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सरायकेला : यह क्या होने जा रहा हे,क्या नदी का सीना छलनी कर ही मानेंगे बालू कारोबारी और अधिकारी


चांडिल : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में बालू माफिया तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर स्वर्णरेखा और करकरी समेत अन्य नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं।जिसे इन नदियों की आस्तिवो खतरे में , नदियों से सफेद सोना निकाल कर माफिया चांदी के सिक्कों में खेल रहे हैं, और सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। 

कहाँ -कहाँ हो रहा है बालू तस्करी..?

ईचागढ़ व कुकडू प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बालू का अवैध उत्खनन और परिवहन परवान पर है। कुकडू प्रखंड क्षेत्र में तिरुलडीह, कुकडू होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर रोजाना लगभग सौ हाइवा बालू की तस्करी हो रही है। शाम ढलने के बाद ही बालू माफिया अपने अवैध कारोबार को अंजाम देने में जुट जाते हैं। इस रास्ते पर ईचागढ़ और कुकडू थाना क्षेत्र में स्थित विभिन्न नदी घाटों से बालू का खनन कर अवैध रुप से परिवहन किया जाता है।

 ऐसा नहीं है कि बालू का अवैध कारोबारी अपने काम को चोरी-छिपे अंजाम देते हैं, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के पुलिस-प्रशासन के पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच ऐसा करना संभव ही नहीं है। इस कारोबार में कहीं ना कहीं पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का भी सहमति हो सकती है। बालू कारोबार को लेकर पदाधिकारी समय-समय पर छापेमारी करते है, लेकिन अभियान में छापेमारी दल को कहीं कुछ नहीं मिलता है. छोटी मछलियों पर चाबुक चलाकर बालू के बड़े अजगरों को बचा लिया जाता है। वैसे सड़क किनारे दुकान व मकानों में लगे सीसीटीवी की जांच से इसका खुलासा हो सकता है कि रात के अंधेरे में बालू का अवैध परिवहन किस प्रकार धड़ल्ले से किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि अवैध खनन की यह बादशाहत स्थानीय पुलिस-प्रशासन के पैरों पर ही खड़ी है। जिस रास्ते से होकर बालू का अवैध रूप से परिवहन किया जाता है, वहां से तिरुलडीह थाना की दूरी महज आधा किलोमीटर है. इसके बावजूद सूर्यास्त के बाद बालू का अवैध परिवहन शुरू हो जाता है, जो 

सूर्योदय होने तक जारी रहता है।

एसडीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियां

बालू घाटों के आसपास के ग्रामीणों और कई जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार शिकायत करने के बाद चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी ने बालू का अवैध परिवहन रोकने के लिए चेकनाका लगाने का आदेश दिया था । वैसे एसडीएम के इस आदेश का अनुपालन महिनों गुजर जाने के बाद भी नहीं किया गया है। 

 तिरुलडीह थाना की ओर से शहीद अजित-धनंजय महतो चौक पर चेकनाका लगाया गया है, एसडीएम के आदेश अनुसार चेकनाका में सुबह छह से रात दस बजे तक दो पाली में बालू लदे वाहनों की जांच की जानी है। रात के वक्त चेकनाका में जांच नहीं किया जाएगा, तिरुलडीह थाना को छोड़कर कहीं और चेकनाका नहीं लगाया गया है, जब भी मामला सुर्खियों में आता है तो टास्क फोर्स की टीम दबिश देने पहुंचती है। ऐसे में कुछ दिनों के लिए काम बंद कर दिया जाता है. हालात सामान्य होते ही खनन माफिया फिर सक्रिय हो जाते हैं। 

ग्रामीणों ने बताया जा रहा है कि इन नदियों से युद्धस्तर पर खनन के चलते इसकी धारा भी बदलती जा रही है। साथ ही जनजीवन और पालतू जानवरों की जीवन खतरे में कोई बार नदी की गहराई पानी में गाय ,बैल आदि जानवर पानी पीने के दौरान डूब जाने पर मौत हो जाते हे। लेकिन सब कुछ जानकार होने के बाबजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अनजान बने हैं।

रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में सात दिवसीय “रचनात्मक लेखन कार्यशाला” का छठवां दिन


