प्रशांत ने बिहार के विकास की खोली पोल:कहा- बिहार में समाज का नहीं... सिर्फ नेताओं का हुआ उत्थान, राज्य आज भी गरीब-पिछड़ा
बेगूसराय में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 1990 से लेकर आज तक बिहार के विकास की पोल खोली है। प्रशांत किशोर ने आज बेगूसराय के डंडारी में कहा है कि एमवाई समीकरण, जातीय बात, मंडल कमीशन जैसी सारी बातें 1989-1990 से शुरू हुई हैं, जिसको आज 32 साल हो गए। परिणाम स्वरूप लालू-नीतीश बीते 32 सालों से अलग-अलग फॉरमेशन में बिहार में राज कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि हम सबने देखा कि सारे प्रयोग सामाजिक न्याय का नारा, एमवाई समीकरण, सामाजिक विषमता के नाम पर राजनीति करने के बाद भी 1990 में बिहार देश का सबसे पिछड़ा-गरीब राज्य था और आज भी बिहार देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। ऐसे में बिहार का नहीं बिहार के नेताओं का उत्थान हुआ है। उस विचारधारा का झंडा लेकर चलने वालों का उत्थान हुआ, समाज का नहीं हुआ है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 40 वर्षों तक कांग्रेस, लालू यादव, भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार के दावों को सही मान भी लीजिए, तो इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बिहार देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि सबसे ज्यादा बिहार से करीब दो करोड़ बच्चे पलायन कर रहे हैं। पहले पंजाब और हरियाणा जाते थे, अब गुजरात और तमिलनाडु जा रहे हैं।
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था जो 1990 में थी, आज उससे भी खराब है। बच्चों की शिक्षा की स्थिति सुधरी नहीं, रोजगार की स्थिति सुधरी नहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं सुधरा, नई फैक्ट्री नहीं लगी, लोगों की आय नहीं बढ़ी, कृषि में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। समाज के लोगों को इस बात का संज्ञान लेना पड़ेगा और उसे सुधारने का प्रयास करना होगा।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Feb 02 2024, 21:53