पीएम मोदी की छात्रों को “रील्स” ना देखने की नसीहत, पेरेंट्स से बोले-बच्चे के ‘रिपोर्ट कार्ड’ को अपना ‘विजिटिंग कार्ड’ मानना ठीक नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा की। यह कार्यक्रम दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ। देशभर से स्टूडेंट्स वर्चुअल माध्यम से भी परीक्षा पे चर्चा से जुड़े और पीएम मोदी से सवाल किए। पीएम नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान बच्चों को परीक्षा के तनाव से निकलने की सलाह दी साथ ही कई ऐसे टिप्स दिए। इस दौरान पीएम मोदी ने माता पिता से बच्चों के परफॉर्मेंस और उसकी रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड’ ना बनाने की सलाह दी।
पीएम ने बताया तनाव को कैसे करें दूर
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का इस साल सातवां सेशन रहा। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देशभर के छात्रों से बात की। साथ ही अटल इनोवेशन प्रोग्राम के तहत उन्होंने छात्रों के नए अविष्कारों को देखा।छात्रों को मोटिवेट करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए, दोस्तों के प्रति ईर्ष्या की भावना नहीं रखनी चाहिए। पीएम ने कहा कि दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें, जहां आप मजबूत हैं, वहां आप उसकी मदद करें और जिस विषय में वह मजबूत हो, उससे आप मदद लें। इससे दोनों मिलकर परीक्षा के तनाव को दूर कर सकते हैं।
मोबाइल की समय सीमा तय करने की सलाह
प्रधानमंत्री मोदी से कुछ अभिभावकों और छात्रों ने सोशल मीडिया और मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभाव बचने के उपाय पूछे। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती। हम पेट भरने के बाद अपना मनपसंद खाना नहीं खा सकते है ठीक वैसे ही कितनी भी प्रिय चीज क्यों न आ रही हो, लेकिन मोबाइल की समय सीमा तय करनी पड़ेगी। आजकल तो पूरा परिवार मोबाइल में लगा रहता है, घर में बराबर में बैठकर एक दूसरे को मैसेज करते हैं। मोबाइल के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए पूरे परिवार को नियम बनाने होंगे। हम खाने के वक्त कोई गैजेट्स का इस्तेमाल न करें, ऐसा नियम बना सकते हैं। टेक्नोलॉजी से बचने की जरूरत नहीं है, लेकिन उसका सही उपयोग सीखना बेहद जरूरी है। हमारे मोबाइल पर लगा पासवर्ड परिवार के सभी सदस्यों को पता होगा, तो काफी सुधार हो जाएगा। इसके अलावा हमें स्क्रीन टाइम अलर्ट को मॉनीटर करना चाहिए।
पीएम मोदी ने बताया रील्स देखने के नुकसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान ज्यादा रील्स देखने के नुकसान भी बताए। उन्होंने कहा कि अगर आप एक के बाद एक रील्स देखते रहेंगे तो काफी समय बर्बाद हो जाएगा, आपकी नींद खराब होगी। जो कुछ आपने पढ़ा है वो याद नहीं रहेगा। अगर आप नींद को कम आंक रहे हैं, तो ये ठीक नहीं है। आधुनिक हेल्थ साइंस भी नींद के महत्व पर जोर देती है। आप नींद आवश्यक लेते हैं या नहीं, यह आपके स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। जिस उमर में हैं, उसमें जिन चीजों की जरूरत है वो आहार में है या नहीं यह जानना जरूरी है, हमारे आहार में सुतंलन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए, जैसे रोज टूथब्रश करते हैं वसे ही नो कॉम्प्रोमाइज एक्सरसाइज करनी चाहि।
शिक्षकों को भी दी सलाह
पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक का काम केवल नौकरी करना या नौकरी बदलना नहीं है, उसका काम जिंदगी को संवारना और उसे सामर्थ्य देना है। ऐसे शिक्षक ही परिवर्तन लाते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीचर्स को बच्चों से घुलना मिलना चाहिए। क्लास में सहज माहौल बनाना चाहिए, जिससे बच्चे आपमें रूचि लें। पीएम मोदी ने कहा कि आप छात्रों को खेलकूद का पूरा समय दें। इससे संपूर्ण विकास होगा। कोर्स और सिलेबस को ध्यान में रखते हुए छात्रों का पढ़ाएं।
मता-पिता से की ये अपील
छात्रों और शिक्षकों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने माता-पिता को भी जरूरी सलाह दी। पीएम ने माता पिता से कहा कि आपको किसी बच्चे की तुलना किसी दूसरे से नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उसके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पीएम ने कहा कि कुछ माता-पिता अपने बच्चे के ‘रिपोर्ट कार्ड’ को अपना ‘विजिटिंग कार्ड’ मानते हैं, यह ठीक नहीं है।
Jan 29 2024, 16:34