रांची : “रचनात्मक लेखन कार्यशाला” के छठे दिन स्वागत संबोधन में रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक और साहित्यकार रणेद्र ने हिंदी साहित्य में समीक्षा लेखन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, हिंदी साहित्य की समीक्षा बहुत ईमानदारी की समीक्षा नहीं है। अति प्रशंसा नए रचनाकर को बर्बाद करती है। 

हिंदी साहित्य के वरिष्ठ आलोचक और कवि विजय बहादुर सिंह ने बताया, आलोचना और समीक्षा दोनों एक ही चीज है। आलोचना लेखन के बारे में कहा कि एक आलोचक की शब्दों की कीमत उसके व्यक्तित्व से जुड़ी होती हैं। एक आलोचक को रसिक और कवि मिजाज होना जरूरी है। 

काव्य रचना के बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि कविता की यात्रा आदमी से इंसान होने की यात्रा है। उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान हिंदी के कई मशहूर आलाचकों के आलोचना लेखन की विधि पर विस्तार से चर्चा की। साहित्य की कार्यशाला में प्रसिद्ध कन्नड़ फिल्म कांतारा दिखाई गई। 

रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक और साहित्यकार रणेंद्र ने फिल्म प्रदर्शन के बाद कहा कि आदिवासी पुरखा देवता का अद्भुत और सजीव चित्रण करती यह फिल्म जमीन बचाने की कहानी को एकदम नए ढंग से प्रस्तुत करती है। 

युवा आदिवासी संगीतकार गुंजल इकीर मुंडा ने कहा कि वर्तमान समय के अखरा में आदिवासी गीत बजना बंद हो गए हैं। नए आदिवासी रचनाकारों को नए वक्त के हिसाब से आदिवासी गीत रचने, गढ़ने की जरूरत है। 

डॉ.सावित्री बड़ाइक ने समीक्षा और पुस्तक संपादन की बारीकियों को प्रतिभागियों को बताया। उन्होंने यह भी बताया कि आदिवासी कथा लेखन का इतिहास काफी पुराना है। नए लेखकों और शोधकर्ताओं को पुराने लेखों को ढूंढ कर पढ़ने की आवश्यकता है। 

निरंजन कुजूर ने सिनेमा कार्यशाला की कक्षा में कन्नड़ फिल्मकार गिरीश कसेरवाली की फिल्में द्वीपा और गुलाबी टॉकीज पर विशेष बातचीत की।प्रतिभागियों को सबसे पहले फिल्म 'गुलाबी टॉकीज'दिखाई गई। उन्होंने कहा कि गिरीश कसेरवाली की फिल्में आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समाज की कहानी को परदे पर दिखाता है। 

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्ममेकर बीजू टोप्पो ने सिनेमेटोग्राफी की कक्षा ली। उन्होंने फिक्शन और डॉक्यूमेंट्री निर्माण के अंतर को प्रतिभागियों को समझाया। उन्होंने कैमरा से कहानी कहने के तरीके प्रतिभागियों से साझा की। 

पटना से आए वरिष्ठ अनुवादक यादवेंद्र जी ने अनुवाद की कक्षा में कहा कि अनुवाद एक साहित्यिक दायरे में सीमित प्रक्रिया नहीं। उन्होंने इस दौरान अपने द्वारा अनुवाद की हुई फिलिस्तीन की एक कविता सुनाई और अनुवाद करने की प्रक्रिया पर प्रतिभागियों से विशेष चर्चा की। 

मौके पर धर्मेंजय हेमब्रम की ओल चिकी लिपि में लिखे कविता संग्रह “दुलार रिएक मेटदाक”, रुद्र चरण मांझी और ज्ञानती गोंड द्वारा संपादित कविता संग्रह “समकालीन आदिवासी कविताएं” नामक किताबों का विमोचन किया गया। उक्त अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार विजय बहादुर सिंह,साहित्यकार यादवेंद्र जी, डॉ.शांति खलखो,प्रो पारुल खलखो, डॉ.पार्वती तिर्की, टीआरआई के निदेशक रणेंद्र,उप निदेशक मोनिका टूटी,नीतिशा खलखो और युवा लेखक उपस्थित थे। 

