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और कितने झटके झेलेगी कांग्रेस? अब महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण ने छोड़ी पार्टी, स्पीकर को भेजा इस्तीफा

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महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। एक बार फिर कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। चव्हाण ने बुधवार दोपहर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बंद दरवाजे में काफी देर तक बातचीत हुई, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को चव्हाण ने महाराष्ट्र के एआईसीसी प्रभारी रमेश चेन्निथला से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही उनकी पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। वह पिछले काफी दिनों से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे और खबर है कि वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।अशोक चव्हाण के साथ इस वक़्त 2 से 4 कांग्रेस विधायक भी हैं। इन विधायकों के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है।बीजेपी अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र से राज्यसभा भेज सकती है।

अशोक चव्हाण नांदेड से कांग्रेस के विधायक हैं। चव्हाण महाराष्ट्र के बड़े मराठा कांग्रेस नेता हैं और वह मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। बतौर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का पहला कार्यकाल दिसंबर, 2008 से नवंबर, 2009 के बीच रहा। वहीं चव्हाण दूसरे कार्यकाल में नवंबर 2009 से लेकर नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।

लोकसभा चुनाव से पहले अशोक चव्हाण जैसे दिग्गज कांग्रेसी का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है। चव्हाण से पहले मुंबई कांग्रेस के बड़े नेता और गांधी परिवार के करीबी मिलिंद देवड़ा भी इस्तीफा दे चुके हैं। पार्टी हाल ही में हुए बाबा सिद्दीकी के इस्तीफे से भी अब तक उबर ही रही थी तब तक एक और बड़े नेता के इस्तीफे ने पार्टी की महाराष्ट्र में मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

तमिलनाडु के राज्‍यपाल आरएन रवि ने दो मिनट से भी कम समय में खत्म किया अपना अभिभाषण, जानें क्या है वजह?

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तमिलनाडु में राज्यपाल और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) सरकार के बीच विवाद फिर सामने आया है। दरअसल, विधानसभा में राज्यपाल आरएन रवि ने सोमवार को अपना अभिभाषण कुछ ही मिनटों के भीतर समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह अभिभाषण की सामग्री को लेकर सरकार से सहमत नहीं हैं।उन्होंने 'राष्ट्रगान’ का कथित तौर पर सम्मान न करने के लिए डीएमके शासन की आलोचना भी की।बता दें कि तमिलनाडु के राज्‍यपाल आरएन रवि और मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टालिन के बीच कई बार तनातनी हो चुकी है।

हर साल जब विधान सभा बुलाई जाती है तो राज्यपाल की ओर से अभिभाषण देने की परंपरा रही है। इसमें राज्य सरकार की नीतियां, कार्ययोजनाएं और उपलब्धियां शामिल होती हैं। लेकिन तमिलनाडु में इसके उलट देखा गया।चूंकि यह चालू वर्ष का पहला सत्र था, इसलिए राज्यपाल को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया था। वे सुबह 10 बजे शुरू हुए। सबसे पहले तमिल थाई अभिवादन गाया गया। उसके बाद राज्यपाल आरएन रवि का संबोधन हुआ। इसकी शुरुआत भी तमिल में हुई। नमस्कार अध्यक्ष महोदय, मुख्यमंत्रियों और सदन के सदस्यों।राज्यपाल रवि ने कहा, मेरे बार-बार अनुरोध और सलाह के बाद भी राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही संबोधन की शुरुआत और अंत में इसे बजाने के मेरे अनुरोध को नजरअंदाज भी कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, 'इस अभिभाषण में कई ऐसे अंश हैं जिनसे मैं तथ्यात्मक और नैतिक आधार पर सहमत नहीं हूं। मेरा इसे पढ़ना एक संवैधानिक उपहास होगा। इसलिए सभा के सम्मान में, मैं अपना अभिभाषण यहीं समाप्त करता हूं। लोगों की भलाई के लिए इस सदन में सार्थक और स्वस्थ चर्चा की कामना करता हूं।' इसमें उन्‍होंने 1 मिनट 19 सेकेंड का समय लिया। राज्‍यपाल का अभिभाषण तत्‍काल समाप्‍त होने के बाद विधानसभा अध्‍यक्ष एम. अप्‍पावु ने तमिल में भाषण को पूरा पढ़ा।

