सनातन धर्म का संरक्षण दण्डी संन्यासियों का है दायित्व
प्रयागराज। टीकरमाफी के महन्त दण्डी स्वामी श्री 108 स्वामी कृष्णानंद सरस्वती जी महाराज एवं तपस्वी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी मौनी महाराज जी के द्वारा लक्ष दीप दान एवं मां गंगा की महाआरती का आयोजन के साथ समस्त दण्डी समाज के मंहत एवं दण्डी स्वामियों का सम्मान समारोह गंगा तट पाण्टून पुल पांच के पास किया गया।
मुख्य अतिथि के रुप में, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के राष्ट्रीय संरक्षक सनातन ज्ञान पीठाधीश्वर श्री मद् जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम जी महाराज थे। कार्यक्रम के व्यवस्थापक एवं संचालक अभय चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज को आशिर्वाद देते हुए कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार एवं वैदिक कर्मों का संरक्षण एवं प्रचार प्रसार शंकराचार्य मत एवं दण्डी संन्यासियों का दायित्व रहा है। उसी परम्परा का निर्वाह करते हुए आज मां गंगा के पावन तट पर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी ने किया गया प्रयास अति प्रशंसनीय है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम महराज ने कहा कि हमारा आशिर्वाद है सदा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का संवाहक बनें रहें। इस कार्यक्रम में प्रधान रुप से उपस्थित। अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, मठ मछली बन्दर मठ के महन्त दण्डी स्वामी विमलदेव आश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के अध्यक्ष दण्डी स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के महामंत्री दण्डी स्वामी शंकरआश्रम जी महाराज सहित बड़ी संख्या में दण्डी संन्यासी, संत समाज एवं भक्त समाज उपस्थित रहें।
Feb 14 2024, 11:24