नए लेखकों को सभी लोगों ने बधाइयां दीं। दोनों पुस्तकों के प्रकाशन में पहली रचनात्मक कार्यशाला 2023 की अहम भूमिका रही है। रणेंद्र जी ने कामना की है कि इस द्वितीय कार्यशाला में भी ऐसे ही नई पुस्तकों की बहार से आदिवासी लेखन जगत समृद्ध हो। ज्ञांति और धर्मेंजय द्वारा उनकी कविताओं के पाठ से यह सत्र समृद्ध रहा।

बुंडु:एनएच -33 कांची नदी पुल के पास बस और कार में जोरदार टक्कर, तीन गंभीर रूप से घायल।


बुंडु: राँची टाटा एनएच -33 कांची नदी पुल के पास बस और कार में जोरदार टक्कर हुई, टक्कर इतनी गंभीर थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कार में सवार ड्राइवर समेत

तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिसमें एक महिला भी सवार थी। टाटा से रांची की ओर आ रही चंचल बस और रांची से टाटा की ओर जा रही कार के बीच दुर्घटना घटी। 

स्थानीय लोगों के अनुसार एनएच-33 तमाड़ थाना क्षेत्र के कांची नदी पुल के पास वन-वे सड़क होने के कारण आने जाने वाले वाहनों को एक ही ओर से परिचालन करना पड़ता है। लंबी दूरी से आने वाले वाहन एनएच 33 पर अचानक वन-वे होने के कारण वाहनों पर नियंत्रण खो देते हैं और आमने सामने वाहनों के बीच दुर्घटना की शिकायतें आती रहती हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बार बार यह क्षेत्र दुर्घटना जोन बन गया है। कई बार लिखित शिकायत भी अधिकारियों और एनएचएआई को दिया गया लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं कि गयी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी लगातार होने वाली दुर्घटना की जानकारी दी गई लेकिन अबतक कोई पहल नहीं की गयी।

सराईकेला: चम्पई सोरेन को राज्य के मुख्यमंत्री बनने की खबर से है लोगों में खुशी की लहर


सरायकेला : जिला के जिलिंगोड़ा विधायक सह राज्य के परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन अब मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे जिसकी खबर पूरे झारखंड से लेकर स्थानीय विधायक सह मंत्री चम्पई सोरेन के घर जिलिंगोड़ा तक फैल गयी।जहा मंत्री के घर के साथ आसपास में भी खुशी की लहर है।

हालांकि मंत्री चम्पई सोरेन के पैतृक आवास पर कोई भी नही जा पा रहा है,वहां सिर्फ पुलिस बल तैनात हैं । उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर पर उनके घर वालों के साथ साथ आसपास के लोगो मे भी खुशी देखी जा रही है।

 इस दौरान एक तरफ चम्पई सोरेन को एक किसान का बेटा से लेकर विधायक का सफर तय कर राज्य के परिवहन मंत्री से लेकर अब मुख्यमंत्री का कुर्सी संभालने की संभावना है पर अब तक औपचारिक घोषणा या राज्यपाल की तरफ से किसी तरह की घोषणा या बुलावा नही हुआ है । 

जिससे गांव के लोग भी बोलने से कतरा रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री बनने की सूचना पर गांव में खुशी के साथ हेमन्त सोरेन को ईडी के द्वारा गिरफ्तारी को लेकर गांव वासियो में दुःख है। 

 इस दौरान कई ग्रामीणों ने कहा कि गांव में खुशी के साथ गम भी है क्योंकि ईडी के गिरफ्त में हेमन्त सोरेन को रखा गया है ।

वहीं खुसी है के हमारे गाँव के विधायक मंत्री से मुख्यमंत्री का पद चम्पई सोरेन संभालेगे ओर हेमन्त सोरेन के विकास के गति को तेज करेंगे।

इधर मंत्री चम्पई सोरेन की भाव सोना सोरेन जो खुद चम्पई सोरेन के घर की दीवार से सटे बगल घर मे रहती है और वह कहती है कि चम्पई सोरेन बहुत बड़ा आदमी बनने वाले है जिससे खुशी तो लग रहा है इधर मंत्री चम्पई सोरेन के चाचा घासी राम सोरेन जो खुद चम्पई सोरेन से उम्र में छोटे है और मंत्री चम्पई सोरेन से पद में या रिस्ते में बड़े है कहते हैं खुशी है।

