गया में नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी ने बताई अपनी आपबीती : कहां- नक्सलियों द्वारा चार दिनों तक काफी दिक्कतें दी गई
गया : बिहार के गया में नक्सलियों के चंगुल से मुक्त मुंशी ने अपनी आपबीती बताई है. मुंशी ने कहा है कि नक्सलियों ने अगवा करने के बाद उसके साथ मारपीट की. चार दिनों तक जंगल पहाड़ पर रखा. मुंशी ने गया पुलिस का धन्यवाद दिया है कि उनके प्रयास से नक्सलियों ने उसे मुक्त किया है.
वहीं गया के एसएसपी ने कहा है कि बिना किसी फिरौती की रकम के कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी को मुक्त कराया गया है. मुक्त हुए मुंशी ने अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि नक्सलियों द्वारा उसे चार दिन काफी दिक्कतें दी गई. उसे मारा पीटा जाता रहा. खाना जब मांगता था, तो बिस्किट देते थे. वहीं, पानी मांगने पर मारपीट की जाती थी. मुंशी शाहबाज ने बताया कि अगवा करने के बाद 6 किलोमीटर पहाड़ के ऊपर ले गए थे. नक्सलियों धमकी दे रहे थे कि पैसा नहीं आया तो जान मार देंगे. हथियार भी दिखाते थे.
नक्सलियों को सता रहा था पुलिस का डर
शाहबाज ने कहा कि नक्सली बार-बार यह भी आपस में बात करते थे कि पुलिस का प्रेशर है, चारों ओर से घेर रखा है. मुक्त मुंशी ने बताया कि उसे गया पुलिस पर पूरा भरोसा था, कि उसे मुक्त कर लिया जाएगा और वही हुआ. वह गया पलिस को धन्यवाद देता है और गया के एसएसपी आशीष भारती को इसके लिए बधाई देते हैं.
गया के एसएसपी आशीष भारती ने कहां कि अगवा किए गए मुंशी शाहबाज खान को मुक्त करा लिया गया है. नक्सलियों ने उसे बांके बाजार थाना क्षेत्र में छोड़ा है। बिना किसी फिरौती की राशि के नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के दबाव में उसे मुक्त किया है. इस संबंध में गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि 24 दिसंबर की रात को सूचना मिली थी, कि नक्सलियों ने लुटुआ थाना अंतर्गत असुराइन रोड के समीप पुल निर्माण में लगे शैल कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों को अपहरण कर लिया है. तुरंत ही सूचना मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की गई.
इस क्रम में सामने आया, कि कंपनी के दो कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है, लेकिन एक शाहबाज खान को नक्सली अपने साथ लेकर गए हैं. वहीं, 30 लाख रुपए की डिमांड नक्सलियों के द्वारा उसे छोड़ने के एवज में की गई है. विशेष टीम का किया गया गठन : इस तरह का मामला सामने आने के बाद विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें सीआरपीएफ-एसटीएफ और गया पुलिस की टीम को शामिल किया गया था. सुरक्षा बलों की टीम मुंशी का मुक्त करने के लिए लगातार छापामारी कर रही थी। चार दिनों के अंतराल में सुरक्षा बलों की दबिश से घबराकर नक्सलियों ने मुंशी को मुक्त कर दिया है।
Dec 30 2023, 15:51