*प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्यों के रुख से नाराज हुए नारायण राणे, हिंदू धर्म में योगदान को लेकर पूछा बड़ा सवाल*
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भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शंकराचार्यों को लेकर बड़ा बयान दिया है।केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शनिवार को कहा कि शंकराचार्यों को राम मंदिर के कुछ पहलुओं की आलोचना करने के बजाय अपना आशीर्वाद देना चाहिए। उन्होंने शंकराचार्यों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘राजनीतिक चश्मे' से देखने का आरोप भी लगाया। राणे ने यहां पत्रकारों से कहा कि समाज और हिंदू धर्म को लेकर शंकराचार्यों को अपना योगदान बताना चाहिए। नारायण राणे के इस बयान से साधु-संतों में नाराजगी हो सकती है।
राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर लगातार सियासी घमासान मचा हुआ है।इसी क्रम में अब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शंकराचार्यों से बड़ा सवाल किया है।बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी और मोदी जी ने राम मंदिर बनाने का बीड़ा उठाया लिया। राम मंदिर बन रहा है। राम लला विराजमान हो रहे हैं तो उसका स्वागत करना चाहिए न कि इस पर सवाल उठाना चाहिए इसलिए मुझे लगता है की वो राजनीतिक कारणों से बयान दे रहे हैं।
राणे ने शनिवार को कहा कि समाज और हिंदू धर्म को लेकर शंकराचार्यों को अपना योगदान बताना चाहिए। उन्होंने कहा, क्या उन्हें मंदिर को आशीर्वाद देना चाहिए या इसकी आलोचना करनी चाहिए? इसका मतलब है कि शंकराचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं। यह मंदिर राजनीति के आधार पर नहीं, बल्कि धर्म के आधार पर बना है। राम हमारे भगवान हैं।
बता दें कि चारों शंकराचार्यों ने दो टूक कह दिया है कि वो इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या नहीं जाएंगे।उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रोक्त विधि नहीं है. जहां शास्त्रीय विधि का पालन नहीं हो वहां हमारा रहने का कोई औचित्य नहीं है।ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में कहा था कि आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना सही नहीं है। इससे विपत्ति आएगी। विधि विधान ने कुछ नहीं हो रहा है। लोकसभा चुनाव के लिए मोदी जी जल्दीबाजी कर रहे हैं। अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी नहीं है बल्कि हितैषि हैं इसलिए सलाह दे रहे हैं कि शास्त सम्मत कार्य करें।
इससे पहले पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भी राम मंदिर को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में जो आयोजन हो रहा है वह चुनाव के चलते हो रहा है। राम मंदिर का आयोजन शास्त्रों और विधानों से ना होकर राजनीति के तहत हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा का काम संतो का है। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर अयोध्या में पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो मैं वहां जाकर ताली बजाऊंगा।
Jan 14 2024, 16:19