भारत का बाजार दुनिया भर में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी से बेंगलुरु में उबेर के सीईओ ने कही बात
भारत में कैब सर्विस के क्षेत्र में लोकप्रिय नाम उबर ने भारतीय मार्केट को दुनियाभर के देशों के बीच सबसे कठिन मार्केट्स में से एक करार दिया है. अमेरिकी कंपनी उबर की कैब अमेरिका और भारत समेत दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रही हैं.
ऐसे में भारत दौरे पर आए कंपनी के सीईओ दारा खोसरोशाही का ये बयान कि उनके लिए भारत में कारोबार करना दुनिया के चुनौतीपूर्ण बाजारों में से एक है जाहिर करता है कि उबर के लिए भारत में बिजनेस करना आसान नहीं है. इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी से बेंगलुरु में हुई बातचीत के दौरान उबर के CEO ने कहा कि कि भारत उनके लिए सबसे मुश्किल बाजारों में शामिल है.
भारत होकर निकलेगा उबर की सफलता का रूट!
लेकिन भारत में चुनौतियों का सफलता के साथ सामना करके उबर अपने ग्लोबल कारोबार के लिए एक बड़ी सीख भी हासिल कर रही है. खोसरोशाही के मुताबिक भारत में ग्राहक न्यूनतम खर्च पर अधिकतम सेवाओं का फायदा उठाने को तरजीह देते हैं. ऐसे में यहां पर कारोबार करने से जो सीख मिलती है, उसे दुनिया के किसी भी दूसरे देश में अपनाकर कारोबार करने से वहां पर सफलता मिलना आसान हो जाता है. खोसरोशाही ने कहा कि अगर एक बार भारत में सफलता मिल गई तो फिर दुनिया के किसी भी देश में सफलता हासिल करना संभव है.
अफोर्डेबल सेगमेंट पर फोकस
खोसरोशाही के मुताबिक भारत में उबर किफायती सर्विस देने पर फोकस कर रही है. सस्ते विकल्पों में दोपहिया और तिपहिया वाहन कंपनी के कारोबार को वॉल्यूम देने का काम कर रहे हैं. उबर के CEO का मानना है कि चुनौतियों के बावजूद भारत में उबर के लिए ये एक शानदार मौका है. यही वजह है कि उबर अफोर्डेबल सेगमेंट में कारोबार का विस्तार करने को बड़ा रणनीतिक मौका मान रही है. पहले केवल कार सर्विस को कैब के तौर पर मुहैया कराने वाली उबर ने अब टू-व्हीलर्स, थ्रीव्हीलर्स और बस सेवा तक उपलब्ध कराने की योजना बनाई है.
उबर बस सेवा का होगा आगाज!
टू और थ्रीव्हीलर्स सेगमेंट्स के साथ ही कंपनी अफोर्डेबल सर्विसेज मुहैया कराने के लिए ज्यादा क्षमता वाली उबर बस तैयार करने पर काम कर रही है. इस बस के जरिए कंपनी भारत की बड़ी जनसंख्या में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच अपनी सेवाओं के जरिए पहुंच बनाने पर फोकस कर रही है. कैब के जरिए कंपनी जहां केवल भारत के अपर मिडिल क्लास सेगमेंट के बीच ही मौजूद थी वहीं अब सस्ते ट्रांसपोर्ट के विकल्प उपलब्ध कराकर उबर की ज्यादा शहरों और लोगों तक पहुंच होना संभव है.
भारत की डिजिटल ताकत से उबर प्रभावित
खोसरोशाही ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की कंपनियां और सरकारें भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से काफी कुछ सीख सकती हैं. उनेक मुताबिक एक टेक्नोलॉजी कंपनी के तौर पर उबर ओपन सोर्स तकनीक में काफी दिलचस्पी ले रही है. खोसरोशाही का कहना है कि लोगों को इससे मिलने वाले मौकों के महत्त्व को भी उबर अच्छे से समझती है.
इसलिए उबर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC), UPI, डिजिलॉकर और आधार वगैरह के जरिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे का फायदा उठाने पर फोकस करेगी. उबर ने ONDC के साथ एक करार भी किया है जिसके तहत कंपनी उबर ऐप पर अलग अलग तरह की सेवाएं देने के लिए ओएनडीसी की खूबियों का फायदा उठाएगी.
Feb 25 2024, 15:57