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बामनी के पांच सौ साल प्राचीन प्रसिद्ध माता मंगल चंडी ईचागढ़ विस के निवासियों को सुख शांति समृद्धि प्रदान करें : हरेलाल महतो


सरायकेला : नीमडीह प्रखंड के दलमा पर्वत श्रृंखलाओं के तलहटी पर बामनी गांव में स्थित है ब्रिटिश कालीन विरासत माता मंगल चंडी (माता दुर्गा का मंगलमयी रूप) प्रसिद्ध प्राचीन आस्था का केंद्र माता खेलाई चंडी पाठ। 

अखान यात्रा के पावन अवसर पर मंगलवार को इस प्रसिद्ध प्राचीन मां मंगल चंडी पाठ में झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं ओड़िशा के श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मन्नते पुरी होने पर पास स्थित तालाब में मिट्टी उठाव की रस्म पूरी की एवं देश, राज्य, गांव एवं परिवार की मंगल कामनाओं की प्रार्थना किया।

 उसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने मां मंगल चंडी पाठ में श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना किया। व्रतीयों ने तालाब से स्नान कर मंगल चंडी पाठ तक दंडी (जमीन पर लेटते हुए) पहुंचे। 

बामनी में मां मंगल चंडी पाठ में आजसू के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने माथा टेक कर पूजा अर्चना किया और देश के साथ ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के निवासियों की सुख, यश, वैभव, समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना किया। इसके पूर्व हरेलाल ने मिट्टी उठाव रस्म पूरी की। इस मौके पर हरेलाल महतो ने कहा कि माता मंगल चंडी देश एवं ईचागढ़ विधनसभा क्षेत्र के निवासीयों को कुशल मंगल रखें।

 क्षेत्र में सुख शांति प्रदान करें। मां मंगल चंडी पाठ पूजा समिति के संरक्षक 52 मौजा के जमींदार स्व. शंकरी प्रसाद सिंह पात्र के कनिष्ठ पुत्र नीमडीह के जिला परिषद सदस्य असित सिंह पात्र ने कहा कि यह आस्था का केंद्र ब्रिटिश युग की सूत्रपात के दौर से हुआ है। उनके आठवीं पीढ़ी के पूर्वजों ने इस स्थान पर मां मंगल चंडी की पूजन का शुभारंभ किया था। 

यह आस्था का प्राचीन परंपरा इस क्षेत्र के निवासियों के मन आज भी विश्वास बनाए रखा है। इस सिद्ध पीठ पर जो भी मनोकामनाएं की जाती है वह पुरी होती है।

सरायकेला :मां खेलाई चंडी परिसर में उमड़े भक्तो की भीड़ , चढ़ाया प्रसाद



  


सरायकेला : कोल्हान के यह प्रसिद्ध खेलाई चंडी मेला माघ महीना के आखान यात्रा के दिन लगता है। जहां राज्य के साथ पश्चिम बंगाल उड़ीसा आदि जगहों से श्रद्धालु पहुंचे। मांगे गए मन्नत के अनुसार महिलाए और बच्चे तलाव से तीन बार मिट्टी माथे में उठा तलाव के बेड़ में डाला गया ।

साथ ही महिलाओं श्रद्धालु द्वारा तलाब में डुमकी लगाकर भीगे हुए अवस्था में डंडी देते हुए (मां दुर्गा रूपी) खेलाई चंडी पूजा स्थान पहुंचे ।और सभी भक्तो श्रद्धालुओं द्वारा सिन्नी प्रसाद और बत्तक ,बकरा चढ़ाया गया ।

जमशेदपुर से इंद्रिका चटर्जी

ने। बताया कि हमारे बेटी की तवीयत ठीक नही थी तभी मन्नत मांगे थे मां ने मेरा मन्नत सुनी और मेरी मनोकामनाएं पूरी की जिससे हम लोग सुबह सपरिवार पहुंचकर पूजा अर्चना किये।

