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कल ही ली सदस्यता, आज मिल गया राज्यसभा का टिकट, बीजेपी का अशोक चौहान को तोहफा

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भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की है। राज्यसभा के लिए जारी तीसरी सूची में गुजरात से भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और महाराष्ट्र से अशोक चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि अशोक चव्हान ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कल यानी मंगलवार को ही बीजेपी ज्वान क्या था। 24 घंटे के अंदर ही बीजेपी ने अशोक चव्हान को पार्टी बदलने का इनाम दे दिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने जगत प्रकाश नड्डा के अलावा गोविंदभाई ढोलकिया, मयंकभाई नायक और जशवंतसिंह सलामसिंह परमार को राज्यसभा का टिकट दिया है। वहीं पार्टी ने महाराष्ट्र से अशोक चव्हाण के अलावा मेधा कुलकर्णी और अजीत गोपघड़े को उम्मीदवार बनाया है।

इससे पहले सोमवार सुबह को राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से दूसरी लिस्ट जारी की गई है।इस लिस्ट में बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने पांच उम्मीदवारों का ऐलान किया है।जिसमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का भी नाम शामिल है। भाजपा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमशः ओडिशा और मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के अलावा, भाजपा ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए तीन और नामों का ऐलान किया है। 

राज्यसभा चुनाव के लिए इससे पहले रविवार (11 फरवरी) को बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश से सुधांशु त्रिवेदी और आरपीएन सिंह को टिकट दिया गया। पूर्व बीजेपी हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला को हरियाणा से उम्मीदवार बनाया गया। इस लिस्ट में 14 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे।

क्या महाराष्ट्र में होने वाला है बड़ा “खेला”? एनसीपी शरद गुट का कांग्रेस में विलय की अटकलें

#Sharad_Pawar_NCP_Congress_Merger

महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर करवट लेती नजर आ रही है।लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार की एनसीपी की कांग्रेस में विलय को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। इसको लेकर महाराष्ट्र राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।हालांकि इन चर्चाओं के बीच शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह गलत खबर है।

महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में शरद पवार गुट की एनसीपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के अनुसार, दावा किया जा रहा है कि शरद पवार ने अपने विधायकों और सांसदों की पुणे में तत्काल बैठक बुलाई है। इस बैठक में बड़ा निर्णय लेने की संभावना बताई जा रही है। हालांकि, अभी तक कांग्रेस या शरद पवार के गुट की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

बैठक में शामिल सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि एनसीपी शरद पवार समूह के कांग्रेस पार्टी में विलय को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। एनसीपी नेता प्रशांत जगताप और अनिल देशमुख ने भी इस बैठक के बाद कहा की एनसीपी विलय की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। हम अलग चुनाव चिन्ह के साथ लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, हम महाविकास अघाड़ी से एनसीपी के तौर पर लड़ेंगे। एनसीपी शरद गुट ने कहा है कि हमारा चुनाव चिन्ह अभी तय नहीं हुआ है लेकिन हमारा कांग्रेस के साथ कोई विलय नहीं होने जा रहा है।

सूत्रों के हवाले से ये जानकारी आई है कि एनसीपी शरद गुट का विलय राज्यसभा चुनाव के बाद होगा। दरअसल, अजित पवार ने एनसीपी में बगावत करने के बाद पूरी पार्टी पर ही कब्जा कर लिया है। यहां तक कि चुनाव चिन्ह भी उन्हें ही मिल गया है। ऐसे में शरद पवार एक तरह से खाली हाथ रह गए हैं। जिसके बाद से कांग्रेस में शरद गुट के विलय को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

अगर शरद पवार गुट का विलय कांग्रेस में होता है तो लोकसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी राहत की बात होगी, क्योंकि हाल के समय में पार्टी को तीन बड़े झटके लग चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं। अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हुए हैं, जबकि बाबा सिद्दीकी ने एनसीपी (अजीप पवार गुट) और मिलिंद देवड़ा ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामन थाम लिया है।

बता दें कि शरद पवार ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में पूर्व लोकसभा स्पीकर दिवंगत पी. संगमा और तारिक अनवर के साथ एनसीपी का गठन किया था।

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित, पढ़िए, इस दिन खुलेंगे कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे। आज बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई।

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के लिए गाडूघड़ा (तेल-कलश) श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर से मंगलवार शाम श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चंद्रभागा स्थित विश्राम गृह पहुंच गया था। जहां श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सहित श्रद्धालुओं ने तेल-कलश का स्वागत किया।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की ओर से गाडूघड़ा राजमहल को सौंपा गया। इसके बाद राजमहल से गाडूघड़ा में तिल का तेल पिरोया गया।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। कपाट खुलने के बाद यह तेल-कलश भगवान बदरी विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।

