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डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर लगी रोक

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व्हाइट हाउस की रेस के लिए चुनाव अभियान में जुटे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। वे 2024 का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए हैं।कैपिटल हिल दंगा मामले में कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।कोलोराडो प्रांत की प्रमुख अदालत ने यूएस कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को ट्रंप को अमेरिकी संविधान के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया। 

अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा-3 का इस्तेमाल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है। कोलोराडो हाईकोर्ट ने 4-3 के बहुमत वाले अपने फैसले में कहा, अदालत के बहुमत का मानना है कि ट्रंप 14वें संशोधन की धारा-3 के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अदालत ने ट्रंप के खिलाफ फैसला दिया है, उसके सभी न्यायाधीश डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों द्वारा नियुक्त किए गए थे।

कोलोराडो की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा क‍ि अदालत के बहुमत का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के चौदहवें संशोधन की धारा तीन के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। कोर्ट ने फैसले में कहा गया है क‍ि चूंकि वह अयोग्य हैं, इसलिए कोलोराडो राज्य सचिव के लिए उन्हें राष्ट्रपति के प्राथमिक मतदान में उम्मीदवार के रूप में ल‍िस्‍ट करना चुनाव संहिता के तहत एक गलत कार्य होगा।

कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रपति रहते ट्रंप ने न केवल हमले को उकसाया, यहां तक कि जब कैपिटल हिल पर घेराबंदी की गई थी उस समय भी उन्होंने बार-बार कहा कि उपराष्ट्रपति (माइक) पेंस अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने से इनकार करें। साथ ही साथ सीनेटरों को बुलाकर उन्हें चुनावी वोटों की गिनती रोकने के लिए कहा था। ट्रंप की कैपिटल हिल हमले में भागेदारी रही है।

यह फैसला पहली बार आया है जब कोई अदालत इस बात पर सहमत हुई है कि ट्रम्प जो रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए सबसे आगे हैं। उनको अमेरिकी संवैधानिक प्रावधान के कारण राज्य में मतदान से रोक दिया जाना चाहिए। आपको बता दें क‍ि मिनेसोटा और मिशिगन की अदालतों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रम्प की नियुक्ति को चुनौती देने वाले समान मुकदमों को खारिज कर दिया है, लेकिन इस मुद्दे पर कई राज्यों में मुकदमा चल रहे हैं।

बता दें कि साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप के समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर धावा बोल दिया था। बड़ी संख्या ट्रंप के समर्थक संसद भवन के ऊपर और अंदर घुस आए थे। इस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की थी, जिसमें पांच लोग मारे गए। बाद में ट्रंप पर समर्थकों को संसद की तरफ बढ़ने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगे थे।

“इंडिया” की बैठक में ममता ने पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया खरगे का नाम, जानें क्या सीट शेयरिंग पर बनी बात?

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दिल्ली में चल रही विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ यानी “इंडिया” की बैठक खत्म हो गई है। करीब 3 घंटे चली बैठक में सभी दलों ने बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए तमाम तरीकों पर चर्चा की। जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ममता के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि खरगे ने यह कहकर इस प्रस्ताव पर चुप्पी साध ली कि चुनावों के रिजल्ट के बाद इस मुद्दे पर डिस्कशन किया जाएगा।

देश भर में 8 से 10 बैठकें करेगा गठबंधन

गठबंधन की बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस चौथी मीटिंग में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया। सभी ने अपने विचार रखा। सभी ने एक होकर ये तय किया है कि देश में 8-10 मीटिंग, प्रदर्शन एक साथ करेंगे। सभी नेता अगर एक मंच पर नहीं दिखेंगे तो लोगों को ये पता नहीं चलेगा कि अब साथ है। इसलिए ये फैसला लिया गया है।इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं।

सस्पेंशन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशभर में प्रोटेस्ट

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विपक्षी गठबंधन की बैठक में लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों को निलंबित किए जाने के फैसले का भी विरोध किया गया है। सब ने ये कहा कि ये लोकतांत्रिक नहीं है। खरगे ने कहा कि बैठक में संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया। हम पहले से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं। खरगे ने कहा कि यह पहली बार है जब देश में 141 संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है। यह गलत है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

