*कोरांव में सरहंगो का जलवा,नहीं डरते पुलिस और राजस्व प्रशासन से दबंग*
कोराव।प्रयागराज। कोरांव तहसील क्षेत्र में इन दिनों भू अतिचारियों,अपराधियों के जलवे ही जलवे हैं। चाहे राजस्व अफसर और पुलिस अफसर कर्मी का विवाद सुलह कराया गया हो या न हो किंतु अपराधी मनबढ़ हो गए हैं। पीड़ितों की तो तहरीर ही नहीं दर्ज होती।
कोराव थाना क्षेत्र के खजुरी खुर्द निवासी सुखलाल विश्वकर्मा पत्रकार का पुश्तैनी मकान ढहने पर मरम्मत करने से नए पड़ोसी ने निर्माण कार्य तीन साल से रोक रखा,जिसकी शिकायत और न्यायोचित कार्यवाही के लिए तकरीबन उनत्तिस बार समपूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस का चक्कर लगाया। अंततोगत्वा कई बार सरहगों ने तहसील और पुलिस टीम को खदेड़ दिया। किंतु वर्तमान तहसीलदार अजय संतोषी ने टीम गठित कर सीमांकन करा दिया। और सुलह समझौता भी लिखित रूप से करा दिया।
मजेदार बात तो यह है कि भू अतिचारी औरतों को आगे करके अफसरों से भिड़ जाते है। और राजस्व पुलिस बल मह महिला पुलिस बल सहित डर कर चले जाते रहे।
किंतु गत दिवस सुलह के बाद जब विश्वकर्मा मकान की मरम्मत करण कराने लगे तो भू अतिचारी सरहग निडर हो कर सात आठ फीट बन चुके मकान को दो जनवरी को ध्वस्त कर दिया। पीड़ित पत्रकार थाने रपट लिखाने गए किंतु केस नहीं दर्ज किया गया न ही मुलजिमान गिरफ्तार हुए। जबकि उक्त मकान प्रधान मंत्री आवास योजना का है। अपनी ही पुश्तैनी भूमि पर बना रहे हैं। किंतु कोई ऐसी ताकत जरूर है जो उक्त सरहांगों को प्रश्रय दे रहा है, जो दोनों को बरबाद करना चाहता है। पर पुलिस और तहसील की फरमान और फैसले को अतिचारी नहीं मानते।
कई ऐसे ग्राम सभाएं हैं जहा राजस्व टीम की सीमांकन को सरकारी जमीनों को ही कब्जा कर रखे हैं किंतु राजस्व और पुलिस टीम कुछ कर नहीं पा रही है। इस तरह योगी आदित्य नाथ जी की सरकार पर स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवालिया निशान जरूर लग रहे हैं। अपराध नियंत्रण का दावा खोखला साबित हो रहा है। कई ऐसी घटनाएं हैं जहां उचित कार्यवाही ही नहीं पुलिस करती अपराध को दबा दिया जाता है जो आगे एक शोला बन जाती है। खून खराबे में छोटे विवाद तब्दील हो जाते हैं।
Jan 04 2024, 17:56