों की इस सूची में 56 लोगों के नाम पहले से शामिल हैं। मोहम्मद कासिम इस सूची में 57वां आतंकी है।

गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आदेश जारी करते हुए बताया, "मोहम्मद कासिम गुज्जर उर्फ़ 'सलमान' उर्फ़ 'सुलेमान' को आतंकी इसलिए घोषित किया गया है क्योंकि वह लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। ड्रोन से हथियार पहुंचाने, गोला-बारूद की सप्लाई, आईईडी ब्लास्ट समेत कई आतंकी घटनाओं में उसका नाम आया है। उसका स्थायी पता अंगराला, तहसील माहौर, जिला रियासी, जम्मू है। वर्तमान में वो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रह रहा है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि मोहम्मद कासिम कई नए टेरर मॉड्यूल में शामिल रहा है। साथ ही उसने सोशल मीडिया और ऑनलाइन इंक्रिप्टेड कम्युनिकेशन एप्लिकेशन के जरिए भी लोगों में दहशत फैलाने का काम किया।मोहम्मद कासिम के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप के तहत गृह मंत्रालय का कहना है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) के खंड (ए) के तहत यह कार्रवाई की है और उसे आतंकी नामित किया गया है।

शतरंज के महान खिलाड़ी गैरी कास्परोव अपने ही देश में “आतंकवादी” घोषित, रूस का एक लिजेंड के साथ ये कैसा व्यवहार?

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गैरी कास्परोव दुनिया के महानतम शतरंज खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं। हालांकि, अब 'अपने' ही देश रूस में आतंकी बना दिए गए हैं। शतरंज ग्रैंडमास्टर और राजनीतिक कार्यकर्ता गैरी कास्परोव को रूस की वित्तीय निगरानी संस्था ने 'आतंकवादियों और चरमपंथियों' की सूची में डाल दिया है। 60 वर्षीय पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन लंबे समय से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं और यूक्रेन में रूस के सैन्य हमले की लगातार निंदा करते रहे हैं।

आंतकियों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद गैरी कास्परोव ने बयान जारी किया है। पुतिन की शासन का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने लिखा, "यह सम्मान मेरे लिए नहीं बल्कि पुतिन के फासीवादी शासन के लिए अधिक फिट बैठता है।" उन्‍होंने आगे कहा कि पुतिन और उनके सभी साथियों को आतंक के राज्य प्रायोजकों की सूची में शामिल करने के लिए आज एक अच्छा दिन होगा," उन्होंने उन देशों की अमेरिकी सूची का जिक्र करते हुए कहा, जो "अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों के लिए बार-बार समर्थन प्रदान करते हैं।

आतंकी की लिस्ट में शामिल लोगों की बैंक से लेनदेन पर प्रतिबंध लग जाता है। गैरी को जब भी कोई लेन-देन करनी होगी तो उन्‍हें सबसे पहले सरकारी एजेंसियों से इजाजत लेनी पड़ेगी।

2005 में अपने पेशेवर शतरंज करियर को समाप्त करने के बाद, कास्परोव रूसी विपक्ष में सक्रिय हो गए। लेकिन पुतिन के उत्पीड़न से बचने के लिए गैरी ने 2013 में देश छोड़ दिया था। गैरी कास्‍परोव रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक रहे हैं। वह अक्‍सर पुतिन की नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करते रहते हैं और उन्‍हें आइना दिखाने का काम करते हैं। रूस-यूक्रेन वार भी वह हमेशा पुतिन के खिलाफ ही खड़े नजर आए। इन्‍हीं कारणों के चलते कास्‍परोव का नाम आतंकी सूची में शामिल किया गया है। कास्‍परोव को आतंकियों की सूची में शामिल करने पर मानवाधिकार समूहों कड़ी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। उनका कहना है कि ये रूसी सरकार का आलोचकों का मुंह बंद कराने का हथकंडा है।