मन्नत के अनुसार सुबह से महिलाए श्रद्धालू खेलाई चंडी मेला पहुंचे और तलाब में नहाकर पूजा अर्चना करने लगा ,मन्नत के भक्तो द्वारा मिट्टी उठाना ,डंडी देना ।प्राचीन काल से चला आ रहा है।उसके अनुसार एक उसी गांव के दो ग्रामीण उपवास रहकर , गाटिया से मिट्टी काटने का कार्य करते हैं वे भी आपने माथे में मिट्टी का ढेला लेकर तीन बार आड़ी में डालते है। मांगे गए मन्नत पूरा होने के बाद यह प्रथा चली आ रही है । 

पुजारी तपन गोस्वामी पश्चिम बंगाल ने बताया की आस्था पर विश्वास रखने वाले लोगो के लिए मां का आश्रीवाद बना रहता है।

नीमडीह थाना क्षेत्र के सामानपुर पंचायत के अधीन बामनी दलमा पर्वत श्रृंखला से जुड़े छोटे बड़े पर्वत की तराई पर यहां वर्षों से मेला लगता आ रहा है।

 मां चंडी (दुर्गा) की पूजा शाल पेड़ के नीचे और शिलापट में पूजा अर्चना किया जाता है ।झारखंड राज्य के साथ पश्चिम बंगाल उड़ीसा आदि राज्यों से श्रद्धालू भक्त मां खेलाचंडी की दरबार में पहुंचते हैं।

वहां के एक पेड़ के नीचे दलमा बूढ़ा बाबा मंदिर का एक महंत ने 200 वर्षों तक तपस्या किया

 असित सिंह पातर

ने कहा हमारे जमीदार के कार्यकाल के समय में बामनी गांव के राजा के पूर्वज द्वारा मां दुर्गा देवी का चंडी पूजा कराने के लिए । राणी द्वारा राजा से कहा था मां चंडी का पाठ अनुष्ठान करना है।जो पंडित हमारे मां के घर से बुलाइए।साथ ही इस समय एक दलमा मंदिर से उन मुनि ऋषि को भी आमंत्रण किया गया। 

मां चंडी का पाठ से।रानी प्रसन्न होकर ऋषि को बामनी गांव में ठहरने को कहा परंतु उस मुनि द्वारा घर रहना,एक ऋषि मुनि के लिए ठीक नही उसी समय इस स्थान पर रहकर मुनि ने तपस्या करने लगा और इस 

समाधि लिया ।

उसके बाद उस स्थान में जो श्रद्धालु मनोकामना करते हैं मां उसके द्वारा मांगे गए मन्नत को पूरा करते हैं।आज यह प्राचीन कथा है ,जो आस्था को लेकर मां की पूजा वार्षिक एक बार ही होता है। इस मेला में ,जहा श्रद्धालू मन्नत मांगे अनुसार ,इस तलाब में नहाकर तीन बार मिट्टी आपने मास्तिक में उठाकर तलाव के आड़ी में डालता है।

और देखते ही देखते यह गढ़ानुमा यह तलाब में परिणत हो गया है।सैकडो की तादात से श्रद्धालु पहुंचे ।

सरायकेला : चांडिल प्रखण्ड अंतर्गत हारूडीह गांव में विदु-चांदान ओल इतुन आसड़ा का उद्घाटन


सरायकेला : चांडिल प्रखण्ड अंतर्गत हारूडीह गांव में विदु-चांदान ओल इतुन आसड़ा का उद्घाटन किया गया। आज से यहां प्रति शनिवार और रविवार को ओलचिकी लिपि में संताली भाषा का पठन-पाठन संचालित होगा। शिक्षक के रूप में अखिल भारतीय संताली लेखक संघ झारखंड शाखा के कार्यकारिणी सदस्य सत्यरंजन सोरेन को चयन किया गया है। 

ओल इतुन आसड़ा का उद्घाटन संताली लिपि ओलचिकी के देवी-देवता विदु-चांदान की पूजा अर्चना कर और ओलचिकी जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। सामुहिक हिताल प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। 

इस मौके पर एक सभा का भी आयोजन किया गया। सभी अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया। बारहा दिशम घाट पारगाना बाबा सोमनाथ हांसदा ने कहा संताली भाषा और उसकी लिपि ओलचिकी संताल समाज का पहचान है। समाज के लोगों को आह्वान करते हुए उन्होंने कहा आइए संताली भाषा के एकमात्र लिपि ओलचिकी लिपि को अपनाएं और संताली भाषा को समृद्ध बनाएं। 

