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यूपी में तो डील हो गई डन, पर दिल्ली में क्या होगा? कांग्रेस-आप के बीच टूट के कगार पर गठबंधन

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लोकसभा चुनाव को लेकर अब बहुत ही कम वक्‍त बचा है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच ज्‍यादातर राज्‍यों में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। उत्‍तर प्रदेश में आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर उलझन सुलझ गई। कांग्रेस 17 सीटों पर राजी हो गई है बाकी 63 सीटों पर सपा और इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, दिल्ली को लेकर पेंच अबी भी फंसा हुआ है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी इसे लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। कहा जा रहा है कि दो-एक दिन में बाते साफ हो जाएंगी।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस दिल्ली में सात में से चार लोकसभा सीटें मांग रही है। उन्‍होंने इंडिया गठबंधन के तहत इससे कम सीटों पर झुकने से इनकार कर दिया है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी इसके लिए कतई तैयार नहीं है। बीते दिनों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस को एक सीट देने की बात कही थी। दोनों पक्षों के बीच खींचतान के बीच लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के साथ आने की उम्‍मीद अब धुंधली पड़ती दिख रही है।

हालांकि, सीएम केजरीवाल ने एक दिन पहले ही यह बयान दिया था कि उनकी कांग्रेस के साथ गठबंधन पर बातचीत अंतिम चरण में है। जल्‍द ही इसपर बात बन सकती है। गठबंधन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि देखते हैं अगले एक से दो दिन में क्या होता है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि बहुत देरी हो गई है, जल्दी होना चाहिए। 

वहीं, आज यूपी में इंडिया गठबंधन के घटक दल सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन तय हो गया। कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। बताया जा रहा है कि गठबंधन में अहम भूमिका प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की रही। दोनों नेताओं के बीच फोन पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद गठबंधन को अंतिम रूप देने पर फैसला हुआ। कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया सीटों से चुनाव लड़ेगी।

खुल गई गठबंधन की गांठःयूपी में सपा और कांग्रेस साथ आए, जानें कितने सीटों पर हुई डील

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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। कांग्रेस 17 सीटों पर राजी हो गई है। जबकि बाकी 63 सीटों पर सपा और इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ेंगी।सीट शेयरिंग पर बात पक्की होने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डील डन होने की वजह से विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन मजबूत होगा।

लखनऊ में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि हम मिलकर लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। कांग्रेस पूरे देश को जोड़ने का लगातार प्रयास कर रही है। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि हम उनके प्रति आभार जताते हैं कि उनके प्रयासों से ही यह गठबंधन अंजाम तक पहुंचा है।

इन सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जो सीटें दी गई हैं, उनमें अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, महाराजगंज, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, झांसी, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर, देवरिया, बांसगांव, सीतापुर और मथुरा के नाम शामिल है।

अखिलेश बोले-अंत भला तो सब भला

इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा, ‘अंत भला तो सब भला। बाकी आप लोग समझदार हैं।’ इस सवाल पर कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा या नहीं, अखिलेश ने कहा, ”होगा।” कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर विवाद के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ‘कोई विवाद नहीं है। आपके सामने सब चीजें साफ हो जाएंगी।

पेपर देने आई एक छात्रा के लिए तैनात रही 8 कर्मचारियों की टीम, जानिए पूरा मामला

मध्य प्रदेश के अशोकनगर से बोर्ड परीक्षा के चलते अनोखी घटना सामने आई। जिला मुख्यालय के सबसे बड़े परीक्षा केंद्र सरस्वती शिशु मंदिर में केवल छात्रा ने परीक्षा दी। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि परीक्षा लेने के लिए 9 सरकारी कमर्चारियों की टीम तैनात रही। इन दिनों मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। इस बीच अशोकनगर जिले से एक रोचक घटना सामने आई। 

अशोकनगर एवं मुंगावली के स्कूल में संस्कृत विषय की केवल एक-एक छात्रा ही परीक्षा देने पहुंची। जिनके लिए तकरीबन 8 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। दरअसल, अशोकनगर के पठार स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में केंद्र बनाया गया था। केंद्र में कुल 858 छात्र पेपर दे रहे थे। किन्तु यहां पर एक कक्ष ऐसा भी था, जहां पर सिर्फ एक ही छात्रा मनीषा अहिरवार पेपर दे रही थी। छात्रा ने संस्कृत विषय का पेपर दिया, जिसके लिए 8 कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी। 

मुंगावली के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ऐसा ही हाल देखने को मिला। यहां पर भी एक छात्रा ने पेपर दिया। हाई सेकेंडरी के संस्कृत विषय की परीक्षा के लिए जिले में 20 एग्जाम सेंटर बनाए गए थे।