कास्परोव को व्यापक रूप से दुनिया के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। गैरी कास्‍परोव का शतरंज करियर काफी लंबा रहा। वह महज 12 साल की उम्र में ही सोवियत संघ के अंडर-18 चेस चैंपियन बन गए थे। 2005 में उन्‍होंने शतरंज से संन्‍यास ले लिया।गैरो कास्‍परोव ने 1985 में सोवियत रूस के अनातोली कारपोव को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने गौरव प्राप्‍त किया था। उस समय वह महज 22 साल के थे। 20 साल से ज्यादा लंबे करियर में वह अधिकतर समय वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी रहे। वह 255 महीनों तक टॉप पर रहे, जो एक विश्‍व रिकॉर्ड है।

लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं से राहुल गांधी का वादा, किया पांच गारंटी का एलान

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लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। कांग्रेस ने अब तक लोकसभा के लिए अपने प्रत्याशियों की कोई लिस्ट जारी नहीं की है। हालंकि कहा जा रहा है कि पार्टी ने आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जरूर तैयार कर लिया है। इससे पहले अपनी भारत जोड़ों न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने युवाओं को अपने पाले में करने के उद्देश्य को लेकर बड़ा ऐलान किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज राजस्थान में प्रवेश कर गई। राहुल गांधी ने राजस्थान के बांसवाडा में रैली को संबोधित किया। रैली में राहुल गांधी के युवाओं के लिए 5 बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है।

तीस लाख सरकारी नौकरीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सबसे पहला कदम, हिंदुस्तान में 30 लाख सरकारी वैकेंसी है। पीएम मोदी इन्हें भरवाते नहीं हैं। सरकार में आने के बाद हमारा पहला काम होगा कि तीस लाख सरकारी नौकरियां दे देंगे। 

युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकारः राहुल गांधी ने आगे कहा कि दूसरा काम, हमने मनरेगा का अधिकार दिया था। वैसे ही हम हिंदुस्तान के सब युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देने जा रहे हैं। यह अधिकार हर ग्रेजुएट युवा को मिलेगा। कॉलेज डिप्लोमा के बाद एक साल के लिए हर ग्रेजुएट को सरकारी ऑफिस में और प्राइवेट कंपनी में एक साल के अप्रेंटिसशिप दी जाएगी और एक लाख रुपये दिया जाएगा। कॉलेज के अगले दिन अप्रेंटिसशिप का अधिकार मनरेगा के अधिकार की तरह होगा।

पेपर लीक से मुक्तिः राहुल गांधी ने कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पेपर लीक से मुक्ति दिलाने का भी एलान किया। उन्होंन कहा कि कांग्रेस पेपर लीक को रोकने के लिए कानून बनाने की गारंटी देती है। हम नए कानून लाकर पेपर लीक को पूरी तरह से रोकेंगे, जिससे मौजूदा समय में करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

गिग इकॉनमी में सामाजिक सुरक्षाः कांग्रेस गिग इकॉनमी में हर साल रोज़गार ढूंढने वाले लाखों युवाओं के लिए बेहतर वर्किंग कंडिशन (कामकाजी स्थिति) और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून लाने की गारंटी देती है।

युवा रोशनीः पांच साल की अवधि के लिए देश के सभी ज़िलों में आवंटन की सुविधा के साथ कांग्रेस 5,000 करोड़ रुपए का एक कोष बनाएगी। 40 साल से कम उम्र के युवा किसी भी क्षेत्र में अपने बिजनेस के लिए स्टार्ट-अप फंडिंग का लाभ उठा सकते हैं।

क्या रूस अपने दोस्त के साथ कर रहा धोखा? यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में एक भारतीय नौजवान की मौत

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क्या रूस भारत के साथ दोस्ती का आड़ में धोखा कर रहा है? क्या नौकरी के नाम पर भारतीय नौजवानों को यूक्रेन के खलाफ युद्ध में उतारा जा रहा है? ये सवाल ऐसे वक्त में उठ रहे हैं जब पिछले 2 सालों से रूस और यूक्रेन की सेना जंग के मैदान में आमने-सामने है। इस बीच खबर आ रही है कि नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल किए गए एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। मृतक शख्स हैदराबाद का रहने वाला था। उसकी पहचान मोहम्मद अफसान के रूप में हुई है।

