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चीन में 6.2 तीव्रता के भूकंप ने मचाया कोहराम, 100 से ज्यादा मौतें

#china_earthquake_kills_and_injures_many

चीन में सोमवार देर रात आए भूकंप ने तबाही मचाई है। भूकंप के कारण अब तक 116 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, 400 से ज्यादा घायल हुए हैं।रिक्टर स्केल पर भूकंप की तव्रता 6.2 दर्ज की गई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमाम वीडियो में लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही हैं। वीडियो में टूटी हुई इमारतें और सड़कें क्षतिग्रस्त दिखाई दे रही हैं।यह तबाही उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु और किंघई प्रांतों में आई है। गांसु प्रांत में 86 और पड़ोसी किंघई प्रांत में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। चीन के गांसु प्रांत और किंघई प्रांत में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

चीन से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनमें कई ऊंची इमारतों को मलबे में तब्दील होते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान लोग अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भागते भी दिखे। 

सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भूकंप के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाए जाने, प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास और लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम प्रयास करने को कहा गया है।चीनी सरकार ने स्थानीय आपातकालीन कर्मियों की सहायता के लिए बचावकर्मियों की टीमें भेजी हैं। भूकंप के बाद क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।

आईपीएल का ऑक्शन आज, दुबई में दांव पर लगेंगे 263 करोड़ रुपये

#ipl_auction_2024_in_dubai

इंडियन प्रीमियर लीग के 17वें सीजन के लिए खिलाड़ियों का ऑक्शन आज यानी 19 दिसंबर को दुबई में होना है। इस ऑक्शन में दुनियाभर के स्टार खिलाड़ियों ने अपना दिया था। ऑक्शन के लिए कुल 333 खिलाड़ी शॉर्टलिस्ट हुए थे, इनमें से 3 खिलाड़ी अपना नाम वापस ले चुके हैं। ऐसे में अब 330 खिलाड़ी इस ऑक्शन का हिस्सा बनेंगे। इनमें ज्यादा से ज्यादा 77 खिलाड़ियों को खरीदार मिलेगा।

नीलामी के लिए इस बार 1166 खिलाड़ियों ने अपना नाम रजिस्टर्ड कराया था. बीसीसीआई ने 333 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया है। 10 फ्रेंचाइजी टीमें मिनी ऑक्शन में खिलाड़ियों पर बोली लगाती हुई नजर आएंगी। ऑक्शन की फाइनल लिस्ट में शामिल 333 खिलाड़ियों को 19 सेट में बांटा गया है। यहां बल्लेबाज, ऑलराउंडर, तेज गेंदबाज, स्पिनर, विकेटकीपर, कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ियों के अलग-अलग सेट होंगे जो एक के बाद एक अल्टरनेट चलते रहेंगे और रिपीट होते रहेंगे।

किसके पास किना पर्स है?

कुल मिलाकर ₹262.95 करोड़ वह राशि है जो सभी 10 फ्रेंचाइजी अपनी टीम के लिए खर्च कर सकती हैं। गुजरात टाइटंस के पास ₹38.15 करोड़ का सबसे बड़ा पर्स है। निश्चित रूप से हार्दिक पंड्या को जाने देने से उन्हें आठ स्थान भरने के लिए मोटी रकम मिल गई है। सनराइजर्स हैदराबाद के पास छह स्लॉट के लिए ₹34 करोड़ का दूसरा सबसे बड़ा पर्स है। इसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स ₹32.7 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर है, जिसका उपयोग वे 12 स्लॉट भरने के लिए करेंगे। ₹31.4 करोड़ खर्च करने की छूट के मामले में चेन्नई सुपर किंग्स अगले स्थान पर है। दिल्ली कैपिटल्स ( ₹28.95 करोड़), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ( ₹23.25 करोड़) और पंजाब किंग्स ( ₹29.1 करोड़) के पास खर्च करने के लिए कुछ मोटी रकम है, जबकि मुंबई इंडियंस के पास ₹17.75 करोड़, लखनऊ सुपर जायंट्स के पास 13.15 करोड़ और राजस्थान रॉयल्स के पास बाकी फ्रेंचाइजी की तुलना में 14.5 करोड़ का बजट थोड़ा कम है।

किन पर लग सकते हैं बड़े दांव?