अशोकनगर के सरस्वती शिशु मंदिर में एग्जाम सेंटर बना था, जहां पर हाई सेकेंडरी के 466 परीक्षार्थी पेपर दे रहे थे। किन्तु संस्कृत विषय की परीक्षा में बैठने कचनार गांव की छात्रा मनीषा अहिरवार ही पहुंची। एग्जाम सेंटर पर कलेक्टर प्रतिनिधि, पर्यवेक्षक, केंद्र अध्यक्ष ,सहायक केंद्र अध्यक्ष एवं एक पुलिसकर्मी समेत 2 चपरासियों की नियुक्ति थी।

पाकिस्तान में में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ, शहबाज होंगे पीएम, आसिफ जरदारी को राष्ट्रपति की कुर्सी, पीपीपी-पीएमएलएन में सहमति

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पाकिस्तान में विवादित चुनाव के बाद नई सरकार के गठन लेकर हो रहा इंतज़ार ख़त्म होने जा रहा है। दो प्रमुख पार्टियों ने नई सरकार के गठन के लिए समझौते का औपचारिक एलान कर दिया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) को समर्थन देने की घोषणा की है।पाकिस्तान में एक नई गठबंधन सरकार के गठन के लिए कई दिनों से जारी बातचीत के बाद आखिरकार मंगलवार को एक समझौते पर पहुंचे।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री की भूमिका संभालेंगे, जबकि पीपीपी के सह- अध्यक्ष आसिफ जरदारी देश के अगले राष्ट्रपति होंगे।

प्रेस कांफ्रेंस में शहबाज शरीफ ने बताया हमारी गठबंधन सरकार में पीपीपी के अलावा कई छोटी पार्टियां भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया इस गठबंधन के साथ पीएमएल-एन अलायंस आराम से सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लेगा। पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी पीएमएल-एल के पास 79 सीट हैं जबकी इस गठबंधन की दूसरी पार्टी पीपीपी के पास 54 सीट हैं।

8 फरवरी को हुए चुनाव के बाद पाकिस्तान में किसी भी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं किया था। इसके बाद पाकिस्तान के सभी दल गठजोड़ के लिए जद्दोजहद में लग गए थे। हालांकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई आखिरी बातचीत बेनतीजा रही, इसके एक दिन बाद दोनों पार्टियों ने केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान किया है।

पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच हुए समझौते के तहत शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह दूसरी बार पीएम बनेंगे। वहीं, पीपीपी के आसिफ़ अली ज़रदारी इस नए गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। वह पहले भी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। प्रधानमंत्री के चयन के लिए संसद में चुनाव होगा। यह प्रक्रिया फ़रवरी के अंत में होनी है। इसके बाद के हफ़्तों में देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार में मुख्य पद किस पार्टी को मिलेंगे, किस पार्टी से कितने मंत्री होंगे।

सपा-कांग्रेस में हो गई डील! फाइनल हुआ सीटों का फॉर्मूला

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पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में जारी सियासी हलचल के बाद ऐसा अंदेशा लग रहा था कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” को एक और जोरदार झटका लगने वाला है। हालांकि, अब हालात काबू में होते नजर आ रहे हैं।ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि अखिलेश यादव ने अपने हालिया बयान में कहा है कि यूपी में बीजेपी का सफाया होगा। अंत भला तो सब भला। गठबंधन होगा। सीट शेयिंग पर कोई विवाद नहीं है आपके सामने सब चीजे सामने आ जायेगीं।

विपक्षी गठबंधन के साझीदार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने एकसाथ आकर चुनाव लड़ने की पूरी संभवना है। अखिलेश यादव ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन तय है।उन्होंने कहा कि आज शाम तक सीटों का ऐलान हो सकता है। अखिलेश ने कहा कि गठबंधन होगा - अंत भला तो सब भला।

बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से आज बात की और फिर उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है। कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है। आगे का बातचीत कांग्रेस के यूपी प्रभारी और समाजवादी पार्टी के बीच जारी है।सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को 16 से 18 सीटें मिल सकती हैं। एक से दो सीटों पर पेंच फंसा हुआ है जिसे लेकर बातचीत हो रही है। काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है।आज इसका ऐलान होगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस को 17 सीटें देने को राजी हो गई है, लेकिन कांग्रेस 20 सीट चाहती है। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर बना गतिरोध कल रात तक जारी रहा जिसके कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव घोषणा करने के बावजूद रायबरेली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि समाजवादी पार्टी यूपी में अब तक 31 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर और 19 फरवरी को 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किये थे।

शंभू बॉर्डर पर उग्र हुए अन्नदाता, जवानों ने दागे आंसू गैस के गोले, जींद में पुलिस और किसान के बीच टकराव