रूस में भारतीय की मौत की ख़बर ऐसे समय आई है, जब रूसी सेना में कम से कम 20 भारतीय नागरिकों के फँसने की रिपोर्ट है।29 फ़रवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस ख़बर की पुष्टि की और कहा, लगभग 20 भारतीय मदद के लिए मॉस्को में भारतीय दूतावास पहुंचे और भारत वापस आने के लिए मदद मांगी।भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस की सरकार से बात की जा रही है और इन लोगों को वापस लाने के लिए काम किया जा रहा है।

वहीं, पंजाब और हरियाणा के सात युवाओं ने भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। उनका दावा है कि उन्हें रूस में मिलिट्री सर्विस के लिए धोखे से ले जाया गया इसके बाद यूक्रेन युद्ध में शामिल होने के लिए भेज दिया गया। इन युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें ये सभी एक कमरे में सैनिक वर्दी में दिखाई दे रहे हैं। ये सातों युवक एक कमरे के अंदर खड़े हैं जिसमें एक बंद (और बंद) खिड़की है। छह एक कोने में खड़ें हैं जबकि सातवां - हरियाणा के करनाल का 19 वर्षीय हर्ष - एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करता है जिसमें वह आपबीती सुनाता है और मदद मांगता है।बताता है कि वे नए साल में रूस घूमने आए थे। एक एजेंट ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। इसके बाद एजेंट ने कहा कि वो बेलारूस ले जाएगा। उन लोगों को नहीं पता था कि बेलारूस घूमने के लिए वीजा लगता है। इसके बाद एजेंट पैसा मांगने लगा। सभी लोगों ने जितने पैसे थे, एजेंट को दे दिए। इसके बाद बाकी पैसे न देने पर एजेंट ने उन भारतीयों को हाईवे पर छोड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर रूस की आर्मी को दे दिया।रूस की आर्मी ने धमकी दी कि सभी लोग जॉब करने को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लें, नहीं तो उन्हें 10 साल की सजा होगी। इसके बाद आर्मी ने सभी से हस्ताक्षर करवा कर ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। तब जाकर भारतीयों को पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है।

इधर, रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में हवाई हमले में गुजरात के 23 वर्षीय हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के मारे जाने के बाद हैदराबाद के 30 वर्षीय मोहम्मद अफसान मरने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा था, "हमें भारतीय नागरिक मोहम्मद असफ़ान की दुखद मौत के बारे में पता चला। हम उनके परिवार और रूसी प्रशासन के साथ संपर्क में हैं। हम उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने की कोशिशे करेंगे।"

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफसान को पिछले साल दिसंबर माह में रूस की तरफ से सहायक भूमिका के लिए बुलाया गया था। हालांकि, जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें जबरदस्ती रूसी सेना में शामिल कर दिया गया। इसके बाद से वह यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग में लड़ रहे थे।हाल ही में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रूसी सेना में जबरन शामिल किए गए भारतीय युवा को बचाने के लिए गुहार लगाई थी। जिसके बाद मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से उनकी मौत की पुष्टि की गई है।

21 फरवरी को ओवैसी ने मीडिया से कहा था कि कुछ भारतीयों के परिवार उनसे मिले हैं और उनके अपनों के रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन भेजे जाने के बारे में बताया है। ओवैसी ने तब पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से रूसी सरकार से बात करके नौजवानों को वापस देश लाने की अपील की थी। ओवैसी ने दावा किया था कि भारत से दो जत्थों में लोग रूस भेजे गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा-जम्मू-कश्मीर एक क्षेत्र नहीं भारत का मस्तक, दी करोड़ों की सौगात

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अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर दौरे पर हैं। श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में 'विकसित भारत, विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। पीएम मोदी रैली के दौरान 6400 करोड़ की 52 विकास परियोजनाओं का शुभारंभ व लोकार्पण किया।इसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया।

आपका दिल जीतने के लिए मेहनत कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम ने बख्शी स्टेडियम में कहा कि मैं 2014 के बाद जब भी आया, हमेशा यही कहा कि मैं ये मेहनत आपका दिल जीतने के लिए कर रहा हूं। आपका दिल और ज्यादा जीतने की कोशिशें जारी हैं।ये मोदी की गारंटी है। उन्होंने कहा कि आज 1000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का सामर्थ्य और कश्मीरी युवाओं का नेतृत्व, विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण का रास्ता यहीं से निकलने वाला है।

