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तालाब की जमीन पर लेखपाल की मिली भगत से भवन निर्माण कार्य कराने का आरोप

विश्वनाथ प्रताप सिंह, कोराव, प्रयागराज।। कोरांव नगर पंचायत कोरांव में काफी समय से उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के चलते हनुमान मंदिर ब्लाक रोड़ पर तालाब की भूमि पर मकान बनवा दिया गया।जिसके बदले में अतिक्रमण कारियों से लम्बी धनराशि की वसूली की गई।

नगर पंचायत के लोगो का आरोप है की लेखपाल की मिलीभगत से ये भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसकी लिखित सूचना उप जिलाधिकारी कोराव को कई बार दी गई है इसके बावजूद भी प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। बताया गया कि लेखपाल का स्थानांतरण के बावजूद फिर से नगर पंचायत कोरांव का चार्ज दिया गया।

वहीं नगर पंचायत वासियों ने तालाब का सीमांकन कराएं जाने की मांग उच्चाधिकारियों से करते हुए तालाब की भूमि को खाली करवाते हुए तत्कालीन लेखपाल को नगर पंचायत से हटवाने की मांग की है। देखना है कि उच्चाधिकारी प्रकरण को किस प्रकार कार्यवाही करते हैं यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा

यसयमसीडी पब्लिक स्कूल में किया गया वार्षिकोत्सव ,बालिकाओं द्वारा उत्सव हुआ संपन्न

विश्वनाथ प्रताप सिंह, भीरपुर , प्रयागराज । करछना ब्लॉक के अंतर्गत यस.एम.सी.डी. पब्लिक स्कूल घोड़ेडीह वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया वार्षिकोत्सव में बालिकाओं द्वारा भव्य प्रदर्शन किया गया। इस वार्षिकोत्सव का संचालन बबलू सिंह द्वारा किया गया यह कार्यक्रम प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी के संरक्षण में किया गया जिसके मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख (पति) कमलेश दुबे तथा पूर्व जिला पंचायत सदस्य त्रिवेणी प्रशाद पाण्डेय थे कमलेश दुबे तथा त्रिवेणी प्रसाद पाण्डेय ने मां सरस्वती को माल्या अर्पण किया भवानी तथा दिव्या द्वारा सरस्वती वन्दना किया गया ।

उसके बाद शिवानी व निकिता ने अपने साथियों के साथ मुख्य अतिथि को माला पहना कर स्वागत् गीत के साथ मुख्य अतिथि का स्वागत किया उसके बाद दिव्या ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कौवाली - आगे आओ देश बचाओं पेश किया तथा शिवानी और भावना के द्वारा आज गली गली गीत प्रस्तुत किया गया इस कार्यक्रम को विद्यालय परिवार से प्रधानाचार्य आर.डी. त्रिपाठी हिमांशु शुक्ला सोनू दूबे विशेष गौड़ विनीत का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष योगदान रहा।

इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए अन्य विद्यालयों से लक्ष्मण त्रिपाठी सुशील पाण्डेय जितेन्द्र यादव शशि चौधरी, अंजली तिवारी ( निदेशक चाणक्य क्लासेस नैनी ) व क्षेत्रीय लोग ग्राम प्रधान ( पति) दिनेश कुमार सोनकर पूर्व प्रधान छोटे लाल शर्मा ,राजेश पटेल संदीप पाण्डेय, कमला शंकर सोनू कोलहा तथा अभिभावक गण उपस्थित रहे। पूर्व जिला पंचायत सदस्य त्रिवेणी प्रसाद पाण्डेय ने बालिकाओं द्वारा पेश किये गये कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा बच्चे तो देश का भविष्य है उज्वल भविष्य के लिए शिक्षा ही पहली सीढ़ी है शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है। इसलिए सभी अभिभावको को सलाह दिया अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे कर देश को अंधकार में डूबने से बचाए तत पश्चात् कमलेश दुबे ने अपने भाषण के दौरान कहा बच्चों को आने जाने के लिए रास्ते का निर्माण कराने का वादा करता हूं जल्द ही यह निर्माण कार्य सम्पन होगा तथा अंत में बालिकाओं द्वारा राष्ट्रगीत गा कर कार्यक्रम का समापन किया ।

अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के विरोध में न्यायिक किया बहिष्कार

विश्वनाथ प्रताप सिंह,कोरांव प्रयागराज। तहसील कोरांव में पदस्थ तहसीलदार अजय संतोषी के कार्यशैली से नाराज अधिवक्ताओं ने बार के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता ललन तिवारी के नेतृत्व में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया । इस दौरान अधिवक्ताओं द्वारा तहसीलदार के सम्मुख जमकर नारेबाजी की गई और खुलेआम भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया। अधिवक्ताओं का कहना है तहसीलदार द्वारा सामान्य वर्ग के ईडब्ल्यूएस में जूनियर अधिवक्ताओं को परेशान किया जा रहा जो की तहसीलदार के सवर्ण विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