जब कांग्रेस के शासनकाल में एक ही दिन में निलंबित कर दिए गए थे 63 विपक्षी सांसद, जानिए 34 साल पुराना इतिहास

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संसद के शीतकालीन सत्र से सांसदों के निलंबन की कार्रवाई लगातार जारी है। इसकी वजह है संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्ष का हंगामा। लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर आज यानी मंगलवार को लोकसभा से 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही संसद से अब तक 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। इससे पहले सोमवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया।इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इससे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह इस सत्र में अब तक 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं।

भारत के संसदीय इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। बीते सात दशक में इस तरह की सबसे बड़ी कार्रवाई 1989 में हुई थी।हालांकि, उस वक्त निलंबित सांसदों की कुल संख्या मौजूदा संख्या की आधी भी नहीं थी। राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल का वो किस्सा खासा चर्चित है। उस दौरान आखिर ऐसी क्या बात हो गई थी कि इतनी बड़ी संख्या में सांसद सस्पेंड हो गए थे।आइए जानते हैः

1989 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और कांग्रेस के पास प्रचंड बहुमत था।अक्तूबर, 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बाद हुए चुनाव हुए तो कांग्रेस 543 सीटों में 414 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई।सरकार बनने के चंद वर्षों के बाद ही विवाद राजीव सरकार का पीछा करने लगे।

दरअसल, मार्च 1986 में भारत और स्वीडन के बीच बोफोर्स तोप सौदा हुआ। हॉवित्जर तोप की सप्लाई के लिए हुआ यह सौदा घोटाले के आरोपों से घिर गया।1989 आते-आते विपक्ष राजीव सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुका था। मार्च 1989 में संसद का बजट सत्र चल रहा था। राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के दौरान इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच के लिए जस्टिस ठक्कर आयोग का गठन किया गया था। जांच के बाद 15 मार्च, 1989 को जस्टिस एमपी ठक्कर के नेतृत्व वाले जांच आयोग की रिपोर्ट पेश किए जाने के दौरान लोकसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ।

भारी हंगामे के बाद विपक्ष के 58 सांसदों को पहले निलंबित किया गया, जिनमें वी पी सिंह, वी सी शुक्ला, आरिफ मोहम्मद खान, इंद्रजीत गुप्ता, गीता मुखर्जी, जयपाल रेड्डी, डी बी पाटिल आदि शामिल थे। इसके बाद पांच अन्य सांसदों जिनमें सोमनाथ चटर्जी, सैफुद्दीन चौधरी, के पी उन्नीकृष्णन आदि शामिल थे, उनके निलंबन के लिए अलग से प्रस्ताव लाया गया। इस तरह कुल 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।यह कार्रवाई नियम 374 के तहत की गई थी। हालांकि, अगले ही दिन सांसदों ने स्पीकर से माफी मांग ली थी, जिसके बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया था।

मिचेल स्टार्क ने रचा कीर्तिमान, बने आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी, कुछ ही मिनटों में तोड़ा कमिंस का रिकॉर्ड

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आईपीएल 2024 के लिए ऑक्शन दुबई में हो रही है। इस नीलामी में खिलाड़ियों पर पैसों की जमकर बारिश हो रही है। अब तक ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क आईपीएल नीलामी के इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए।दो करोड़ बेस प्राइस वाले स्टार्क पर शुरुआत में मुंबई और दिल्ली ने बोली लगाई। बाद में कोलकाता और गुजरात इस रेस में शामिल हुए। अंत में 24.75 करोड़ में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें खरीदा। इसके साथ ही वह पैट कमिंस को पीछे छोड़ते हुए आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए।

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को केकेआर ने 24.75 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा। यह आईपीएल इतिहास की सबसे बड़ी बोली भी है। शुरुआत में मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच स्टार्क के लिए टक्कर हुई। इसके बाद गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच टक्कर शुरू हुई। दिल्ली ने 9.40 करोड़ रुपये की बोली के बाद खुद को अलग कर लिया। वहीं, मुंबई की टीम ने अधिकतम 9.60 करोड़ रुपये बोली लगाई। यहां से गुजरात और कोलकाता के बीच टक्कर देखने को मिली। 