वक्त ने कैसे करवट बदली है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि एक जमाना था जब देश में जो कानून लागू होते थे, वो जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हो पाते थे। एक जमाना था जब गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को नहीं मिलता था। आज देखिए कैसे वक्त ने करवट बदली है। आज श्रीनगर जम्मू-कश्मीर ही नहीं, पूरे देश के लिए पर्यटन की नई पहल कर रहा है। पीएम ने कहा कि ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था। ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। इस नए जम्मू कश्मीर की आंखों में भविष्य की चमक है, इस नए जम्मू कश्मीर के इरादों में चुनौतियों को पार करने का हौसला है।

जम्मू-कश्मीर सिर्फ एक क्षेत्र नहीं भारत का मस्तक-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सिर्फ एक क्षेत्र नहीं भारत का मस्तक है। ऊंचा उठा शीश ही विकास-सम्मान का प्रतीक होता है। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित कश्मीर विकसित भारत की प्राथमिकता है।

जम्मू कश्मीर में पर्यटन के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा जब इरादे नेक हों, संकल्प को सिद्ध करने का जज्बा हो तो फिर नतीजे भी मिलते हैं। पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे यहां जम्मू कश्मीर में जी20 का शानदार आयोजन हुआ। आज यहां जम्मू कश्मीर में पर्यटन के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। अकेले 2023 में ही 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक यहां आए हैं।

यूपी में बंद होंगे 13 हजार अवैध मदरसे? एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

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उत्तर प्रदेश में सरकार के निर्देश पर अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें करीब 13 हजार अवैध मदरसों को बंद कराने की सिफारिश की गई है।इनमें से अधिकतर अवैध मदरसे नेपाल सीमा पर मौजूद हैं। इन सभी मदरसों संचालकों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई है।इनका निर्माण खाड़ी देशों से मिली रकम से बीते दो दशकों में हुआ है। रिपोर्ट के आधार पर अब मदरसा बोर्ड कार्रवाई करने की तैयारी में है।

सीमावर्ती जिलों में 500-500 अवैध मदरसे

जानकारी के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। जिन 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें से अधिकतर नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच समेत 7 जिलों में हैं। हर एक सीमावर्ती जिले में ऐसे मदरसों की संख्या 500-500 से ज्यादा है।

आय और व्यय का ब्योरा उपलब्ध नहीं

एसआईटी ने इन मदरसों से उनकी आय और व्यय का ब्योरा मांगा तो वे उपलब्ध नहीं करा सके। इससे आशंका जताई जा रही है कि सोची-समझी साजिश के तहत टेरर फंडिंग के लिए जुटाई गई रकम को हवाला के जरिये मदरसों के निर्माण के लिए भेजा गया। अधिकतर मदरसों ने अपने जवाब में चंदे की रकम से निर्माण कराने का दावा किया है। हालांकि, वे चंदा देने वालों का नाम नहीं बता सके। एसआईटी के मुताबिक, यूपी के 80 मदरसा के बैंक खातों में विदेश से पैसा भेजा गया। ये मदरसे बहराइच, सिद्धार्थ नगर, सहारनपुर, आजमगढ़ और रामपुर जिले में चल रहे हैं। पैसा विदेश के कई जगहों से भेजा गया था।

मदरसों में बच्चों का शारीरिक शोषण

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि गैरकानूनी तरीके से बने इन मदरसों में बच्चों का शारीरिक शोषण भी होता है। पूर्व में ऐसे तमाम प्रकरण सामने आ चुके हैं। इन मदरसों की मान्यता भी नहीं है। वहीं, सर्टिफिकेट मान्य नहीं होने की वजह से यहां से शिक्षा प्राप्त करने वालों को नौकरी भी नहीं मिल पाती है।

