झारखंड में धर्मांतरित आदिवासियों को एसटी आरक्षण की सूची से बाहर करने का मुद्दा एक बार फिर गरमाया
झारखंड में धर्मांतरित आदिवासियों को एसटी आरक्षण की सूची से बाहर करने का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हिंदूवादी संगठनों द्वारा समर्थित जनजाति सुरक्षा मंच ने रांची के मोरहाबादी मैदान में आज को 'उलगुलान आदिवासी डिलिस्टिंग रैली” का आयोजन किया। करने का ऐलान किया है। जिसमे लाखो की संख्या में जुटे अनुसूचित जनजातीय के लोग। इस रैली में जनजातीय सुरक्षा मंच के केंद्रीय पदाधिकारी सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से प्रदेश पदाधिकारी मंचासीन रहे।
यह महारैली आदिवासी समाज के वैसे लोग जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया है और आरक्षण की सुविधा ले रहे हैं, वैसे व्यक्तियों को आरक्षण की सुविधा से वंचित करने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर रखी गई है। साथ ही इस रैली में झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से आए जनजातीय समुदाय के महिला पुरुष बच्चे पारंपरिक परिधान में और पारंपरिक नीति के अनुसार नृत्य संगीत करते हुए सम्मिलित हुए।
रैली में अपने संबोधन में जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि देश के 700 से अधिक जनजातियों के विकास एवं उन्नति के लिए संविधान निर्माता ने आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया था। लेकिन इन सुविधाओं का लाभ अधिकतर वे लोग उठा रहे हैं जो ईसाई या मुस्लिम बन गए।
इस रैली में विशेष तौर पर जनजातीय समुदाय एकजुट होकर धर्मांतरित समुदाय के लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा के अनुसार आरक्षण बंद किए जाने के मांग को एक जूटता के साथ बुलंद किया। और कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों में ऊंचे पदों पर बैठे अफसरों से भी यह अपेक्षा है कि वे समाज के अंतिम छोर पर खड़े इस जनजातीय समुदाय की आवाज बने। धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुचित लाभ देने से खुद को रोके।
Dec 25 2023, 13:57