अखिल भारतीय संताली लेखक संघ झारखंड शाखा सचिव सुधीर चंद्र मुर्मू ने संताली लिपि ओलचिकी पर जोर देते हुए कहा कि ओलचिकी लिपि का आविष्कार पंडित रघुनाथ मुर्मू द्वारा वर्ष 1925 में किया गया था और 2025 में एक-सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। संताल समाज के विभिन्न संगठनों के साथ साथ अखिल भारतीय संताली लेखक संघ के द्वारा भी मिशन के तर्ज पर ओलचिकी लिपि का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 

इस सिलसिले में अखिल भारतीय संताली लेखक संघ झारखंड शाखा की ओर से सूपर हांड्रेड पोयेम, स्टोरी, एसे लेखन के माध्यम से एक-सौ संताली लेखकों के लेखनी को संग्रहित कर एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने के लिए विगत वर्ष 2023 से अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा चाहे किसी भी रूप में जाहां भी संताली भाषा को लिखित रूप देने के क्रम में सिर्फ और सिर्फ ओलचिकी लिपि का ही उपयोग में लाया जाय। 

संताली भाषा के साथ-साथ दुनिया के किसी भी भाषा को संताली लिपि ओलचिकी से शुद्धता के साथ लिखा और पढ़ा जा सकता है। इसलिए इस तरह के ओलचिकी शिक्षण विद्यालय संचालित कर समाज के लोगों इस एक-सौ वर्षों में घर घर हर घर ओलचिकी लिपि को पंहुचाने का काम करें। डॉ अर्जून टुडू ने रघुनाथ मुर्मू के जीवनी और उनके द्वारा ओलचिकी अविष्कार के बारे में विस्तृत जानकारियां दी। इस अवसर पर डॉ सत्यनारायण मुर्मू ने विदु-चांदान ओल इतुन आसड़ा हारूडीह के 50 (पचास) छात्र-छात्राओं को रघुनाथ मुर्मू द्वारा रचित संताली ओलचिकी लिपि शिक्षण पुस्तक ओल चेमेद और लाकचार सेरेञ पुथि प्रदान किया गया। 

उन्होंने आशीर्वचन देते हुए कहा कि संताल समाज का उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। इस मौके पर समाज सेवी अनिमा टुडू, कारणा मुर्मू, बाबुलाल सोरेन, बद्रीनाथ मार्डी, लखी मार्डी, सोनाराम बेसरा, विभूति मार्डी आदि ने भी अपना बातों को रखा। इस मौके पर सांस्कृतिक नाच-गान का भी प्रस्तुत किया गया।

 कार्यक्रम का संचालन लेदेम मार्डी किया तथा सुनील बेसरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरेंद्र माझी, रतन मार्डी, सीताराम बेसरा, फुलमनी सोरेन, नेहा मुर्मू, कुलोमनी मुर्मू, शिवानी टुडू, रुपाली मुर्मू, बालिका माझी, संतोष हांसदा, दुःखु बेसरा, पार्वती माझी, लखीमनी सोरेन, मंगल हांसदा, सुसारी मार्डी, लक्ष्मी बेसरा, कमली बेसरा, सनका बेसरा, उर्मिला बेसरा, बिष्टु बेसरा, सुशील बेसरा, होपोन हांसदा, भास्कर हांसदा, करण हांसदा, शिखर हांसदा, कालीचरण हांसदा आदि उपस्थित थे।

सरायकेला :कोलकाता रांची बस में लुटपाट लगभग 18 लाख के आसपास लूट

 बुंडू : अनुमंडल के दशम फाल थाना क्षेत्र स्थित नावाडीह के पास चार हथियारबंद अपराधियों ने कोलकाता से रांची आ रही शिवम नामक बस में जमकर लूटपाट की। 

इस दौरान अपराधियों ने लगभग कई सब्जी व्यापारियों से 18 लाख रुपए लूट लिए। सभी व्यापारी इटकी थाना क्षेत्र के निवासी हैं और कोलकाता से सब्जी का पैसा कलेक्ट करके आ रहे थे। लूटपाट के दौरान अपराधियों ने चालक, खलासी और तीन सब्जी व्यापारियों को पिस्तौल की बट से मारकर घायल कर दिया और बस में लूटपाट चालू कर दिया लुटपाट के घटना को अंजाम देने के बाद। 