 गांव का विकास होगा वही ठाकुर सोरेन मंत्री के भाई भी काफी खुश हैं और कहते है की अच्छा लग रहा है मंत्री से मुख्यमंत्री का सफर पर खेतो में अगर पानी की सुविधा नदी से बहाल हो तो खेती बाड़ी करने में ज्यादा सुबिधा होगी नदी का पानी अगर खेतो तक पहुचे तो विकास होगा

सराईकेला: चम्पई सोरेन को राज्य के मुख्यमंत्री बनने की खबर से है लोगों में खुशी की लहर


सरायकेला : जिला के जिलिंगोड़ा विधायक सह राज्य के परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन अब मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे जिसकी खबर पूरे झारखंड से लेकर स्थानीय विधायक सह मंत्री चम्पई सोरेन के घर जिलिंगोड़ा तक फैल गयी।जहा मंत्री के घर के साथ आसपास में भी खुशी की लहर है।

हालांकि मंत्री चम्पई सोरेन के पैतृक आवास पर कोई भी नही जा पा रहा है,वहां सिर्फ पुलिस बल तैनात हैं । उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर पर उनके घर वालों के साथ साथ आसपास के लोगो मे भी खुशी देखी जा रही है।

 इस दौरान एक तरफ चम्पई सोरेन को एक किसान का बेटा से लेकर विधायक का सफर तय कर राज्य के परिवहन मंत्री से लेकर अब मुख्यमंत्री का कुर्सी संभालने की संभावना है पर अब तक औपचारिक घोषणा या राज्यपाल की तरफ से किसी तरह की घोषणा या बुलावा नही हुआ है । 

जिससे गांव के लोग भी बोलने से कतरा रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री बनने की सूचना पर गांव में खुशी के साथ हेमन्त सोरेन को ईडी के द्वारा गिरफ्तारी को लेकर गांव वासियो में दुःख है। 

 इस दौरान कई ग्रामीणों ने कहा कि गांव में खुशी के साथ गम भी है क्योंकि ईडी के गिरफ्त में हेमन्त सोरेन को रखा गया है ।

वहीं खुसी है के हमारे गाँव के विधायक मंत्री से मुख्यमंत्री का पद चम्पई सोरेन संभालेगे ओर हेमन्त सोरेन के विकास के गति को तेज करेंगे।

इधर मंत्री चम्पई सोरेन की भाव सोना सोरेन जो खुद चम्पई सोरेन के घर की दीवार से सटे बगल घर मे रहती है और वह कहती है कि चम्पई सोरेन बहुत बड़ा आदमी बनने वाले है जिससे खुशी तो लग रहा है इधर मंत्री चम्पई सोरेन के चाचा घासी राम सोरेन जो खुद चम्पई सोरेन से उम्र में छोटे है और मंत्री चम्पई सोरेन से पद में या रिस्ते में बड़े है कहते हैं खुशी है।

 गांव का विकास होगा वही ठाकुर सोरेन मंत्री के भाई भी काफी खुश हैं और कहते है की अच्छा लग रहा है मंत्री से मुख्यमंत्री का सफर पर खेतो में अगर पानी की सुविधा नदी से बहाल हो तो खेती बाड़ी करने में ज्यादा सुबिधा होगी नदी का पानी अगर खेतो तक पहुचे तो विकास होगा

गढ़वा: जिले मे इन दिनों जंगली हाथियों के झुण्ड के आतंक से जनजीवन परेशान


गढ़वा: जिले मे इन दिनों जंगली हाथियों के झुण्ड के आतंक से जनजीवन परेशान है अब ये हाथी दिन के उजाले मे भी गाँव मे पहुंच कर आतंक मचा रहे है। 

वहीं हाथियों के बढ़ती संख्या के कारण गढ़वा के जंगल छोटे पड़ रहे है इसका नतीजा है की इन हाथियों को जंगलो मे पौष्टिक भोजन प्रजापत मात्रा में खाने को कुछ नही मिल रहा है । 

आज हाथी आबादी वाले क्षेत्रो मे पहुंच कर आतंक मचा रहे है ,अब तक ये हाथी द्वारा। दो लोगो को मौत के घाट उतार चुके है, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए है। 