इसके साथ ही तहसीलदार द्वारा न्यायिक कार्यों में विधि विरुद्ध आदेश पारित किया जा रहा है। जो वाद स्थानांतरण हेतु लंबित है उनमें भी मनमानी तरीके से आदेश पारित करने की कोशिश की जा रही है साथ ही आदेश के लिए सुरक्षित फाइलों में मनमानी रकम न मिलने पर फाइलों में पुनः तारीख लगा दिया जा रहा है।अविवादित फाइलों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है, जो वाद उच्च न्यायालय के डायरेक्शन में या कंटेंप्ट में है उनमें सुनवाई के बजाय सामान्य वाद में डे बाई डे तारीख लगाई जा रही, साथ ही अधिवक्ताओं से अभद्रता की जाती है ।

पूर्व अध्यक्ष ललन तिवारी ने चेतावनी दी है की अगर 3 दिन के भीतर तहसीलदार का स्थानांतरण नही होता तो सोमवार से पूरे तहसील की तालाबंदी की जाएगी। ज्ञात हो की तहसीलदार की कार्यप्रणाली से नाराज अधिवक्ता विगत 23 दिसंबर से न्यायिक बहिष्कार पर है इस दौरान एसडीएम न्यायालय में कामकाज होता है किंतु तहसीलदार के अड़ियल रवैए की वजह से तहसीलदार न्यायालय का कामकाज बंद है ।

वसंत पंचमी स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। आज वसंत पंचमी के पावन अवसर व माघ मेला के चतुर्थ स्नान पर्व पर सायं 6:00 बजे तक लगभग 42 लाख 90 हजार स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम तट तथा गंगा जी के तट पर बनाये गये विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगायी एवं पुण्य लाभ अर्जित किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके दृष्टिगत सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी।

माघ मेला क्षेत्र में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु सफाई कर्मियों की पर्याप्त संख्या में ड्यूटी लगायी गयी है। माघ मेला क्षेत्र में अपने स्वजनों से बिछड़ने वाले लोगो के लिए खोया-पाया केन्द्र से लगातार एनाउंस कर उनके स्वजनों से उन्हें मिलाया गया। श्रद्धालुओं को मेले में भटकना न पड़े, इसके लिए संगम जाने का मार्ग वापस लौटने का मार्ग व अन्य मार्गों को प्रदर्शित करते हुए साइन बोर्ड रास्तों पर लगाये गये है। माघ मेला क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था चाक-चैबंद रही।

एडीजी जोन भानु भाष्कर, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक प्रेम कुमार गौतम, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनन्द, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माघ मेला डॉ0 राजीव नारायण मिश्र, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानन्द प्रसाद, अपर जिलाधिकारी मेला विवेक चतुवेर्दी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी निरंतर भ्रमणशील रहकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। वसंत पंचमी के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। वसंत पंचमी का स्नान पर्व सकुशल एवं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हुआ।

बसंत पंचमी स्नान पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द , स्नान शुरू

प्रयागराज । पावन संगम तट पर माघ मेला में आगामी मुख्य स्नान पर्व बसन्त पंचमी के दृष्टिगत समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक/प्रभारी माघ मेला डॉ0 राजीव नारायण मिश्र IPS द्वारा सम्पूर्ण माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/निरीक्षण किया गया। इसी के साथ बुधवार की सुबह से कड़ी ठंड के बावजूद संगम तट पर स्नान ध्यान शुरू हो गया है।

इस अवसर पर द्वारा सभी स्नान घाटों, पार्किंग स्थलों, पाण्टून पुलों, मेला के समस्त प्रवेश द्वारों/निकास द्वारों तथा महत्वपूर्ण मार्गों का स्थलीय निरीक्षण करते हुये समस्त तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया और सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि मेला क्षेत्र के दुकानदारों को निर्धारित स्थानो पर ही दुकान लगाने हेतु निर्देशित करें जिससे श्रध्दालुओं के आवागमन मे कोई कठिनाई न हो साथ ही अधिक भीड़-भाड़ वाले घाटों के समीप ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी अधिक सक्रियता से ड्यूटी संपादित करें, प्रभारी माघ मेला द्वारा मेला क्षेत्र में प्रतिबन्धित स्नान घाटों के पास बैरिकेडिंग करायी गई ।

ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया कि प्रतिबन्धित स्नान घाटों पर स्नानार्थियों को कदापि न जाने दिया जाये एवं ‘पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम’ के माध्यम से भी निरन्तर ‘अनाउन्स’ करते हुये अनुपालन कराया जाय। इस दौरान पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा समस्त थाना प्रभारियों/इकाई प्रभारियों को मुख्य स्नान पर्व बसन्त पंचमी को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश देते हुये समय से ड्यूटी संपादित करने के लिए बताया गया एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ‘ब्रीफ’ किया गया।

हिन्दू धर्म में बसन्त पंचमी का विशेष महत्व, स्नान करने उमड़ी भीड़

प्रयागराज। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। आज के दिन गंगा स्नान के उपरान्त मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जिसका पुण्य लाभ लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ मेला क्षेत्र में उमड़ी रही।

माघ मेला स्थित शिविर में काशी सुमेरूपीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को बसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है। आज के दिन लोग गंगा स्नान के उपरान्त सरस्वती की भी आराधना करते हैं। शिक्षा प्रारम्भ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। आज के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है।

वहीं, दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने बताया कि भारत में बसंत पंचमी के त्योहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन से ऋतु परिवर्तन की शुरूआत भी होती है और नये कार्यक्रमों का शुभारम्भ होता है। बसंत पंचमी होली के तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित रहता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों में भी देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

उन्होंने बताया कि साल की छह ऋतुओं में बसंत के आगमन पर माघ शुक्ल पक्ष पंचमी पर्व पर भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा भी की जाती है। विद्या, बुद्धिदाता, सरस्वती, वाघेश्वरी देवी, वीणा वादिनी, वाग्देवी आदि नामों से पूजा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण संगीत की देवी के जन्मोत्सव को भी बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शिक्षाविद, विद्यार्थी ज्ञानवान होने की प्रार्थना इसी दिन करते हैं।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने की परम्परा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 2.41 से 14 फरवरी को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से दोपहर 12.41 बजे तक रहेगा।

अमवा महुइया के झूमे डलिया, करवट फेर ना बलमुआ हमार ओरिया गीतों पर जमकर थिरके श्रोता

प्रयागराज। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत एनसीजेडसीसी, संस्कृति मंत्रालय भारत, सरकार द्वारा माघ मेला में आयोजित 10 दिवसीय चलो मन गंगा यमुना तीर सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन दिवस की पूर्व संध्या पर झारखंड से पधारी सुप्रसिद्ध भोजपुरी गायिका चन्दन तिवरी ने अपने सुरों का जलवा बिखेरा। उन्होंने अपने गायकी के अंदाज में भजनों की सुर सरिता प्रवाहित कर त्रिवेणी तट के इस उत्सव को यागदार बना दिया।

"हे गंगा मइया गजब रउरी माया से" ,"राजा दशरथजी के घरवा, आज अइले ललनवां... "अइली प्रयागराज के मेला, हम खरीदे लगनी केला, "अमवा महुइया के झूमे डलिया, करवट फेर ना बलमुआ हमार ओरिया" आदि भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को बसंत ऋतु का एहसास कराया। श्रोता तालियों से उनका उत्साहवर्धन करते रहे। मंगलवार को एक के बाद एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पूरा पंडाल देर रात तक मगन होकर झूमता रहा। रामबाबू यादव एवं केदारनाथ व दल ने जोगवा रमाये जोगी बारी बा उमरिया एवं जन्मभूमि है हमारी हमरे जियरा से प्यारी की प्रस्तुति दी। इसके बाद अनूप बनर्जी ने "पायोजि मैंने राम रत्न धन पायो, "सजादो घर मेरे घर राम आये है" तथा "हरे रामा हरे कृष्णा" को पेश कर खूब तालियां बटोरी।

लोकनृत्यों ने बाधां समा- विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को रोमांचित किया। उन्होंने लोकनृत्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत बनाया। उनकी गतिविधियों ने दर्शकों को अपनी माटी के साथ जोड़ने का अद्भुत अनुभव हुआ। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया।

सनातन धर्म का संरक्षण दण्डी संन्यासियों का है दायित्व

प्रयागराज। टीकरमाफी के महन्त दण्डी स्वामी श्री 108 स्वामी कृष्णानंद सरस्वती जी महाराज एवं तपस्वी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी मौनी महाराज जी के द्वारा लक्ष दीप दान एवं मां गंगा की महाआरती का आयोजन के साथ समस्त दण्डी समाज के मंहत एवं दण्डी स्वामियों का सम्मान समारोह गंगा तट पाण्टून पुल पांच के पास किया गया।

