सभी कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन जरूरी: डीएम
बलरामपुर। जिलाधिकारी अरविन्द सिंह के दिशा-निर्देश एवं मार्ग दर्शन में महिला कल्याण विभाग द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013 के अन्तर्गत ‘शक्ति कार्यशाला’ का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। कार्यशाला में स्थानीय व आंतरिक परिवाद समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चन्द्र ने बताया कि जनपद में जिन भी कार्यालयों में, चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी कार्यालय हों और वहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां पर अनिवार्य रूप से आंतरिक परिवाद समिति गठित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न होने पर वह अपने कार्यालय में गठित समिति के समक्ष 90 दिवस के भीतर शिकायत दर्ज करा सकती हैं। उन्होंने बताया कि जिन कार्यालयों में 10 से कम कर्मी तैनात हैं, वहां आंतरिक परिवाद समिति गठित नहीं होगी। उन कार्यालयों में यौन उत्पीड़न की शिकायत के लिए जनपद स्तर पर स्थानीय परिवाद समिति गठित है।
डीपीआरओ श्रेया उपाध्याय ने कहा कि समस्त खण्ड विकास अधिकारी व समस्त खंड शिक्षा अधिकारी इस पर विशेष ध्यान देकर समिति का गठन करायें।
इस दौरान आबकारी निरीक्षक सदर बलरामपुर आनंद मिश्रा, सीएमएस महिला अस्पताल, एनआरएलएम डीसी मंजू त्रिवेदी, विधि सह परवीक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी, महिला कल्याण अधिकारी रागिनी मिश्रा, जिला समवन्यक दीपिका तिवारी, राधिका मिश्रा, कनिष्ठ सहायक अमित कुमार, आकडा विशेषज्ञ सुनील वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार पासवान, परामर्शदाता बद्री विशाल, राजेश, चिनकान प्रसाद, रमेश व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे।
Dec 21 2023, 19:26