उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बुलावे पर मल्लिकार्जुन खरगे का जवाब, चिट्ठी लिखकर कहा- मैं आपसे अभी नहीं मिल पाऊंगा
#congress_chief_mallikarjun_kharge_replies_to_jagdeep_dhankhars_invite_to_meet_today
संसद केशीतकालीन सत्र के दौरान सदन ने 146 विपक्षी सांसद निलंबित कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने सदन के बाहर रोज विरोध प्रदर्शन किया। यह सिलसिला सदन के अनिश्चितकालीन समय तक के लिए स्थगित होने तक चला। सदन गुरुवार 21 दिसंबर को स्थगित हो गई थी। इसके बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आज यानी 25 दिसंबर को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया था, मगर मल्लिकार्जुन खरगे आज नहीं मिल पाए।कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति के पत्र का जवाब दिया और खत लिखकर मुलाकात न करने की वजह बताई है।
उपराष्ट्रपति की ओर से तमाम मसलों पर चर्चा के लिए बुलाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने जवाब दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाबी खत में कहा कि वह आज मुलाकात नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वह अभी दिल्ली से बाहर हैं और दिल्ली वापस आते ही वह उनसे मुलाकात करेंगे।उन्होंने कहा कि यह मेरा विशेषाधिकार होगा और वास्तव में मेरी ड्यूटी होगी कि मैं दिल्ली वापस आते ही आपके सुविधानुसार जल्द से जल्द मिलूं। खरगे ने शीतकालीन सत्र के बाद धनखड़ के सुझाव पर भी सहमति व्यक्त की है। उनका कहना है कि इसका उत्तर खुद को संविधान, संसद, संसदीय प्रथाओं और लोकतंत्र में सहज विश्वास के प्रति सच्चा रखने में निहित है, जबकि एक सत्तावादी सरकार संसद को खत्म करने पर आमादा है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति और उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ के पत्र के जवाब में लिखा और कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों से सांसदों का सामूहिक निलंबन ‘सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित और पूर्व नियोजित लगता है।मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि सभापति सदन का संरक्षक होता है और उसे सदन की गरिमा बनाए रखने, संसदीय विशेषाधिकारों की रक्षा करने और संसद में बहस, चर्चा और उत्तर के माध्यम से अपनी सरकार को जवाबदेह रखने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में सबसे आगे रहना चाहिए। यह दुखद होगा, जब इतिहास बिना बहस के पारित किए गए विधेयकों और सरकार से जवाबदेही की मांग न करने के लिए पीठासीन अधिकारियों को कठोरता से आंकेगा।
इससे पहले राज्यसभा सभापति ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्होंने सदन के चैंबर में बातचीत के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसे अस्वीकार किया गया. उपराष्ट्रपति का कहना था कि इससे उन्हें दुख पहुंचा है। वहीं, उन्होंने खरगे को पत्र लिखकर शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के निलंबन को लेकर चर्चा करने का सुझाव दिया था। इसके लिए 25 दिसंबर की तारीख तय की गई।
बता दें कि इस बार संसद का शीतकालीन सत्र बेहद हंगामेदार रहा है। 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली, जहां लोकसभा में विजिटर गैलरी से दो लोगों ने कूदकर स्मोक बम का इस्तेमाल किया। सुरक्षा में हुई लापरवाही को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब की मांग की। विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही में व्यवधान खड़ा हुआ। राज्यसभा और लोकसभा में व्यवधान पैदा करने की वजह से विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिसमें लोकसभा के 100 सांसद और राज्यसभा के 46 सांसद शामिल थे।
Dec 25 2023, 14:49