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किसानों और केंद्र सरकार के बीच एमएसपी पर अटकी बात का कोई हल नहीं निकला। किसानों ने सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था। बात न बनने के बाद अब किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसान शंभू बॉर्डर पर उग्र हो गए हैं। किसानों ने बॉर्डर पर बने बने बैरिकेड को तोड़कर हरियाणा में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उग्र किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे हैं। किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस की तरफ से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर इस वक्त अफरा-तफरी का माहौल है।हरियाणा पुलिस ने अभी किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया है।

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस व किसानों के बीच टकराव

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर दोपहर लगभग एक बजे पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया। यहां पंजाब की तरफ से किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। इसमें लगभग 12 किसान घायल हो गए हैं। उनको एंबुलेस द्वारा अस्पतालों में भिजवाया जा रहा है। खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसान भी ट्रैक्टरों के अलावा जेसीबी व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं। किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। 

किसानों से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा की अपील

दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं किसान संगठनों से अपील करूंगा कि इसे हमें संवाद से समाधान की तरफ ले जाना है इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं। हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करे। हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग सहमत नहीं हुए। हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए। हम अच्छा करना चाहते हैं इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है। मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकाले।

जानें कौन थे अमीन सयानी? हार्ट अटैक से 91 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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क्या आप भी रेडियो सुनने के शौकिन रहे हैं? तो ये खबर आपको जरूर झटका देगी। रेडियो के गोल्डन एरा की आवाज माने जानेवाले अमीन सयानी का निधन हो गया है। श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। लोगों तक सुरीले नगमें पहुंचाने वाली ये जादुई आवाज अब खामोश हो गई है। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन की पुष्टि उनके बेटे रजिल सयानी ने की है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। 

अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने ये दुखद खबर शेयर की है। उनके मुताबिक सयानी को बीती रात एच एन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। लेकिन उन्हें हार्ट अटैक आया जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। राजिल ने बताया कि अंतिम संस्कार को लेकर जल्द जानकारी साझा की जाएगी।अमीन सयानी के निधन से उनके परिवार और करीबी लोग सदमे में हैंय़ वहीं उनके फैंस भी ये दुखभरी खबर सुनकर मायूस हैं।

अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। अमीन सयानी ने 1951 में अपने रेडियो करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद उन्हें वहां ले गए थे। उन्होंने अंग्रेजी भाषा के कार्यक्रमों से अपना करियर शुरू किया। लेकिन जब हिंदी कार्यक्रम करने उतरे तो मानो अपने पेशे और रेडियो प्रेजेंटेशन की विधा में अमर हो गए। अमीन सयानी ने अपनी आवाज और कार्यक्रम की प्रस्तुति से देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब नाम कमाया। उनकी फैन फॉलोइंग बड़ी जबरदस्त थी।उनके नाम श्रोताओं की चिठ्ठियां आती थीं।

ऑल इंडिया रेडियो को घर-घर में पॉपुलर करने का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। उस दौर में 'भाइयों और बहनों' के संबोधन से शुरू होने वाले कार्यक्रम को सुनने के लिए कामकाज छोड़कर रेडियो ऑन कर बैठ जाते थे।

एमपी के व्यापम घोटाले में आखिर आ ही गया फैसला, कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई 7 साल की सजा, 12 बरी

करीब एक दशक की कानूनी कार्यवाही के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला फैसले पर पहुंच गया है। मामले में शामिल सात व्यक्तियों को दोषी पाया गया और प्रत्येक को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई, साथ ही उनमें से प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, अपर्याप्त सबूतों के कारण 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं से जुड़ा यह घोटाला 2013 में सामने आया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 21 व्यक्तियों पर आरोप लगाए गए, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत ने यह फैसला सुनाया। जांच के दौरान, मामले से जुड़े 41 व्यक्तियों की कथित तौर पर मौत हो गई है। फंसे लोगों में मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव भी शामिल थे। हालाँकि, 25 मार्च, 2015 को शैलेश की अचानक और संदिग्ध मौत के बाद मामले की दिशा नाटकीय रूप से बदल गई, जिससे राम नरेश यादव पर ध्यान गया, जो घोटाले में भी आरोपी थे। रामनरेश यादव की संलिप्तता की जांच करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी शामिल थे।

मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (व्यापम) राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न प्रवेश और भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार था। व्यापमं के खिलाफ सामने आए आरोपों से पता चलता है कि सरकारी पदों को मिलीभगत के जरिए अवैध तरीके से हासिल किया जा रहा है, साथ ही कॉलेज प्रवेश में भी धोखाधड़ी देखी गई है। इस घोटाले ने तब तूल पकड़ लिया जब मेडिकल कॉलेजों में 500 से अधिक संदिग्ध नियुक्तियों सहित हजारों फर्जी भर्तियों के बारे में अफवाहें सामने आईं।

