स्टडी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में आई भारी गिरावट, जानें मोहभंग के पीछे की वजह
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भारत और कनाडा के संबंध पहले जैसे नहीं है। निज्जर की हत्या के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद से भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध तल्ख हो गए हैं।कुछ महीनों पहले दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंधों में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास का असर कई सेक्टर्स में दिख रहा है। दोनों देशों के बीच संबंधों में बढ़ती दूरी भारतीय स्टूडेंट्स का रुख भी बदल गया है।पहले हर साल बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए कनाडा जाते थे। पर जब से भारत और कनाडा के बीच विवाद हुआ है, तब से पढ़ने के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में कमी हो गई है।
कनाडा जा कर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 86% तक की कमी आई है।पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच 1 लाख 8 हजार से ज्यादा भारतीय बच्चों को स्टडी परमिट दिया गया। वहीं, अक्टूबर से दिसंबर के बीच सिर्फ 14, 910 भारतीय बच्चों ने स्टडी परमिट के लिए आवेदन किया। इस तरह छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।
छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक गिरावट
कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा- कनाडा की तरफ से भारतीय छात्रों को जारी किए जाने वाले स्टडी परमिटों की संख्या में तेजी से गिरावट आई। 2023 की आखिरी तिमाही में ये गिरावट 86 फीसदी तक चली गई। कनाडा में सिख आतंकी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच हुए राजनयिक विवाद के चलते कम भारतीय छात्रों ने आवेदन किया है। यह संख्या जल्द ही बढ़ने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है।
भारत-कनाडा के रिश्ते प्रभावित हुए
मंत्री मार्क मिलर ने कहा, भारत के साथ हमारे रिश्ते प्रभावित हुए हैं और उसके चलते नए आवेदनों को मंजूरी देने की क्षमता भी हमारी आधी ही रह गई है। अब कनाडा के 21 अधिकारी ही भारत में काम कर रहे हैं। भारत का स्टाफ कनाडा में पहले से ही कम था। डिप्लोमैट्स नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स को कनाडा में पढ़ाई से जुड़ी कई जानकारियां नहीं मिल पाईं। बता दें कि 18 सितंबर 2023 को कनाडा ने भारत पर आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। भारत ने आरोप को खारिज करते हुए 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को वापस जाने के लिए कहा था। 20 अक्टूबर को कनाडा ने अपने 62 में से 41 डिप्लोमैट्स को भारत से हटा दिया था।
भारतीय छात्रों के जाने से भरता रहा है कनाडा का खजाना
बता दें कि 2022 में कनाडा जाने वाले कुल छात्रों में 41 फीसदी भारतीय (2,25,835 छात्र) थे। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के जाने से कनाडा की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। अनुमान के मुताबिक सालाना लगभग 22 बिलियन कनाडाई डॉलर यानी 16.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई होती है। भारतीय राशि में इतनी रकम 13.64 खरब रुपये होती है।
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में भारत पर आरोप लगाया था। वहीं भारत ने इस आरोप को बेबुनियाद और बेतुका बताया था। इसी के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास पड़ गई थी।
Jan 17 2024, 15:40