शिक्षित वही जो समाज का मार्गदर्शन कर सके: रामकिशोर पटेल
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज ।भारतीय कुर्मी महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशोर पटेल का कहना है की मेरी नजर में हर शख्स ओ चमकता हुआ हीरा है जो अपने समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वास पाखंड ,से मुक्ति व समाज को जागरूक करता है।
जब हमारा समाज शिक्षा की बात करता है तो अंधविश्वास खतरे में हो जाता है इसीलिए शिक्षा को महंगा किया जा रहा है ताकि अक्ल के बैलों को अंधविश्वास के हाल में जोता जा सके और जिंदगी धर्म पर नहीं रोटी पर निर्भर है ।और चंद लोगों की रोटी जरूर धर्म पर निर्भर है और यही चंद लोग बाकी लोगों को मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं।
हम बिना शिक्षा के समझदारी को बढ़ावा दे रहे हैं और समझदारी बिना हम बर्बाद होते चले जा रहे हैं शिक्षा हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है । शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहिए। भगवान की भक्ति से सब कुछ अगर हासिल होता तो सारे पुजारी उनके बच्चे महंत साधू संत राजनीति में नहीं आते ।
शक्तियां भगवान में नहीं संविधान और सत्ता में है भगवान ने सिर्फ राक्षसों को हराया और वध किया। क्या अरबी, मुगल ,अंग्रेज, उनके दोस्त थे क्या? मंदिर के अंदर बैठकर जो लिया जाता है वह दान और मंदिर के बाहर बैठकर जो लिया जाता है वह भीख ,अजब का शब्द छल है। दोनों जगह पर धन पैसा मांगा जाता है और दोनों ही भगवान के नाम पर मांगते हैं तो फिर अंदर बैठकर मांगने वाले को पुजारी और बाहर बैठकर मांगने वाले को भिखारी क्यों कहते हैं दोनों का काम एक जैसा है इसलिए दोनों को पुजारी ही कहो या दोनों को भिखारी कहो इंसान में भेदभाव मत करो।
जब कोई व्यक्ति पाखंड वाद या अंधविश्वास के खिलाफ कुछ बोलता है तो हमारे अपने ही लोगों को लोगों को ठेस पहुंचती है ।
रामायण कहती है कि सोने की लंका जलकर राख हो गई जबकि विज्ञान कहता है कि सोना जलता नहीं कौन सही कौन गलत है।
भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर 32 डिग्रियां 9 भाषा के ज्ञाता थे जिन्होंने संविधान लिखा है और हम लोग उसमें कमियां निकाल रहे हैं 33 करोड़ देवी देवताओं में इतनी शक्ति नहीं है कि वह शूद्र को पवित्र कर सके लेकिन इन शूद्रों में इतनी शक्ति है कि मात्र छू कर भगवान को अपवित्र कर सकते हैं ।
वैज्ञानिक विचारधाराओं को बढ़ावा दें पढ़कर लिखकर तर्कहीन ना बने इस समाज का और देश का नुकसान हो रहा है आओ हम सब मिलकर अंधविश्वास को उखाड़ फेक।
भारतीय संविधान की अनुच्छेद 51 ए के तहत सभी देशवासियों को अंधविश्वास एवं पाखंडवाद के खिलाफ लिखने और बोलने का अधिकार प्राप्त है इसलिए शिक्षित वही है जो तर्क कर पाखंडवाद एवं अंधविश्वास को दूर करने के साथ-साथ अपने समाज को जागरुक कर सके ।
Feb 25 2024, 11:54