गढ़वा के सड़को पर जंगली हाथियों का विचरण करना अब आम बात हो गया। ये हाथी सैकड़ो की झुण्ड मे ग्रामीण इलाकों मे पहुंच कर आम जन को तो नुकसान पंहुचा रहे है,एक ही दिनों यह हाथी द्वारा साथ घरो को क्षत्रि पहुंचा गया ,साथ ही किसान के खेतो में लगे फसलों अपना निवाला बनाया ओर रौदा गया एब किसान का घरेलू पालतू पशुओं को भी नुकसान पंहुचा रहे है। 

वन विभाग की आंकड़े की बात करें तो जंगली हाथियों के झुण्ड ने अबतक दो लोगो की जान ले चुकी है जबकि तीन लोग घायल है। वंही 70 घरो को क्षतिग्रस्त किया है तो 334 किसानो के फसलों को रौंद दिया है वंही 22 घरो मे घुस कर घर मे रखे आनाज को खाया है वंही 16 पशुओं को भी मारने का आकड़ा दर्ज किया गया है। बर्ष 2022-23 दिसंबर तक का आकड़ा बताया जा रहा है, इन सभी मामलो मे वन विभाग ने अबतक लगभग 60 लाख का मुआवजा दे चुके है,वंही विभाग ने अभी एक करोड़ की राशि की और डिमांड राज्य सरकार से की है। डीएफओ शशि कुमार ने बताया की ये हाथी चार से पांच समूहों मे है ।

हमारे यंहा हाथी छत्तीसगढ़ और पिटीआर से आता है ये यंहा रहकर किसान का खेतो में अनाज खाने का आदि हो चुके है पश्चिम बंगाल से एलिफेंट ड्राइव टीम बुलाई गई थी हाथी को भगाने के लिए लेकिन वह सफल नही हो पाए है, इन राज्यों में झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों मे हाथी का विचरण स्थल हो गया है भारत सरकार इसपर मोनेटरिंग कर रहे है।

वंही इस मामले पर ग्रामीण वन विभाग के कार्य शैली पर सवाल उठा रहे है उनला कहना है की आखिर वन विभाग क्या कर रही है क्यों नही हाथियों को भगा रही है हमलोगो का जीनामुस्किल हो गया है, रात रात भर जगरना हो रहा है लेकिन विभाग सुनने को तैयारी नही है।इन ग्रामीणों ने अपनी बाते रखे प्रेमश्वर भुईया ऋतु भुईया, उमेश भुईया ने जानकारी दिए ।

15 साल बाद फिर से चम्पई सोरेन चुने गए विधयाक दल के नेता


सरायकेला : तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में चम्पई सोरेन को गठबंधन की बैठक में विधयाक दल का नेता चुना गया 15 साल बाद फिर से चम्पई सोरेन विधयाक दल के नेता चुने गए इससे पहले 2009 में उन्हें विधयाक दल का नेता चुना गया था चम्पई सोरेन को जेएमएम ,कांग्रेस, ओर आरजेडी विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया है।

 चम्पई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है ,सरायकेला के विधयाक चम्पई सोरेन का राजनीतिक सफर संघर्षमय रहा है 90 के दशक में अलग झारखंड राज्य आंदोलन के माध्यम से चम्पई सोरेन ने राजनीति में कदम रखा था।

 चम्पई सोरेन चुनावी राजनीति में सफल राजनीतिज्ञ माने जाते है वर्ष 1991 से 2019 तक सरायकेला विस क्षेत्र के लिए हुए विधानसभा चुनाव में एक टर्म को छोड़ कर उन्होने सभी चुनावो में जीत दर्ज की है जबकि उन्हें वर्ष 2000 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था चम्पई सोरेन कोल्हान में झारखंड टाइगर के नाम से प्रसिद्ध है झामुमो के संगठन में भी केंद्रीय उपाध्यक्ष है पूर्व में पार्टी में महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके है ।

चंपई सोरेन पहली बार वर्ष 1991 के सरायकेला विस क्षेत्र से उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज कर

विधायक बने थे. उस चुनाव में चंपई सोरेन ने सिंहभूम के तत्कालीन सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी मोती मार्डी को

हराया था. 