लंबे अरसे बाद आईपीएल में वापसी कर रहे मिचेल स्टार्क इस ऑक्शन में डिमांड में रहने वाले हैं। उनके साथ ही वर्ल्ड कप 2023 में लाजवाब प्रदर्शन करने वाले न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र के भी सबसे महंगे बिकने के कयास लगाए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों के अलावा, शार्दुल ठाकुर, हर्षल पटेल, ट्रेविस हेड, पैट कमिंस, हैरी ब्रुक और जेराल्ड कोएत्जी जैसे खिलाड़ियों पर भी खूब पैसा बरस सकता है।

दिल्ली में महाजुटान, विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक आज, क्या खत्म होगा सीट शेयरिंग का सिरदर्द?

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देश की राजधानी दिल्ली में आज विपक्षी नेताओं का जुटान होने वाला है। आज विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की अहम बैठक हेने वाली है। जिसमें अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे, साझा जनसभाओं और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष के कुल 27 पार्टियों को न्यौता दिया गया है। गठबंधन नेताओं को उम्मीद है कि सभी पार्टियों के नेता बैठक में आएंगे। दिल्ली के अशोका होटल में बैठक दोपहर 3:00 बजे होगी। ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और अखिलेश यादव समेत प्रमुख नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। 

विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार बैठक

यह बैठक हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हो रही है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।राजस्थान और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा, तो मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखी। वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस जीती। इन चुनाव को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। ऐसे में विपक्षी गठबंधन की ये मीटिंग काफी अहम है।गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली में हो रही है, जिसके खास सियासी मायन है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार आयोजित हो रही है।ऐसे में अगर विपक्ष इस बैठक में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का संकल्प नहीं ले पाता है तो, उसका बीजेपी से मुकाबला करना आसान नहीं होगा।

गठबंधन की बैठक का क्या एजेंडा है?

इंडिया गठबंधन की बैठक का क्या एजेंडा होगा, ये सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया है। लेकिन, जिस तरह से चार महीने के बाद यह विपक्षी दल के नेता जुट रहे हैं, उससे एक साथ साफ है कि पार्टियां सीट-बंटवारे का रोडमैप तैयार करेंगी, संयुक्त रैलियों और चुनावी अभियान कार्यक्रमों को अंतिम रूप देंगी। विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वैकल्पिक, सकारात्मक एजेंडे पर चर्चा करेंगी। सूत्रों की माने तो कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विपक्ष को मैं नहीं, हम,’ के नारे साथ आगे बढ़ने का मंशा को लेकर चलना होगा। विपक्षी गठबंधन जातीय आधारित गणना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों को आगे बढ़ा सकता है।

बैठक के पहले ममता बनर्जी ने क्या कहा?

बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन सीट-बंटवारे जैसे मुद्दों पर कदम उठाने में देर कर रहा है, इस सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा, ‘देर आए दुरुस्त आए।’ टीएमसी प्रमुख ने कहा कि वह देश भर में गठबंधन सहयोगियों के लिए प्रचार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ भी बैठक की और देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।

कौन है चंदा देवी? जिसका भाषण सुन पीएम मोदी हुए प्रभावित, दे डाला चुनाव लड़ने का ऑफर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास किया।इसी क्रम में पीएम मोदी ने वाराणसी के एक ग्रामीण इलाके सेवापुरी में विकसित संकल्प यात्रा में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी चंदा देवी नाम की एक महिला से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत चंदा को चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने गांव की महिलाओं से बातचीत की। कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बेहतरीन भाषण देने के लिए चंदादेवी नाम की महिला की सराहना की। 

विकसित संकल्प यात्रा में शामिल हुए पीएम मोदी के सामने एक महिला मंच पर भाषण दे रही थी। उसके भाषण से पीएम मोदी काफी इंप्रेस हुए। उस महिला का नाम था चंदा देवी। उनसे पीएम मोदी ने पूछा कि आपकी पढ़ाई क्या हुई है? जवाब में महिला ने कहा कि वह इंटर पास है। पीएम ने कहा कि आप इतना बढ़िया भाषण करती हैं तो कभी चुनाव लड़ी हो क्या? महिला ने ना में जवाब दिया। पीएम मोदी ने आगे पूछा- लड़ोगी?