कोलकाता के टेबल पर गौतम गंभीर तो गुजरात के टेबल पर आशीष नेहरा बैठे थे। भारत के दो पूर्व खिलाड़ियों के बीच ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज के लिए टक्कर देखने को मिली। अंत में गंभीर ने बाजी मारी। इस तरह स्टार्क केकेआर का हिस्सा बन गए।इसी नीलामी में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को सनराइजर्स हैदराबाद ने 20.50 करोड़ रुपये में खरीदा था। स्टार्क ने अपनी राष्ट्रीय टीम के कप्तान का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

इस आईपीएल नीलामी के टॉप-10 सबसे महंगे खिलाड़ी

• ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क आईपीएल नीलामी इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने। उन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स ने 24.75 करोड़ रुपये में खरीदा। स्टार्क के लिए कोलकाता और गुजरात टाइटंस के बीच जमकर बोली लगी। अंत में कोलकाता ने बाजी मारी।

• ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप विजेता कप्तान पैट कमिंस को सनराइजर्स हैदराबाद ने 20.50 करोड़ रुपये में खरीदा। कमिंस का बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था।

• न्यूजीलैंड के डेरिल मिचेल को चेन्नई सुपरकिंग्स ने 14 करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस एक करोड़ रुपये था।

• भारत के हर्षल पटेल को 11.75 करोड़ रुपये में पंजाब किंग्स ने खरीदा। उनका बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था।

• वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ का बेस प्राइस एक करोड़ रुपये था। उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 11.50 करोड़ रुपये में खरीदा।

• वेस्टइंडीज के रोवमन पॉवेल का बेस प्राइस एक करोड़ रुपये था। उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 7.40 करोड़ रुपये में खरीदा।

• ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड का बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था। उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 6.80 करोड़ रुपये में खरीदा।

• भारत के तेज गेंदबाज शिवम मावी को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने 6.40 करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस 50 लाख रुपये था।

• गुजरात टाइटंस ने उमेश यादव को 5.80 करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था।

• दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज गेराल्ड कोएत्जी को मुंबई इंडियंस ने पांच करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था।

“इंडिया” की बैठक से पहले टीएमसी ने दिखाए तेवर, ममता बनर्जी को गठबंधन का चेहरा बनाने की दे डाली सलाह

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राजधानी दिल्ली में आज विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की बेहद अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे।हाल के दिनों में कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों के बीच तनातनी के दौर में हो रही इस बैठक में क्या सहमति बनती है इसपर सभी की निगाहें रहेंगी। दरअसल, इंडिया गठबंधन की बैठक विधानसभा चुनावों के कारण बीच में नहीं हो पाई थी। इसके बाद 6 दिसंबर को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक भी टल गई थी। जिसके बाद कयास लगने लगे थे कि विपक्ष में सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि, तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद एकबार फिर विपक्षी एकता की सुगबुगाहट शुरू हुई और इस बार खुद कांग्रेस ने इसके लिए पहल की है।इस बीच अलायंस के एक प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कांग्रेस से ममता बनर्जी जैसे वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के चेहरे के रूप में पेश करने की सालह दी है।

“कांग्रेस को जमींदारी संस्कृति को त्यागना होगा”

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, तीन राज्यों में मिली हार से कांग्रेस को इससे सीखना चाहिए। उन्हें जमींदारी संस्कृति को त्यागना होगा। इंडिया गठबंधन की जीत के लिए उन्हें ममता बनर्जी जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा।यह सुनिश्चित करने के लिए कि इंडिया ब्लॉक की जीत हो, उसे ममता बनर्जी को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा। ममता बनर्जी तीन बार मुख्यमंत्री और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा भी कई अन्य वरिष्ठ नेता इंडिया ब्लॉक में हैं।

“टीएमसी के पास कई बार भाजपा को हराने का रिकॉर्ड”

टीएमसी नेता घोष ने आगे कहा, कांग्रेस बार-बार भाजपा को हराने में विफल रही है। दूसरी ओर, ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी के पास कई बार भाजपा को हराने का रिकॉर्ड है।