2013 में, एमबीबीएस भर्ती परीक्षा के दौरान, अधिकारियों ने फर्जी उम्मीदवारों को पकड़ा, जिससे एक फर्जी भर्ती सिंडिकेट का पता चला। जांच के एक प्रमुख व्यक्ति डॉ। जगदीश सागर ने पूछताछ के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को फंसाया। नतीजतन, 16 जून 2014 को, लक्ष्मीकांत शर्मा, जो उस समय व्यापम के अध्यक्ष भी थे, को गिरफ्तार कर लिया गया।

लोकसभा चुनाव से पहले फिर विदेश जा रहे राहुल गांधी, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर का मिला मौका, 5 दिनों तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर लगेगा

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आने वाले महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, अब तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई है। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए आम लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।इस बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लगने वाली है।26 फरवरी से 1 मार्च तक यात्रा नहीं होगी।बताया गया है कि राहुल को ब्रिटेन में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में विशेष लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा वे दिल्ली में कुछ अहम बैठकों में हिस्सा लेंगे। उनकी इन व्यस्तताओं के चलते भारत जोड़ो यात्रा कुछ दिन रोकी जाएगी। 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बात की जानकारी दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बुधवार को कानपुर चरण पूरा होने के बाद 22 और 23 फरवरी को भारत जोड़ो यात्रा आगे नहीं बढ़ेगी। यह यात्रा 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में होगी। इसके बाद राहुल संभल, अलीगढ़, हाथरस और आगरा जाएंगे। यहां से भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के ढोलपुर पहुंचेगी।जयराम रमेश ने कहा, ‘‘26 फरवरी से एक मार्च तक यात्रा में विराम होगा, ताकि राहुल गांधी 27 और 28 फरवरी को इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय (जहां से उनकी शिक्षा हुई) में दो विशेष व्याख्यान देने के अपने एक साल पहले के वादे को पूरा कर सकें और इसके बाद उन्हें नई दिल्ली में होने वाली कुछ अहम बैठकों में शामिल होने का मौका मिल सके।’’

राहलु गांधी 2 मार्च से यात्रा फिर से शुरू करेंगे। मार्च को दोपहर 2 बजे धौलपुर से एक बार फिर भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होगी। इसके बाद यह मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, शाजापुर, और उज्जैन-सहित मध्यप्रदेश के अन्य ज़िलों से गुजरेगी। और 5 मार्च को राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर जाएंगे।

दिल्ली मार्च से पहले किसानों की सरकार को किया आगाह, जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा- कहीं ऐसा न हो हम आपा खो बैठें

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केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज दिल्ली कूट करने के लिए पूरी तैयारी में हैं।इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। किसानों का कूच रोकने के लिए दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा चाक चौबंद है। शंभू बॉर्डर पर दंगा रोधी पुलिस के 700 जवान तैनात हैं। पंजाब से हरियाणा जाने वाली भारी मशीनों की आवाजही पर रोक है। केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं।

जगजीत सिंह डड्डेवाल ने सरकार को किया आगाह

अन्नदाताओं के प्रदर्शन के किसान नेता जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जिद पर अड़ी है। ऐसे में वे सरकार को 2 विकल्प देते हैं। पहला यह कि दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जाने दिया जाए और दूसरा यह कि अगर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी जाती है तब केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी बाकी मांगों को मान ले।जगजीत सिंह डड्डेवाल ने आगे आगाह करते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे लोग (किसान) आपा खो बैठें।

एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएं, आंदोलन अभी खत्म हो जाएगा-पंधेर

दिल्ली कूट से पहले शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमें वार्ता का न्योता मिला हम उसमें गए। हमने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि हमारे मसलों को हल कीजिए। चर्चा हो गई अब तो निर्णय लेने का समय है।पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और पूरी दुनिया हमें शांति से आगे बढ़ते हुए देखेगी। अगर सरकार को लगता है कि किसानों को मारने से उनकी समस्या हल हो जाएगी तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन हम शांतिपूर्वक आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे। हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है।

किसानों को दिल्ली आने देना चाहिए- उदित राज

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि किसान समझ गया है कि उनको मांगों पर टिके रहना है। सरकार की तरफ से ही आंसू गैस फेंके जा रहे हैं। यह हमारे देश के अन्नदाता हैं। समझ नहीं आ रहा है यह लोकतंत्र है।उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसान आ रहे हैं तो आने देना चाहिए उन्हें बात करना चाहिए।