*कथा का रसपान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया*
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कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। क्षेत्र के बरम बाबा देवस्थान पर चल रही श्री मद भागवत कथा की पूर्णाहुति पर कथा व्यास पंडित धर्म दत्त वाजपेई ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह की कथा का वर्णन किया। कथा का रसपान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। कथा की पूर्णाहुति पर एक भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में बच्चों, महिलाओं और श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया।
कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि, रुकमणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्री कृष्ण के रूप सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उन्होंने मन ही मन श्री कृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया, रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्री कृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह शिशुपाल से कराना चाहता था।
भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि, रुकमणी ने अपनी एक सखी के माध्यम से श्री कृष्ण को संदेश भिजवाया कि वह श्री कृष्ण से प्रेम करती है, रुक्मणी का संदेश मिलते ही भगवान श्री कृष्ण विदर्भ पहुंचे जहां शिशुपाल विवाह के लिए द्वार पर आया हुआ था तभी श्री कृष्ण ने रुक्मणी का हरण कर लिया, उसके उपरांत कथा व्यास ने रुक्मणी के भाई रुक्म और उसके सैनिकों के साथ भगवान श्री कृष्ण के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया जिसमें द्वारकाधीश विजई हुए।





Jan 09 2024, 17:07
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