एमपी विधानसभा का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दागी वाटर कैनन, जीतू पटवारी ने सरकार पर बोला हमला

बेरोजगारी के मुद्दे को उजागर करने के लिए राज्य विधानसभा की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने मंगलवार को आंसू गैस और पानी की बौछारों का सहारा लिया। राज्य विधानसभा का 'घेराव' करने के इरादे से युवा कांग्रेस का प्रदर्शन मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) कार्यालय से शुरू हुआ। हालांकि, पुलिस ने शिवाजी नगर में रेड क्रॉस अस्पताल के पास हस्तक्षेप किया और भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ीं।

भाग लेने वालों में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया, पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी, विपक्ष के नेता उमंत सिंघार और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। मीडिया को संबोधित करते हुए, पीसीसी प्रमुख पटवारी ने पहले वर्ष में दो लाख नौकरियां पैदा करने और हर परिवार के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के अपने वादे को पूरा करने में सरकार की विफलता की आलोचना की। उन्होंने ऑनलाइन जुए को वैध बनाने की निंदा की और कहा कि मध्य प्रदेश के लोगों ने जुए की अनुमति देने के लिए नहीं बल्कि नौकरी के अवसरों के लिए भाजपा को वोट दिया है।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने राज्य की भाजपा सरकार पर जुए को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और इसे "जुआ सरकार" कहा। उन्होंने मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार को दिल्ली से रिमोट से नियंत्रित होने की आलोचना की। श्रीनिवास ने सरकार के कार्यों के विरोध में राज्य विधानसभा का 'घेराव' करने का इरादा दोहराया।

आप जिस जमीन पर लकीर खींच देंगे, मंदिर के लिए दे दूंगा: अबुधाबी में पीएम मोदी ने दी जानकारी

पीएम नरेंद्र मोदी UAE (संयुक्त अरब अमीरात) के दौरे पर हैं। वहाँ PM मोदी ने RuPay कार्ड भी लॉन्च किया, यानी अब UAE में भी भारत का RuPay कार्ड चलेगा। तत्पश्चात, राजधानी अबुधाबी में पीएम ने ‘अहलान मोदी’ समारोह को संबोधित किया, जहाँ भारतीय समुदाय के लोग बड़े आंकड़े में पहुँचे। इस के चलते उन्होंने कहा कि भारत के विभिन्न प्रदेशों एवं धर्मों के लोग यहाँ आए हुए हैं, लेकिन सबके दिल जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक स्टेडियम में हर धड़कन एक ही प्रतिध्वनि देती है – भारत-UAE की दोस्ती लंबी बनी रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आइए, ऐसी यादें लेकर जाएँ जो जीवन भर बनी रहें, ऐसी यादें जिन्हें आप तथा मैं हमेशा सँजोकर रखेंगे। उन्होंने कहा कि वो वहाँ जनता से मिलने आए हैं। जनता को ‘मेरे प्यारे परिवारजनों’ कह कर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों का एक संदेश लेकर आए हैं, एवं यह सरल लेकिन गहन है – भारत को आप पर गर्व है! उन्होंने कहा कि UAE ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ जाएद’ से सम्मानित किया, ये उनके लिए सौभाग्य की बात है।

पीएम मोदी ने कहा कि ये सम्मान भी सिर्फ उनका नहीं है, बल्कि करोड़ों भारतीयों का सम्मान है, आप सभी का सम्मान है। उन्होंने इस पर खुशी व्यक्त की कि अमीरात के साथियों ने भारतीयों को अपने दिल में जगह दी है, अपने सुख-दुख का साझीदार बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समय के साथ ये रिश्ता दिनोंदिन तथा मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2015 में उनके सामने आप सब की तरफ से यहाँ अबूधाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने तत्काल एक पल भी गंवाए बिना उन्होंने हाँ कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “उन्होंने (UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान) यहाँ तक बोल दिया कि जिस जमीन पर लकीर खींच लेंगे, मैं दे दूँगा। अब अबूधाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का वक़्त आ गया है। आज 21वीं सदी के इस तीसरे दशक में भारत तथा UAE का रिश्ता एक अभूतपूर्व ऊँचाई पर पहुँच रहा है। हम एक-दूसरे के विकास में साझीदार हैं। हमारा रिश्ता प्रतिभा का है, इनोवेशन का है, संस्कृति का है। आज यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें हर भारतीय के सामर्थ्य पर इतना अधिक विश्वास है कि इसी भरोसे के दम पर मोदी ने एक गारंटी भी दी है। उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने तीसरे टर्म में भारत को तीसरे नंबर की इकोनॉमी बनाने की गारंटी दी है, तथा मोदी की गारंटी यानी, गारंटी पूरा होने की गारंटी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत को दुनिया एक विश्व बंधु के रूप में देख रही है, आज दुनिया के हर बड़े मंच पर भारत की आवाज सुनी जाती है। कहीं भी संकट आता है तो सबसे पहले पहुंचने वाले देशों में भारत का नाम होता है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत को विश्व एक विश्व बंधु के रूप में देख रही है। आज दुनिया के हर बड़े मंच पर भारत की आवाज सुनी जाती है। कहीं भी संकट आता है तो सबसे पहले पहुंचने वाले देशों में भारत का नाम होता है। उन्होंने खबर दी कि जल्द ही फ्रांस, श्रीलंका और मॉरीशस की भांति UAE में भी भारत का ऑनलाइन इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम UPI लॉन्च हो जाएगा।

