धनबाद क्रिकेट संघ व रेलवे की बीच शीतयुद्ध के कारण धनबाद से छिनी रणजी की मेजबानी,अब यह खेल जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में होगी
धनबाद : धनबाद क्रिकेट संघ (डीसीए) और रेलवे के बीच चल रहे शीतयुद्ध का खामियाजा धनबाद के क्रिकेट प्रेमियों को भुगतना पड़ रहा है. दो फरवरी-2 से आयोजित झारखंड-मणिपुर मैच की मेजबानी धनबाद क्रिकेट एसोसिएशन को मिलनी थी, लेकिन बीसीसीआई ने मैच की मेजबानी धनबाद से छीनकर कीनन स्टेडियम जमशेदपुर को दे दी है.
![]()
धनबाद क्रिकेट संघ ने रणजी ट्रॉफी मैच को लेकर दो-पांच फरवरी तक के लिए निर्धारित शुल्क चुकाते हुए रेलवे स्टेडियम की बुकिंग भी कर ली थी.
जेएससीए सूत्रों के अनुसार रेलवे स्टेडियम में पैवेलियन और मैदान की स्थिति से बीसीसीआई संतुष्ट नहीं था.
इस वजह से बीसीसीआई ने मैच को धनबाद से छीनकर जमशेदपुर शिफ्ट कर दिया है. बीते सात वर्षों से धनबाद रेलवे स्टेडियम में एक भी रणजी मैचों का आयोजन नहीं हुआ है. इस बार उम्मीद जगी थी, लेकिन एक बार फिर से धनबाद के हाथों में निराशा लगी.
पिछले दिनों जेएससीए की पिच कमेटी के अध्यक्ष सह बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर एसबी सिंह और सचिव देवाशीष चक्रवर्ती ने रेलवे स्टेडियम का निरीक्षण किया था.
निरीक्षण के बाद उम्मीद जगी थी कि धनबाद में रणजी मैच का आयोजन होग, लेकिन यह उम्मीद खत्म हो गई.
रेलवे स्टेडियम को लेकर डीसीए-रेलवे में खींचतान रेलवे स्टेडियम को लेकर धनबाद क्रिकेट संघ (डीसीए) और रेलवे के बीच पिछले सात वर्षों से विवाद चल रहा है. स्थिति यह है कि यहां अब जिला स्तरीय लीग का भी आयोजन नहीं होता है.
रेलवे अपने नए नियमों का हवाला देकर मुफ्त मैदान देने से इनकार कर दिया है. वहीं धनबाद क्रिकेट संघ ने भी शुल्क देने से मना कर यहां मैच का आयोजन ही बंद कर दिया. जिला स्तरीय लीग नहीं होने की वजह से रेलवे स्टेडियम का मेंटेनेंस भी नहीं हो रहा है. मैदान के चारों ओर झाड़ियां उगी हुई हैं. पैवेलियन भी दर्शकों के बैठने लायक नहीं है.
इस बाबत धनबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि धनबाद में रणजी ट्राफी के आयोजन की उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है.
जनवरी में जेएससीए की टीम आकर रेलवे स्टेडियम का निरीक्षण करेगी. जेएससीए ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर कीनन का एक मैच धनबाद में कराने का आग्रह किया है. रेलवे स्टेडियम पूरी तरह से बोर्ड मैच कराने के लिए उपयुक्त है.











Jan 05 2024, 13:31
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
5.3k