इस राज्य के गर्वनर ने ऐसा ही किया था

तमिलनाडु के राज्यपाल रवि ने विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और विधायकों को तमिल में शुभकामनाएं देने के बाद सरकार के साथ अपनी असहमति व्यक्त करने के कुछ ही मिनटों के भीतर अपना भाषण समाप्त कर दिया। हाल ही में, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी अपना पारंपरिक संबोधन कुछ ही मिनटों में समाप्त कर दिया था और केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़ा था।

राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच पहले भी हो चुकी है तनातनी

बता दें कि तमिलनाडु के राज्‍यपाल आरएन रवि और मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टालिन के बीच कई बार तनातनी हो चुकी है। वह नौकरी के बदलने नकदी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद बिजली व आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी को बिना सीएम की सलाह लिए सीधे बर्खास्त करने का आदेश देकर विवादों में आ गए थे। हालांकि, कुछ घंटों में ही राजभवन ने फैसले पर रोक लगाते हुए अटॉर्नी जनरल से सलाह लेने की बात कही थी। स्‍टालिन सरकार और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता इस फैसले के कारण आरएन रवि पर लगातार हमलावर रहे हैं।

फिर क्यों दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, जानें किन मांगों के लिए हो रहा आंदोलन?

#why_farmer_agitation_started_again_what_are_their_demands

अपने एक साल के लंबे आंदोलन के बाद कृषि कानूनों को निरस्त करवाने में कामयाब रहे किसान एक बार फिर आंदोलन के लिए तैयारी हो रहे हैं।किसानों के दो बड़े संगठनों, संयुक्त संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को 'दिल्ली कूच' का नारा दिया है। पंजाब-हरियाणा के साथ ही कई और राज्यों के किसान दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने का आह्वान किया है।

किसानों का दिल्ली चलो मार्च काफी हद तक किसान आंदोलन 2020-2021 से मिलता जुलता लग रहा है। पिछली बार की तरह ही अलग-अलग राज्यों से किसान इस आंदोलन में शामिल होने वाले हैं।इस बार किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्राली और राशन भी लेकर आने वाले हैं।यानी पिछली बार की तरह इस बार किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना देने का है।

दो साल पहले दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का आंदोलन इतना मुखर था कि नरेंद्र मोदी सरकार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून -2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द करना पड़ा था। ऐसे में किसान अपने पहले आंदोलन से सीख लेते हुए अड़े रहने के मूड में आ रहे हैं।किसान अब अपनी नई मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की तैयारी में हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है किसान किन मांगों को लेकर आंदोलन का मूड बना चुके हैं।

ये हैं किसानों की मांगें

1. किसानों की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है।

2. किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे है।

3. आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग भी कर रहे हैं।

4. किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं

5. भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए।

6. कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।

7. किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए।

8. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना।

9. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए।

10. कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।

किसानों का 13 फरवरी को दिल्ली मार्च, राजधानी की सभी सीमाओं पर बढ़ी चौकसी, सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की 50 कंपनियां तैनात

#farmers_delhi_chalo_protets_on_13_feb

किसान अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर काफी मुखर हो गए हैं। एक बार फिर किसान बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया है।किसान संगठनों और किसान यूनियन के ऐलान को देखते हुए हरियाणा-पंजाब सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।इसके साथ ही दिल्ली के सभी सीमाओं पर धारा 144 लागू कर दी गई है। सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी सीमेंट के बैरिकेड लगा गए हैं।साथ ही अतिरिक्‍त पुलिस की तैनाती के साथ ही अन्‍य तरह के कदम भी उठाए गए हैं।