अपराधियों ने यात्रियों के बीच दहशत फैलाने के लिए एक राउंड फायरिंग भी की। बताया जाता है कि सभी लुटेरे कोलकाता से ही बस में सवार थे। बुंडू टोल प्लाजा के बाद से ही लुटपाट चालू कर दिया था घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो गए। सूचना मिलने पर दशम फाल थाना क्षेत्र की पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

सरायकेला : आशु किस्कु बीएड कॉलेज के सचिव जगदीश महतो ने उच्च स्तरीय सीबीआई जांच कराने की मांग की।


सरायकेला : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल स्थित केo एमo आदिवासी समिति के सचिव जगदीश महतो ने कहा कि गवर्निंग बॉडी आशु किस्कू टीचर ट्रेनिंग कॉलेज का भी मैं सचिव हूं। सच्चाई यह है ना तो गुरु चरण किस्कु जो अपने आप को अध्यक्ष बता रहा है। यूनिवर्सिटी द्वारा संस्था बना है। अगर गुरु चरण किस्कू को संस्था के द्वारा अध्यक्ष बनाया गया तो वे प्रमाण प्रस्तुत करें। कहा हम लोग 2022 में के एम आदिवासी कल्याण समिति का रेगुलेशन करके कमेटी बनाया गया था, जिसमें गुलशन कुमार सेक्रेटरी है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक रूल के मुताबिक अकाउंट में सेक्रेटरी और प्रिंसिपल होता है। हम लोग आईडीबीआई बैंक डिमना ब्रांच मानगो में अकाउंट खुला था। उसी बैंक के अकाउंट में जो गुरुचरण किस्कू आरोप लगाया है कि 12 लाख 70 हजार रुपया गवन किया है।

 प्रिंसिपल की जियोग्राफी कहां हुआ है। बैंक में हम लोग जब पैसा था जो चेक और ड्राफ्ट जमा किया है उसका स्टेटमेंट बैंक मैनेजर द्वारा हाई कोर्ट में जमा किया गया ।

 बैंक मैनेजर द्वारा हम लोगो को दिया है। हम लोग के पास भी रिसीव है जो हम लोग हाई कोर्ट या कोर्ट में जमा दिया है। तो हमारा कहने का मतलब है। गुरुचरण किस्कू हमारे उपर कैसे झूठा केस का आरोप लगाया और तीन आदमी का जो लाइव रिजल्ट में जेल भेज दिया और हमारा भी लाइव के साथ और अमित रंजन चक्रवर्ती के साथ और नमिता मैडम के साथ जो जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गलत है।

 इसीलिए हमारा कहना है जयराम प्रसाद एवं संजय मुखर्जी कभी भी हम लोग का के माध्यम से मेंबर नहीं है, ना आज भी है तो कभी भी नहीं है। ये लोग अपने आप को बोलते हैं हम लोग कॉलेज का मालिक है और जहां तक प्रिंसिपल का बात है अब आज का डेट में प्रिंसिपल हरिपद दास अधिकारी है, प्रियंका सिंह  प्रिंसिपल नहीं है। इसीलिए विवाद का बात नहीं है। अजीत जयसवाल, जय राम प्रसाद, रिंकू एवं संजय मुखर्जी ने विश्वविद्यालय की नियम का उल्लंघन कर फर्जी तरीके से प्रियंका सिंह को प्रिंसिपल बनाने का काम किया है।

 इन लोग कॉलेज का पैसा लूटने का काम करता है और दूसरों को झूठे मुकदमे में फंसाता है। इन लोगों का कॉलेज बनाने में कोई बुद्धि नहीं है। कोई कंट्रीब्यूशन नहीं है। एक भी कंट्रीब्यूशन अगर दिखा दे जो जमीन बोलता है संजय मुखर्जी दान दिया है। वो दान नहीं है, वह बाइक्रॉय कॉल है, सेल डिड है जिसमें सब रजिस्टार के साथ हम लोग किया है। हम लोग खरीदा हुआ जमीन है। इसीलिए कौन क्या है हम चाहते हैं जितना विवाद 2015 से चल रहा है एक हाई कोर्ट से एक तो कमेटी बनाएं अथवा भारत का जो सबसे बड़ा एजेंसी सीबीआई है उसके माध्यम से उच्च स्तरीय जांच कमिटी बनाकर जांच करे ।

 दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। हम मीडिया के माध्यम से यह बाते कहे अगर हम भी दोषी पाए गए,तो हमारा उपर भी कानूनी कारीवाई होना चाहिए। जांच करने पर सचाई सामने आएगा। रुपया का गबन किन लोगों ने किया है। एक सत्र की पढ़ाई में एक करोड़ 60 लाख रुपया कॉलेज को मिलता है। इस बीएड कॉलेज में हॉस्टल की साथ जो सुविधा उपलब्ध होना चाहिए वह ना के बराबर है। सिर्फ रुपया का खेल है।

आदित्यपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया में मकर संक्रन्ति के मेले में बैलून में गैस भरने के दौरान सिलेंडर ब्लास्ट,बैलून विक्रेता घायल


गम्हरिया. आदित्यपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया स्थित घोड़ाबाबा मंदिर में बैलून में गैस भरने के दौरान सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. घटना मंगलवार की है. जिसमें बैलून विक्रेता गंभीर रूप से घायल हो गया.

 घोड़ाबाबा मंदिर में पूजा सह मेला का आयोजन किया गया था, घटना के बाद मेले में कुछ देर तक अफरा तफरी मच गयी. वहीं, माहौल बिगड़ता देख अन्य बैलून विक्रेता उसे अस्पताल ले गये. 

घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक घायल समेत सभी गैस बैलून विक्रेता मेले से फरार हो चुके थे.

मकर संक्रांति के अवसर पर प्राचीन ज्यादा बूढ़ा बाबा मंदिर में लगा मेला,श्रद्धालूओं की जुटी भीड़


सरायकेला : कोल्हान में प्रसिद्ध मंदिर जयदा बूढ़ा बाबा तीर्थ धाम के नाम से प्रचलित जहां मकर संक्रांति के अवसर पर एक बड़ा मेला लगता है।

आज सोमवार को मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना किया।इस दौरान लोगों ने स्वर्णरेखा नदी पर आस्था की डुबकी लगाकर कर जयदा के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा अर्चना किया। शिव मंदिर में लोगों ने पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। जिला प्रशासन ने इस अवसर पर कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की।

    

 झारखंड राज्य के रांची,जमशेदपुर,पश्चिम बंगाल,उड़ीसा के विभिन्न राज्यों से भक्त और श्रद्धालु यहां पहुंचे तथा स्वर्णरेखा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर प्राचीन जयदा शिव मंदिर में पूजा अर्चना किया।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के जयदा में मकर पर्व के अवसर लगने वाले जयदा मेला को लेकर पुलिस प्रशासन तैनात किया गया है।जगह-जगह पर पुलिस बल और दंडाधिकारी तैनात किया गया है।

 इसके साथ हीं टाटा रांची मुख्य राज्य मार्ग स्थित एनएच 33 किनारे जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य शिविर एवं विभिन्न राजनीतिक दल एवं संगठन ने सहायता टेंट लगाया है और सुरक्षा पुलिस द्वारा आवाजाही पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।आज सैकड़ों के तादात में यहां लोग पहुंचे

सरायकेला :समर्थ सेवा समिति युवाओं को नशे से बचाने को खेल एक्टिविटी पे देगा जोर


26 से 28 जनवरी तक 3 दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन।

सरायकेला :आदित्यपुर का समर्थ सेवा समिति युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के खेल एक्टिविटी पर जोर दे रहा है। समिति ने अपनी पहली एक्टिविटी के तहत 26 से 28 जनवरी तक आजाद स्पोर्टिंग क्लब मैदान आदित्यपुर 2 में 3 दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया है। 

