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संयुक्त कृषि भवन खुश्की बाग पूर्णिया के प्रांगण में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का हुआ शुभारम्भ, उप विकास आयुक्त ने किया उद्घाटन

पूर्णिया :- क़ृषि विभाग पूर्णिया द्वारा संयुक्त कृषि भवन खुश्की बाग पूर्णिया के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारम्भ आज दिनांक 02.02.2024 को किया गया। मेला का विधिवत उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्रीमती साहिला( भा०प्र० से०) द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।

मेला परिसर में कुल 24 स्टॉल लगाया गया जिसमे आधुनिक क़ृषि यन्त्रों के साथ साथ छोटे क़ृषि यंत्र यथा धातु कोठीला एंव मैन्युअल एग्रीकल्चर किट की भी प्रदर्शनी किया गया।

 कृषि यंत्रीकरण वित्तीय वर्ष 2023- 24 योजना अंतर्गत कुल 110 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 से 80% तक अनुदान दिया जा रहा है। मेला के प्रथम दिन कुल 56 कृषकों द्वारा 11.89 लाख अनुदान राशि का यंत्र किसानों के द्वारा मेला में क्रय किया गया l

पूर्णिया जिले को कुल 6234 कृषि यंत्र हेतु कुल 4144 कृषकों से ऑनलाइन के माध्यम से प्राप्त आवेदन के विरुद्ध 1095 स्वीकृति पत्र निर्गत किया गया है। कृषको के ऑनलाइन आवेदन के लिए OFMAS पोर्टल दिनांक 01.02.2024 से 15.02.2024 तक खुला रहेगा। जिसके लिए कृषको के बीच व्यपाक प्रचार प्रसार किया जा रहा हैl

मेला में चार कृषकों को कृषि यंत्र बैंक स्थापना करने हेतु उप विकास आयुक्त द्वारा चाभी हस्तगत कराया गया। कुल 16 लाख रुपए अनुदान राशि का कृषि यंत्र बैंक स्थापना करने हेतु यंत्रो का क्रय कृषको द्वारा किया गयाl

उप विकास आयुक्त श्रीमती साहिला द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषकों से 80: 20 के सिद्धांत पर यानी 80% पारंपरिक खेती एवं 20% पर उधानिकी फसल आदि की खेती करने के साथ साथ 1+1 अर्थात क़ृषि के साथ पशुपालन आदि की खेती करने का आग्रह कृषकों से किया गया है‌। 

युवाओं को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कृषि एवं संबद्ध विभागों को टीम वर्क के साथ काम करने हेतु निर्देशित किया गया।

जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा ससमय कृषि यंत्रों का क्रय कर वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर खेती करने हेतु कृषकों से अपील किया गया।

मेला में आये कृषको को प्रभारी संयुक्त निदेशक (शष्य )पूर्णिया प्रमंडल पूर्णिया, जिला क़ृषि पदाधिकारी, क़ृषि विज्ञानं केंद्र जलालगढ़ के वरीय वैज्ञानिक- सह- प्रधान , सहायक निदेशक क़ृषि अभियंत्रण, अनुमंडल क़ृषि पदाधिकारी द्वारा सम्बोधित किया गयाl

मेला में प्रभारी संयुक्त निदेशक शस्य,उपनिदेशक पौधा सरंक्षण, उपनिदेशक क़ृषि अभियंत्रण, DAO, KVK scientist, सभी सहायक निदेशक, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड क़ृषि पदाधिकारी, क़ृषि समन्वयक, kisan सलाहकार एंव बढ़ी संख्या में कृषक मौजूद थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

राज्यपाल के पूर्णिया विश्वविद्यालय आगमन पर सदर विधायक विजय खेमका ने अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर किया स्वागत, सीमांत क्षेत्र के विकास पर की

पूर्णिया : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के पूर्णिया विश्वविद्यालय आगमन पर सदर विधायक विजय खेमका ने अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत किया| विधायक ने राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय से सीमांत क्षेत्र के विकास पर विस्तार से चर्चा किया| 

श्री खेमका ने महामहिम को पूर्णिया विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय बनाने के साथ विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन, शारीरिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू कराने का आग्रह किया | विधायक सरकारी पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया तथा पूर्णिया महिला कॉलेज में छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए बीएड, MCA तथा LAW की पढाई शरू कराने की मांग रखी | 