कांग्रेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया

वहीं इस टिप्पणी पर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस प्रवक्ता सौम्या रॉय ने जोर देकर कहा, हमें भाजपा के खिलाफ कैसे लड़ना है, इस बारे में टीएमसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है। यह कांग्रेस है, जो लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ रही है जबकि टीएमसी ने कई मौकों पर भाजपा के साथ समझौता किया है।

दरअसल, इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को ये अच्छे से पता है कि अगर बिखरा विपक्ष बीजेपी के मुकाबले के लिए जाएगा तो उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। ऐसे में विपक्षी दल एक गठबंधन के जरिए सत्तारूढ़ दल से मुकाबले की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि, हाल के दिनों में कुछ पार्टियों ने कांग्रेस को तल्ख तेवर दिखाए हैं। अखिलेश यादव ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार जैसे दिग्गज नेताओं ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को सीधे और इशारों में खूब सुना दिया है।

आईपीएल के अब तक के इतिहास के सबसे महेंगे खिलाड़ी बने पैट कमिंस, छप्पर फाड़कर बरसा रूपया

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इंडियन प्रीमियर लीग 2024 के ऑक्शन में इतिहास की सबसे बड़ी बोली लगी।आईपीएल इत‍िहास के सबसे महंगे ख‍िलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कम‍िंस बन गए हैं।उनको सनराइजर्स हैदराबाद ने 20 करोड़ से ज्यादा की कीमत में खरीदा। स्टार ऑलराउंडर पैट कमिंस ऑस्ट्रेलिया के कप्तान हैं और हाल ही में उनकी अगुवाई में टीम ने वनडे वर्ल्ड कप जीता था। ऑस्ट्रेलिया ने वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को ही हराया था और अब हर किसी को चौंकाते हुए पैट कमिंस आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर बन गए हैं।

कमिंस ने तोड़ा सैम करन का रिकॉर्ड

कमिंस का बेस प्राइस दो करोड़ रुपये था। आईपीएल नीलामी इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी के लिए 20 करोड़ रुपये की बोली लगी। सनराइजर्स ने 20 करोड़ की बोली को पार उनके लिए सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में जबरदस्त जंग हुई। अंत में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराकर उसने कमिंस खरीद लिया। नीलामी में सबसे ज्यादा कीमत पाने के मामले में कमिंस ने इंग्लैंड के सैम करन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। करन को पिछले साल पंजाब ने 18.50 करोड़ रुपये में खरीदा था।

यह तेज गेंदबाज इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रह चुका है। केकेआर ने उन्हें 2020 की नीलामी में 15.5 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि में खरीदा था। कमिंस को दो सीजन बाद फ्रेंचाइजी ने 7.25 करोड़ रुपये में वापस खरीदा और फिर रिलीज कर दिया। कमिंस का 2022 में केकेआर से खेलते हुए मुंबई इंडियंस के खिलाफ 14 गेंद में लगाया गया अर्धशतक आईपीएल में संयुक्त रूप से दूसरा सबसे तेज अर्धशतक है।

पैट कमिंस ने आईपीएल में सिर्फ 42 मैच ही खेले हैं, उनके नाम 379 रन हैं और सिर्फ 45 विकेट ही वो ले चुके हैं। यानी औसत रिकॉर्ड होने के बाद भी पैट कमिंस पर इतना पैसा बरसा है।

लोकसभा से आज 49 विपक्षी सांसद और निलंबित, शशि थरूर, डिंपल यादव समेत इन सांसदों पर हुई कार्रवाई

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संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्ष का हंगामा जारी है।लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर, मनीष तिवारी और सुप्रिया सुले सहित 49 और विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।

सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों के नाम लेते हुए कहा, ‘अप्रिय प्रसंग है कि अनेक बार अनुरोध के बावजूद आप निरंतर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। आसन की अवहेलना कर रहे हैं।’ उन्होंने संसद में सुरक्षा चूक के मामले में आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा, ‘आप निरंतर आग्रह के बाद भी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं और आपने आसन को कार्यवाही के लिए विवश किया है। इसलिए आपको ‘नेम’ करना पड़ रहा है।

इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 49 विपक्षी सदस्यों का नाम लेकर उन्हें तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना करने के मामले में निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। निलंबित किए गए सदस्यों में कांग्रेस के शशि थरूर, मनीष तिवारी, गुरजीत सिंह औजला, सप्तगिरि उलाका, प्रद्युत बोरदोलोई, गीता कोड़ा, ज्योत्सना महंत, जसवीर गिल, कार्ति चिदंबरम, मोहम्मद सादिक, एम के विष्णु प्रसाद, रवनीत सिंह बिट्टू, के. सुधाकरन, वी. वैथिलिंगम, फ्रांसिस्को सरदिन्हा, अदूर प्रकाश, चेल्ला कुमार और प्रतिभा सिंह शामिल हैं। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के निलंबित किए गए सदस्यों में एस. जगतरक्षण, एस. आर. पार्थिबन, ए. गणेश मूर्ति, पी. वेलूस्वामी, डीएनवी सेंथिल कुमार और एम. धनुष कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के निलंबित सदस्यों में सुप्रिया सुले, अमोल कोल्हे और पी.पी. मोहम्मद फैजल शामिल हैं। लोकसभा से जनता दल (यू) के राजीव रंजन सिंह, गिरधारी यादव, संतोष कुमार, दुलाल चंद गोस्वामी, दिनेश चंद्र यादव, महाबली सिंह, दिनेश्वर कामत, सुनील कुमार, चंद्रेश्वर प्रसाद और आलोक कुमार सुमन को भी सदन से निलंबित किया गया है।

इस सत्र में अबतक 141 सस्पेंड

अबतक इस सत्र के लिए विपक्ष के 141 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। मंगलवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया।इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इससे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।

भारत में लोकतांत्रिक संसद के लिए श्रद्धांजलि लिखनी शुरू करनी होगी-थरूर

लोकसभा से मंगलवार को निलंबित किए गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 'यह साफ है कि वह विपक्ष मुक्त लोकसभा चाहते हैं और ऐसा ही वह राज्यसभा में करेंगे। दुर्भाग्य से हमें भारत में लोकतांत्रिक संसद के लिए श्रद्धांजलि लिखनी शुरू करनी होगी। आज हमने अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और जो भी वहां मौजूद था, उन्हें पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इसका मतलब है कि वह बिना किसी चर्चा के विधेयक पास करना चाहते हैं। यह संसदीय लोकतंत्र से धोखा है।'

विपक्षी सांसदों के निलंबन पर क्या बोलीं सपा सांसद डिंपल यादव

विपक्षी सांसदों निलंबन पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, आज लगभग 40 से सांसद निलंबित हुए हैं। कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है।

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उतारी उपराष्ट्रपति धनखड़ की नकल, आहत हुए सभापति ने कही ये बात

#jagdeep_dhankhar_angry_over_tmc_mp_kalyan_benerjee_imitating

संसद की कार्यवाही से विपक्षी सासंदों के निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सासंदों में से एक टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारी।सांसद कल्याण बनर्जी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इसमें वो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अपमान करते दिखाई दे रहे हैं। बनर्जी को देखकर कुछ सांसद हंस भी रहे हैं।राज्यसभा चेयरमैन विपक्षी सांसदों की इस हरकत पर काफी आहत हुए हैं।इस घटना पर जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई और इसे सदन का अपमान बताया।

बिना नाम लिए सभापति ने राहल गांधी पर साधी निशाना

संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन है। आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि मैंने कुछ देर पहले एक टीवी चैनल पर देखा है। आपके एक बड़े नेता एक सांसद के असंसदीय व्यवहार का वीडियो बना रहे थे। आपसे भी बहुत बड़ा नेता है वह। यही कह सकता हूं कि सद्बुद्धि आए। कुछ तो सीमा होती होगी। कुछ जगह तो बक्श दो।गिरावट की कोई हद नहीं है।इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

राहुल गांधी कल्याण बनर्जी का वीडियो बनाते नजर आए

दरअसल, विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद के मकर द्वार के बाहर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा चेयरमैन की मिमिक्री कर रहे थे। जब बनर्जी मिमिक्री कर रहे थे तो वहां मौजूद कुछ सांसद उनसे जोर-जोर से बोलने के लिए कह रहे थे। इस दौरान अन्य विपक्षी सांसद ठहाके लगाते नजर आए, वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कल्याण बनर्जी का वीडियो बनाते नजर आए।इसका एक वीडियो भी सामने आया है। 