ईडी ने केजरीवाल को फिर भेजा समन, दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 21 दिसंबर को बुलाया

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दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से नोटिस भेजा है। ईडी ने केजरीवाल को 21 दिसंबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले 2 नवंबर को भी ईडी ने केजरीवाल को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए थे।

ईडी ने केजरीवाल को यह समन ऐसे समय में भेजा है, जब वह 10 दिनों के लिए विपश्यना के लिए जा रहे हैं। वह 19 दिसंबर को विपश्यना के लिए रवाना होंगे। केजरीवाल हर साल विपश्यना का 10 दिन का कोर्स करने के लिए जाते हैं। इस साल भी वह 19 से 30 दिसंबर तक विपश्यना में रहेंगे। ऐसे में इस बार भी सीएम केजरीवाल का ईडी के समक्ष पेश हो पाना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है।

केजरीवाल ईडी की नोटिस को बता चुके हैं गैरकानूनी

इससे पहले बीते 2 नवंबर को ईडी ने शराब घोटाला मामले में समन जारी कर बुलाया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से पेश नहीं हुए थे। उस दौरान केजरीवाल ने ईडी की नोटिस को ही गैरकानूनी बताया था। इसी मामले में अप्रैल महीने में सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था।

शराब घोटाला मामले में आप के कई बड़े नेता सलाखों के पीछे

बता दें कि शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं। इन नेताओं में दिल्ली के डिप्टी सीएम रह चुके मनीष सिसोदिया के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इन दोनों नेताओं को कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। इस मामले में अब तक 22 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं जबकि 3 आरोपी सरकार गवाह बन चुके हैं।

क्या है शराब घोटाला?

दिल्ली में पिछले साल यानी 2022 के जुलाई महीने में शराब घोटाला उजागर हुआ था। दिल्ली की नई आबकारी नीति में यह घोटाला उस समय सामने आया जब दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी। चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की। जांच शुरू होते ही घोटाले की परतें खुलनी शुरू हो गई।

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2021 के नवंबर महीने में राज्य में नई शराब नीति लागू की थी। नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बाटा गया था। नियम के मुताबिक हर जोन में शराब की 27 दुकाने खोली जानी थी। इसके साथ-साथ सरकार ने अपनी नीति के अनुसार सभी शराब दुकानों को प्राइवेट कर दिया था। केजरीवाल सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया था कि दुकानों को प्राइवेट करने से दिल्ली को तकरीबन 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा, लेकिन सरकार का दांव उस समय उल्टा पड़ गया जब शराब की बिक्री बढ़ने के बाद भी राजस्व का नुकसान हुआ। इसके बाद नीति पर सवाल उठने लगे और धीरे-धीरे जांच के दायरे में आ गई।

राज्यसभा और लोकसभा से विपक्ष के 78 सांसद हुए सस्पेंड, एक दिन में स्पीकर की बड़ी कार्रवाई

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सदन में हंगामा करने के आरोप में सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में सदस्यों का रिकॉर्डतोड़ निलंबन किया गया। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया।इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में आज कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इससे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह देखें तो अब तक 92 सांसदों पर एक्शन लिया जा चुका है।

सत्र शुरू होने के बाद विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें कई सांसद ऐसे थे जो तख्तियां लेकर विरोध करने पहुंचे थे। इन सभी सांसदों को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है।निलंबित सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस के जयराम रमेश को भी निलंबित कर दिया गया है। आसन ने सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्यदिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग रखी। इसके बाद आसन ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया। 

33 लोकसभा सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित

कुल 33 लोकसभा सांसदों को सोमवार को संसद से निलंबित किया गया है। इनमें सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद टीआर बालू और दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय शामिल हैं। 30 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र और 3 सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। के जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक, नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे। सभापति द्वारा नामित किए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है।

राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कौन-कौन?