किसानों को रोकने के लिए 6 लेयर की बैरिकेडिंग

संयुक्त किसान मोर्चा ने 13 फरवरी यानी मंगलवार को दिल्ली कूच का आह्वान किया है। पंजाब से लगभग 1500 से 2000 ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों से किसान धरना प्रदर्शन करने आ रहे हैं। मार्च को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने भी तमाम इंतजाम कर लिए हैं। हरियाणा और पंजाब के शंभू, खनौरी समेत सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस भी एक्शन में है। इस कड़ी में दिल्ली पुलिस की तरफ से सिंघु बॉर्डर पर रातभर तैयारी की गई।पंजाब से दिल्ली आने वाले रास्तों पर पुलिस ने 6 लेयर की बैरिकेडिंग लगानी शुरू कर दी है। जिसमें क्रेन की मदद से सीमेंटेड ब्लॉक को रोड के दोनों तरफ रखवाया गया। इसके साथ ही बड़े बड़े कंटेनर भी रखवाए गए है, जिससे पंजाब की तरफ से आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलियों से दिल्ली के अंदर दाखिल ना हो सके। इसके साथ ही दिल्ली के सभी सीमाओं पर धारा 144 लागू कर दी गई है।

किसानों को मनाने की तैयारी

इधर किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। किसानों से बातचीत करने और उनकी मांगों पर गौर करने के लिए 3 केंद्रीय मंत्रियों को चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। ये तीनों केंद्रीय मंत्री किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत कर उनकी मांगों पर विचार करेंगे। साथ ही ‘दिल्‍ली चलो’ मार्च को स्‍थगित करने के लिए भी किसानों को मनाया जाएगा।जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मंत्री नित्‍यानंद राय और मंत्री अर्जुन मुंडा को किसानों के साथ बातचीत करने और सर्वमान्‍य समाधान निकालने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। ये तीनों मंत्री 12 फरवरी को दिल्‍ली से चंडीगढ़ रवाना होंगे।

बैठक में सीएम भगवंत मान के भी शामिल होने की संभावना

गुरुवार की पहली मीटिंग में किसान नेताओं के सामने सरकार की तरफ से कुछ प्रस्ताव रखे गए थे। उसी दिन सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में एक बैठक और होगी। किसानों के साथ होने वाली इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के भी शामिल होने की संभावना है। सीएम भगवंत मान पिछली बैठक में भी शामिल हुए थे। किसानों की मांगें पूरी न होने से उनमें काफी नाराजगी है। किसान संगठनों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया है।

भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत, कतर में फांसी की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिक भारतीय रिहा

#8_indian_ex_marines_jailed_in_qatar_released 

कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है, ये वही पूर्व सैनिक हैं जिन्हें कतर की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारत सरकार की ये बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।बता दें कि इन सभी आठों पूर्व नौसैनिकों को कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद दोहा ने भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को कम करके जेल कैद में बदल दिया गया था।

भारत सरकार ने सभी आठ भारतीयों की रिहाई पर खुशी जताई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि आठ में से सात भारतीय वापस भारत लौट आए हैं। हम अपने नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।

कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीय नौसेना अधिकारी हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश।

आठों पूर्व नौसैनिक दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम करते थे। इन्हें अगस्त, 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आरोप कभी सार्वजनिक नहीं किए गए। सूत्रों का कहना है कि सभी पर पनडुब्बी परियोजना की जासूसी करने का आरोप था। अल दाहरा ग्लोबल कंपनी कतर के सैन्य बलों व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण व अन्य सेवाएं मुहैया कराती है। एक साल से अधिक जेल में रहने के बाद पूर्व नौसैनिकों को कतर की निचली अदालत ने अक्तूबर में मौत की सजा सुनाई थी। केंद्र सरकार इससे हैरान रह गई थी क्योंकि कतर ने पहले इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी थी।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में कॉप-28 सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के चार सप्ताह के अंदर सुनाया गया था। एक दिसंबर को हुई भेंट के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने कतर में रह रहे भारतीय समुदाय के बारे में अमीर से बात की थी। माना जाता है कि इसी दौरान नौसैनिकों का मुद्दा भी उठाया गया होगा।

बीजेपी ने राज्यसभा के लिए कई राज्यों से कैंडिडेट की घोषणा की, यूपी से सुधांशु त्रिवेदी को फिर मौका, देखें लिस्ट

डेस्क: बीजेपी ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। यूपी से एक बार फिर सुधांशु त्रिवेदी को मौका दिया गया है। वहीं आरपीएन सिंह का नाम भी यूपी से है। इसके अलावा हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रमुख सुभाष बराला को हरियाणा से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है।

किस नेता को कहां से मौका?