विधायक ने जिला का एक मात्र डिग्री महिला कॉलेज के जर्जर भवन की राज्यपाल महोदय का ध्यान आकृष्ट कराने हुए उनसे कॉलेज के जर्जर भवन का जोर्नोद्धर करने की बात कही | 

सदर विधायक ने राज्यपाल श्री राजेन्द्र आर्लेकर जी से प्रमंडल मुख्यालय में सीमांत क्षेत्र की जनता की सुविधा के लिए एम्स, हाईकोर्ट बेंच बनाने का आग्रह किया | विधायक ने पूर्णिया में एयरपोर्ट तथा लम्बी दुरी की ट्रेनों के परिचालन पर भी राज्यपाल महोदय से चर्चा की|

पूर्णिया से जेपी मिश्र

सांसद कार्यालय में मनाई गई शहीद जगदेव प्रसाद की 102वी जयंती, युवा जेडीयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल समेत कई नेताओं ने माल्यार्पण कर किया नमन

पूर्णिया : रामबाग स्थित सांसद कार्यालय में शुक्रवार को युवा जेडीयू द्वारा बिहार के लेनिन कहलाने वाले अमर शहीद जगदेव प्रसाद की 102 वी जयंती मनाई गई।इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं द्वारा स्व जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया और सामाजिक न्याय की लड़ाई में उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा जेडीयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल ने किया।जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डगरुआ प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार मौजूद थे।

      

इस मौके पर शहीद जगदेव प्रसाद को याद करते हुए प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार ने कहा कि जगदेव बाबू ने कहा था कि जब तक सामाजिक क्रांति नही होगी तबतक आर्थिक क्रांति नही आएगी। जब तक शोषित समाज के हाथों में हुकूमत की बागडोर नही होगी तबतक आर्थिक गैरबराबरी नही मिटेगी। उन्होंने सौ में नब्बे भाग शोषित है, नब्बे भाग हमारा है का नारा देते हुए कहा था कि 10 फिसदी बनाम 90 फीसदी की लड़ाई ही वैज्ञानिक समाजवाद की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि शोषितों -वंचितों को अपना हक-हकूक चाहिए तो जगदेव बाबू के विचारों को अंगीकार करना होगा।

वही युवा जिलाध्यक्ष राजू मण्डल ने कहा कि जगदेव बाबू पहले ऐसा नेता थे जिन्होंने सरकारी और गैरसरकारी नौकरियों में 90 फीसदी आरक्षण की मांग किया था। उन्होंने कहा था कि पहली पीढ़ी गोली खाएगा, दूसरी पीढ़ी जेल जाएगा और तीसरी पीढ़ी राज करेगी और जीत अंततः हमारी होगी।

इस कार्यक्रम में संजय राय,राजेश राय,रतेश यादव,अंबुज यादव,राजेश गोस्वामी, सुभाष महतो, अविनाश सिंह कुशवाहा, कन्हैया प्रसाद ,सुशांत कुशवाहा,ओम प्रकाश मेहता,बिक्रम गुप्ता,प्रफुल प्रियकांच्छी,राहुल कुमार रॉय, इंद्रजीत कुमार, युवा जदयू नेता निर्मल विश्वास, अलोक ठाकुर, सोनू मेहता, संतोष सोनी, नीरज कुमार श्रीवास्तव, आशुतोष कुमार,सोनू कुमार पासवान,सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

यूसीसी के लिए बनाई गई समिति ने धामी सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें, जानें 800 पन्ने वाले ड्राफ्ट में क्या-क्या?

#uttarakhdnuccdraftsubmittedtocmpushkarsinghdhami 

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब कल यानी शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है। विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को प्रतीक्षा थी हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है। चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था। अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे।हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे। इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा।

यूसीसी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

पेटीएम पर आरबीआई का “डंडा” आम लोगों पर क्या होगा असर?