मुख्य अतिथि के रुप में, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के राष्ट्रीय संरक्षक सनातन ज्ञान पीठाधीश्वर श्री मद् जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम जी महाराज थे। कार्यक्रम के व्यवस्थापक एवं संचालक अभय चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज को आशिर्वाद देते हुए कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार एवं वैदिक कर्मों का संरक्षण एवं प्रचार प्रसार शंकराचार्य मत एवं दण्डी संन्यासियों का दायित्व रहा है। उसी परम्परा का निर्वाह करते हुए आज मां गंगा के पावन तट पर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी ने किया गया प्रयास अति प्रशंसनीय है।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम महराज ने कहा कि हमारा आशिर्वाद है सदा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का संवाहक बनें रहें। इस कार्यक्रम में प्रधान रुप से उपस्थित। अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, मठ मछली बन्दर मठ के महन्त दण्डी स्वामी विमलदेव आश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के अध्यक्ष दण्डी स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के महामंत्री दण्डी स्वामी शंकरआश्रम जी महाराज सहित बड़ी संख्या में दण्डी संन्यासी, संत समाज एवं भक्त समाज उपस्थित रहें।

बसंत पंचमी से शुरू होकर गंगा दशहरा तक चलेगी धुना तपस्या

प्रयागराज। तपस्वी संतों की धुना तपस्या बसंत पंचमी बुधवार से शुरू होने जा रही है। यह तपस्या गंगा दशहरा तक चलेगी। माघ मेला में आये 500 तपस्वी संत धुना तपस्या शुरू करेंगे जबकि तपस्वी संतों की संख्या देश में 10 हजार से अधिक है। धुना तपस्या करने वालों में आठ वर्ष के बाल संत से लेकर सभी उम्र के संत, महात्मा धुना तपस्या करते हैं। माघ मेला में महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज, महामंडलेश्वर स्वामी रामदास टाटाम्बरी महराज, स्वामी ध्रुवदास महराज, बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर स्वामी सरयू दास महाराज, स्वामी गोपाल महराज, स्वामी तुलसीदास महाराज, स्वामी भगवत दास महराज सहित करीब 500 संत, महात्मा बसंत पंचमी बुधवार से धुना तपस्या शुरू करेंगे।

तपस्वी नगर के स्वामी गोपाल महाराज ने बताया कि धुना तपस्या बसंत पंचमी से शुरू होकर गंगा दशहरा तक चलेगी। उन्होंने बताया कि। गर्मी के दौरान अप्रैल से जून तक तपस्या सबसे कठीन होती है क्योंकि उस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। यह तपस्या सुबह से शुरू होकर शाम तक यानी कि दिन में कम से कम आठ घण्टे होती है। स्वामी गोपाल महराज ने बताया कि अगर किसी की तबियत खराब है या कोई दिक्कत है तो वह अपनी सुविधानुसार तपस्या कर सकता है लेकिन धुना तपस्या सभी को करनी होती है।

महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज ने बताया कि यह प्राचीन तपस्या की परंपरा है जिसे हमारे रिषी - मुनि करते थे उसी परंपरा का निर्वहन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी उम्र लगभग 70 वर्ष है लेकिन अभी भी धुना तपस्या करता हूं। स्वामी ध्रुवदास महराज ने बताया कि यह तपस्या हम लोग बचपन से करते आ रहे है। इससे जहां ऊर्जा मिलती है वहीं ईश्वर का भी ध्यान और पूजन होता है। बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर स्वामी सरयूदास महराज ने कहा कि धुना तपस्या हम सभी संत उत्साह से करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन धुना तपस्या करते हैं।

पिकप और टेंपो की जोरदार टक्कर होने से से एक की मौत ,तीन घायल        
           

विश्वनाथ प्रताप सिंह,कोराव, प्रयागराज । कोरांव थाना क्षेत्र के  दोहथा मोड पर  मिर्जापुर  की तरफ से आ रही टेंपो में तेज रफ्तार  पिकअप ने जोरदार भिड़ंत हो गई। जिससे पिकप पर सवार चार लोगो मे से एक की मौत व तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ।

मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि कोराव थाना क्षेत्र के  मांडा और कोरांव थाना क्षेत्र का बार्डर है मांडा बार्डर रोड पर ही मिर्जापुर की तरफ से आ रही टेंपो और पिकप से जोरदार भिडंत हो गई जिससे पिकप पर सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसका नाम सिपाही सिंह पुत्र रामनाथ सिंह उम्र 48 वर्ष निवासी छापर उच्च गांव का रहने वाला है मृतक के तीन लड़के है जिसमे दूसरे नंबर का लड़का घायल है ।

एम्बुलेंस से घायलों को सीएचसी कोरांव  ले  जाया गया जहां पर कोरांव और मांडा थाने की पुलिस मौजूद रही और घायलों का इलाज चल रहा है  और मृतक को     पीएम के लिए भेज दिया गया है।