कतर में 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई में शाहरुख खान का क्या है कनेक्शन? उठ रहे सवालों के बीच किंग खान ने खुद बताई क्या है सच्चाई

हाल ही में भारत सरकार ने कतर की जेल में बंद आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा करवा दिया है, जिनमें से सात सैनिक भारत लौट आए हैं। इस बात की जानकारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। वहीं, उन सैनिकों के वापस भारत लौट आने पर बीजेपी सुब्रमण्यम स्वामी ने शाहरुख खान का हाथ बताया था।

उन्होंने पीएम मोदी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कहा, 'इस रिहाई में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान का हाथ है'. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मोदी को सिनेमा स्टार शाहरुख खान को अपने साथ कतर ले जाना चाहिए, क्योंकि विदेश मंत्रालय और एनएसए कतर के शेखों को मनाने में विफल रहे थे। मोदी ने खान से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और इस तरह हमारे नौसेना अधिकारियों को मुक्त करने के लिए कतर शेखों से एक महंगा समझौता किया', जिसको लेकर अब शाहरुख खान की टीम की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी कर सच्चाई बताई गई है।

शाहरुख की टीम ने जारी किया आधिकारिक बयान

हाल ही में किंग खान की टीम की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया गया है, जिसमें ये साफ किया गया है कि नौसैनिकों की रिहाई से शाहरुख खान का कोई कनेक्शन नहीं हैं। हालांकि, उनको इस बात की खुशी है कि सभी नौसैनिकों भारत वापस आ चुके हैं। शाहरुख खान की टीम ने इंस्टाग्राम पर अपना बयान शेयर करते हुए लिखा, 'कतर से नौसैनिकों के रिहा होने में शाहरुख खान का हाथ बताया जा रहा है। हम साफ करना चाहते हैं कि इसमें उनका कोई हाथ नहीं है। ये रिहाई सिर्फ भारतीय सरकार की वजह से हुई है. इससे मिस्टर खान का कोई वास्ता नहीं है। साथ ही हम ये भी बताना चाहते हैं कि डिप्लोमसी और शासन कला हमारे देश के लीडर्स को ही अच्छे से आती है'।

पूर्व नौसैनिकों की रिहाई से नहीं है कोई कनेक्शन

जारी बयान में लिखा है, 'मिस्टर खान, बाकी भारतीयों की तरह नेवी अफसरों के सुरक्षित वापस आने से खुश हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं'। वहीं, अगर शाहरुख खान के काम की बात करें तो उनको आखिरी बार राजकुमार हिरानी की 'डंकी' में देखा गया था, जिसमें उनके साथ तापसी पन्नू, विक्की कौशल और बोमन ईरानी जैसे कलाकार नजर आए थे।

सोनिया गांधी ने राजस्थान से भरा नामांकन, अशोक गहलोत ने कहा- प्रदेश के लिए खुशी की बात


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्थान पर अब सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनेंगी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से पार्टी की उम्मीदवार हैं और आज उन्होंने जयपुर में नामांकन भी भर दिया है। सोनिया के नामांकन के समय उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे। इससे पहले सोनिया गांधी बुधवार सुबह जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कांग्रेस के नेताओं और विधायकों ने सोनिया गांधी का स्वागत किया।

अशोक गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी का राजस्थान से दिल से जुड़ाव

सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का त्याग करने वाली सोनिया गांधी को कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किए जाने का स्वागत है। सोनिया गांधी का राजस्थान से दिल से जुड़ाव का रिश्ता है, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे तब सोनिया उनके साथ आदिवासी बाहुल्य जिलों के दौरे पर आईं थीं। राजस्थान में अकाल के समय प्रधानमंत्री के रूप में राजीवजी ने 3 दिन तक खुद गाड़ी ड्राइव कर 9 अकाल प्रभावित जिलों का दौरा किया था, तब भी सोनिया गांधी उनके साथ रहीं थी। मेरे प्रथम कार्यकाल में जब 4 बार भयंकर अकाल-सूखे का सामना करना पड़ा तब भी उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए अनेकों जिलों के कई बार दौरे किए थे, जिन्हें राजस्थान की जनता अभी भूली नहीं है। गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय राजस्थान में रिफाइनरी, मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट लाने और केन्द्र से सहयोग दिलवाने में सोनिया ने एनएसी चैयरपर्सन के रूप में हमेशा राजस्थान के हितों की रक्षा कर मजबूती से पैरवी की। आज उनके राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर घोषणा होना पूरे प्रदेश के लिए खुशी की बात है, इस घोषणा से सारी पुरानी यादें भी ताजा हो गई हैं। 

राजस्‍थान से राज्यसभा क्‍यों जा रहीं सोनिया?

सोनिया ने राज्यसभा जाने के लिए राजस्थान को यूं ही नहीं चुना। चर्चा है कि वह रायबरेली सीट अपनी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ रही हैं। ठीक उसी तरह जैसे बेटे के लिए अमेठी सीट छोड़ी थी। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है। कांग्रेस वहां एक सीट जीतने की स्थिति में है। कर्नाटक और तेलंगाना के कांग्रेसियों ने भी खूब जोर आजमाया कि सोनिया उनके यहां से राज्यसभा जाएं। हालांकि, कांग्रेस ने खूब सोच-विचार के बाद सोनिया को दक्षिण से राज्यसभा न भेजने का फैसला किया।

राजस्थान में आती हैं 10 राज्यसभा सीटें

राजस्थान में 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। जिनमें नामांकन दखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। विधानसभा में संख्या बल के बहुमत के हिसाब से इनमें से 2 सीटें बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के खाते में जानी तय है। राजस्थान में 10 राज्यसभा सीटें आती हैं। इनमें से 6 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी के सांसद हैं। हालांकि कांग्रेस के टिकट पर बाहरी व्यक्तियों को सांसद बनाए जाने का मुद्दा हर बार उठता है, लेकिन सोनिया गांधी के नाम पर किसी को आपत्ति नहीं है।

किसान आंदोलन: कंटीले तार, पत्थारबाजी और चारों ओर धुआं-धुआं... शंभू बॉर्डर पर आमने-सामने जवान और किसान, देखिए, संघर्ष की तस्वीरें

आज यानी 14 फरवरी को किसान आंदोलन का दूसरा दिन है। मंगलवार को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी

 शुरुआत के साथ ही, शंभू बॉर्डर से बवाल की तस्वीरें सामने आ लगी थीं। मंगलवार को किसानों और जवानों के बीच संघर्ष में दोनों लोग घायल हुए थे।

शंभू बॉर्डर पर कल यानी मंगलवार को आंसू गैस के गोलों के बीच पुलिस पर पथराव हुआ था। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया था। पंजाब के दो किसान संगठनों ने 13 फरवरी से दिल्ली चलो का नारा देकर आंदोलन का ऐलान किया था।

पंजाब से जब किसान दिल्ली के लिए आगे बढ़े तो हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई।वहीं, सड़कों पर पुलिस और आरएएफ तैनात कर दी गई।

बीते दिन, शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए। इसके बाद पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब किसान सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

कल शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिली। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कीलें बिछा दी गईं, कंट्रीट के बड़े बड़े ब्रेक लगा दिये गए, कंटीले तार लगा दिए गए। सीमेंट के बड़े बड़े बोल्डर लगा दिए गए, लोहे की बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई और कदम उठाए गए लेकिन बॉर्डर पर पहुंचते ही किसान सीमेंट की बैरिकेडिंग को रौंदकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।

साथ ही, किसानों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। शाम को आंदोलन पर विराम लगा. हालांकि, शाम तक शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए थे। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष के सबूत दे रहे थे।

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष में किसान और जवान दोनों ही घायल हुए। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिर्फ शंभू बॉर्डर पर ही नहीं, दिल्ली के सभी बॉर्डरों को सील किया गया है। किसान शंभू बॉर्डर पार कर दिल्ली में घुसने की जिद्द पर अड़े हैं। वहीं, जवान किसानों को रोकने पर अड़े हैं।

