कैग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, झारखंड में छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और विधवाओं की पेंशन में अनियमितता
झारखंड विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने झारखंड में छात्रवृत्ति और पेंशन योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के ऑडिट में करोड़ों रुपये की भारी अनियमितताएं और अवैध हस्तांतरण का पता लगाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, छह में से चार जिलों में 14 स्कूलों या संस्थानों के 1482 फर्जी लाभार्थियों को 1.17 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बांटी गई। ये संस्थान न तो राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत थे और न ही पोर्टल पर लॉग इन करने के लिए पात्रता रखते थे।
सामाजिक सुरक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं में डीबीटी के महत्व को ध्यान में रखते हुए नवंबर, 2021 और मई, 2022 के बीच प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का प्रदर्शन ऑडिट किया गया। यह ऑडिट झारखंड में उद्देश्यों और प्रभाव का पता लगाने के लिए 2017 और 2021 की अवधि के लिए था। ऑडिट में भारी वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं।
इसके अलावा, जो लोग मर चुके हैं उन्हें पेंशन और पुरुष लाभार्थियों को विधवा पेंशन देने के मामले भी सामने आए हैं। विधवा पेंशन से जुड़े मामले की जांच में पाया गया कि पुरुषों को भी विधवा पेंशन दी गयी। ऑडिट के दौरान पाया गया कि पूर्वी सिंहभूम और गोड्डा के चार प्रखंडों पोटका, घाटशिला, पोड़ैयाहाट व गोड्डा सदर में कुल 16 पुरुषों को विधवा पेंशन दी गयी। इन पुरुषों को पेंशन मद में 9.54 लाख रुपये का भुगतान किया गया। पोड़ैयाहाट में एक, गोड्डा सदर में चार, पोटका में छह व घाटशिला में पांच पुरुषों को विधवा पेंशन का लाभ दिया गया।
प्रदेश के महालेखाकार (ऑडिट) अनुप फ्रांसिस डुंगडुंग ने पत्रकारों से कहा, ऑडिट में भारी वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। यह हाल तब है जब केवल छह जिलों (चतरा, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, पलामू और रांची) का ऑडिट किया गया। उन्होंने कहा कि यदि इसे पूरे राज्य में किया गया तो और भी अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।
Dec 22 2023, 14:02