यूपी में मदरसों पर बड़ी खबर

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 25 हजार मदरसा संचालित हो रहे हैं। जिसमें 16500 से अधिक मदरसा यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। जांच में 5 हजार के पास अस्थायी मान्यता का पता चला है। कुछ तो बीते 25 वर्षों में मान्यता के मानक पूरे नहीं कर सके हैं। शिक्षा का अधिकार व धार्मिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के नाम पर चल रहे तमाम मदरसों ने मान्यता का नवीनीकरण कराना तक जरूरी नहीं समझा व धड़ल्ले से उसे संचालित कर रहे हैं।

बीजेपी-बीजेडी के बीच गठबंधन तय! जानें सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

#bjpbjdallianceinodisha

लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों का गठबंधन “इंडिया” खुद को मजबूत करने में जुटे हैं। हालांकि एकजुटता की बात कर रहे विपक्षी दलों के गठबंधन को लगभग कई राज्यों में झटका लगा है। वहीं बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का कुनबा बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच चर्चा है कि ओडिशा में भी बीजेपी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के बीच गठबंधन होना लगभग फाइनल माना जा रहा है। 

बुधवार को ओडिशा इकाई के भाजपा नेताओं ने अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ दिल्ली में मुलाकात की। दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ ओडिशा कोर कमेटी की बैठक हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओरांव ने बताया कि इसमें राज्य की सभी 21 लोकसभा सीटों के साथ-साथ राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चर्चा हुई। जब उनसे राज्य में बीजेडी और भाजपा के गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह कहते हुए बचने की कोशिश की कि इस बारे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही फैसला करेगा। वहीं, इसी दिन बीजेडी नेताओं ने सीएम नवीन पटनायक के आवास पर बैठक की। 

सीट शेयरिंग पर दोनों दलों में बात लगभग तय

रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों में बातचीत लगभग पूरी हो गई है। अब बस अंतिम मुहर लगना बाकी है। जानकारी के मुताबिक, BJD राज्य की 13 से 14 पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। वहीं, बीजेपी को 6 से 7 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो राज्य की 147 विधानसभा सीटों पर भी दोनों पार्टियां चुनाव लड़ेगी। जानकारी के मुताबिक, ओडिशा में बीजेडी 95 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, बीजेपी 46 से 52 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगले एक-दो दिनों में बीजेपी- बीजेडी के बीच गठबंधन को लेकर औपचारिक ऐलान हो सकता है। 

ऐसा हो सकता है सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

बता दें कि ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें हैं। वर्तमान में बीजद के पास 12 भाजपा के पास आठ और कांग्रेस के खाते में एक सीट है। गठबंधन की स्थिति में भाजपा पांच-छह सीटें ज्यादा चाहेगी और बदले में विधानसभा में कुछ ज्यादा सीटें दे सकती है। बताते हैं कि फिलहाल भाजपा लोकसभा की 14 सीटें चाहती है और बीजद को सात सीटें देना चाहती है।बदले में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजद को 95-97 सीटें देने का प्रस्ताव है। ऐसे में भाजपा के पास 50-52 सीटें बचेंगी। बीजद ज्यादा हिस्सेदारी चाहता है क्योंकि वर्तमान में दोनों सदनों में उसकी संख्या इससे अधिक है। बताते हैं कि बीजद 102 से ज्यादा विधानसभा सीटें चाहता है।

क्या 15 साल बाद फिर हाथ मिलाने वाले हैं दोनों दल

पीएम मोदी ने हाल ही में अपने ओडिशा दौरे के दौरान कुछ ऐसे संकेत दिए जिससे यह लगने लगा है कि 15 साल बाद एक बार फिर दोनों दल हाथ मिलाने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को ओडिशा में थे। यहां उन्होंने जाजपुर में 19,600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। माना जा रहा था कि नवीन पटनायक पीएम से नाराजगी जाहिर कर सकते हैं, क्योंकि बीते दिनों बीजेडी के चार विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके इतर एक बार फिर पीएम मोदी और नवीन पटनायक ने एक-दूसरे की तारीफ की। दोनों ने एक- दूसरे के काम की सराहना की। इससे पहले भी पीएम जब ओडिशा आए थे तो उन्होंने भरे मंच से रैली में नवीन पटनायक को मित्र बताया था और दोनों गर्मजोशी से मिले थे।

