*चार्नॉक अस्पताल बड़ाबाजार में अप्रयुक्त हेरिटेज प्रॉपर्टी में स्थित अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में करने जा रहा परिवर्तित*
कोलकाता: चार्नॉक अस्पताल शहर के नॉर्दन पार्ट में रहनेवाले लोगों के लिए एक प्रेरक शक्ति है, जो एक दशक से ज्यादा समय से लोगों की सेवा प्रदान करने के बाद हजारों लोगों का विश्वास अर्जित करने वाला एकमात्र अस्पताल है। अब मध्य कोलकाता ने रहनेवाले लोगों की सेवा के लिए अस्पताल की तरफ से इस अस्पताल की एक शाखा खोल कर वहां परिचालन शुरू करने का फैसला लिया गया है। बड़ाबाजार में स्थित लोहिया अस्पताल, जो एक राजसी विरासत की संरचना पर बनी है, जिसका उपयोग कभी लोहिया मातृ सेवा सदन नाम से एक माँ एवं शिशु अस्पताल के रूप में किया जाता था , अब यह इमारत अप्रयुक्त पड़ी है। चार्नॉक अस्पताल इस संपत्ति को पट्टे पर ले रहा है, और इसे एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में परिवर्तित कर रहा है। जिसे मध्य कोलकाता के घनी आबादी वाले इलाकों में रहनेवाले लोगों की सेवा के लिए चार्नॉक लोहिया अस्पताल का नाम दिया जाएगा। गुरुवार को कोलकाता के द पार्क होटल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई।
4 बीघे भूमि में फैला चार्नॉक लोहिया अस्पताल जो पहले के 'लोहिया मातृसदन' को 4-6 ओटी, एक कैथलैब और एक सीटीवीएस/न्यूरो ओटी के साथ 200 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। इसमें 90 से अधिक वार्ड बेड, 20 केबिन, 10 बेड वाली इमरजेंसी, 70 बेड वाली आईसीयू और 10 बेड वाली डायलिसिस यूनिट बनाने की योजना है। श्री जीडी बिड़ला इस परिसर के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। गिरीश पार्क मेट्रो स्टेशन के 500 मीटर के मध्य में स्थित, यह व्यापक पार्किंग सुविधा और सभी तरफ से पहुंच के साथ निमताला घाट स्ट्रीट, जोड़ासांको और विवेकानंद रोड से पैदल चलने योग्य दूरी पर स्थित है।
चार्नॉक अस्पताल का तत्काल लक्ष्य 'रोगी पहले' इस आदर्श वाक्य के साथ समाज में सभी वर्ग के लोगों की स्वास्थ्य की देखभाल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे पश्चिम बंगाल की परिधि में फैले 100-200 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के साथ विस्तार करना है। दशकों से बड़ाबाजार को कोलकाता के 'बिजनेस हब' के रूप में जाना जाता है। यहां रहनेवाले स्थानीय निवासियों की निजी स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता में व्यापक अंतर है क्योंकि आसपास के 5 किमी के क्षेत्र में कोई सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नहीं है। मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य सेवा होने पर बेहतर इलाज के लिए कोलकाता के अन्य अस्पतालों या साल्टलेक, उल्टाडांगा या फिर बीटी रोड में जाना पड़ता है, जिसमें काफी समय लग जाता है। कुछ मामलों में यह घातक साबित हो सकता है। चार्नॉक लोहिया अस्पताल में 160 करोड़ का निवेश किया जायेगा।
'बंगाल का मतलब व्यवसाय' है, इस तथ्य के अनुरूप इस अस्पताल के होने पर 900 से ज्यादा रोजगार सृजन के साथ अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हमारे राज्य में ऐसी कई संपत्तियां खाली, बेकार और अप्रयुक्त पड़ी हैं। चार्नॉक अस्पताल इन मौजूदा परिसरों को दीर्घकालिक पट्टे पर लेने और पूरे बंगाल में सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में परिवर्तित करने के लिए तैयार है, इस प्रकार बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
अभी कोलकाता हवाई अड्डे के पास चार्नॉक अस्पताल 300 बिस्तरों वाला एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है, जिसमें हृदय विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, गैस्ट्रो विज्ञान, गुर्दे के विज्ञान, पल्मोनरी और अंग प्रत्यारोपण जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं। वहां 100 आईसीयू बेड, मॉड्यूलर ओटी, विश्व स्तरीय जर्मन और अमेरिकी चिकित्सा उपकरण, पूर्णकालिक सलाहकार और सुंदर माहौल सहित कला बुनियादी ढांचा उपलब्ध है। चार्नॉक अस्पताल पीपीपी मॉडल में ईएसआई श्रीरामपुर और ईएसआई बैंडेल में 2 आईसीयू इकाइयां चला रहा है। यह अस्पताल पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों में राज्य सरकार के साथ पीपीपी मॉडल के साथ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोलकर लोगों की सेवा के लिए तत्पर है।
Mar 02 2024, 09:09