लोकसभा ही नहीं, सदन में हंगामा करने पर सोमवार को सदन में रिकॉर्डतोड़ कार्रवाई हुई। आसन के निर्देश न मानने और हंगामा करने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को एमपी प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याज्ञनिक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदीमुल हक, एन षणमुगम, नासिर हुसैन, फूलो देवी नेयाम, इमराम प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, मौसम नूर, समीरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोजी, फैयाद अजमद, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चवन, राम गोपाल यादव, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी, अजित ठाकुर को मौजूदा सत्र के बचे हुए दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।

किस पार्टी के कितने सांसद निलंबित

राज्यसभा में विपक्ष के कुल 11 पार्टी के सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है। सदन में कांग्रेस के 18, तृणमूल कांग्रेस के 7, डीएमके के 5, सीपीएम के 3, राजद, जेडीयू, एसपी और सीपीआई के 2-2 और जेएमएम, केसीएम, एजीएम और एनसीपी के 1-1 सदस्यों को आज सोमवार को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।

सरकार अत्याचार कर रही- अधीर रंजन

लोकसभा से अपने निलंबन पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री आएं सदन में जाकर बयान दें। अधीर ने कहा कि गृह मंत्री रोज टीवी पर बयान देते हैं। संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर वो थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं। आज की सरकार अत्याचार ऊंचाई पर पहुंच गई है, हम सिर्फ चर्चा चाहते थे

मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर साधा निशाना

विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया, फिर सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। यह निरंकुश मोदी सरकार सांसदों को निलंबित करके लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक रही है। बिना विपक्षी सांसदों के संसद के साथ सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचला जा सकता है।

ममता ने भी बोला हमला

सांसदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कहा कि अगर विपक्ष के सभी सांसदों को निलंबित ही कर दिया जा रहा है तो फिर वो अपनी आवाज कैसे उठाएंगे? संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने वाले हैं. सांसदों के ग्रुप में निलंबित करना कोई तरीका नहीं है।

यूरोप में इस्लामिक संस्कृति की कोई जगह नहीं, इटली में कभी शरिया कानून लागू होने देंगे, इटालियन पीएम जॉर्जिया मेलोनी का बड़ा बयान

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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस्लाम को लेकर बड़ा बयान दिया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि यूरोप में इस्लाम धर्म के लिए कोई जगह नहीं है। इस्लाम और यूरोप का कल्चर एक-दूसरे के अनुकूल नहीं है। हमारी सभ्यता उनसे काफी अलग है। इटालियन भाषा में दी गई स्पीच में मेलोनी ने ये भी कहा है कि वो इटली में कभी शरिया कानून लागू होने देंगी।

हमारी सभ्यता के खिलाफ इस्लामीकरण की प्रक्रिया चल रही-मेलोनी

मेलोनी ने कहा, ‘यूरोप के इस्लामीकरण करने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन इसके मूल्य यूरोपीय संस्कृति से मेल नहीं खाते। यूरोपीय सभ्यता और इस्लामिक संस्कृति की कई बातें बिल्कुल अलग हैं। मूल्यों और अधिकारिों के मामले में भी काफी अंतर है। ऐसे में यूरोप में इस्लामिक संस्कृति की कोई जगह नहीं है। इस्लामिक संस्कृति के उपहास के कारण विवादों में घिरीं इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने कहा, इटली में बने इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्रों को सऊदी अरब से पैसे मिलते हैं। सऊदी में शरिया लागू है। जॉर्जिया मेलोनी ने कहा, यूरोप में हमारी सभ्यता के खिलाफ इस्लामीकरण की प्रक्रिया चल रही है।

मेलोनी ने की सऊदी अरब में लागू शरिया कानून की आलोचना

मेलोनी ने सऊदी अरब में लागू शरिया कानून की आलोचना करते हुए कहा कि वहां एडल्ट्री करते पाए जाने पर लोगों को पत्थरों से मारा जाता है। होमोसेक्शुअलिटी के लिए मौत की सजा दी जाती है। मुझे लगता है कि इसमें सुधार लाया जाना चाहिए। मेलोनी ने कहा है कि वो इस्लाम को एक निर्धारित चश्मे से नहीं देख रही हैं। बल्कि जो समस्याएं हैं सिर्फ उन्हीं के बारे में बात कर रही हैं।

सुनक के बयान के बाद आई जॉर्जिया की प्रतिक्रिया

अपने बयानों और दक्षिणपंथी रुझान के लिए जॉर्जिया अक्सर चर्चा में आती रही हैं। जॉर्जिया ने खुद को मुसोलिनी का वारिस बताया था, जिस पर काफी आलोचना भी उनको सहनी पड़ी थी। जॉर्जिया एक बयान में मुसलमानों को इटली के लिए खतरा भी बता चुकी हैं। जॉर्जिया का यह बयान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, यूरोप का संतुलन बिगाड़ने की ताक में लगे कुछ देश जानबूझकर शर्णार्थियों की संख्या बढ़ रहे हैं। इटली की धुर दक्षिणपंथी पार्टी- ब्रदर्स ऑफ इटली के एक कार्यक्रम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि वह शरणार्थियों से जुड़ी नीति और प्रणाली में वैश्विक सुधारों के पक्षधर हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में आगाह किया था कि शरणार्थियों की बढ़ती संख्या यूरोप के कई देशों को प्रभावित कर सकता है।