वैसे पीएम जब विपक्ष शासित राज्य में जाते हैं तो सीएम के सामने भी तंज कसने में संकोच नहीं करते। ओडिशा से पहले तेलंगाना में उन्होंने ऐसे ही चुटकी ली थी। लेकिन, यहां अलग गर्मजोशी दिखी। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि भाजपा और नवीन बाबू की पार्टी बीजेडी के बीच कुछ पक रहा है।

ईडी की शिकायत पर केजरीवाल को कोर्ट का समन, 16 मार्च को होना होगा पेश

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। शराब घोटाला से जुड़े मामले में केजरीवाल एक नई मुश्किल में घिरते दिख रहे हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) द्वारा की गई दूसरी शिकायत पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है।बता दें कि ईडी के 8 समन के बाद भी दिल्ली के सीएम जांच एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने दोबारा कोर्ट का रुख किया था। जिसपर कोर्ट ने केजरीवाल को पेशी के लिए समन भेजा है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में बार-बार समन का पालन न करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक नई शिकायत दिल्ली कोर्ट में दी। ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने चार से आठ समन का पालन नहीं किया है। जिसके बाद एसीएमएम दिव्या मल्होत्रा ने ईडी की शिकायत को सूचीबद्ध कर लिया और सात मार्च को सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की थी। 

केजरीवाल के खिलाफ आठ समन हो चुके हैं जारी

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली मुख्यामंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। इससे पहले 27 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन केजरीवाल आठवें समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 14 फरवरी और 22 फरवरी और 3 मार्च को ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।सीबीआई के बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच शुरू की। दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोप लगे हैं। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। वहीं, इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से ईडी जांच में जुटी है। केंद्रीय एजेंसियों ने अब तक इस मामले में आप के दो बड़े नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार किया है।

धारा-370 हटने के बाद पीएम मोदी का पहला कश्मीर दौरा आज, 6400 करोड़ की योजनाओं की देंगे सौगात, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

#pm_modis_first_visit_to_kashmir_after_removal_of_article_370 

अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पहली बार कश्मीर यात्रा पर पहुंच रहे हैं। पीएम मोदी रैली के दौरान 6400 करोड़ की 52 विकास परियोनाओं का शुभारंभ व लोकार्पण करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी गुरुवार को श्रीनगर के बख़्शी स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर दौरे से पहले वहां सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।

पीएम मोदी श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में विकसित भारत विकसित जम्मू कश्मीर कार्यक्रम में भाग लेंगे और केंद्र शासित प्रदेश में कृषि-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये की पहल का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री का विजन इन स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण करके देश भर के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है। पीएम 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा की स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत कई पहल शुरू करेंगे।

इस दौरान प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के लगभग 1,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे। इन लाभार्थियों में महिला अचीवर्स, लखपति दीदी, किसान, उद्यमी आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए आकाश से जमीन और नदी-नालों तक सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। श्रीनगर शहर को ड्रोन और क्वाडकॉप्टर के संचालन के लिए अस्थायी रेड जोन घोषित कर दिया गया है। निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि कार्यक्रम स्थल के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बल पैदल गश्त कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान उनके रास्ते में पड़ने वाले कई विद्यालय बुधवार और बृहस्पतिवार के लिए बंद कर दिए गए हैं, जबकि बृहस्पतिवार को होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी विध्वंसक गतिविधि को अंजाम देने के लिए झेलम नदी और डल झील जैसे जल निकायों का उपयोग रोकने के मकसद से समुद्री कमांडो तैनात किए गए हैं।

बता दें कि साल 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का ये पहला कश्मीर दौरा है। इससे पूर्व सात नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में एक जनसभा के दौरान 80 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। वहीं से कश्मीर के आधारभूत ढांचे और विकास योजनाओं के नए युग की शुरुआत हुई थी। इनमें से कई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कुछ अंतिम चरण में है। आठ वर्ष बाद वह दूसरी बार और पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पहली बार घाटी में कश्मीरियों को संबोधित करेंगे। हालांकि, बीते महीने प्रधानमंत्री ने जम्मू का दौरा कर वहाँ कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया था। 

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख़ को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील किया था। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरक़रार रखा।