इसके बाद उन्होंने कभी पीछे

मुड़ कर नहीं देखा. वर्ष 1995 के विस. चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर भाजपा के पंचू टुडू को हरा कर विधायक बने. वर्ष 2000 के विधानसभा

चुनाव में भाजपा लहर के क्राण अनंत राम टुडू के हाथों पहली बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2005 में चंपई सोरेन ने भाजपा के

लक्ष्मण टुडू को 880 वोट के अंतर से जीत दर्ज की. 2009 के चुनाव में भी भाजपा के लक्ष्मण टुडू को 3200 वोट से हरा कर जीत दर्ज की. वर्ष 2014 के

विस चुनाव में 1100 तथा 2019 के विस चुनाव में करीब 16 हजार वोट से जीत दर्ज कर विस पहुंचे. 

वर्ष 2020 में चंपई सोरेन राज्य में तीसरी बार मंत्री बने. पहली बार वर्ष 2010 में भाजपा झामुमो गठबंधन वाली अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद वर्ष 2013 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो इन्हें फिर से मंत्री पद मिला और तीन विभाग उद्योग, परिवहन और आदिवासी कल्याण मंत्रालय के मंत्री रहे. वर्ष 2019 में राज्य में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार में 28 जनवरी 2020 को

चंपई सोरेन को फिर एक बार मंत्री बनाया गया. 

इस बार चंपई सोरेन जनजाती कल्याण व परिवॉहन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बनाये गये.

झारखंड राज्य की मांग उठने लगी शिबू सोरेन के साथ ही चम्पई की झारखंड के आंदोलन में उतर गए जल्द ही झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर हुए 

इधर भाजपा नेता रमेश हांसदा ने भी परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन को मुख्यमंत्री पद संभालने का बधाई देते हुए सोरेन परिवार पर तंज करते हुए कहा कि अच्छा हुआ कि सोरेन परिवार सत्ता से बाहर निकली हेमन्त सोरेन की सरकार जब भ्र्ष्टाचार में घिरती रही सरकार पर संकट छया , ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा के परिवारवाद या वंश वाद से बाहर निकली है तो कही न कही भाजपा की देन है वही मंत्री चम्पई सोरेन को बधाई दी और कहा कि आदिवासी मुद्दे जो बहुत दिनों से पड़ा हुआ है उसे उठाने की बात करे आदिवासियों का कल्याण करे इन्होंने कहा कि पहले भी एक बार विधायक दल का नेता चुना गया था लेकिन मुख्यमंत्री नही बन पाए कही इस बार भी ऐसा तो नही क्योंकि अभी भी गठबंधन सरकार में अंदरूनी अंत कलह है हालकि मंत्री चम्पई सोरेन को झारखंड टाइगर से लोग जानते है कि उन्होंने पूर्ण बहमुत की सरकार बनायी झामुमो के वरिष्ठ विधायक और टाइगर के नाम से महसूर चम्पई सोरेन ओर शिबू परिवार से सत्ता सौप दी ।

सरायकेला :हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से फूटा आदिवासियों का आक्रोश, किया टाटा - रांची नेशनल हाईवे जाम


सरायकेला : कल शाम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने से राज्य के आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से आक्रोशित झामुमो कार्यकर्ताओं एवं आदिवासियों द्वारा आज झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में झारखंड बंद कराने सड़कों पर उतरे हैं।

 सरायकेला के राजनगर में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों ने राजनगर - हाता सड़क को जाम कर दिया है। सड़क पर टायर जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही हैं। 

इधर, चांडिल थाना क्षेत्र के चिलगु में टाटा - रांची नेशनल हाईवे को आदिवासियों ने जाम कर दिया है। तीर कमान, फारसा, तलवार इत्यादि पारंपरिक हथियारों के साथ आदिवासी समुदाय के पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी नेशनल हाईवे पर मौजूद हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, भाजपा मुर्दाबाद आदि नारे लगाए गए। हालांकि, सड़क जाम की सूचना पर चांडिल पुलिस चिलगु पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर जाम हटवा दिया। फिलहाल टाटा - रांची नेशनल हाईवे पर आवागमन सामान्य है। 