कांग्रेस के अधीर रंजन समेत लोकसभा से 33 विपक्षी सांसद निलंबित, स्पीकर की बड़ी कार्रवाई

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संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सदन में विपक्षी दलों का हंगामा लगातार जारी है।विपक्षी दल लगातार लोकसभा की सुरक्षा में सेंध के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में बयान देने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे पर आसन ने आज सख्त कार्रवाई करते हुए 31 सांसदों को निलंबित कर दिया है। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों के तख्तियां दिखाने को लेकर ये कार्रवाई की है। निलंबित सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं।इससे पहले शुक्रवार को भी स्पीकर ने 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया था।

सांसदों को निलंबित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि स्पीकर ओम बिरला ने सभी सदस्यों से सदन में प्लेकार्ड यानी तख्तियां नहीं लाने का आग्रह किया था। लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे थे। जिसके बाद इन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।

निलंबित सांसदों की पूरी लिस्‍ट

अधीर रंजन चौधरी के अलावा ए राजा, दयानिधि मारन, के जय कुमार, अपूर्वा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, मोहम्मद वसीर, जी सेलवम, सीएन अन्नादुरैय, डॉ टी सुमती, के नवासकानी, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, असिथ कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एनटो एंटनी, एस एस पलनामनिक्कम, अब्दुल खलीद, तिरुवरुस्कर , विजय बसंत, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस राम लिंगम, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई और टीआर बालू को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया।

पहले ये लोग हुए निलंबित

इससे पहले भी लोकसभा से विपक्ष के 13 सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए निलंबित किया गया था। इसमें कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकोम टैगोर हैं. वहीं डीएमके के कनिमोई, माकपा के एस वेकटेशन और भाकपा के के. सु्ब्बारायन हैं।

कांग्रेस ने क्यों शुरू की क्राउड फंडिंग? जानें सियासी मायने

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कांग्रेस इस वक्त अपने सबसे मुश्किल राजनीतिक दौर से गुजर रही है। दो लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद पार्टी की प्रदेशों में भी हार हो रही है। हाल ही में हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में पार्टी की बुरी हार हुई है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सत्ता से विदाई हुई है। इस बीच पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चंदा अभियान शुरू किया है। लगातार चुनावी हार और आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस क्राउड फंडिंग के कई मायने हैं।कांग्रेस के इस अभियान के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कांग्रेस को क्राउड़ फंडिंग की जरूरत क्यों पड़ गई? इस अभियान के जरिए पार्टी की रणनीति क्या है?

दरअसल, क्राउड़ फंडिंग के बहाने एक तीर से दो निशाने दरअसल इसके जरिए पार्टी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है। पहला तो है पैसा, जो साफ साफ नजर आ रहा है लेकिन पार्टी के लिए सबसे अहम है दूसरा सबसे अहम मुद्दा और वो है जनता से जुड़ाव। दरअसल, कांग्रेस पार्टी का ये अभियान 18 दिसंबर से शुरू होकर 28 दिसंबर तक चलने वाला है। इसके जरिए पार्टी जनता से ऑनलाइन कनेक्ट करने की कोशिश करेगी लेकिन पार्टी का अभियान सिर्फ 10 दिन के बाद ही खत्म नहीं होगा। ऑनलाइन अभियान के बाद पार्टी जमीन पर उतरेगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर, स्थापना दिवस तक ऑनलाइन रहेगा, जिसके बाद हम जमीनी अभियान शुरू करेंगे, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर दान मागेंगे। हर बूथ में कम से कम दस घरों को टारगेट किया जाएगा और हर घर से कम से कम 138 रुपये का दान देना शामिल है।