क्या आप भी जेब में पर्स लेकर घूमने के बजाय डीजिटल पेमेंट करने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। दरअससर आज हमारे देश में हर दूसरा शख्स ऐसी ही सोच रखता है। डिजिटल मोड के इस दौरा मे एक नाम तेजी से उभरा Paytm, जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया। डिजिटल पेमेंट सर्विस की दुनिया की बेताज बादशाह कही जाने वाली कंपनी पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई तरह के बैन लगा दिए हैं।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तुरंत नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का निर्देश हाल ही में दिया था। इतना ही नहीं, आरबीआई सर्कुलर के अनुसार, 29 फरवरी, 2024 के बाद पेटीम पेमेंट्स बैंक से किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड कार्ड, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में जमा, लेनदेन, टॉप-अप या निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर होगा असर

आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।ऐसे में बड़ा सवाल है कि आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।कंपनी का दावा है कि उसके पास 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से अधिक वॉलेट यूजर्स हैं। वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 मिलियन यानी 3 करोड़ ग्राहकों ने बैंक खाता खोल रखा है। इसका आसान मतलब यह होता है कि इसका सीधा असर 30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर पड़ने वाला है।

पेटीएम बैंक क्या है

आरबीआई के फ़ैसले का क्या असर होगा ये समझने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि पेटीएम बैंक है क्या और ये आम बैंक से कैसे अलग है। पेटीएम पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास कर्ज़ देने का अधिकार नहीं है। ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी। यानी ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बदले में पेटीएम अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वाइंट देता है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है वन97 कंम्यूनिकेशंस और इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पेटीएम वॉलेट और यूपीआई इस्तेमाल करने वाले का क्या होगा?

29 फरवरी तक पेटीएम की सभी सर्विस सामान्य रूप से ही काम करेंगी। इसके बाद पेटीएम वॉलेट और यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए कुछ बदलाव होंगे। सबसे अहम ये कि अगर आपके वॉलेट में पहले से पैसे हैं तो आप उसे दूसरी जगह ट्रांसफ़र कर सकते हैं लेकिन वॉलेट में कोई भी राशि डिपॉज़िट नहीं की जा सकती। हालांकि, अगर आपने पेटीएम अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी इस्तेमाल करते रहेंगे। थर्ड पार्टी या एक्सटर्नल बैंक का मतलब है कि आप पेटीएम पर अगर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लेकिन अगर आप पेटीएम बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 29 फ़रवरी के बाद से ना तो बैंक अकाउंट में और ना तो वॉलेट में कोई क्रेटिड लिया जा सकेगा।

दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट रिसीवकर सकेंगे?

जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में क्रेडिट की अनुमति नहीं है, लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय बजट को बीजेपी ने बताया लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी, विपक्ष ने बताया आम लोगों के साथ छलावा

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश की। इधर इस बजट को एनडीए जहां लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे आमलोगों के साथ छलावा करार दिया है। 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को गरीबों, महिलाओं और बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया। इससे केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को इस वर्ष 1 लाख 2737 करोड़ की जगह 1 लाख 11 हजार करोड़, यानी 8500 करोड़ अधिक मिलेंगे। अगले वर्ष यह राशि 1.22 लाख करोड़ होगी। 50 साल के लिए राज्यों को 1 लाख 30 हजार करोड़ का व्याज-मुक्त ऋण देने की घोषणा भी बड़ी पहल है।

केंद्रीय बजट में राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं नहीं होती, फिर भी वर्ष 2024-2025 के अंतरिम बजट से बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तीन करोड़ किया गया है।

वही दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जब सत्ताधारी वर्ग में विजन के ऊपर कुर्सी की चिन्ता हावी हो जाती है तो इस तरह का बजट देखने को मिलता है। हमेशा के मुताबिक इस बजट में गरीब, बेरोजगार नौजवान और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी हाथ नहीं लगा। चुनिंदा अमीरों को रेवड़ियां बांटने का प्रयास है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी, 739 अभ्यर्थी हुए सफल

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने गुरुवार को शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर दिया है। आयोग ने पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों के लिए रिजल्ट जारी किया है। 739 को सफलता मिली है। 