आदित्यपुर - गम्हरिया में आंशिक बंद

सरायकेला - खरसावां जिले के आदित्यपुर, गम्हरिया एवं कांड्रा क्षेत्र में झारखंड बंद का असर खास नहीं है। इन क्षेत्रों में बंद का आंशिक असर देखने को मिल रहा है। जहां अधिकांश प्रतिष्ठान खुले हैं, जबकि बसें बंद हैं। 50 प्रतिशत ऑटो भी चल रही हैं।

चाईबासा :नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप लगाकर एक ग्रामीण चुड़ू सिरका की कर दी हत्या,पुलिस जांच में जुटी

चाईबासा: कोल्हान के पश्चिमी सिंहभूम जिले अंतर्गत बहुल नक्सल प्रभावित के जेटेया थाना क्षेत्र स्थित बहुल पड़ने वाले बुरु राईका गांव में बीती रात नक्सलियों दस्ता ने चुडू़ सिरका नामक व्यक्ति की हत्या पुलिस मुखबिरी के आरोप लगाया गया ।जो ग्रामीणों चर्चा होने लगा और यह बाते सामने आ रही है।

 हालांकि पुलिस इस मामले में अभी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हे। इधर पुलिस ने बताया की ऐसी सूचना मिली है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है । पुलिस घटनास्थल के लिये जरूरी सतर्कता को बरतते हुये निकल गई है। ज्ञात है कि चुडू़ सिरका वर्षों से नक्सलियों के निशाने पर था। वह गांव से भाग भाग कर अन्यत्र रहा करता था। सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के दौरान नक्सलियों ने चुडू़ सिरका को लाखों रूपये बदली करने हेतु दिया था । लेकिन नक्सलियों का सारा पैसा को चुडू़ ने गबन कर दिया और वापस नहीं लौटाया था ।

 इसके अलावे चुडू़ की एक बहन 25 लाख रूपये का इनामी कुख्यात नक्सली नेता संदीप दा के दस्ते की सदस्या थी । बाद में पुलिस ने उसे पकड़ जेल भेजा था । चुडू़ पर यह भी आरोप है कि वह संदीप दा की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाते हुये पुलिस के लिये मुखबिरी किया था ।उसकी सूचना के बाद हीं संदीप को जेटेया में एक फुटबौल मैच के दौरान पुलिस ने पकडा़ था । 

संदीप की गिरफ्तारी से कुछ दिन पूर्व पुलिस ने बुरु राईका गांव के समीप एक पहाडी़ पर शरण लिये संदीप के दस्ता की जानकारी पुलिस को चुडू़ ने दिया था । इसके बाद पुलिस ने रात में चुडू़ को उसके घर से अपने साथ लेकर नक्सलियों के ठहरने वाले स्थान की घेराबंदी घर अहले सुबह संदीप व उसके दस्ते के नक्सली पर फायर झोंका था. इस हमले में संदीप बाल-बाल बच निकला था । 

घटनास्थल से भारी मात्रा में समान व एके-47 का मैगजीन आदि मिला था।

सराईकेला:रोजगार और कानूनी जागरूकता को लेकर चलाया गया अभियान


सरायकेला : सरायकेला खरसावां जिला के ईचागढ प्रखण्ड़ अनतर्गत पंचायत गौरांगकोचा एवं लेपाटाड़ पंचायत के अधीन विभिन्न गाँव के महिलाओं को जानकारी दिया गया की जिला सरायकेला मे यह योजना झारखण्ड राज्य में अनुसुचित जाति सहकारिता विकास निगम रांची के सहजन से प्रायोजित है , 

एवं इस सभा के अध्यक्ष श्री नियुक्ति सिन्हा एवं सिविल कोर्ट सरायकेला के PLV कार्तिक गोप ने डॉ भीमराव अम्बेडकर से मधुमख्खी योजना से लाभ दिलाने हेतु ग्रामीण महिलाओं को आवेदन करवाया गया है।

 इस कार्यक्रम के दौरान गांव के ग्रामीण महिला लक्ष्मी लायक, कौशल्या लायक, जल सहिया करुणा गोप , भारती लायक, ममता लायक समु बुदालंग के अध्यक्ष लखीमनी उरांव प्रमिला उरांव समु के दालग्राम के अध्यक्ष चायना लायक रातुलीलहरा सुजा सिंह देवकी गोप कैशला उरांव के साथ सैकडो ग्रामीण उपस्थित थे।