टाटा समूह ने यू.के. के वेल्स स्थित पोर्ट टैलबोट स्टील प्लांट को की बंद करने की घोषणा, कामगारों में हड़कंप, 3000 लोग होंगे बेरोजगार
नई दिल्ली। बड़ी खबर आ रही है, टाटा समूह ने यू.के. के वेल्स में स्थित पोर्ट टैलबोट स्टील प्लांट बंद करने की घोषणा कर दी। अब टाटा समूह की घोषणा के बाद यू.के. की स्टील इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है।
टाटा की घोषणा से एक तरफ जहां इस स्टील यूनिट में काम करने वाले 3000 वर्करों की जॉब पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यू.के. के सामने स्टील का बड़ा संकट खड़े होने का भी खतरा है।
बता दें कि, पोर्ट टैलबोट में स्थित टाटा के यह प्लांट ब्लास्ट फर्नैस प्लाट है, जिसमें कोयले की मदद से कच्चे माल को पिघला कर स्टील का निर्माण किया जाता है और यदि टाटा अपना यह प्लांट बंद कर देता है, तो जी-20 देशों में सिर्फ यू.के. एक ऐसा देश होगा, जहां कच्चे माल से स्टील का निर्माण नहीं हो सकेगा।
टाटा यू.के. में स्टील के निर्माण के लिए पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस प्रक्रिया में बहुत कम वर्करों की जरूरत पड़ती है। इस मामले में टाटा के अधिकारियों और ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों के बीच लंदन में एक मीटिंग भी हुई है।
हालांकि टाटा ने इस प्लांट को बंद करने की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की है, लेकिन अपने फैसले के बारे में प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है।
बताते चलें कि, टाटा के यू.के. स्थित इस प्लांट आप्रेशन्स के जरिए कंपनी को वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई सितंबर तिमाही में 6511 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। कंपनी द्वारा एक्सचेंज को दी गई जानकारी में यह बताया गया है कि इस घाटे में 6358 करोड़ रुपए की बड़ी हिस्सेदारी इंपेयरमैंट चार्जिज की है।
यह चार्ज इस प्रोजैक्ट की डी कार्बोनाइजेशन के लिए लगाए गए हैं। कंपनी ने इलैक्ट्रिक आर्क इंडैक्शन पर आधारित प्रोजैक्ट का विश्लेषण किया है। कंपनी का कहना है कि नई टैक्नोलोजी के जरिए स्टील के निर्माण में खर्चा भी कम होगा और प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा।
इस बीच लेबर पार्टी एम.पी. स्टीफन किनोक ने टाटा से अपील की है कि वह अपने फैसले के बारे में पुनर्विचार करे और ट्रेड यूनियनों से इस मामले में दोबारा बातचीत करे। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील को सरकार ने इन 3000 नौकरियों के गठन के लिए ही 500 मिलियन पौंड की सहायता की थी और टाटा का इस तरीके से प्लांट बंद करने का फैसला ठीक नहीं है।
इस बीच वेल्स के फर्स्ट मिनिस्टर मार्क ड्रैकफर्ड ने इस मामले में तुरन्त ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सूनक को दखल देने की मांग की है और साथ ही उनसे मीटिंग के लिए समय भी मांगा है।
उन्होंने कहा कि वेल्स में इस तरीके स्टील प्लांट का बंद होना यू.के. की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। मैंने इस मामले में जल्दी से जल्दी प्रधानमंत्री ऋषि सूनक से चर्चा के लिए समय मांगा है।
Jan 22 2024, 21:24