कल शंभू बॉर्डर से जो तस्वीरें सामने आईं वो हैरान परेशान करने वाली थीं। हर तस्वीर, पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की गवाही दे रही थी।

किसान आंदोलन: कंटीले तार, पत्थारबाजी और चारों ओर धुआं-धुआं... शंभू बॉर्डर पर आमने-सामने जवान और किसान, देखिए, संघर्ष की तस्वीरें

आज यानी 14 फरवरी को किसान आंदोलन का दूसरा दिन है। मंगलवार को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी

 शुरुआत के साथ ही, शंभू बॉर्डर से बवाल की तस्वीरें सामने आ लगी थीं। मंगलवार को किसानों और जवानों के बीच संघर्ष में दोनों लोग घायल हुए थे।

शंभू बॉर्डर पर कल यानी मंगलवार को आंसू गैस के गोलों के बीच पुलिस पर पथराव हुआ था। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया था। पंजाब के दो किसान संगठनों ने 13 फरवरी से दिल्ली चलो का नारा देकर आंदोलन का ऐलान किया था।

पंजाब से जब किसान दिल्ली के लिए आगे बढ़े तो हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई।वहीं, सड़कों पर पुलिस और आरएएफ तैनात कर दी गई।

बीते दिन, शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए। इसके बाद पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब किसान सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

कल शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिली। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कीलें बिछा दी गईं, कंट्रीट के बड़े बड़े ब्रेक लगा दिये गए, कंटीले तार लगा दिए गए। सीमेंट के बड़े बड़े बोल्डर लगा दिए गए, लोहे की बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई और कदम उठाए गए लेकिन बॉर्डर पर पहुंचते ही किसान सीमेंट की बैरिकेडिंग को रौंदकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।

साथ ही, किसानों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। शाम को आंदोलन पर विराम लगा. हालांकि, शाम तक शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए थे। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष के सबूत दे रहे थे।

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष में किसान और जवान दोनों ही घायल हुए। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिर्फ शंभू बॉर्डर पर ही नहीं, दिल्ली के सभी बॉर्डरों को सील किया गया है। किसान शंभू बॉर्डर पार कर दिल्ली में घुसने की जिद्द पर अड़े हैं। वहीं, जवान किसानों को रोकने पर अड़े हैं।

कल शंभू बॉर्डर से जो तस्वीरें सामने आईं वो हैरान परेशान करने वाली थीं। हर तस्वीर, पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की गवाही दे रही थी।

राहुल और प्रियंका के साथ जयपुर पहुंची सोनिया गांधी, राज्यसभा के लिए भरेंगी नामांकन

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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंची हैं। वह आज यहां राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। सोनिया के साथ उनके बेटे एवं पार्टी सांसद राहुल गांधी के अलावा उनकी बेटी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी जयपुर पहुंचे हैं।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर एयरपोर्ट पर सोनिया गांधी की अगवानी की।सोनिया गांधी वर्ष 1999 से लगातार लोकसभा सदस्य हैं। यह पहली बार होगा कि वह संसद के उच्च सदन में जाएंगी। यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद गांधी परिवार से सोनिया गांधी राज्यसभा में जाने वाली दूसरी महिला होंगी।

बता दें कि सोनिया गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कहा था कि यह आखिरी बार है, जब वह आम चुनाव लड़ रही हैं।सोनिया गांधी को सियासत में कदम रखे हुए करीब ढाई दशक हो चुके हैं। इस दौरान सोनिया गांधी ने करीब दो दशकों तक कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाले रखा। सोनिया ने अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को करिश्माई नेतृत्व दिया और पार्टी की सत्ता में वापसी कराई। गांधी परिवार की अजेय मानी जाने वाली इकलौती नेता सोनिया हैं, जिन्हें कभी चुनावी मात नहीं खानी पड़ी जबकि संजय गांधी से लेकर इंदिरा गांधी, मेनका गांधी, अरुण नेहरू और राहुल गांधी तक को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

1997 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और 62 दिन बाद वे पार्टी की अध्यक्ष बनीं। तब से 2017 तक वे पार्टी की अध्यक्ष बनी रहीं। कांग्रेस पार्टी में इतने लंबे समय तक कोई अध्यक्ष नहीं रहा। सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं। उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी और अमेठी को बनाए रखा।2004 में सोनिया ने अमेठी सीट से अपने बेटे राहुल को चुनाव लड़वाया और खुद रायबरेली सीट पर शिफ्ट हो गईं, जहां से अभी तक सांसद रहीं।