एनक्यूएएस कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय टीम ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महेन्द्रपुर का लिया जायजा
पूर्णिया : राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जांच और मूल्यांकन करने के लिए दो सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम द्वारा पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महेन्द्रपुर का निरक्षण किया गया। इस दौरान अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के विभिन्न विभागों में मरीजों के लिए उपलब्ध व्यवस्था की जांच करते हुए मरीजों को मिल रही सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया।
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महेन्द्रपुर में जांच के लिए उपस्थित राज्यस्तरीय टीम में राज्य स्वास्थ्य विभाग से डॉ पंकज मिश्रा और डॉ व्योमकेश मिश्रा शामिल हुए। इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, प्रमंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक (आरपीएम) कैशर इकबाल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सोरेंद्र कुमार दास, यूनिसेफ जिला समन्यवक शिवशेखर आनंद, जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी (डीसीक्यूए) डॉ अनिल कुमार शर्मा, जापाइगो एसपीओ डॉ गंगेश गुंजन, पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल कुमार, लैब टेक्नीशियन ओम प्रकाश ठाकुर, जीएनएम अशोक कुमार के साथ अस्पताल कर्मी बबिता कुमारी, मंजू कुमारी, सुशीला कुमारी, गौरी कुमारी, अनामिका, पूनम कुमारी और पायल कुमारी उपस्थित रहे।
अस्पताल में उपलब्ध 6 विभागों की ली गई जानकारी
राज्य स्तरीय टीम द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के इलाज सुविधाओं का मूल्यांकन करने के साथ साथ अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग के डॉ पंकज मिश्रा ने बताया कि राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (एपीएचसी) में छः प्रकार की सुविधाओं का होना आवश्यक है। इसमें लेबर रूम की व्यवस्था, गैर संचारी रोग नियंत्रण सुविधा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कालाजार, फाइलेरिया, टीबी आदि रोग नियंत्रण की सुविधा, लैबोरेटरी की सुविधा, ओपीडी और आईपीडी व्यवस्था शामिल हैं।
राज्य स्तरीय टीम द्वारा एपीएचसी महेन्द्रपुर में उपलब्ध इन सभी सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए मरीजों को मिल रही व्यवस्था का आंकलन किया गया। इसके साथ साथ अस्पताल में उपलब्ध मरीजों से अस्पताल में मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली गई। इसके आधार पर अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुख सुविधाओं को राज्य स्वास्थ्य समिति में रिपोर्ट किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जायेगा।
70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र
यूनिसेफ जिला समन्यवक शिवशेखर आनंद ने बताया कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है और जब स्वास्थ्य केन्द्र को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है उसके बाद वह दूसरे स्टार पर राष्ट्रीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्र में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महेन्द्रपुर में सभी व्यवस्था उपलब्ध है जिससे कि उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकता है।
एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए सभी जरूरत पूरा करने वाला राज्य का पहला एपीएचसी महेन्द्रपुर
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, महेन्द्रपुर में वह सभी सुविधाएं उपलब्ध है जो उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र का पात्र बनाता है। राज्य टीम द्वारा दो दिन तक निरक्षण के बाद यहां उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया है। इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के साथ साथ इससे मरीजों को मिल रही सलूहियत, मरीजों के बैठने की व्यवस्था, अस्पताल के चिकित्सकों, कर्मियों द्वारा मरीजों के साथ कीए जा रहे व्यवहार आदि का मूल्यांकन किया गया है। इसके आधार पर टीम द्वारा अस्पताल को अंक प्रदान किया जाएगा और अंक के अनुसार अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकेगा। उन्होंने बताया मरीजों को उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, महेन्द्रपुर पूरे बिहार राज्य में एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वाला पहला स्वास्थ्य केंद्र है। निरक्षण के बाद राज्य स्तरीय टीम द्वारा इसे दिए गए अंक के अनुसार यह प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेगा।
Feb 09 2024, 18:38