आयोग ने प्राचार्य के चार पदों का परिणाम निकाला है। वहीं मिडिल स्कूलों में सामाजिक विज्ञान, गणित व विज्ञान और हिन्दी व अंग्रेजी विषय का रिजल्ट जारी किया गया है। सामाजिक विज्ञान में 78, गणित व विज्ञान मिलाकर 77 और हिन्दी व अंग्रेजी 79 का चयन किया गया है। वहीं माध्यमिक (9वीं से 10वीं) में आठ विषयों 234 व उच्च माध्यमिक में 13 विषयों में विषयों का रिजल्ट जारी किया गया है।

इस विभाग ने आयोग को पूरक रिजल्ट जारी करने का अनुरोध पत्र भेजा था। पूर्व में जारी रिजल्ट के बाद काउंसिलिंग में कई वर्गों में चयनित शिक्षक अनुपस्थित रहे थे। इन्हीं सीटों को भरने के लिए पूरक रिजल्ट जारी किया गया है। आयोग ने इसबार तीन विभागों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। 

आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि प्राचार्य सहित मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों का रिजल्ट जारी किया गया है।

पूर्णिया सदर विधायक विजय खेमका ने लोकसभा में पेश अंतरिम बजट को देश का विकास का उन्मुख बजट बताया |


 यह बजट विकसित भारत की गारंटी है | इसमें सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है | विधायक ने अंतरिम बजट की सराहना करते हुए कहा विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने वाले इस अंतरिम बजट में किसान, युवा, महिला और गरीबों का विशेष ध्यान रखा गया है | 

श्री खेमका ने कहा यह बजट भारत वासियों के सपनों और उम्मीदों को पूरा करते हुए नए भारत, सशक्त भारत और विकसित भारत के निर्माण में सहभागी बनेगा | 

राष्ट्र निर्माण को समर्पित यह बजट यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत विजन को साकार करने वाला है |

इण्टरमीडिएट वार्षिक परीक्षा को शांतिपूर्ण व कदाचार मुक्त संपन्न कराने को लेकर डीएम ने मानस भारती स्कूल पूर्णिया स्थित परीक्षा केंद्र का किया औचक

पूर्णिया :- कुन्दन कुमार ,भा०प्र०से० जिला पदाधिकारी के द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा संचालित इण्टरमीडिएट वार्षिक (सैद्धान्तिक) परीक्षा 2024 को शांतिपूर्ण माहौल में कदाचार मुक्त संपन्न कराने को लेकर मानस भारती स्कूल पूर्णिया स्थित परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। 

मानस भारती स्कूल पूर्णिया में केवल छात्रों का परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी कमरों का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा केंद्राधीक्षक को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा दिए गए निदेशो का अक्षरशः अनुपालन करने का निर्देश दिया गया।

जिला पदाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी और केंद्राधीक्षक को निर्देश दिया गया की परीक्षा केंद्र पर प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी, पर्यवेक्षक प्रवेश करने वाले परीक्षार्थियों का फ्रिसकिंग परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर ही अचूक रूप से करना सुनिश्चित करेंगे। निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा सभी डस्टबीन की भी जांच कराई गई। 

निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा केन्द्राधीक्षक एवं प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त वातावरण में कराने का निर्देश दिया गया। 

जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देशित करते हुए कहा गया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर तुरंत अनुशासनिक करवाई करते हुए एफआईआर दर्ज किया जाएगा।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

*मणिशंकर अय्यर की बेटी ने राम मंदिर के विरोध में रखा था व्रत, अब सोसाइटी ने थमाया नोटिस, कहा-माफी मांगे या घर खाली करें*

#mani_shankar_aiyar_daughter_suranya_aiyar_gets_rwa

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने अयोध्या के श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया थी। 19 जनवरी को की गई इस पोस्ट में सुरन्या ने श्रीराम मंदिर कार्यक्रम के वक़्त तीन दिन का उपवास रखने की बात भी कही थी। राम मंदिर के खिलाफ में बयानबाजी करना और अनशन रखना कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी को महंगा पड़ता दिख रहा है। दरअसल, दिल्ली के जंगपुरा की जिस सोसाइटी में मणिशंकर अय्यर का घर है, अब अब वहाँ की रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन यानी आरडब्ल्यूए इस बात से ख़फ़ा हो गया। आरडब्ल्यूए ने अय्यर और उनकी बेटी को नोटिस थमा दिया है। जिसमें उनसे माफ़ी मांगने या फिर सोसाइटी छोड़ देने के लिए कहा है।

आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने एक नोटिस में दोनों से गुहार की है कि वो ऐसे काम न करें जिससे लोगों की शांति भंग हो या उनके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। आरडब्ल्यूए ने अपने नोटिस में कहा कि हम आपके ऐसे बयानों की कदर नहीं करते, जो मोहल्ले की शांति भंग कर सकते हैं या यहां रहने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। आगे लिखा गया कि अगर आपको लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का विरोध करना जायज है, तो हम यह सुझाव देंगे कि आप कृपया ऐसी कॉलोनी में चले जाएं जहां लोग ऐसी नफरत के प्रति आंखें मूंद लेते हैं। लोगों ने दरख्वास्त की है कि दोनों इस घर को छोड़कर कहीं और चले जाएं।

आरडब्ल्यूए ने सुरन्या अय्यर के पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, 'सुश्री अय्यर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो कहा वह एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अशोभनीय था, जिसे यह समझना चाहिए था कि राम मंदिर 500 वर्षों के बाद बनाया जा रहा था और वह भी सुप्रीम कोर्ट के 5-0 फैसले के बाद।' इसमें कहा गया, 'आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ ले सकते हैं, लेकिन कृपया याद रखें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं हो सकती है।

सोसाइटी की नोटिस पर सुरन्या का बयान

सोसाइटी के एक्शन पर सुरन्या फेसबुक पर अपना बयान जारी किया है और कहा, ‘यह बयान मेरे फास्ट के बारे में एक टेलीविजन कहानी के संबंध में है। सबसे पहले संबंधित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) जिस कॉलोनी से है, वहां मैं रहती ही नहीं हूं। दूसरा, मैंने फिलहाल मीडिया से बात न करने का फैसला किया है, क्योंकि अभी भारत में मीडिया केवल जहर और भ्रम फैला रहा है। आप सब मुझे जानते हैं। मैंने भारत में अब तक अपनी सारी ज़िंदगी (लगभग 50 वर्ष) के दौरान सभी राजनीतिक दृष्टिकोण के लोगों के साथ बड़ी हुई हूं, पढ़ी हूं, काम किया है और ऐक्टिविज़म किया है। फिलहाल मैं अपनी बातें अपने फेसबुक और यू-ट्यूब पेजों पर ही छोड़ूंगी ताकि आप स्वयं, शांति से, इसके बारे में सोच सकें। मैं मीडिया सर्कस से बचने की कोशिश कर रही हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि भारत में हमें एक बेहतर प्रकार के सार्वजनिक संवाद की आवश्यकता है। आइए हम गाली-गलौच के बजाय, कुछ सोचने का प्रयास करें. जय हिन्द!’

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सुरन्या अय्यर ने मंदिर के अभिषेक के विरोध में 20 से 23 जनवरी तक तीन दिवसीय उपवास किया, मुसलमानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर किए गए कृत्यों की निंदा की थी। सुरन्या ने 19 जनवरी को फ़ेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर कहा था, ''अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम से पहले दिल्ली का माहौल, जो पहले से ही प्रदूषित है, अब आध्यात्मिक रूप से ज़हरीला, हिंदू अंधराष्ट्रवाद, द्वेष, बदमाशी के साथ और ज़्यादा दूषित हुआ है। एक भारतीय और हिंदू होने के नाते मैं बहुत व्यथित हूँ। काफ़ी सोचने के बाद मैंने फ़ैसला किया है कि मैं 20 से 23 जनवरी तक अयोध्या में कार्यक्रम ख़त्म होने तक उपवास पर रहूंगी।'' सुरन्या ने कहा था, ''मैं ये उपवास सबसे पहले और महत्वपूर्ण रूप से भारत के अपने साथी मुसलमान नागरिकों के प्रति अपने प्यार और दुख के इज़हार के रूप में कर रही हूँ। मैं इस पल में ज़ोर शोर से ये कहे बिना नहीं रह सकती हूं कि मुसलमान भाइयों और बहनों, मुझे आपसे प्रेम है और हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के नाम पर जो अयोध्या में हो रहा है, मैं उसकी निंदा और ख़ारिज करती हूँ।''