यह टूर्नामेंट 8-8 ओवर का होगा, जो टेनिस बॉल से खेला जाएगा। टूर्नामेंट में कुल 24 टीम हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट के विजेता टीम को 30 हजार नगद और ट्रॉफी जबकि उपविजेता को 20 हजार रुपए नगद और ट्रॉफी मिलेंगे। इसके अलावा मैन ऑफ द मैच और सीरीज के लिए भी प्राइज मनी रखी गई है। 

यह जानकारी सोमवार को प्रेस वार्ता कर टूर्नामेंट के संरक्षक मनोज तिवारी, विनय कृष्ण राजू और निरंजन मिश्रा, संयोजक दीपक कुमार, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, ललन शुक्ला, देव कुमार गिरि आदि ने दी।

सरायकेला: घाघरा के मकर परब में उमड़ा संस्कृति प्रेमियों का सैलाब


नए युग में पुराने संस्कृति को हमें आगे बढ़ाने की आवश्यकता : मधुसुदन गोराई

सरायकेला : जिला अंतर्गत चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। 

सुबह से ही मकर स्नान करने के लिए नदी घाट और पवित्र जलाशयों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। आस्था की डुबकी लगाने के बाद लोगों ने भगवान भास्कर को जल अर्पण किया।

 वहीं मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। इस विशेष दिन पर ही मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। 

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में मकर संक्रांति के अवसर पर टुसू परब धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 

अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में मकर संक्रांति के दिन और आने वाले एक माह तक टुसू मेला का आयोजन होता है। टुसू मेला के साथ क्षेत्र में फुटबॉल प्रतियोगिता और मुर्गा पाड़ा का भी आयोजन किया जाता है। 

जलाशय के किनारे बैठककर दही-चूड़ा, तिल, गुड़ पीठा, मुढ़ी लड्डू समेत कई पारंपरिक व्यंजनों का लूत्फ उठाया।

इस पावन अवसर पर नीमडीह प्रखंड के घाघरा जुड़िया के आमड़ाबेड़ा में मकर परब का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि भाजपा के सरायकेला खरसावां जिला महासचिव मधुसूदन गोराई एवं संयोजक साधु बाबा (जन्मेंजय सिंह सरदार) ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। 

दर्शकों के जनसैलाब को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मधुसुदन गोराई ने कहा कि आधुनिक युग में प्राचीन संस्कृति को पुनर्जीवित करने की हम सभी का दायित्व है। 

उन्होंने कहा कि प्राचीन पारंपरिक संस्कृति हमारी विरासत है। मेला में रघु डांस ग्रुप के कलाकारों ने दर्शकों का जमकर मंनोरंजन किया। इस मौके पर मेला कमेटी के संयोजक साधु बाबा (जन्मेंजय सिंह सरदार), अध्यक्ष जीतु सिंह सरदार, उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह सरदार, सचिव लाल सिंह सरदार, घनश्याम महतो, भोलानाथ महतो, द्विजपद पारित, श्रावण मंडल, महेश्वर कालिंदी, सागर सिंह, दुबराज सिंह, माणिक सिंह, निरंजन सिंह, सुषेण महतो, कृष्णा महतो, चिराम गोराई आदि उपस्थित थे ।

सरायकेला:मौभण्डार बाजार में चार दुकान हुआ स्वाहा


घाटशिला :कोल्हान के मौभण्डार बाजार मे  कल देर रात सड़क किनारे फुटपाथ मे लगने वाले चार दुकान जलाकर राख हो गया। यह आग आकस्मिक दुर्घटना के वजह या इस आगजनी कांड मे कोई शामिल है, यह तफ्तीश के बाद ही स्पष्ट हो सकता है ।

 इतना तो सही है कि, फुटपाथ मे दुकानदारी करने वाले साधारण चार परिवार के लिए रोजी-रोटी पर प्रश्न चिह्न लग गया । बताया जा रहा है कि, इस तरह की आगजनी घटना ऐसे दुकानो मे तीन बार पहले भी हो चुका है । पर आज तक पुलिस प्रशासन सच्चाई की जड़ टटोलने मे असमर्थ साबित हुआ ।

 इधर 20 सूत्री के सदस्य सनत काल्टु चक्रवर्ती सबेरे घटना स्थल पहुंचा और प्रशासन से क्षतिग्रस्त इन दुकानदारों को मुआवजा देने की मांग किया ।