यूपी: आरपीएन सिंह, डॉ सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, डॉ संगीता बलवंत, नवीन जैन

उत्तराखंड: महेंद्र भट्ट

बिहार: डॉ धर्मशीला गुप्ता, डॉ भीम सिंह 

छत्तीसगढ़: राजा देवेंद्र प्रताप सिंह 

हरियाणा: सुभाष बराला

कर्नाटक: नारायणा कृष्णासा भांडगे 

पश्चिम बंगाल: सामिक भट्टाचार्य

TMC ने भी की थी 4 उम्मीदवारों की घोषणा 

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था। टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी थी। 

टीएमसी के एक्स अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में लिखा गया कि ‘‘हमें आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’ टीएमसी ने लिखा है कि ‘‘हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा के लिए अदम्य भावना और मुखर होने की तृणमूल की स्थायी विरासत को बनाए रखने की दिशा में काम करें।’’

महाराष्ट्र में डिप्टी CM अजित पवार की पत्नी के पोस्टर पर फेंकी गई काली स्याही, लोकसभा कैंडीडेट बनाने की तैयारी

डेस्क: महाराष्ट्र के बारामती में डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी के पोस्टर पर काली स्याही फेंकने का मामला सामने आया है। बता दें कि इस बार अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाने की तैयारी की जा रही है। इस समय बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। बता दें कि पुणे की बारामती लोकसभा सीट, पवार परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल एनसीपी पार्टी और उसका सिंबल अजित पवार के पास जाने से शरद पवार गुट के कार्यकर्ता गुस्से में हैं। इसी बीच खबर आई कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। ऐसे में बारामती में लगे सुनेत्रा पवार के पोस्टर पर अज्ञात लोगों ने कालिख पोत दी। हालांकि जैसे ही ये मामला सामने आया, वैसे ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने इस पोस्टर को हटा दिया। 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और चाचा-भतीजे के बीच मतभेद की खाई बढ़ती जा रही है। शरद पवार और अजित पवार गुट की ये लड़ाई कितनी लंबी चलेगी और आने वाले चुनावों में कौन जनता का आशीर्वाद पाएगा, ये तो समय ही बताएगा।

राजस्थान के सिरोही से शर्मसार करने वाली खबर, नौकरी दिलाने के नाम पर 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद बनाया वीडियो, केस दर्ज

राजस्थान के सिरोही से शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां सिरोही नगर परिषद के पूर्व आयुक्त और अध्यक्ष पर लगभग 20 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल जांच चल रही है।

राजस्थान के सिरोही में करीब 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद सिरोही नगर परिषद के पूर्व आयुक्त और अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दोनों लोगों पर आंगनवाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है।

यह घटना तब सामने आई जब पाली जिले की एक महिला ने पुलिस से संपर्क किया और आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे और लगभग 20 अन्य महिलाओं को नौकरी दिलाने का लालच दिया था। महिला ने यह भी दावा किया कि आरोपियों ने उनका वीडियो बना लिया हैं।

शिकायतकर्ता के अनुसार, वह महिलाओं के साथ कई महीने पहले आंगनवाड़ी में काम करने के लिए सिरोही गई थी। वहीं पर उनकी मुलाकात आरोपियों से हुई। उन्होंने महिलाओं को रहने के लिए घर और भोजन की व्यवस्था की। महिला ने कहा कि खाने में नशीला पदार्थ मिला था। इसके बाद उनके साथ कुकर्म किया गया।

होश में आने पर उन्होंने आरोपियों से सवाल किया। आरोपियों ने उन्हें धोखा देने की बात स्वीकार की। उन्होंने महिलाओं की मांग को पूरा करने के लिए कथित तौर पर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया। फिलहाल राजस्थान हाईकोर्ट ने आठ महिलाओं की याचिका के बाद मामला दर्ज करने का आदेश दिया है, आगे की जांच की जा रही है।

पृथ्‍वी के बाहर इस ग्रह पर 10 लाख लोगों को बसाएंगे एलन मस्क, पेश किया पूरा खाका

डेस्क: अरबपति एलन मस्क हमेशा कुछ अजूबा और नया करने के लिए जाने जाते हैं। अब उन्होंने ऐलान किया है कि वह पृथ्वी के बाहर मंगल ग्रह पर 10 लाख लोगों को बसाएंगे। मस्क ने रविवार को दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर शिफ्ट करने की योजना की घोषणा की है। 