चुनावी बॉन्ड में पिछड़ी कांग्रेस

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अमीर पार्टी है, जबकि कांग्रेस उसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। रिपोर्ट्स की मानें तो हालिया विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा पैसा मिला। चुनाव आयोग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021-मार्च 2022) के दौरान बीजेपी की आय 1,917.12 करोड़ रुपये थी, यह अन्य सभी सात राष्ट्रीय दलों की तुलना में सबसे अधिक है। भाजपा के बाद अन्य अमीर पार्टियों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस है। उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। इनमें से बीजेपी को 1033 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले, जबकि इसी अवधि (2021-22) के दौरान टीएमसी को 545.74 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 541.27 करोड़ रुपये मिले थे। ऐसे में कांग्रेस नए अभियान के जरिए पार्टी के लिए अधिक से अधिक फंड एकत्रित करना चाहती है।

जनता से जुड़ने की कोशिश

कांग्रेस का काउड फंडिंग के जरिए जनता से जुड़ना भी लक्ष्य है।वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पार्थ मुखोपाध्याय का कहना है कि चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस की पराजय हो रही है। हाल में विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में कांग्रेस की जिस तरह से पराजय हुई है। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ता हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं में एक्टिव करने के लिए और कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए यह अभियान शुरू कर रही है। यह अभियान पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता को एक-दूसरे के करीब आने में मदद करेगा। 

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कहा कि वे ऐसे सभी लोगों से डोनेशन की मांग रहे हैं, जो बेहतर भारत के लिए पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर तक ऑनलाइन रहेगा। इसके बाद जमीनी अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और प्रत्येक बूथ में कम-से-कम 10 घरों से 138 रुपये का अंशदान सुनिश्चित करेंगे। पार्टी ने कहा कि डोनेशन देने वालों को एक सर्टिफिकेट मिलेगा। वह सर्टिफिकेट हमेशा के लिए उनके लिए एक तरीके से एक निशानी होगी।

कोरोना फिर बढ़ाएगा टेंशन! कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर डब्लूएचओ ने चेताया

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देश में ठंड ने रफ्तार पकड़ ली है। पहाड़ों में बर्फबारी शुरू हो गई है। वहीं मैदानी इलाकों में पारा तेजी से नीचे गिर रहा है। दिल्ली में तो इस सप्ताह न्यूनतम पारे के 6 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। इन सब के बीच कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार प्रतिदिन 150 के ऊपर बने हुए है। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक्सपर्ट ने चेताया है कि हर नई लहर दिसंबर के दौरान ही आती है, इसलिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। इधर सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ ) ने सदस्य देशों को आगाह किया है।

डब्लूएचओ ने चेताया

डब्लूएचओ ने कहा है कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहे हैं। ऐसे में सभी सदस्य देश अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें ताकि बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके। डब्लूएचओ ने कोविड19 पर संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है और इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानी रखने की जरूरत है, उसकी भी जानकारी दी है। 

मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि सांस संबंधी बीमारियां दुनिया में लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरल, फ्लू, रिनो वायरस, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। सार्स कोव-2 लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें परिवार इकट्ठा होते हैं और बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं। ऐसे में सरकारों को कड़ी निगरानी करने की जरूरत है।

केरल में पहला जेएन.1 मामला सामने आया

बता दें कि भारत में 8 दिसंबर को केरल के काराकुलम में पहला जेएन.1 मामला सामने आया। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में 79 वर्षीय महिला का सैंपल निगेटिव पाया गया था, जिसमें कहा गया था कि उसे हल्के लक्षण थे। वह इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित थे और कोविड-19 से उबर चुके थे। केरल में मामले की पहचान होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 दिसंबर को तैयारी के उपाय शुरू किए।

केरल में बना मुद्दा

इस बीच केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने राज्य सरकार पर कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 के प्रसार को रोकने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। सतीशन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि भले ही देश में कोविड के 89 फीसदी मामले इसी राज्य में हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे लेकर क्या कार्रवाई की है, उन्होंने इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कोविड के 1,800 से अधिक मामलों में से 1,600 से अधिक मामले केरल में सामने आए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा, केरल में रविवार को चार लोगों की मौत हुई तथा 111 नए मामले सामने आए। उन्होंने कहा, इससे पहले कि लोग वायरस को लेकर भयभीत हों, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा था कि राज्य में मिला कोविड-19 का नया उपस्वरूप जेएन.1 चिंता का कारण नहीं है।