हेमंत सरकार आज सदन में पेश करेगी खतियान आधारित स्थानीय नीति समेत चार विधेयक
रांची : झारखंड की राजनीति में हमेशा से स्थानीय नीति एक बड़ा मुद्दा रहा है। राज्य गठन होने के 23 वर्ष बाद भी इसको लेकर राजनीति होती रही है। जब कभी भी राज्य में सरकारें बनती है तो स्थानीय नीति अपने-अपने ढंग से परिभाषित करने की कोशिश करती है। एक बार फिर राज्य की स्थानीय नीति से संबंधित विधेयक हेमंत सरकार शीतकालीन सत्र के चौथे दिन यानी आज 20 दिसंबर को सदन के पटल पर लाने जा रही है।
बता दे कि विधानसभा से यह विधेयक पहले भी पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था। पिछले दिनों राजभवन से लौटाई गई 2022 के झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिणामी, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों का विस्तार करने के लिए विधेयक में कई तरह की त्रुटियां पाई गई थी। इसपर सरकार ने पहले ही संकेत दिए थे कि विधेयक फिर से उसी रूप में लाया जाएगा। सत्ता पक्ष जहां इस बिल को सदन से पास करा कर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में है। वहीं, विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करने में जुटा है।
इसके साथ सदन में आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य को नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण से संबंधित विधेयक भी लाया जाएगा। साथ ही प्रज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी पटल पर रखा जाएगा।
बहरहाल स्थानीय नीति जैसी भी हो परंतु सरकारों को यह ख्याल रखना चाहिए कि इससे राज्य के युवाओं को उनका वाजिब हक मिल सके। राज्य गठन के बाद से ही झारखंड में स्थानीय नीति को लेकर सियासत जारी है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि हेमंत सरकार का 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति इस बार संवैधानिक रुप से कितना खड़ा उतरती है।
रिपोर्ट– जयंत कुमार
Dec 20 2023, 18:55