एलन मस्क ने एक्स डॉट कॉम पर एक पोस्ट में लिखा, हम दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए एक गेम प्लान तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, स्टारशिप अब तक बना सबसे बड़ा रॉकेट है, जो हमें मंगल ग्रह तक ले जाएगा।

मंगल ग्रह की यात्रा उड़ान की तरह होगी

एलन मस्क ने कहा कि एक दिन, मंगल ग्रह की यात्रा पूरे देश में एक उड़ान की तरह होगी। उन्होंने यह जवाब उन यूजर्स को दिया जिन्होंने लाल ग्रह पर स्टारशिप के लॉन्च के बारे में पूछा था। एलन मस्क ने बीते हफ्ते कहा था कि स्टारशिप को 5 साल से कम समय में चंद्रमा पर पहुंचने में सक्षम होना चाहिए। स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष यात्रियों को आधी सदी से भी अधिक समय में पृथ्वी से सबसे दूर ले जाएगा। मंगल ग्रह पर रहने के लिए बहुत काम करना होगा।

चंद्रमा पर भी मानव भेजने की योजना 

इसके अलावा, एलन मस्क ने जनवरी में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि स्पेसएक्स अगले आठ वर्षों के भीतर लोगों को चंद्रमा पर भेजेगा। मस्क ने कहा, "अब से आठ साल बाद चीजें कैसी होंगी। मुझे लगता है कि हम मंगल ग्रह पर उतर चुके होंगे और मुझे लगता है कि हमने लोगों को चंद्रमा पर भेज दिया होगा।" उनका लक्ष्य चंद्रमा पर बेस बनाने का भी है। उन्होंने कहा, हमें चंद्रमा पर स्थायी रूप से कब्जे वाले मानव आधार की तरह चंद्रमा पर एक आधार बनाना चाहिए, और फिर लोगों को मंगल ग्रह पर भेजना चाहिए। उन्होंने बीते दिनों कहा था कि हो सकता है कि अंतरिक्ष स्टेशन से परे भी कुछ हो, लेकिन हम देखेंगे।

उत्तराखंड में हल्द्वानी बवाल का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक दिल्ली से गिरफ्तार, हिरासत में 60 से ज्यादा लोग

 उत्तराखंड में हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने मलिक को दिल्ली में गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

वहीं, पुलिस अभी तक धरपकड़ करते हुए 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले चुकी है। सर्च ऑपरेशन चलाकर दो निर्वतमान पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक को भी आज पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

हल्द्वानी में बंद इंटरनेट सेवा बहाल

हल्द्वानी में हिंसा की घटना के बाद से बंद इंटरनेट सुविधा आज रविवार को बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’

बनभूलपुरा को छोड़कर शेष जगह से कर्फ्यू हटा

प्रशासन ने प्रभावित इलाकों को छोड़कर शहर के शेष हिस्से से कर्फ्यू हटा लिया है। डीएम वंदना ने बताया कि संपूर्ण बनभूलपुरा क्षेत्र आर्मी (कैंट) वर्कशॉप लाइन, तिकोनिया- तीनपानी गौलापार बाईपास का क्षेत्र छोड़कर पूरे शहर को कर्फ्यू मुक्त कर दिया गया है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन की टीम दूध, राशन और दवा पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है।

जमीन की देखरेख करते-करते मलिक बन बैठा मालिक

जिस भूमि पर विवाद चल रहा है। उस जमीन पर कई पेच हैं। जमीन किसी और को कृषि कार्य के लिए मिलती है। इसे किसी और को बेचा जाता है। बाद में जमीन अब्दुल मलिक के पिता को उपहार में मिल गई। इसके बाद ये जमीन मलिक के पास आ जाती है। बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वालों का दावा है कि कॉलोनियल सरकार ने मोहम्मद यासीन को वर्ष 1937 में यह जमीन कृषि के लिए लीज पर दी थी। अब्दुल मलिक और सफिया मलिक इस संपत्ति की देखरेख कर रहे थे। सफिया मलिक के वकील ने नगर निगम के 30 जनवरी को ध्वस्तीकरण संबंधित नोटिस के खिलाफ छह फरवरी को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।