*आजमगढ़ : कवि रुद्रनाथ चौबे रुद्र के जन्मदिवस पर आयोजित हुआ भव्य कवि सम्मेलन ,बह चली काब्य रस की अविरल गंगोत्री*
के एम उपाध्याय
निजामाबाद (आजमगढ़)। नगर के साईं इण्टर नेशनल कालेज भदुली के सभागार में विश्व हिंदी शोध एवं संवर्धन अकादमी के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष कवि रुद्रनाथ चौबे रुद्र के जन्मदिवस के अवसर पर कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के संस्थापक भागवत तिवारी ने की | मुख्य अतिथि कवि एवं साहित्यकार बालेदीन बेसहारा, विशिष्ट अतिथि ईजा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव संजय पांडेय रहे । सूत्र-संचालन कवि देवेन्द्र तिवारी देव ने किया | वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोहनलाल गुप्त स्नेहिल और महामंत्री लालबहादुर चौरसिया ने व्यवस्था में विशेष योगदान दिया |
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अध्यक्ष ने ज्ञान और कला की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करते हुए धूप व पुष्प अर्पित करके माल्यार्पण किया | सरस्वती वंदना कवयित्री अनीता राज ने प्रस्तुत किया । तत्पश्चात रुद्र नाथ चौबे रुद्र ने आगन्तुक अतिथियों का अंगवस्त्रम व माल्यार्पण के द्वारा स्वागत सत्कार किया। आनन्द पाण्डेय , कवयित्री सरोज यादव, शालिनी राय, अनीता राज व अन्य ने रुद्र को जन्म दिवस के उपलक्ष मे उपहार और ग्रीटिंग कार्ड प्रदान करते हुए शुभकामनाएं प्रदान कीं | संजय पांडेय ने अध्यक्ष भागवत तिवारी को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान किया | इसके बाद आनन्द रस से सराबोर कर देने वाले कवि-सम्मेलन का प्रारंभ हुआ | जिसमें कवियों ने विभिन्न रसों में निबद्ध मन को छू लेने वाली रचनाएँ प्रस्तुत करके समाँ बाँधा और श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं |
कवि रुद्रनाथ चौबे ने पढ़ा -
चांद तारों का कोई भरोसा नहीं |
अब किनारो का कोई भरोसा नहीं |
लाल बहादुर चौरसिया ने -
बिलखती भूख लिख देना |
तड़पती प्यास लिख देना ||
सुनाकर संवेदना बटोरीं तो देवेन्द्र तिवारी देव ने -
मर मिटेंगे आन पर
देश के अभिमान पर
सुनाकर देशप्रेम की भावना का संचार किया |
राकेश पाण्डेय सागर ने श्रृंगार रस से ओतप्रोत रचना प्रस्तुत की तो जितेन्द्र नूर ने शेरो शायरी से माहौल को खुशनुमा बनाया |पूर्व उपजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम बचन यादव, , सोहनलाल गुप्त स्नेहिल, देवेन्द्र तिवारी देव,लालबहादुर चौरसिया, राकेश पाण्डेय सागर ,सरोज यादव, अनीता राज,राजकुमार आशीर्वाद, शालिनी राय, कौशल राय, जितेन्द्र नूर, संदीप गाँधी नेहाल, घनश्याम यादव, राकेश चौरसिया,विशाल चौरसिया , धनंजय पाण्डेय, आदित्य आज़मी, जयहिन्द सिंह हिन्द, रोहित बारी, आदि ने अपने अपने अंदाज में मंत्रमुग्ध कर देने वाले काव्यपाठ को प्रस्तुत किया |
अंत मे विशिष्ट अतिथि संजय पांडेय ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि सांस्कृतिक उत्थान के लिए ऐसे आयोजनों की परम आवश्यकता है | मुख्य अतिथि बालेदीन बेसहारा ने रुद्रनाथ चौबे जी के साहित्य के प्रति समर्पण और योगदान को अनुकरणीय बताया |
Feb 05 2024, 17:04