कौन हैं कल्याण बनर्जी

कल्याण बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद हैं। साल 2019 में वो पश्चिम बंगाल की श्रीरामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे। वो 2001 से लेकर 2006 तक विधायक भी रह चुके हैं। कल्याण बनर्जी एक जानेमाने वकील भी हैं, टीएमसी की कानूनी लड़ाई बनर्जी ही लड़ते हैं। हाल ही में कल्याण बनर्जी का एक बयान वायरल हुआ था, इसमें उन्होंने कहा था कि नए संसद भवन में वॉशरूम के लिए भी आधा किमी दूर जाना पड़ता है।

“कुछ पार्टियां संसद सुरक्षा चूक को सपोर्ट कर रहीं”, बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम मोदी

#narendra_modi_bjp_parliamentary_party_meeting

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के चालू सत्र के आखिरी दिन बीजेपी संसदीय दल की बैठक में विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने संसद में विपक्षी नेताओं की गतिवधियों पर कड़ी टिप्पणी की और कहा कि उनका काम संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले लड़कों से भी ज्यादा खराब है। पीएम मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि विपक्ष ने अपने स्थान पर (विपक्ष‌ में ही) बने रहने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने संसद की सुरक्षा में सेंध मारी, कुछ दल एक तरह से उनके समर्थन में आवाज उठा रहे हैं। यह सेंधमारी की ही तरह खतरनाक है। 

हम देश बनाने की सोच रहे हैं, वे सरकार उखाड़ने की-पीएम मोदी

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि वह बौखलाहट और हताशा में गलती कर रहा है। सदन के अंदर आलोचना का जवाब मर्यादा में दिया जाना चाहिए। मोदी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष मर्यादा की सीमारेखा लांघकर संसद में घुसे उन लड़कों से बड़ी गलती कर रहा है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसा करने वाले हर व्यक्ति को संसद परिसर में हुई घुसपैठ की घटना की निंदा करनी चाहिए, पर कुछ पार्टियां सुरक्षा चूक के मामले को सपोर्ट कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि हम देश बनाने की सोच रहे हैं, वे सरकार उखाड़ने की सोच रहे हैं।

विपक्ष के कारनामों के बारे में जनता को जागरूक करने की जरूरत-पीएम मोदी

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि नए मतदाताओं ने वो दौर नहीं देखा होगा, जह हर दिन एक नया घोटाला होता था। पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा कि हमें विपक्ष के उन कारनामों के बारे में उनको जागरूक करने की जरूरत है।

बता दें कि संसद की सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर सद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा जारी है। इस हंगामे के कारण अब तक 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। मंगलवार को संसद सत्र के आखिरी दिन 78 और सासंदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी सांसद जहां सुबह संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया।

चीन में 6.2 तीव्रता के भूकंप ने मचाया कोहराम, 100 से ज्यादा मौतें

#china_earthquake_kills_and_injures_many

चीन में सोमवार देर रात आए भूकंप ने तबाही मचाई है। भूकंप के कारण अब तक 116 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, 400 से ज्यादा घायल हुए हैं।रिक्टर स्केल पर भूकंप की तव्रता 6.2 दर्ज की गई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमाम वीडियो में लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही हैं। वीडियो में टूटी हुई इमारतें और सड़कें क्षतिग्रस्त दिखाई दे रही हैं।यह तबाही उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु और किंघई प्रांतों में आई है। गांसु प्रांत में 86 और पड़ोसी किंघई प्रांत में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। चीन के गांसु प्रांत और किंघई प्रांत में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

चीन से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनमें कई ऊंची इमारतों को मलबे में तब्दील होते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान लोग अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भागते भी दिखे। 

सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भूकंप के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाए जाने, प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास और लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम प्रयास करने को कहा गया है।चीनी सरकार ने स्थानीय आपातकालीन कर्मियों की सहायता के लिए बचावकर्मियों की टीमें भेजी हैं। भूकंप के बाद क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।